रविवार, 3 अप्रैल 2022

16 से घटाकर 13 उड़ान प्रति सप्ताह करेगी इंडिया

16 से घटाकर 13 उड़ान प्रति सप्ताह करेगी इंडिया  

सुनील श्रीवास्तव          
नई दिल्ली/कोलंबो। एअर इंडिया ने रविवार को कहा कि वह मांग में कमी के चलते नौ अप्रैल से भारत-श्रीलंका के बीच अपनी उड़ानों की संख्या मौजूदा 16 से घटा कर 13 उड़ान प्रति सप्ताह करेगी। श्रीलंका अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। कम आपूर्ति के चलते ईंधन, रसोई गैस और जरूरी सामान के लिए लंबी कतारें लगी हैं। घंटों बिजली गुल रहती है और आम लोग हफ्तों से ऐसे हालात का सामना कर रहे हैं।
एअर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि फिलहाल, एअर इंडिया हर हफ्ते 16 उड़ानों का संचालन कर रही है। इनमें दिल्ली से रोजाना एक उड़ान का संचालन किया जा रहा है जबकि चेन्नई से हफ्ते में नौ उड़ानें संचालित की जा रही हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि नए कार्यक्रम के तहत एअर इंडिया हर सप्ताह 13 उड़ानों का संचालन करेगी। प्रवक्ता ने कहा कि चेन्नई से उड़ानों की संख्या में कोई कमी नहीं की जाएगी, जबकि दिल्ली से उड़ानों की तादाद प्रति सप्ताह सात से घटाकर चार की जाएगी। प्रवक्ता ने कहा, ”मांग में कमी के चलते नौ अप्रैल से दिल्ली से उड़ानों की संख्या सात से घटाकर चार की जाएगी।

योगी सरकार से अवैध घर को ध्वस्त करने का निवेदन

योगी सरकार से अवैध घर को ध्वस्त करने का निवेदन   

संदीप मिश्र              
रामपुर। उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बन चुकी है। जिसके बाद योगी सरकार ने अवैध निर्माण पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए ‘बुलडोजर’ चलवाए हैं। इसी बीच खबर सामने आ रही है कि रामपुर जिले में एक 40 वर्षीय व्यक्ति ने योगी सरकार से अपने अवैध घर को ध्वस्त करने का निवेदन किया है। 
आपको बता दें कि रामपुर जिले के 40 वर्षीय व्यक्ति का घर सूखे तालाब और कब्रिस्तान पर बनाया गया है। शुरुआती जांच में एहसान मियां नामक व्यक्ति का दावा सही साबित हुआ है। अंग्रेजी समाचार वेबसाइट ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, एहसान मियां ने बताया कि हम दो पीढ़ियों से इस घर में रह रहे हैं। मैंने हाल ही में पाया कि वक्फ और सरकार की संपत्ति पर घर अवैध रूप से बनाया गया था। 
उन्होंने कहा कि मैंने घर को ध्वस्त करने के लिए अर्जी दाखिल करने का फैसला किया और एसडीएम अशोक चौधरी से इसे ध्वस्त करने की अपील की। इस पर एसडीएम चौधरी का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि रामपुर जिले की तहसील शाहाबाद के अंतर्गत मित्रपुर एहरोला गांव में कई घर सूखे तालाबों और कब्रिस्तानों पर बने हैं।

भाजपा विरोधी मोर्चे का नेतृत्व नहीं करेंगे पंवार

भाजपा विरोधी मोर्चे का नेतृत्व नहीं करेंगे पंवार   

कविता गर्ग          
पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पंवार ने रविवार को कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी विरोधी मोर्चे का नेतृत्व नहीं करेंगे और वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का अध्यक्ष बनने के भी इच्छुक नहीं हैं। पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने यह भी कहा कि केंद्र में भाजपा का विकल्प पेश करने के मकसद वाली किसी भी पहल से कांग्रेस को बाहर नहीं रखा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं भाजपा के खिलाफ विभिन्न दलों वाले किसी भी मोर्चे की अगुवाई करने की कोई जिम्मेदारी नहीं उठाने जा रहा।’’ साथ ही उन्होंने कहा कि वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अगुवाई भी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हाल में हमारी पार्टी (राकांपा) के कुछ युवा कार्यकर्ताओं ने मुझे संप्रग का अध्यक्ष बनने के लिए कहते हुए एक प्रस्ताव पारित किया, लेकिन मैं उस पद का इच्छुक नहीं हूं।
पंवार ने कहा कि अगर भाजपा का विकल्प पेश करने की कोशिश की जाती है तो मैं उसमें सहयोग के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह करते रहे हैं। जब यह कहा जाता है कि विपक्ष को एक साथ आना चाहिए तो कुछ तथ्यों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में सबसे मजबूत पार्टी है और उनके पास जनता का समर्थन है। उसी तरह क्षेत्रीय दल भी अपने-अपने राज्यों में मजबूत हैं।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस बेशक अभी सत्ता में न हो लेकिन उसकी देशभर में मौजूदगी है। उन्होंने कहा, ‘‘आप हर गांव, जिले और राज्य में कांग्रेस के कार्यकर्ता पाएंगे। सच्चाई यह है कि विकल्प पेश करते हुए कांग्रेस को शामिल करना जरूरी है।
भाजपा नेता नितिन गडकरी के कांग्रेस को मजबूत होने की आवश्यकता बताने वाले बयान पर पवार ने कहा कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए मजबूत विपक्षी दल की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर केवल एक पार्टी ही मजबूत होती है तो यह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जैसा हो जाएगा। उन्होंने और चीन के राष्ट्रपति ने जीवित रहने तक अपने देशों का नेतृत्व करने का संकल्प लिया है। मैं उम्मीद करता हूं कि भारत के पास ऐसा पुतिन नहीं होना चाहिए।’’ पंवार ने कहा कि देश में महंगाई एक प्रमुख मुद्दा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन में हर दूसरे दिन ईंधन की कीमतें बढ़ायी जा रही हैं, जो न केवल आम लोगों के खर्चों पर असर डाल रही है बल्कि कीमतें बढ़ने और परिवहन की लागत बढ़ाने में भी योगदान दे रही है।
फिल्म इस तरह से बनायी गयी है कि अन्य धर्मों के लोग आक्रोशित होंगे। उन्होंने दोहराया कि घाटी से कश्मीरी पंडितों के निर्वासन के दौरान केंद्र में वीपी सिंह की सरकार थी न कि कांग्रेस की। उन्होंने कहा कि फिल्म तथ्यों पर आधारित नहीं है बल्कि इससे नस्लवाद और नफरत बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि गुजरात में हालात (2002 में गोधरा साम्प्रदायिक दंगों के बाद) घाटी से बदतर थे। स्वाभिमानी शेतकरी पक्ष (एसएसपी) के बारे में पंवार ने कहा कि किसी भी पार्टी को महा विकास अघाडी से अलग नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर उन्हें (एसएसपी) कोई गलतफहमी है तो उनकी शंकाएं दूर करना हमारी जिम्मेदारी है।

पेट्रोल-डीजल की कीमत, गहरी नाराजगी व्यक्त की

पेट्रोल-डीजल की कीमत, गहरी नाराजगी व्यक्त की   

इकबाल अंसारी           
बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री व जनतादल (एस) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर चुप रहने वाली भारतीय जनता पार्टी, राज्य सरकार और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के खिलाफ गहरी नाराजगी व्यक्त की है। पूर्व मुख्यमंत्री, जिन्होंने रविवार सुबह ट्वीट की एक श्रृंखला की। उन्होंने कहा कि, भाजपा ने चुप्पी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। 
भाजपा के सत्तारूढ़ भाषण के तहत भारत चमक रहा है‌। उन्होंने कहा कि,13वें दिन से कीमतों में लगातार बढ़ोतरी। दोनों तेलों की कीमतों में वृद्धि। बेंगलुरु में पेट्रोल की कीमत 108.99 रुपये प्रति लीटर (रविवार की बढ़ोतरी: 88 पैसे) बढ़कर 92.83 रुपये प्रति लीटर हो गई। जैसे ही स्टॉक इंडेक्स ट्रेजरी में गिरता है, प्राइस इंडेक्स का मंदी सूचकांक भी ढह जाता है।
उन्होंने कहा कि जब मैं 2018 में सीएम था, तो भाजपा नेता 1.12 पैसे प्रति लीटर पेट्रोल और 1.14 पैसे प्रति लीटर डीजल की कीमत में बढ़ोतरी से परेशान थे। उनका पेट जल गया क्योंकि कीमतों में बढ़ोतरी का यह पैसा किसानों के पास नहीं जा रहा था। उन्होंंने कहा कि सड़क पर खाली सिलेंडर ले जा रही भाजपा ने क्यों सरेंडर कर दिया है। महंगाई की वजह से अगर गरीबों का पेट जल जाए तो क्या आप खुश हैं। आओ, सड़कों पर उतरो और केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध करो और चिल्लाओ।
उन्होंने कहा कि सीमेंट, लोहा और भोजन सहित आम आदमी द्वारा उपयोग की जाने वाली हर वस्तु की कीमत में लगातार उछाल आ रहा है। श्रीमना का घर बनाने का सपना महज एक सपना है। उसकी जेब खाली है, कुछ लोगों की जेब भर रही है। भाजपा में बिजनेसमैन बन रहे हैं दुनिया के सबसे अमीर लोग। पूर्व सीएम और पूर्व मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कीमतों में वृद्धि के लिए पिछली यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। आठ साल बाद भी यूपीए ने अपनी गलती नहीं सुधारी, क्यों? रसोई में माताओं, अगर आप आग में पके हुए हैं तो आप राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं।

'व्यक्तिगत' कारण से दिल्ली नहीं गए थे सीएम

'व्यक्तिगत' कारण से दिल्ली नहीं गए थे सीएम     

इकबाल अंसारी                 

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने विपक्षी अन्नाद्रमुक के आरोपों का खंडन करते हुए रविवार को कहा कि वह राज्य के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने दिल्ली गए थे। स्टालिन ने कहा कि वह केवल राज्य का बकाया हासिल करने के लिए दिल्ली गए थे, न कि किसी व्यक्तिगत कारण से।

उन्होंने कहा कि, कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि मैं डर के कारण कुछ समस्याओं से खुद को बचाने के लिए वहां (दिल्ली) गया था। एक बात बहुत स्पष्ट कर दूं। मैं वहां जाकर कोई एहसान मांगने के लिए किसी के पैरों पर नहीं गिर गया। मैं दिल्ली गया, प्रधानमंत्री से मिला और हमारे राज्य के मुद्दों को सामने रखा, संबंधित मंत्रियों से मुलाकात की और ज्ञापन प्रस्तुत किया और हमारे राज्य के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। उन्होंने विपक्षी अन्नाद्रमुक द्वारा की गई टिप्पणी के जवाब में कहा कि, कुछ लोग जो इसे पचा नहीं पा रहे हैं, वे ऐसे आरोप लगा रहे हैं।

धर्म-जाति के नाम पर ध्रुवीकरण, जगह-जगह तनाव

धर्म-जाति के नाम पर ध्रुवीकरण, जगह-जगह तनाव   

नरेश राघानी          
बाड़मेर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में करौली, जैसी घटनाओं के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि धर्म और जाति के नाम पर ध्रुवीकरण होने से देश में जगह-जगह तनाव हो रहा है। गहलोत ने आज यहां मीडिया से बातचीत में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि राजग सरकार आने के बाद देश में तनाव का माहौल बन गया है। प्रधानमंत्री को अपील करनी चाहिए कि जाति और धर्म के नाम पर जगह जगह ध्रुवीकरण हो रहा है। वह उचित नहीं है और देश हित में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इसी कारण देश में जगह जगह तनाव हो रहा है और दुर्भाग्य से करौली की घटना सामने है। उन्होंने कहा कि छोटी सी बात को लेकर झगड़ा होने पर उस विवाद को भी जाति-धर्म से जोड़कर मुद्दा बना लिया जाता है।
सात ही कहा कि मेरा मानना है कि जिस प्रदेश में शांति भाईचारा, सद्भाव रहता है, वहीं विकास का माहौल बनता है। आज महंगाई, बेरोजगारी बड़ी चुनौतियां हैं, युवाओं में छटपटाहट है। मुख्यमंत्री ने कहा कि करौली में जिस तरह की घटना हुई है, उन्होंने सुबह ही पुलिस। महानिदेशक से बात की है और उनसे कहा है कि जिन्होंने भी यह हरकत की है। इसके पीछे कौन ताकतें थीं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। चाहे वे कोई कौम और धर्म के लोग हों,उन्हें यह संदेश जाना चाहिए कि राजस्थान में कानून का शासन है। वह कायम रहेगा।
सीएम गहलोत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि केवल पर्सेप्शन पैदा करके राजनीति करते हैं। जैसे अभी चुनाव पर किया गया। वहां पर बुलडोजर ही चुनाव चिह्न ही बना लिया गया। उन्होंने कहा कि फेक एनकाउंटर हुए। उसे ही इस रूप में बता दिया गया जैसे वहां के मुख्यमंत्री ने बहुत बड़ा एक्शन लिया हो। फेक एनकाउंटर करना बहुत आसान है, लेकिन कानून का शासन होगा तभी देश चलेगा और न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि फेक एनकाउंटर में तो निर्दोष लोग भी मर सकते हैं। कानून का शासन स्थपित रहेगा तभी देश चलेगा।

'कलावा' बांधने की परंपरा, जानिए कारण

'कलावा' बांधने की परंपरा, जानिए कारण   

सरस्वती उपाध्याय           
क्या आप जानते हैं कि ये कलावा आखिर है क्या और इसे बांधे जाने के पीछे क्या कारण हैं ? चलिए, हम आपको बताते हैं कि कलावा क्यों बांधा जाता है और इसे बांधने के पीछे क्या मान्यता है‌।
आपने कई पूजा-अनुष्ठानों के बाद अक्सर श्रद्धालुओं को हाथ पर एक रंगीन सूत्र बांधे देखा होगा। वही, सूत्र जिसे ‘कलावा’ कहा जाता है। मंदिरों में भी दर्शन के बाद हाथ में कलावा बांधने की परंपरा हमेशा से रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये कलावा आखिर है क्या और इसे बांधे जाने के पीछे क्या कारण हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कलावा क्यों बांधा जाता है और इसे बांधने के पीछे क्या मान्यता है। 
चाहे घर में कोई पूजा या कथा का आयोजन हो या फिर किसी मंदिर में देव-दर्शन के लिए गये हों, किसी भी शुभ धार्मिक  कार्य के बाद हाथों में कलावा बांधने की परंपरा बेहद पुरानी है। ये कलावा रंगीन, लाल, पीला या किसी अन्य रंग का हो सकता है। माना जाता है कि पूजा-अर्चना के बाद विधिवत बांधे गए कलावे में कई प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा या दैवीय शक्तियां होती हैं। हाथ में कलावा बांधने से ये सकारात्मक ऊर्जा निगेटिव एनर्जी और बुरी नजर से हमारी रक्षा करती हैं। इसीलिए कलावा को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है। कई लोगों की मान्यता ये भी है कि अलग-अलग रंग के कलावा बांधने का संबंध अलग-अलग ग्रहों से होता है। मसलन पीले रंग का कलावा बांधने से बृहस्पति, लाल रंग से मंगल और काले कलावे से शनि ग्रह मजबूत होते हैं।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...