रविवार, 3 अप्रैल 2022

धर्म-जाति के नाम पर ध्रुवीकरण, जगह-जगह तनाव

धर्म-जाति के नाम पर ध्रुवीकरण, जगह-जगह तनाव   

नरेश राघानी          
बाड़मेर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में करौली, जैसी घटनाओं के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि धर्म और जाति के नाम पर ध्रुवीकरण होने से देश में जगह-जगह तनाव हो रहा है। गहलोत ने आज यहां मीडिया से बातचीत में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि राजग सरकार आने के बाद देश में तनाव का माहौल बन गया है। प्रधानमंत्री को अपील करनी चाहिए कि जाति और धर्म के नाम पर जगह जगह ध्रुवीकरण हो रहा है। वह उचित नहीं है और देश हित में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इसी कारण देश में जगह जगह तनाव हो रहा है और दुर्भाग्य से करौली की घटना सामने है। उन्होंने कहा कि छोटी सी बात को लेकर झगड़ा होने पर उस विवाद को भी जाति-धर्म से जोड़कर मुद्दा बना लिया जाता है।
सात ही कहा कि मेरा मानना है कि जिस प्रदेश में शांति भाईचारा, सद्भाव रहता है, वहीं विकास का माहौल बनता है। आज महंगाई, बेरोजगारी बड़ी चुनौतियां हैं, युवाओं में छटपटाहट है। मुख्यमंत्री ने कहा कि करौली में जिस तरह की घटना हुई है, उन्होंने सुबह ही पुलिस। महानिदेशक से बात की है और उनसे कहा है कि जिन्होंने भी यह हरकत की है। इसके पीछे कौन ताकतें थीं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। चाहे वे कोई कौम और धर्म के लोग हों,उन्हें यह संदेश जाना चाहिए कि राजस्थान में कानून का शासन है। वह कायम रहेगा।
सीएम गहलोत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि केवल पर्सेप्शन पैदा करके राजनीति करते हैं। जैसे अभी चुनाव पर किया गया। वहां पर बुलडोजर ही चुनाव चिह्न ही बना लिया गया। उन्होंने कहा कि फेक एनकाउंटर हुए। उसे ही इस रूप में बता दिया गया जैसे वहां के मुख्यमंत्री ने बहुत बड़ा एक्शन लिया हो। फेक एनकाउंटर करना बहुत आसान है, लेकिन कानून का शासन होगा तभी देश चलेगा और न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि फेक एनकाउंटर में तो निर्दोष लोग भी मर सकते हैं। कानून का शासन स्थपित रहेगा तभी देश चलेगा।

'कलावा' बांधने की परंपरा, जानिए कारण

'कलावा' बांधने की परंपरा, जानिए कारण   

सरस्वती उपाध्याय           
क्या आप जानते हैं कि ये कलावा आखिर है क्या और इसे बांधे जाने के पीछे क्या कारण हैं ? चलिए, हम आपको बताते हैं कि कलावा क्यों बांधा जाता है और इसे बांधने के पीछे क्या मान्यता है‌।
आपने कई पूजा-अनुष्ठानों के बाद अक्सर श्रद्धालुओं को हाथ पर एक रंगीन सूत्र बांधे देखा होगा। वही, सूत्र जिसे ‘कलावा’ कहा जाता है। मंदिरों में भी दर्शन के बाद हाथ में कलावा बांधने की परंपरा हमेशा से रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये कलावा आखिर है क्या और इसे बांधे जाने के पीछे क्या कारण हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कलावा क्यों बांधा जाता है और इसे बांधने के पीछे क्या मान्यता है। 
चाहे घर में कोई पूजा या कथा का आयोजन हो या फिर किसी मंदिर में देव-दर्शन के लिए गये हों, किसी भी शुभ धार्मिक  कार्य के बाद हाथों में कलावा बांधने की परंपरा बेहद पुरानी है। ये कलावा रंगीन, लाल, पीला या किसी अन्य रंग का हो सकता है। माना जाता है कि पूजा-अर्चना के बाद विधिवत बांधे गए कलावे में कई प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा या दैवीय शक्तियां होती हैं। हाथ में कलावा बांधने से ये सकारात्मक ऊर्जा निगेटिव एनर्जी और बुरी नजर से हमारी रक्षा करती हैं। इसीलिए कलावा को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है। कई लोगों की मान्यता ये भी है कि अलग-अलग रंग के कलावा बांधने का संबंध अलग-अलग ग्रहों से होता है। मसलन पीले रंग का कलावा बांधने से बृहस्पति, लाल रंग से मंगल और काले कलावे से शनि ग्रह मजबूत होते हैं।

पूरे क्षेत्र में बारूदी सुरंगें छोड़ गए रूसी सैनिक

पूरे क्षेत्र में बारूदी सुरंगें छोड़ गए रूसी सैनिक    

सुनील श्रीवास्तव          
कीव/मॉस्को। रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। यूक्रेन की सेना ने रूसी सैनिकों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है। इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने लोगों को आगाह किया कि राजधानी से पीछे हट रहे रूसी सैनिकों ने उसके बाहरी इलाकों में एक बड़ी आपदा पैदा कर दी है। वे पूरे क्षेत्र में बारूदी सुरंगें छोड़ गए हैं, यहां तक कि घरों और लाशों के आसपास भी वे बारूदी सुरंगें छोड़ गए हैं।
जेलेंस्की ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि रूसी सैनिक पूरे क्षेत्र में बारूदी सुरंगें बिछा रहे हैं। वे घरों के आसपास बारूदी सुरंगें छोड़ रहे हैं। यहां तक कि युद्ध में मारे गए लोगों की लाशों को भी नहीं बख्श रहे हैं। उन्होंने क्षेत्र के लोगों से तब तक सामान्य जीवन में न लौटने की अपील की, जब तक यह सुनिश्चित नहीं कर लिया जाता कि बारूदी सुरंगें हटा दी गई हैं और गोलाबारी का खतरा टल गया है।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यह चेतावनी ऐसे समय में जारी की है कि जब रूसी सेना द्वारा निकासी कार्यों को लगातार दूसरे दिन बाधित करने से बंदरगाह शहर। मारियुपोल में मानवीय संकट गहरा गया है और क्रेमलिन ने यूक्रेन पर रूसी धरती पर स्थित एक ईंधन डिपो पर हेलीकॉप्टर से हमला करने का आरोप लगाया है। 
हालांकि, यूक्रेन  ने इस हमले की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है, लेकिन अगर रूसी दावों की पुष्टि होती है तो यह युद्ध में पहला ऐसा हमला होगा, जिसमें किसी यूक्रेनी विमान ने रूसी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि निश्चित रूप से यह एक ऐसी कार्रवाई नहीं है, जिसे दोनों पक्षों के बीच वार्ता जारी रखने के माकूल माना जा सकता है।
रूस सैनिकों को बुला रहा वापस।
वहीं, रूस ने कीव (Kyiv) के आसपास के क्षेत्रों से अपने कुछ सैनिकों को वापस बुलाना जारी रखा है। दरअसल, मॉस्को ने सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वह यूक्रेन की राजधानी और उत्तरी शहर चेर्निहाइव के पास सैन्य गतिविधियों में कमी लाएगा।

स्नातक आयुर्वेद शिक्षा के न्यूनतम मानक तय किए

स्नातक आयुर्वेद शिक्षा के न्यूनतम मानक तय किए 

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। आयुर्वेद चिकित्सा में स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम के छात्रों को अब क्वांटम मैकेनिक्स, सामान्य सर्जरी, योग और जीवनशैली प्रबंधन, जैसे विषय पढ़ाये जाएंगे। साथ ही, छात्रों को रोबोटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमता के उपयोग की बुनियादी जानकारी भी दी जायेगी। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएसएम) के अध्यक्ष डा. जयंत यशवंत देवपुजारी ने बताया, आयोग ने हाल में अधिसूचना जारी कर स्नातक आयुर्वेद शिक्षा के न्यूनतम मानक तय किए हैं। इसके तहत आयुर्वेदिक औषधि एवं सर्जरी में स्नातक कोर्स का खाका तैयार किया गया है।
उन्होंने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा में स्नातक डिग्री कोर्स के तहत प्रथम व्यावसायिक पाठ्यक्रम बीएएमएस में पदार्थ विज्ञान विषय में क्वांटम मैकेनिक्स को शामिल किया गया है। क्वांटम मैकेनिक्स भौतिकी का उपखंड है। इस विषय को आयुर्वेद में शामिल किये जाने के बारे में पूछे जाने पर देवपुजारी ने कहा कि, पदार्थ विज्ञान के तहत क्वांटम मैकेनिक्स शामिल किया गया है। इसका प्रैक्टिकल उपयोग है, यह दर्शन नहीं है। आयुर्वेद में सैकड़ों वर्षों से इसका उल्लेख है। ऐसे में इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
एनसीआईएसएम के अध्यक्ष ने कहा कि आयोग भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी विकास का ढांचा तैयार करना चाहती है और इस उद्देश्य के लिये एक ‘‘बहुविषयक समिति’’ का गठन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह समिति जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी, गणित, माइक्रो बायोलॉजी, मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, बायो इंफार्मेटिक्स जैसे विषयों में नवाचार एवं नये घटनाक्रमों पर विचार विमर्श करेगी।
देवपुजारी ने कहा कि समिति रोग पहचान एवं जांच के तरीकों, सर्जरी की तकनीक, शिक्षण एवं प्रशिक्षण उपायों, अनुसंधान एवं उपकरणों के मानदंड, साफ्टवेयर, उपचार प्रौद्योगिकी जैसे उभरते क्षेत्र पर विभिन्न पक्षकारों के साथ विचार विमर्श करेगी और इनमें सुधार के उपाए सुझायेगी। आयोग के दस्तावेज के अनुसार, आयुर्वेद में बीएएमएस पाठ्यक्रम में तीन सेमेस्टर होंगे, जो 18-18 महीने के होंगे तथा अनिवार्य इंटर्नशिप 12 महीने का होगा।
 बीएएमएस पाठ्यक्रम में मुख्य कोर्स और ऐच्छिक पाठ्यक्रम शामिल होंगे। छात्रों को अन्य विषयों के साथ-साथ आयुर्वेद के लिए संस्कृत की बुनियादी शिक्षा और बुनियादी जीवन सहायता एवं प्राथमिक चिकित्सा की शिक्षा भी दी जाएगी। इसमें कहा गया है कि पाठ्यक्रम में पदार्थ विज्ञान विषय के तहत आयुर्वेद के बुनियादी सिद्धांत और क्वांटम मैकेनिक्स पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, जीवन शैली प्रबंधन, प्रसूति विज्ञान एवं स्त्री रोग विज्ञान जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे।
पाठ्यक्रम में छात्रों को सामान्य सर्जरी की जानकारी भी दी जाएगी। इंदौर में फिजियोलॉजी संकाय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मनोहर भंडारी ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया, आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह को पत्र लिखकर भारतीय भाषाओं में चिकित्सा शिक्षा का नूतन पाठ्यक्रम तैयार करने का सुझाव दिया था।

300 यूनिट तक मुफ्त बिजली का सपना अधूरा

300 यूनिट तक मुफ्त बिजली का सपना अधूरा    

अमित शर्मा         
चंडीगढ़। चुनाव प्रचार के दौरान भगवंत मान और आम आदमी पार्टी AAP के चीफ अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की जनता को तमाम सुनहरे सपने दिखाए थे। इनमें से 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली का सपना पूरा नहीं कर सके हैं। अब पंजाब के लोगों को एक और झटका देने का फैसला सीएम भगवंत मान की सरकार करने जा रही है।
ये झटका बस के किराए में बढ़ोतरी की शक्ल में है। डीजल के रेट बढ़ने की वजह से पंजाब रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन यानी PRTC ने बसों के किराए में बढ़ोतरी का प्रस्ताव सरकार को भेजा है और जल्दी ही इस पर मुहर लगने वाली है।
पीआरटीसी के प्रस्ताव में कहा गया है कि हाल के दिनों में डीजल की कीमत में इजाफा हुआ है। ऐसे में पुराने किराए पर यात्रियों को ले जाना फायदे की जगह नुकसान का सबब बन रहा है। सरकार ऐसे में बस के किराए में प्रति किलोमीटर 10 पैसे की बढ़ोतरी करे।
 पीआरटीसी की बसों में हर रोज 80000 लीटर डीजल की खपत होती है। हर रोज इतना डीजल डलवाने में करीब 72000 रुपया खर्च हो रहा है। इसके अलावा स्टाफ की सैलरी, पेंशन, डीए की किस्त देने में भी मुश्किल हो रही है।
छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से ये खर्च और बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल पीआरटीसी के पास 1200 बसों का बेड़ा है। फिलहाल प्रति किलोमीटर 1.22 रुपए ही यात्रियों से लिए जाते हैं। अगर प्रस्ताव पास हो जाता है, तो किराया बढ़कर 1.35 रुपए प्रति किलोमीटर हो जाएगा। इससे हर दिन 10 लाख तक की आय बढ़ जाएगी।

अनियंत्रित ट्रक ने स्कूटी को मारीं टक्कर, 2 की मौंत

अनियंत्रित ट्रक ने स्कूटी को मारीं टक्कर, 2 की मौंत 

संदीप मिश्र 
बुलंदशहर। जनपद के थाना राजघाट इलाके में अनियंत्रित ट्रक ने स्कूटी को टक्कर मार दी, जिसमें दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसका उपचार चल रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार थाना ढोलना के गांव रहमतपुर के निवासी भगवान अपनी पत्नी प्रेमवती सहित तीन साल के नाथी योगेश उर्फ योगी ेक साथ किसी प्रोग्राम में इलाके के एक गांव में अपने रिश्तेदार के यहां पर जा रहे थे। 
इसी दौरान सिलाहरी गांव के बीच ही अनियंत्रित ट्रक ने स्कूटी को जोरदार टक्कर मार दी। ट्रक के पहिये की चपेट में आने से प्रेमवती और नाथी योगेश की मौके पर ही मौत हो गई ओर भगवान सिह गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन में भगवान सिंह को हॉस्पिटल में उपचार हेतु एडमिट कराया। पुलिस ने ट्रक चालक को अपनी गिरफ्त में ले लिया है।

फेरबदल, संसद में पेश किया गया प्रस्ताव खारिज

फेरबदल, संसद में पेश किया गया प्रस्ताव खारिज   

अखिलेश पांडेय          
नई दिल्ली/इस्लामाबाद। पड़ोसी देश पाकिस्तान में चल रही सियासी उठा-पटक के बीच अचानक से हुए फेरबदल के अंतर्गत संसद में पेश किया गया प्रस्ताव डिप्टी स्पीकर ने विदेशी ताकतों की साजिश होने का आरोप लगाते हुए खारिज कर दिया हैं। प्रधानमंत्री ने नहले पर दहला मारते हुए संसद को भंग करने की सिफारिश कर विपक्ष को चारों खाने चित कर दिया है।
पड़ोसी देश पाकिस्तान में चल रही सियासी उठापटक के बीच रविवार को तेजी के साथ घटे घटना चक्र के बीच विपक्ष की ओर से संसद में पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव को डिप्टी स्पीकर ने विदेशी साजिश बताते हुए खारिज कर दिया हैं। अनुच्छेद पांच के अंतर्गत खारिज किए गए विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के बाद संसद को आगामी 25 अप्रैल तक के लिए डिप्टी स्पीकर ने स्थगित कर दिया।
अविश्वास प्रस्ताव के डिप्टी स्पीकर द्वारा खारिज करने और सांसद को 25 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिए जाने के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने असेंबली को बंद करने की सिफारिश कर डाली। संसद के भीतर अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि जनता का विश्वास जीतने के लिए हम पब्लिक के बीच जाएंगे। इंसाफ के लिए अवाम के बीच जाने की सिफारिश करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश की जनता से चुनाव की तैयारियों में जुटने की अपील की।
संसद भंग करने की सिफारिश के बाद देश के विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के संविधान को तोड़ा है। हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...