शुक्रवार, 1 अप्रैल 2022

पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं: कंपनी

पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं: कंपनी 

अकांशु उपाध्याय         
नई दिल्ली। देश में तेल विपणन करने वाली कंपनियों ने वित्त वर्ष 2022-23 के पहले दिन पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है। बीते सात दिनों से लगातार बढ़ रहे ईंधन के दामों में कंपनियों ने शुक्रवार को कोई इजाफा नहीं किया है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार को पेट्रोल-डीजल के दामों में क्रमशः 80-80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की गयी थी। इस वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल 101.81 रुपये प्रति लीटर और डीजल के 93.07 रुपये प्रति लीटर के दाम से बिक रहा है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 116.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम 100.94 रुपये प्रति लीटर पर है।
रूस के यूक्रेन पर हमला करने के कारण वैश्विक स्तर पर तेल और प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बाधित होने की आशंका में इनकी कीमतों में उछाल आया है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें 137 दिनों की स्थिरता के बाद बढ़नी शुरू हुई हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार उतार-चढाव देखने को मिल रहा है। लंदन ब्रेंट क्रूड आज 0.13 प्रतिशत गिरकर 104.57 डॉलर प्रति बैरल पर और अमेरिकी क्रूड 0.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 99.95 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि पेट्रोल-डीजल के मूल्यों की नित्य प्रतिदिन समीक्षा होती है और उसके आधार पर प्रतिदिन सुबह छह बजे से नयी कीमतें लागू की जाती हैं।

'डिजिटल संपत्ति' से आय पर 30% कर की घोषणा

'डिजिटल संपत्ति' से आय पर 30% कर की घोषणा    

अकांशु उपाध्याय         
नई दिल्ली। भारत के लिए कानून तभी बनाएगा, जब ऐसी एसेट्स को रेगुलेट करने पर ग्लोबल सर्वसम्मति होगी। सरकार, प्रावधानों को विनियमित या कड़ा करने के लिए जल्द ही किसी कानून की योजना नहीं बना रही है, क्योंकि चर्चा निजी है।
कई वर्षों के बाद, प्रधानमंत्री के प्रशासन ने 1 अप्रैल से डिजिटल संपत्ति से आय पर 30% कर की घोषणा की।जिससे व्यापार करना महंगा हो गया और इस तरह के लेनदेन को घुड़दौड़ और लॉटरी जैसी गतिविधियों के बराबर कर दिया गया है। सरकार के रुख को स्पष्ट करने के लिए एक कानून लाने की योजना बनाई थी।
प्रधानमंत्री  ने जनवरी में विश्व आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए कहा था कि  पर वैश्विक जस्टीफ़ाइड दृष्टिकोण की आवश्यकता है और यह कि एक राष्ट्रव्यापी कार्रवाई पर्याप्त नहीं होगी।
केंद्रीय बैंक ने खुले तौर पर निजी डिजिटल मुद्राओं के विरोध में आवाज उठाई है, उनकी तुलना पोंजी योजनाओं से की है और कहा है कि वे वित्तीय संप्रभुता के लिए खतरा हैं।

‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को लेकर कटाक्ष: प्रियंका

‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को लेकर कटाक्ष: प्रियंका 

अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को लेकर शुक्रवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा सरकार को उत्तर प्रदेश में ‘पेपर लीक पर चर्चा’ करनी चाहिए। उन्होंने उत्तर प्रदेश में कुछ परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने का हवाला दिया।
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि भाजपा सरकार को उप्र में ‘पेपर लीक पर चर्चा’ करनी चाहिए। पिछले साल 28 नवंबर को यूपी टीईटी पेपर लीक से लाखों युवाओं को आघात लगा था। कार्रवाई के नाम पर दिखावटी कदमों के अलावा कुछ नहीं हुआ। नतीजतन, एक और पेपर लीक। प्रियंका गांधी ने कहा कि इस बार भी सरकार दिखावटी कदमों के अलावा कुछ और नहीं कर रही है। पेपर लीक की खबर लिखने वाले पत्रकार को जेल भेजा जा रहा है। लेकिन, पेपर लीक करने वाला तंत्र सरकार में पैठ जमाए बैठा है। उस पर न कोई बुलडोजर चलता है, न कोई बदलाव आता है।

छात्रों को परीक्षा के दौरान तनाव न लेने की सलाह दी

छात्रों को परीक्षा के दौरान तनाव न लेने की सलाह दी   

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को छात्रों को परीक्षा के दौरान तनाव न लेने की सलाह दी और कहा कि विद्यार्थियों को यह समझना चाहिए कि यह जीवन का एक सहज हिस्सा है और पूर्ववर्ती परीक्षाओं में भी तो उन्होंने ही सफलता हासिल की है। मोदी ने अभिभावकों व शिक्षकों से यह भी आग्रह किया कि वे अपने अधूरे सपने व अधूरी आकांक्षाएं बच्चों पर न थोपें।
‘परीक्षा पे चर्चा’ के पांचवें संस्करण के दौरान बोर्ड की परीक्षा देने वाले छात्रों से संवाद करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी कोई अभिशाप नहीं है, इसका प्रभावी तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए। संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि वक्त के साथ पढ़ाई में बदलाव आता रहा है और तकनीक के जरिये दुनियाभर में मौजूद ज्ञान की सहज प्राप्ति संभव है, जबकि पहले ज्ञान प्राप्त करने के बहुत सीमित साधन हुआ करते थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ऑनलाइन शिक्षा को एक अवसर के रूप में लेना चाहिए और इससे प्राप्त ज्ञान का क्रियान्वयन ऑफलाइन करना चाहिए।’’ इस दौरान उन्होंने छात्रों को परीक्षा को त्योहारों के तौर पर लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा तो नहीं है कि आप पहली बार परीक्षा दे रहे हैं। आपलोगों ने कई बार परीक्षाएं दी हैं। परीक्षा जीवन का एक सहज हिस्सा है। परीक्षा देते-देते हम ‘एक्ज़ाम प्रूफ’ हो चुके हैं। जो तैयारी की है, उसमें विश्वास के साथ आगे बढ़ना है।
प्रधानमंत्री ने तालकटोरा स्टेडियम में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच वहां मौजूद लोगों से कहा, ‘‘यह मेरा पसंदीदा कार्यक्रम है, लेकिन कोविड के कारण मैं आपसे नहीं मिल सका था। इससे मुझे काफी खुशी मिल रही है, क्योंकि मैं लंबे समय के बाद आपसे मिल रहा हूं।’’ मोदी ने कहा, ‘‘घबराया हुआ कौन है? आप या आपके माता-पिता? यहां अधिकतर लोगों के माता-पिता घबराए हुए हैं। अगर हम परीक्षा को त्योहार बना दें तो यह जीवंत बन जाएगा।
प्रधानमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का देश के हर वर्ग ने तहे दिल से स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि ज्ञान के भंडार के साथ हुनर भी होना अब जरूरी है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति व्यक्तित्व विकास के लिए कई अवसर दे रही है। उन्होंने शिक्षा नीति की बारीकियों को जमीन पर उतारने की बात भी कही। गुजरात के वडोदरा के केनी पटेल ने पूछा कि उचित रिवीज़न और पर्याप्त नींद लेकर कोई भी पाठ्यक्रम कैसे पूरा किया जा सकता।
मोदी ने कहा, ‘‘आप इतने घबराए हुए क्यों हैं। आप पहली बार परीक्षा नहीं देंगे। अब आप आखिरी पड़ाव के करीब बढ़ रहे हैं। आपने पूरा समुद्र पार कर लिया है अब किनारे के पास आकर आपको डूबने का डर है। शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा पिछले चार वर्षों से ‘परीक्षा पे चर्चा’ का आयोजन किया जा रहा है। पहले तीन बार इसे दिल्ली में एक ‘इंटरैक्टिव टाउन-हॉल’ प्रारूप में आयोजित किया गया था। चौथा संस्करण पिछले साल सात अप्रैल को ऑनलाइन आयोजित किया गया था।

शिक्षण संस्थान संचालित करने की अनुमति, मांग की

शिक्षण संस्थान संचालित करने की अनुमति, मांग की  

इकबाल अंसारी            
शिलोंग। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस की शांता छेत्री ने मेघालय में हिंदू समुदाय को अल्पसंख्यक घोषित करने और उन्हें अपने शिक्षण संस्थान संचालित करने की अनुमति देने की मांग की है। छेत्री ने शुक्रवार को राज्यसभा में यह मामला उठाते हुए कहा कि मेघालय में हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक है।
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय को मेघालय सरकार के लिए आदेश जारी करना चाहिए कि हिंदू समुदाय को राज्य में शिक्षण संस्थान अनुमति चलाने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों में हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक है और केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में इन राज्यों में हिंदू समुदाय को सक्षम समुदाय घोषित करने की इच्छा व्यक्त की है।

250 रुपये महंगा हुआ एलपीजी गैस-सिलेंडर

250 रुपये महंगा हुआ एलपीजी गैस-सिलेंडर    

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। देश में शुक्रवार से एलपीजी सिलेंडर के नए दाम जारी किए गए है। इस बार एलपीजी गैस-सिलेंडर 250 रुपये महंगा हो गया है। हालांकि, यह वृद्धि कमर्शियल गैस-सिलेंडर के दामों में हुई है। घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई।
बीते दो महीनों में अब तक कुल 346 रुपये की वृद्धि हो चुकी है। वहीं इन वृद्धियों में घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं को राहत मिली हुई है। क्योंकि अभी 10 दिन पहले तक घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़े हुए थे, जबकि 22 मार्च को ही कमर्शियल सिलेंडर सस्ता हो गया था।
बता दें कि लंबे अरसे के बाद पेट्रोल-डीजल और एलपीजी उपभोक्ताओं को महंगाई की मार पड़नी शुरू हो गई थी। 
22 मार्च को बिना सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर में 50 रुपये का इजाफा हुआ था। 19 किलो के कमर्शियल रसोई गैस एलपीजी की कीमत में 250 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई। आज से इसकी कीमत 2253 रुपये होगी। कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी के अलावा हवाई ईंधन की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। 1 अप्रैल को जेट फ्यूल यानी एटीएफ के दाम 2 फीसदी से बढ़ाकर 1,12,925 किलोलीटर हो गई है। पहले यह 1,10, 666 रुपये किलोलीटर थी। वहीं नई दरें 15 अप्रैल 2022 को लागू होंगी।

श्रीलंका: राष्ट्रपति के निवास में घुसने की कोशिश

श्रीलंका: राष्ट्रपति के निवास में घुसने की कोशिश    

अखिलेश पांडेय             
कोलंबो। सैकड़ों लोगों की भीड़ ने आर्थिक संकट के कारण श्रीलंका के कोलंबो में राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के निवास में घुसने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें काबू में करने के लिए गोलियां चलाईं, जिसमें 10 लोग घायल हो गए।
बेकाबू महंगाई और आवश्यक वस्तुओं की किल्लत के कारण लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। बेकाबू महंगाई व किल्लत से निपटने के प्रति श्रीलंका सरकार के रवैये को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज होते जा रहे हैं। देश में आजादी के बाद के सबसे खराब हालात बताए जा रहे हैं। कोलंबो में गुरुवार रात हालात बिगड़ने के बाद कर्फ्यू लगाया गया था, हालांकि शुक्रवार सुबह से इसे हटा दिया गया। राष्ट्रपति निवास के आसपास के इलाकों में आगजनी के बाद वाहन का मलबा पड़ा नजर आया।  कोलंबो में उनके आवास पर धावा बोलने की कोशिश की। उन्हें काबू में करने के लिए पुलिस ने पहले आंसू गैस छोड़ी और पानी की बौछारें कीं। प्रदर्शन के वक्त राजपक्षे अपने आवास पर नहीं थे। नारेबाजी करती भीड़ ने राजपक्षे से सत्ता छोड़ने की मांग की। देश में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
श्रीलंका में ईंधन की भारी किल्लत हो गई है। पेट्रोल पंपों पर डीजल नहीं मिलने के कारण सार्वजनिक बसों व अन्य वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। देश के दो तिहाई बसों व वाहनों का संचालन निजी क्षेत्र द्वारा किया जाता है। इनके संचालकों का कहना है कि आज से तो छुटपुट बसें भी नहीं चल सकेंगी।

'सीएम' आतिशी ने एलजी सक्सेना को पत्र लिखा

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