गुरुवार, 31 मार्च 2022

'ऑल इंडिया कोटा मॉप-अप' चरण की काउंसिलिंग रद्द

'ऑल इंडिया कोटा मॉप-अप' चरण की काउंसिलिंग रद्द  

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने 146 से अधिक नयी सीट पर विसंगतियों को दूर करने के लिए नीट-पीजी 2021-22 दाखिलों के लिए ऑल इंडिया कोटा मॉप-अप चरण की काउंसिलिंग को बृहस्पतिवार को रद्द कर दी। ये 146 सीट उम्मीदवारों के लिए पिछले दौर की काउंसलिंग में उपलब्ध नहीं थीं और उनके पास इन सीटों में भाग लेने का कोई अवसर नहीं था।
न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने 146 नयी सीट पर काउंसिलिंग के लिए विशेष चरण आयोजित करने और दूसरे चरण में अखिल भारतीय कोटा या राज्य कोटा में शामिल होने वाले छात्रों को इसमें भाग लेने की अनुमति दी। पीठ ने स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक को 24 घंटे के भीतर छात्रों से विकल्प आमंत्रित करने और विकल्प मिलने के बाद 72 घंटे के भीतर प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया।
पीठ ने स्पष्ट किया कि संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत उसके न्यायाधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए सभी निर्देश दिए गए हैं। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को केंद्र को नीट-पीजी 2021-22 काउंसलिंग के ‘मॉप-अप राउंड’ में गुरुवार तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक से उन मुद्दों पर पुनर्विचार करने को कहा था, जिनमें 146 नयी सीट जोड़ने का फैसला भी शामिल है।
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कोई भी समुदाय अल्पसंख्यक है या नहीं, आकलन

कोई भी समुदाय अल्पसंख्यक है या नहीं, आकलन   

दिसपुर। असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिसवा सरमा ने कहा है कि कोई भी समुदाय अल्पसंख्यक है या नहीं, इसका आकलन राज्य या जिले की कुल आबादी के आधार पर होना चाहिए। असम विधानसभा के भीतर बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोई भी समुदाय अल्पसंख्यक है अथवा नहीं यह उसके धर्म, संस्कृति या शैक्षिक अधिकारों के लिए खतरों पर निर्भर करता है। अगर ऐसा कोई खतरा है, तो उस समुदाय को अल्पसंख्यक नहीं माना जा सकता है।
भाजपा विधायक मृणाल सैकिया द्वारा असम में समुदाय को अल्पसंख्यक माने जाने वाले सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और संविधान के अनुच्छेद 25 से 30 में दी गई परिभाषाओं के अनुसार कोई भी सीधे तौर पर यह नहीं कह सकता है कि मुसलमान बौद्ध या इसाई अल्पसंख्यक है। क्योंकि वह एक विशेष राज्य में अल्पसंख्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोई समुदाय अल्पसंख्यक है या नहीं। इसकी परिभाषा उस विशेष राज्य जिले में मौजूद वास्तविकता पर आधारित होनी चाहिए।
यह चिंता का विषय है और वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट भी इसे लेकर सुनवाई कर रहा है।

रिकवरी रूम की चिमनी में लगीं आग, हताहत नहीं

रिकवरी रूम की चिमनी में लगीं आग, हताहत नहीं    

संदीप मिश्र                  
लखनऊ। राजधानी स्थित ज्ञान डेयरी के प्लांट में किन्ही कारणों के चलते आग लग गई। चिमनी के भीतर से काला धुआं और आग की लपटें निकलती देखकर आसपास के लोगों में अफरा-तफरी फैल गई। घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची दमकल की 4 गाड़ियां फैक्ट्री में लगी आग पर पानी बरसाते हुए उसे काबू करने के प्रयास में जुट गई। आग लगने की इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है।
बृहस्पतिवार को महानगर के कुर्सी रोड स्थित ज्ञान डेयरी के प्लांट में कामकाज चल रहा था तो रिकवरी रूम की चिमनी में आग लग गई। चिमनी से काला धुआं और आग की लपटें निकलती हुई देखकर आसपास के लोगों में बुरी तरह से अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर पहुंची दमकल की गाड़ियों ने हाइड्रोलिक प्लेटफार्म समेत आग बुझाने की 4 गाड़ियों के माध्यम से काफी देर तक आग पर पानी बरसाया और उसके ऊपर काबू पाया।
एफएसओं इंदिरानगर शेर अली खान ने बताया है कि कुर्सी रोड स्थित ज्ञान डेयरी की ड्रायर मशीन जो गर्म हवा को बाहर निकालती है उसी से जुड़ी चिमनी में आग लगने की सूचना मिली। जिस समय टीम मौके पर पहंुची तो उस वक्त टीन चिमनी टीन शेड से ढकी हुई थी। आग लगने के कारण की जांच की जा रही है। उधर प्लांट के अधिकारियों ने फैक्ट्री में लगी आग की बाबत कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।

अरहर व उड़द दाल के आयात को मुक्त श्रेणी में रखें

अरहर व उड़द दाल के आयात को मुक्त श्रेणी में रखें     

अकांशु उपाध्याय                    

नई दिल्ली। घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए केंद्र सरकार ने मार्च 2023 तक अरहर दाल और उड़द दाल के आयात को मुक्त श्रेणी में रखने का फैसला किया है। मुक्त श्रेणी में डाले जाने का मतलब है कि इन दालों के आयात पर कोई पाबंदी नहीं होगी। सरकार ने बयान जारी कर कहा है, घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने के सक्रिय कदम के तहत केंद्र ने 31 मार्च, 2023 तक अरहर और उड़द के आयात को मुक्त श्रेणी के तहत रखने के निर्णय को अधिसूचित किया।सरकार के अनुसार, इस नीतिगत उपाय को संबधित विभागों और संगठनों द्वारा सुविधाजनक उपायों और इसके कार्यान्वयन की बारीकी से निगरानी के साथ सहयोग दिया गया है।

इस फैसले ने अगले वित्त वर्ष में तुअर और उड़द के लिए आयात नीति व्यवस्था से जुड़ी अटकलों पर विराम लगा दिया है। यह नीति एक स्थिर व्यवस्था का भी संकेत देती है। इस नीति से सभी अंशधारकों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है। सरकार का कहना है कि इस उपाय से देश में दालों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए इनका निर्बाध आयात सुनिश्चित किया जा सकेगा। गौरतलब कि इन दालों की उपलब्धता में बढ़ोतरी से इनके दाम घटेंगे और इसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं को पहुंचेगा।

दरअसल, केंद्र सरकार ने 15 मई, 2021 से तहत अरहर, उड़द और मूंग के आयात को ‘मुक्त श्रेणी’ में डाल दिया था जो 31 अक्टूबर, 2021 तक वैध था। बाद में मूंग दाल को इस श्रेणी से निकाल दिया गया और अरहर व उड़द के आयात के संबंध में मुक्त व्यवस्था को 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया गया।

भारत: टीकाकरण के 184.06 करोड़ डोज लगाए

भारत: टीकाकरण के 184.06 करोड़ डोज लगाए   

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। भारत में अब तक कोरोना के टीकाकरण के 184.06 करोड़ (1,84,06,55,005) डोज़ लगाए जा चुके हैं। इनमें पहली खुराक, दूसरी खुराक और प्रिकॉशन डोज़ भी शामिल है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अथक परिश्रम किया है।
12 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के लिए कोविड-19 का टीकाकरण 16 मार्च 2022 को प्रारंभ हुआ था। टीकाकरण प्रारंभ होने से अब तक इस आयु वर्ग के 1.06 करोड़ (1,60,81,696) से अधिक किशोरों को कोविड-19 के टीके की पहली खुराक लगाई जा चुकी है।
इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने बताया भारत में लगातार कोरोना के मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है। वर्तमान में भारत में कुल सक्रिय मामले 14,307 हैं। जो सक्रिय मामलों के 0.03% है। परिणाम स्वरूप भारत में स्वस्थ होने की दर बढ़कर 98.76% हो गई है, वहीं पिछले 24 घंटे में देशभर में 1,225 नए मामले सामने आए हैं।

'एनईपीए' ने विभिन्न पदों पर निकाली भर्ती, आवेदन

'एनईपीए' ने विभिन्न पदों पर निकाली भर्ती, आवेदन    

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। नॉर्थ ईस्टर्न पुलिस अकादमी (एनईपीए) ने एमटीएस, पंप ऑपरेटर, इलेक्ट्रिशियन सहित विभिन्न पदों पर भर्ती निकाली है। नॉर्थ ईस्टर्न पुलिस अकादमी में कुल 28 वैकेंसी है। इन पदों पर भर्ती होने के बाद उम्मीदवारों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार सैलरी मिलेगी। इस भर्ती के लिए आवेदन ऑफलाइन मोड में करना है। आवेदन की आखिरी तारीख 28 अप्रैल 2022 है। अधिक जानकारी के लिए नॉर्थ ईस्टर्न पुलिस अकादमी की वेबसाइट http://nepa.gov.in/ पर विजिट कर सकते हैं।
नॉर्थ ईस्टर्न पुलिस अकादमी में वैकेंसी का डिटेल
एमटीएस (कुक)- 2 पद
एमटीएस (मसालची)-1 पद
एमटीएस (वाटर कैरियर)-2 पद
एमटीएस (कैंटीन)- 1 पद
एमटीएस स्वीपर- 1 पद
पंप ऑपरेटर- 1 पद
प्लंबर- 1 पद
इलेक्ट्रिशियन- 1 पद
लाइफ गार्ड- 2 पद
एमटीएस सईस- 1 पद
कांस्टेबल एमटी- 2 पद
कांस्टेबल मोटर मैकेनिक- 4 पद
कांस्टेबल बैंड- 2 पद
कांस्टेबल जीडी- 8 पद
एमटीएस- लेवल-1 (18000-56900)
पंप ऑपरेटर, प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, लाइफ गार्ड- लेवल-2 (19900-63200)
कांस्टेबल- लेवल-1 (18000-56900)
एमटीएस – एमटीएस कैटेगरी के पदों के लिए 10वीं पास होना चाहिए।‌ साथ ही संबंधित ट्रेड की जानकारी होनी चाहिए।
पंप ऑपरेटर- 10वीं पास होना चाहिए।‌ साथ ही मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल ट्रेड में आईटीआई सर्टिफिकेट होनी चाहिए।
प्लंबर- 10वीं पास होने के साथ प्लंबर ट्रेड में आईटीआई सर्टिफिकेट होनी चाहिए। साथ ही दो साल का प्रैक्टिकल अनुभव होना चाहिए‌।
लाइफ गार्ड- 10वीं पास होने के साथ तैराकी का सर्टिफिकेट। लाइफ गार्ड या तैराक के रूप में कार्य का दो साल का अनुभव।
कांस्टेबल एमटी- 10वी पास होने के साथ लाइट व्हीकल का ड्राइविंग होना चाहिए। साथ ही तीन साल ड्राइविंग का अनुभव और मोटर मैकनिज्म की अच्छी नॉलेज होनी चाहिए।
कांस्टेबल मोटर मैकेनिक- 10वीं पास होने के साथ मोटर मैकनिज्म में डिप्लोमा होना चाहिए‌।‌ साथ ही लाइट या मीडियम या हैवी व्हीकल का ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए। साथ ही वाहन रिपयर का दो साल का अनुभव जरूरी है।
कांस्टेबल बैंड- 10वीं पास होने के साथ बिगुल या साइड ड्रम जैसे म्युजिकल स्ट्रूमेंट बजाने का अनुभव होना चाहिए।
कांस्टेबल जीडी- 10वीं पास होना चाहिए।

टाटा को 'भारत रत्न' की याचिका पर विचार से इनकार

टाटा को 'भारत रत्न' की याचिका पर विचार से इनकार   

अकांशु उपाध्याय               

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उद्योगपति रतन टाटा को भारत रत्न देने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर विचार करने से गुरुवार को इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता की मांग पर नाराज़गी जताते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति विपिन चावला की खंडपीठ ने सवाल किया , “क्या अदालत का यह काम है कि वह सरकार को किसी व्यक्ति को भारत रत्न पुरस्कार देने का निर्देश दे? यह किस तरह की याचिका है?”

खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को चेतावनी दी कि अगर वह याचिका वापस नहीं लेता है तो अदालत उससे लागत वसूल करेगा। यह सुनने के बाद याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से याचिका वापस लेने का अनुरोध किया।याचिका में अदालत के समक्ष तर्क दिया गया था कि रतन टाटा का जीवन बेदाग है और वह भारत रत्न से सम्मानित होने के योग्य हैं। क्योंकि वह राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं। वकील ने कहा कि  रतन टाटा ने एक अनुकरणीय जीवन व्यतीत किया है, दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित किया है और एक उत्कृष्ट नेता साबित हुए हैं। उन्होंने याचिका में कहा कि केंद्र सरकार को उद्योगपति रतन टाटा को भारत रत्न देने का निर्देश दिया जाना चाहिए।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

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