गुरुवार, 31 मार्च 2022

तकरीबन 15 दिनों की छुट्टी, बैंकों पर लटकेंगे ताले

तकरीबन 15 दिनों की छुट्टी, बैंकों पर लटकेंगे ताले    

अकांशु उपाध्याय            
नई दिल्ली। देशवासियों के सामने नए साल के आगमन के साथ ही शुरू हुआ परेशानियों का सिलसिला, कहीं से भी थमता हुआ नहीं लग रहा है। 2 दिन पहले ही चार दिनों की बैंक बंदी झेलने वाले देशवासियों को अब अगले महीने भी बैंकों की बंदी का दंश झेलने को मजबूर होना पड़ेगा। क्योंकि, अप्रैल के महीने में तकरीबन 15 दिनों की छुट्टी की वजह से बैंकों पर ताले लटके रहेंगे।
आगामी शनिवार से 1 अप्रैल के साथ नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत देश के सभी हिस्सों में हो जाएगी। अप्रैल में गुड़ी पड़वा, अंबेडकर जयंती और बैशाखी जैसे प्रमुख त्योहार हैं। अप्रैल में 15 दिन बैंकों में अवकाश रहेगा। इन छुट्टियों में महीने के दूसरे और चौथे शनिवार के साथ साप्ताहिक अवकाश और अलग-अलग राज्यों में पड़ने वाले त्योहार भी शामिल हैं।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बैंकों की अप्रैल की छुट्टियों से संबंधित सूची जारी की है। ऐसे में बैंक से जुड़ा हुआ यदि कोई जरूरी काम है तो इसकी योजना आप पहले से बना लें, ताकि आपको कोई असुविधा न हो। 1 अप्रैल को बैंक खातों की सालाना क्लोजिंग की वजह से सामान्य कामकाज नहीं होगा। लेकिन आइजोल, चंडीगढ़, शिलांग, शिमला में खुले रहेंगे बैंक। 2 अप्रैल को गुड़ी पड़वा/उगाडी फेस्टिवल/पहला नवरात्र/तुलुगु न्यू ईयर का दिन/साजीबू नॉन्गमापनबा (बेलापुर, बेंग्लुरु, चेन्नई, हैदराबाद, इंफाल, जम्मू, मुंबई, नागपुर, पणजी, श्रीनगर में बैंक बंद रहेंगे। 3 अप्रैल को रविवार को साप्ताहिक अवकाश की वजह से बैंक बंद रहेंगे। 4 अप्रैल को सरहुल के अवसर पर रांची में बैंक बंद रहेंगे। 5 अप्रैल को बाबू जगजीवन राम जयंती है। हैदराबाद में बैंक बंद रहेंगे। 9 अप्रैल को महीने का दूसरा शनिवार होने की वजह से बैंक बंद रहेंगे। 10 अप्रैल को रविवार को साप्ताहिक अवकाश की वजह से बैंक बंद रहेंगे। 14 अप्रैल को डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर जयंती/महावीर जयंती/बैसाखी/तमिल न्यू ईयर डे/चेराओबा/बीजू फेस्टिवल/बोहाग बिहू के अवसर पर शिलांग और शिमला को छोड़कर बाकी जगह बैंक बंद रहेंगे। 15 अप्रैल को गुड फ्राइडे/बंगाली न्यू ईयर डे (नबाबर्षा)/हिमाचल डे/विशू/बोहाग बिहू के मौके पर जयपुर, जम्मू- श्रीनगर को छोड़कर बाकी जगह बैंक बंद रहेंगे। 16 अप्रैल को बोहाग बिहू के अवसर पर गुवाहाटी में बैंक बंद रहेंगे। 
17 अप्रैल को रविवार को साप्ताहिक अवकाश की वजह से बैंक बंद रहेंगे। 21 अप्रैल को गारिया पूजा के अवसर पर अगरतला में बैंक बंद रहेंगे 23 अप्रैल को महीने का चौथा शनिवार होने की वजह से बैंक बंद रहेंगे। 24 अप्रैल रू- रविवार को साप्ताहिक अवकाश की वजह से बैंक बंद रहेंगे। 29 अप्रैल को शब-ए-कादर/जमात-उल-विदा के अवसर पर जम्मू-श्रीनगर में बैंक बंद रहेंगे।

ड्रेसकोड का पालन न करने वाले विद्यार्थी देश छोड़ दें

ड्रेसकोड का पालन न करने वाले विद्यार्थी देश छोड़ दें    

इकबाल अंसारी           

बेंगलुरु। कर्नाटक के भीतर चल रहे हिजाब विवाद को लेकर चल रहे जुबानी तीर थमते हुए नहीं लग रहे हैं। हिजाब विवाद में अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता ने कूदते हुए यूनिवर्सिटी के भीतर आयोजित किए गए कार्यक्रम में कहा है कि शिक्षा संस्थाओं में ड्रेसकोड का पालन नहीं करने वाले विद्यार्थी तुरंत देश छोड़ दें। उनकी इस टिप्पणी को लेकर छात्र संघों ने अपना विरोध जाहिर किया है। दरअसल मंगलौर विश्वविद्यालय के मंगल गंगोत्री परिसर में स्नातकोत्तर छात्र परिषद की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसके उद्घाटन के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता कल्लाडका भट को आमंत्रित किया गया था। परिषद का उद्घाटन करने के बाद हुई सभा को संबोधित करते हुए आरएसएस नेता कल्लाडका भट ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे धर्मनिरपेक्ष देश है। यह शांति और सद्भाव की भूमि है। शिक्षा संस्थानों द्वारा निर्धारित की गई ड्रेस को पहनने से इंकार करने वाले विद्यार्थियों की आलोचना करते हुए आरएसएस नेता ने कहा कि अगर वह यहां के नियमों का पालन नहीं कर सकते हैं तो उन्हें देश छोड़कर चले जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत का समृद्ध इतिहास है और मुगल राजा उस इतिहास का हिस्सा नहीं है। उन्होंने मुगल राजा अकबर को लेकर भी कुछ विवादित बातें कही हैं।

उधर आरएसएस नेता कल्लाडका भट की बातों का केंपस फ्रंट ऑफ इंडिया एवं स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से विरोध किया गया है। इन संगठनों ने आरएसएस नेता को छात्र परिषद के कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए बुलाने हेतु विश्वविद्यालय प्रशासन की आलोचना की है।

प्राचार्य की अध्यक्षता में शिविर का आयोजन किया

प्राचार्य की अध्यक्षता में शिविर का आयोजन किया   

संदीप मिश्र            

मुजफ्फरनगर। चौधरी छोटू राम महाविद्यालय मुजफ्फरनगर में प्राचार्य डॉ. नरेश कुमार मलिक की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सेवा योजना की चतुर्थ एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें प्राचार्यजी ने अपने उद्बोधन में स्वयंसेवक एवं सेविकाओं से राष्ट्रीय सेवा योजना का सामाजिक जागरूकता में क्या योगदान हो सकता है तथा युवा ऊर्जा को किस तरह से सही दिशा में लगाया जाए के विषय पर भी अपने विचार रखे।

कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रथम यूनिट के कार्यक्रम अधिकारी  अभिषेक सिंह ने किया जिन्होंने ने अपने उद्बोधन में सात दिवसीय शिविर मे हुए सामाजिक जागरूकता, साफ सफाई आदि कार्य जो आवंटित बस्तियों में किए गए का फीडबैक स्वयंसेवक एवं सेविकाओं से लिया। द्वितीय यूनिट के कार्यक्रम अधिकारी डॉ आई.डी. शर्मा एनएसएस के माध्यम से किस तरह से हम राष्ट्र का विकास कर सकते हैं पर अपने विचार रखे I वही तृतीय यूनिट के कार्यक्रम अधिकारी डॉ जॉनी कुमार ने राष्ट्रीय सेवा योजना के इतिहास तथा उद्देश्यों पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम के दूसरे सत्र में स्वयंसेवक एवं सेविकाओं ने आंशिक श्रमदान किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षणेत्तर कर्मचारी ओमपाल कृष्णपाल तथा सभी स्वयंसेवक एवं सेविकाओं का विशेष योगदान रहा। 

अधिनियम, अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला

अधिनियम, अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला 

अकांशु उपाध्याय                   

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है। यह जानकारी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर दी है। उन्होंने कहा एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में भारत सरकार ने दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला लिया है।एएफएसपीए के तहत क्षेत्रों में कमी सुरक्षा की स्थिति में सुधार और प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर पूर्व में स्थायी शांति लाने और उग्रवाद को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयासों और कई समझौतों के कारण तेजी से विकास का परिणाम है। साथ ही अमित शाह ने कहा इसको लेकर पीएम मोदी को धन्यवाद। 

पीएम मोदी की अटूट प्रतिबद्धता, हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र, जो दशकों से उपेक्षित था, अब शांति, समृद्धि और अभूतपूर्व विकास के एक नए युग का गवाह बन रहा है। मैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्वोत्तर के लोगों को बधाई देता हूं।

बोर्ड ने बिहार बोर्ड 10वीं का रिजल्ट जारी किया

बोर्ड ने बिहार बोर्ड 10वीं का रिजल्ट जारी किया

अविनाश श्रीवास्तव           
पटना। बिहार बोर्ड की परीक्षा दे चुके, वो परीक्षार्थी जो अपने रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे‌। गुरुवार को उनका इंतजार खत्म हो गया है। दरअसल बिहार स्कूल एजुकेशन बोर्ड ने गुरुवार को बिहार बोर्ड 10वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है। आप बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट biharboardonline.bihar.gov.in पर जाकर अपना रिजल्ट देख सकते हैं। बता दें बिहार बोर्ड 10वीं का रिजल्ट जारी होते ही 16 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स का इंतजार भी खत्म हो गया। वहीं बिहार रिजल्ट जारी होने के बाद बोर्ड के चेयरमैन आनंद किशोर ने कहा कि 12, 86,971 स्टूडेंट्स पास हुए हैं। 79.88 फीसदी पास पर्सेंटेज रहा है।

पिता को बंगले से बेदखल करने का मामला, इनकार

पिता को बंगले से बेदखल करने का मामला, इनकार  

अकांशु उपाध्याय                   
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने लोकसभा सांसद चिराग पासवान को उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान को आवंटित बंगले से बेदखल करने के मामलें में हस्तक्षेप करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने चिराग की मां रीना पासवान की याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह इस स्तर पर उस प्रक्रिया को नहीं रोकेंगे, जो पहले ही शुरू हो चुकी है और संबंधित परिसर पासवान की ‘पार्टी का मुख्यालय नहीं’ है।
याचिकाकर्ता के वकील ने ‘व्यावहारिक कठिनाइयों’ का हवाला देते हुए अदालत से राष्ट्रीय राजधानी के बीचों-बीच जनपथ स्थित बंगले को खाली करने के लिए चार महीने का समय मांगा। उन्होंने अदालत को बताया कि मौजूदा समय में वहां सैकड़ों लोग रह रहे हैं और उनके पास राष्ट्रीय राजधानी में कोई और ठिकाना नहीं है।
याचिकाकर्ता के वकील ने यह भी दलील दी कि बंगले में दिवंगत राम विलास पासवान की याद में एक संग्रहालय बनाया गया है और वहां कई कलाकृतियां भी मौजूद हैं। इस पर न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा, “यह आपका पार्टी मुख्यालय नहीं है।” उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया 2020 में शुरू हुई थी और संबंधित पक्षों को नोटिस भी जारी किए गए थे। निकलिए सर। प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अन्य लोग भी इंतजार कर रहे हैं। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने अदालत को बताया कि बंगला खाली कराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और वहां रह रहे लोगों को इसका नोटिस 2020 में ही दे दिया गया था। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया शुरू हो गई है। बहुत कम घरेलू सामान बचा है। पांच ट्रक निकल चुके हैं।
शर्मा ने कहा कि अक्टूबर 2020 में रामविलास पासवान के निधन के साथ ही बंगले के आवंटन की अवधि समाप्त हो गई थी। केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा सांसद से जनपथ स्थित बंगला खाली करवाने के लिए एक टीम भेजी थी, जिसे केंद्रीय मंत्रियों को आवंटित किया जाना है। पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद यह बंगला लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का आधिकारिक पता बन गया है, जो चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच मतभेद के चलते दो गुटों में बंट गई है।

सोनिया ने 'मनरेगा स्कीम' को लेकर बोला हमला

सोनिया ने 'मनरेगा स्कीम' को लेकर बोला हमला     

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने गुरुवार को लोकसभा में मनरेगा स्कीम को लेकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर उनका नाम लिए बिना ही तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग इस स्कीम की आलोचना करते थे। कुछ साल पहले इस स्कीम का मजाक बनाया गया था, लेकिन कोरोना काल में इसके चलते करोड़ों गरीबों को समय पर मदद मिल पाई। उन्होंने कहा, ‘मनरेगा स्कीम का कई लोगों ने कुछ साल पहले मजाक उड़ाया था। लेकिन इसके कोरोना काल में जब लॉकडाउन लगा तो करोड़ों गरीबों को समय पर मदद पहुंचाने का काम किया। इसने सरकार को बचाने में सकारात्मक भूमिका अदा की।
इसके साथ ही सोनिया गांधी ने मनरेगा स्कीम के बजट आवंटन में कटौती पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा, ‘मैं केंद्र सरकार से मांग करती हूं कि मनरेगा स्कीम के लिए बजट का आवंटन किया जाए। काम के 15 दिनों के भीतर मजदूरों के खातों में इसकी पेमेंट पहुंच जानी चाहिए। यदि किसी भी तरह की देरी होती है तो फिर उन्हें इसकी क्षतिपूर्ति करननी चाहिए।’ सोनिया गांधी ने मनरेगा स्कीम में भ्रष्टाचार की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों से कहा जाना चाहिए कि उनके सालाना प्लान तब तक अप्रूव नहीं होंगे, जब तक कि वे सोशल ऑडिट नहीं कराते हैं।
सोनिया गांधी ने कहा कि मनरेगा स्कीम के कामों के ऑडिट के लिए लोकपाल की नियुक्ति करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस स्कीम का सोशल ऑडिट होना चाहिए, लेकिन पेमेंट रोककर गरीब मजदूरों को सजा नहीं दी जानी चाहिए। यूपीए सरकार की इस स्कीम की पीएम नरेंद्र मोदी ने शुरुआती दौर में आलोचना की थी। हालांकि इसके बाद यह स्कीम लगातार जारी रही और कोरोना काल में लोगों को इससे तत्काल रोजगार गांवों में मिल सका था। खासतौर पर यूपी और बिहार में इस स्कीम ने कोरोना काल में गरीबों की मदद करने का काम किया था।
पीएम मोदी ने कहा था- यूपीए की विफलता का स्मारक है मनरेगा।
मनरेगा आपकी विफलताओं का जीता-जागता स्मारक है। आजादी के 60 साल के बाद भी यह स्थिति है तो इससे पता चलता है कि कांग्रेस ने गरीबी को खत्म करने के लिए किस तरह से काम किया था। आप लोगों से गड्ढे खुदवाते हैं और फिर उसके बदले में उन्हें पैसे देते हैं। मैं इस स्कीम को बंद नहीं करने वाला हूं, गाजे-बाजे के साथ इसे जारी रखूंगा।

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...