बुधवार, 30 मार्च 2022

'नृत्य प्रस्तुति' की अनुमति देने से इनकार पर विवाद

'नृत्य प्रस्तुति' की अनुमति देने से इनकार पर विवाद   

इकबाल अंसारी           
तिरुवनंतपुरम। भरतनाट्यम नृत्यांगना को केरल के एक प्रसिद्ध मंदिर में नृत्य प्रस्तुति की अनुमति देने से इनकार किये जाने से राज्य में एक विवाद खड़ा हो गया है। नृत्यांगना ने कहा कि वह किसी भी धर्म से संबंधित नहीं हैं। त्रिशूर जिले के इरिंजालकुडा के कूडलमणिक्यम मंदिर में भरतनाट्यम करने के लिए मानसिया वीपी को अनुमति देने से इनकार करने का मुद्दा राज्य में सामाजिक-धार्मिक संगठनों के बीच एक बहस का विषय बन गया है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) समर्थक सांस्कृतिक संगठन पुरोगमना कला साहित्य संघ (पुकासा) ने मानसिया को मंदिर में प्रदर्शन करने की अनुमति देने से इनकार करने के लिए कूडलमणिक्यम मंदिर के अधिकारियों की कार्रवाई की कड़ी निंदा की। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने हिंदू समुदाय को अलग-थलग करने के लिए इसे कम्युनिस्ट सरकार की एक ‘‘चाल’’ बताया। कूडलमणिक्यम देवस्वोम केरल के पांच प्रमुख देवस्वोमों में से एक है। विहिप ने एक बयान में आरोप लगाया कि यह घटना धर्मों के बीच दरार पैदा करके हिंदू समुदाय को अलग-थलग करने के लिए कम्युनिस्ट सरकार की एक ‘‘चाल’’ है।
विहिप की राज्य इकाई के प्रमुख विजी थम्पिक ने एक विज्ञप्ति में बताया, ‘‘ हमने मानसिया श्याम कृष्णन के लिए एक स्वागत समारोह करने और उन्हें प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान करने का फैसला किया है। हम उन्हें विहिप के नियंत्रण वाले सभी 140 मंदिरों में प्रदर्शन का मौका देने के लिए भी तैयार हैं।’’ पुकासा द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘ यह कम्युनिस्ट पार्टी है जिसने सभी के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। हम कामना करते हैं कि केरल के मंदिरों के दरवाजे सभी मनुष्यों के लिए खोले जाएं।’’ उसने कहा कि धार्मिक संस्थाओं के संबंध में अभी भी कई सामाजिक कुरीतियां प्रचलित हैं। इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस घटना पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘कला का कोई धर्म या जाति नहीं होती, लेकिन यहां कला को धर्म ने नकार दिया है।
थरूर ने कहा कि एक हिंदू और भारत के नागरिक के रूप में, वह मंदिर प्राधिकरण के फैसले से निराश हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर बोर्ड के अध्यक्ष प्रदीप मेनन ने बताया कि यह निर्णय ‘‘मंदिर में मौजूदा परंपरा’’ को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। मशहूर संगीतकार टीएम कृष्णा ने घटना को निंदनीय बताया। भरतनाट्यम नृत्यांगना और शास्त्रीय नृत्य में पीएचडी शोधार्थी मानसिया ने सोमवार को फेसबुक पर कहा था कि मंदिर के अधिकारियों ने कार्यक्रम नोटिस में उनका नाम छापने के बावजूद उन्हें प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी।
मंदिर के अधिकारियों ने दावा किया था कि उन्हें अनुमति नहीं दी गई क्योंकि मंदिर की परंपरा किसी गैर-हिंदू को परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देती है। मंदिर बोर्ड के अध्यक्ष प्रदीप मेनन ने कहा है कि यह फैसला मंदिर की परंपरा का पालन करते हुए लिया गया है।

चिल-चिलाती धूप में गन्ने का रस, अमृत से कम नहीं

चिल-चिलाती धूप में गन्ने का रस, अमृत से कम नहीं    

सरस्वती उपाध्याय             
गर्मियों का मौसम आते ही ठंडे पेय पदार्थ पीने का मन करता है। जिसमे सबसे ज्यादा पसंद किया जाता हैं, गन्ने का रस। गर्मियों की शुरुआत होते ही जगह-जगह गन्ने के जूस की दुकान और ठेले देखने को मिल जाते हैं। चिल-चिलाती धूप में गन्ने का रस, किसी अमृत से कम नहीं है। गर्मियों के दिनों में यह सस्ता और बेहद गुणकारी साबित होता हैं। कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस, विटामिन ए, बी1, बी2, बी3, बी5, बी6 और विटामिन-सी जैसे पोषक तत्वों से भरपूर गन्ने का रस शरीर को कई तरह के फायदे पहुंचाता हैं। जिसके बारे में आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं तो आइये जानते है...
गन्ने का जूस लिवर के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। ये लिवर को डिटॉक्सीफाई करने का काम करता है। गन्ने के रस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर के विषैले तत्वों को बाहर निकालकर उसे इंफेक्शन से बचाते हैं। पीलिया के रोग में गन्ने के जूस को काफी फायदेमंद माना जाता है।
पाचन तंत्र होता है मजबूत...
 पाचन शक्ति मजबूत हो जाती है। जिससे खाना पचने में आसानी होती है। गन्ने का जूस मेटाबॉलिज्म रेट को बढ़ाता है जिससे आपका वजन आसानी से कम हो जाता है। गन्ने का रस शरीर के लिए फायदेमंद होता है। बाजार में मिलने वाली अन्य ड्रिंक की तुलना में ये बेहतर होता है।
आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन गन्ने के रस में ऐसे कई तत्व होते हैं जो शरीर का कैंसर से बचाव करते हैं। प्रोस्टेट और ब्रेस्ट कैंसर से लडऩे में गन्ने के रस को काफी कारगर माना जाता है।
गन्ने का जूस दिल से जुड़ी बीमारियों में भी बहुत फायदेमंद होता है। गन्ने का जूस शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करके दिल की कोशिकाओं में फैट को जमने से रोकता है। जिससे दिल की बीमारियों के होने का चांस कम हो जाता है।
तमाम विशेषज्ञों का मानना है कि अगर गन्ने का रस रोज पीया जाए तो वो ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या से बचाव करता है। इसमें मौजूद कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन और पोटैशियम जैसे तत्व हड्डियों को...
जैसा कि गर्मी, धूप और उमस से गर्मियों के सीजन में हर किसी को दिक्कत होती है। मौसम की मार पडऩे से शरीर में पानी की कमी हो सकती है और डिहाइड्रेशन की स्थिति पैदा हो सकती है। वहीं, गर्मी से बहुत अधिक सुस्ती और थकान महसूस हो सकती है। इन सभी परेशानियों को कम करता है गन्ने का जूस। ईख या गन्ने का रस पीने से शरीर को इंस्टैंट एनर्जी मिलती है और आप तरोताजा महसूस करते हैं।
महिलाओं को अक्सर जल्दी जल्दी यूरिन इंफेक्शन हो जाता है। ऐसे में अगर वे नियमित तौर पर गन्ने का जूस पीएं तो उन्हें काफी फायदा मिल सकता है। गन्ने का रस शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है और यूटीआई इंफेक्शन का रिस्क घटाता है।
एक शोध के मुताबिक, अतिरिक्त शुगर और नमक के बिना तैयार किए गए गन्ने के जूस का सेवन शुगर के मरीज भी कर सकते हैं। गन्ने का जूस पीने से शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। गन्ने के जूस में नेचुरल शुगर मौजूद होती है। इसके अलावा इसमें ग्लाइसेमिक एसिड मौजूद होता है।
स्किन को ग्लोइंग बनाता है...
अगर आपकी स्किन डल हो गई है या समय से पहले झुर्रियों की परेशानी हो रही है तो आपको नियमित तौर पर गन्ने का रस पीना चाहिए। ये एंटी एजिंग साइन्स हटाता है, स्किन को चमकदार बनाता है और मुंहासों जैसी समस्याओं को दूर करता है।

सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकियों को मारा

सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकियों को मारा 

इकबाल अंसारी         
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की ग्रीमकालीन राजधानी श्रीनगर में सुरक्षाबलों ने रात भर चली मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को मार गिराया हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने आज यहां बताया कि मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों में से एक रईस अहमद भट पहले पत्रकार था और पिछले वर्ष अगस्त में वह आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया था।
उन्होंने बताया कि पुराने श्रीनगर के रैनावारी इलाके में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना के बाद सुरक्षाबलों के आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान यह मुठभेड़ हुई। 
उन्होंने बताया कि इलाके में छिपे आतंकवादियों के सुरक्षा बलों पर गोलीबारी करने पर शुरु हुई मुठभेड़ में लश्कर के दो आतंकवादी मारे गए हैं।
उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए दो आतंकवादियों की पहचान अनंतनाग के बिजबेहरा निवासी रईस अहमद भट और हिलाल अहमद राह के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि रईस अनंतनाग में एक ऑनलाइन न्यूज पोर्टल ‘वैली न्यूज सर्विस’ चलाता था। पुलिस ने ट्वीट कर कहा कि रईस पिछले वर्ष अगस्त में आतंकवादी समूह में शामिल हो गए था। उस पर आतंकवादी अपराध को लेकर पहले ही दो प्राथमिकी दर्ज है। उल्लेखनीय है कि सुरक्षा बलों ने इस महीने कश्मीर में नौ मुठभेड़ों में 13 आतंकवादियों को मार गिराया है।

बिम्स्टेक देशों के बीच अधिक सहयोग का आह्वान

बिम्स्टेक देशों के बीच अधिक सहयोग का आह्वान 

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिम्स्टेक देशों के बीच अधिक सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि यह बंगाल की खाड़ी को संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा का सेतु बनाने का वक्त है। पांचवें बहु-क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्स्टेक) शिखर सम्मेलन में अपने शुरुआती संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के परिणाम बिम्स्टेक के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे।

उन्होंने कहा कि भारत बिम्स्टेक सचिवालय के परिचालन बजट को बढ़ाने के लिए सहयोग के रूप में 10 लाख अमेरिकी डॉलर प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूरोप में हाल के घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता पर सवालिया निशान लगा दिया है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में बिम्स्टेक क्षेत्रीय सहयोग को और अधिक सक्रिय बनाना महत्वपूर्ण हो गया है।उन्होंने कहा कि बिम्स्टेक देशों के बीच आपसी व्यापार बढ़ाने के लिए बिम्स्टेक एफटीए प्रस्ताव पर आगे बढ़ना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारा क्षेत्र स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा की चुनौतियों का सामना कर रहा है, ऐसे में एकता और सहयोग समय की मांग है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज बंगाल की खाड़ी को संपर्क, समृद्धि, सुरक्षा का सेतु बनाने का समय है।

’’ भारत के अलावा, बिम्स्टेक सदस्य देशों में श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमा, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं। शिखर सम्मेलन ‘बिम्स्टेक चार्टर’ को अपनाएगा जो समूह को एक अंतरराष्ट्रीय पहचान देगा और बुनियादी संस्थागत ढांचे को तैयार करेगा जिसके माध्यम से समूह अपना काम करेगा।

9 दिनों में 8वीं बार बढ़ें पेट्रोल-डीजल के दाम: मार

9 दिनों में 8वीं बार बढ़ें पेट्रोल-डीजल के दाम:मार    

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। अब लगभग हर दिन बढ़ाए जा रहे पेट्रोल और डीजल के दाम, अब लोगों को भारी पड़ने लगे हैं। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान करीब 4 महीने तक पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर थे। तब वाहन सवारों को राहत थी। एक बार फिर से पेट्रोल-डीजल के दाम 9 दिनों में 8वीं बार बढ़ें। बुधवार को पेट्रोल-डीजल पर 80-80 पैसे बढ़ें हैं। 9 दिनों में पेट्रोल 5.60 रुपये महंगा हो गया है। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम 80 पैसे की बढ़त के बाद 101.01 रुपये प्रति लीटर पर आ गए हैं और डीजल के दाम में 80 पैसे की बढ़त के बाद 92.27 रुपये प्रति लीटर पर आ गए हैं।
वहीं देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल के दाम 85 पैसे बढ़कर 115.88 रुपये प्रति लीटर पर आ गए हैं। 
वहीं, 75 पैसे बढ़कर डीजल के दाम 100.10 रुपये प्रति लीटर पर आ गए हैं। बता दें कि 22 मार्च से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने शुरू हुए हैं। तब से अब तक सिर्फ एक दिन (24 मार्च) छोड़कर हर रोज कीमतों में उछाल आ रहा है। 29 मार्च की बढ़ोतरी को जोड़ लें तो 9 दिनों में पेट्रोल 5 रुपये 60 पैसे महंगा हो गया है।

कश्मीरी पंडितों की आर्थिक सहायता दोगुनी, मांग

कश्मीरी पंडितों की आर्थिक सहायता दोगुनी, मांग  

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने महंगाई को देखते हुए विस्थापित कश्मीरी पंडितों की आर्थिक सहायता दोगुनी करने की बुधवार को राज्यसभा में मांग की। हुड्डा ने शून्यकाल के दौरान इस मामले को उठाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के बढ़ने के बाद कश्मीरी पंडित दिल्ली और हरियाणा में आ कर रहने लगे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में हुड्डा सरकार के दौरान विस्थापित कश्मीरी पंडितों को पांच हजार रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता राशि दी जा रही थी। साथ ही कहा कि इसी तरह से दिल्ली में रहने वाले कश्मीरी पंडितों को तीन हजार रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता मिल रही थी। उन्होंने कश्मीरी पंडितों को एक समान आर्थिक सहायता दिए जाने के लिए नीति बनाने तथा उन्हें जम्मू में बसाने के लिए ठोस उपाय करने की भी मांग की।

महानायक ने बॉडी डबल की मदद से इनकार किया

महानायक ने बॉडी डबल की मदद से इनकार किया   

कविता गर्ग         

मुंबई। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने टीवी विज्ञापन के लिये बॉडी डबल की मदद लेने से इनकार कर दिया और खुद खतरनाक स्टंट किया है। अमिताभ बच्चन ने कई फिल्मों में कई एक्शन सीक्वेंस कर फैंस को हैरान किया है। एक विज्ञापन शूट में अमिताभ के एक एक्शन सीक्वेंस के लिए एक स्टंट मैन को रखा गया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया और कहा कि वह अपने स्टंट खुद करेंगे।इस स्टंट के लिए अमिताभ को एक के बाद एक तीन कड़े कांच के शीशे तोड़ने पड़े।

एक्शन सीक्वेंस को कोरियोग्राफ करने वाले एक्शन डायरेक्टर मनोहर वर्मा ने बताया, "हम बॉडी डबल के साथ तैयार थे लेकिन जब मिस्टर बच्चन सेट पर आए तो उन्होंने निर्देशक से कहा कि वह अपने स्टंट खुद करना पसंद करेंगे। हमें बहुत सी सावधानियां भी बरतनी थीं। अमिताभ ने सभी सीन एक टेक में किया।श्री बच्चन ने इसे एक समर्थक की तरह स्वीकार किया और यह इस तथ्य का प्रतीक हैं कि उम्र सिर्फ एक संख्या है।सेट पर मौजूद लोगों को दीवार और जंजीर में उनके गुस्सैल किरदार की याद आ गई।


कौशाम्बी: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन

कौशाम्बी: 'संपूर्ण समाधान दिवस' का आयोजन  गणेश साहू  कौशाम्बी। जिले के सभी तहसीलों में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया ग...