मंगलवार, 29 मार्च 2022

सूखी हवाओं की वजह से दिन का पारा चढ़ा

सूखी हवाओं की वजह से दिन का पारा चढ़ा 

मनोज सिंह ठाकुर               

भोपाल। मध्यप्रदेश में सूखी हवाओं की वजह से अब दिन का पारा चढ़ने लगा है। मौसम वैज्ञानिक पीके साहा के मुताबिक, मंगलवार से लगातार तीन दिन तक पारा चढ़ेगा। इस दौरान धार, खंडवा, रतलाम, ग्वालियर, गुना, सागर और भोपाल में लू चल सकती है। हालांकि, अभी रात का पारा 20 से ज्यादा नहीं जाएगा। रात को गर्मी से कुछ राहत रहेगी।

मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक शुष्क हवाओं के कारण दिन का पारा चढ़ रहा है। इसी वजह से प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में पारा 42 के पार चला गया है। इंदौर और भोपाल में आज यह 40 के पार निकल सकता है। इसके साथ ही आसमान साफ होने के कारण रात को तपिश जल्दी कम हो जाती है। जिससे रात का पारा नहीं चढ़ रहा है। रात 2 बजे के बाद मौसम में हल्की ठंडक हो जाती है।

मध्यप्रदेश के बैतूल और भोपाल समेत आधे जिलों में रात का पारा लुढ़का है। भोपाल में सबसे ज्यादा करीब 2 डिग्री तापमान नीचे आया है। इसके अलावा बैतूल, गुना, खंडवा, खरगौन, उज्जैन और सागर में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। उधर इंदौर और जबलपुर समेत प्रदेश के अधिकांश इलाकों में रात का पारा चढ़ गया है। प्रदेशभर में रात का पारा 20 डिग्री के आसपास रहा।

रूसी अरबपति रोमन को दिया जहर, भर्ती करवाया

रूसी अरबपति रोमन को दिया जहर, भर्ती करवाया 

अखिलेश पांडेय          

मॉस्को। रूसी अरबपति रोमन अब्रामोविच को जहर दिए जाने की खबर है। रिपोर्ट के मुताबिक, कथित तौर पर कुछ हफ्ते पहले रोमन अब्रामोविच को यूक्रेन की राजधानी कीव में एक बैठक के बाद जहर दिया गया था। वे यूक्रेन में जारी रूसी जंग के बीच एक ‘पीसमेकर’ के रूप में काम कर रहे थे।

दरअसल, एक प्रतिनिधिमंडल यूक्रेन पर रूस के हमले को खत्म करने के लिए मार्च महीने की शुरुआत में कीव पहुंचा था। इस प्रतिनिधिमंडल में रूसी अरबपति रोमन अब्रामोविच और यूक्रेनी सांसद रुस्तम उमेरोव समेत दो अन्य अधिकारी शामिल थे। यहां हुई बैठक के बाद इन लोगों में कुछ अजीब से लक्षण दिखाई दिए थे। बैठक खत्म होने के बाद सभी कीव के एक अपार्टमेंट में चले गए थे। लेकिन जब वे सुबह उठे तो उनकी आंखें सूजी हुई थीं और लाल हो गई थीं, शरीर में दर्द हो रहा था साथ ही उनके चेहरे और हाथों की स्किन (त्वचा) निकलने लगी थी। इतना ही नहीं, रोमन को कुछ देर तक दिखना भी बंद हो गया था। इसके बाद उन्हें तुर्की के एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था। खबरों के मुताबिक, उन्हें जहर दिया गया था।

यूपी: उपद्रव के आरोप में 9 लोगों को गिरफ्तार किया

यूपी: उपद्रव के आरोप में 9 लोगों को गिरफ्तार किया       

संदीप मिश्र              

लखनऊ/गोरखपुर। यूपी में योगी आदित्यनाथ के सीएम पद की शपथ लेने वाले दिन यानी, 25 मार्च को गोरखपुर में हुए उपद्रव के आरोप में पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में कई समाजवादी पार्टी के नेता हैं। पुलिस ने उपद्रवियों की पहचान ड्रोन कैमरे की रिकॉर्डिंग से की है। वहीं, पुलिस ने 56 लोगों के खिलाफ नामजद और 200 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया है। कहा जा रहा है कि, समाजवादी पार्टी के नेताओं ने योगी के शपथ वाले दिन गोरखपुर में दंगे की साजिश रची थी।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जिस दिन योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे, उसी दिन गोरखपुर जनपद के चौरीचौरा क्षेत्र को आग में झोंकने की साजिश रची गई थी। 25 मार्च को योगी आदित्यनाथ ने इकाना स्टेडियम में दूसरी बार यूपी के सीएम पद की शपथ ली थी। उसी दिन चौरी-चौरा के एक सैनिक की मौत के बाद उसे शहीद का दर्जा दिलाने के लिए भारी हंगामा हो गया। इस दौरान पुलिस की सरकारी गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया। हालत ये थी कि प्रशासनिक अधिकारियों को भी पब्लिक का आक्रोश देखकर पीछे हटना पड़ा। मामले में पुलिस की कार्रवाई के बाद फैलहा सहित आसपास गांवों में सन्नाटा फैल गया है। आला अधिकारियों के निर्देश पर बवाल करने वालों की पहचान के लिए पुलिस भोपा बाजार की दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालने के बाद कार्रवाई कर रही है।

बयान, भारत में काम नहीं आएगा विदेशी ईवी मॉडल

बयान, भारत में काम नहीं आएगा विदेशी ईवी मॉडल  

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय         
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। पूर्व सीईओ और मारुति सुजुकी इंडिया एलटीडी के वर्तमान अध्यक्ष का इस बारे में मानना है कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के चल रहे प्रयासों के बावजूद, अगले 10-15 सालों में कार्बन तटस्थता हासिल करने के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सबसे अच्छा समाधान नहीं हो सकता है।
विदेशी ईवी मॉडल, भारत में काम नहीं आएगा।
Maruti Suzuki के चेयरमैन ने बयान दिया।
RC Bhargava ने एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया है कि EV मॉडल जो पश्चिमी देशों में इस्तेमाल किया जा रहा है, उसे भारत में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है और यह यहां की जरूरतों के अनुरूप काम नहीं करता है। Bhargava ने कहा कि भारतीय भौगोलिक और आर्थिक स्थिति पश्चिमी देशों से काफी भिन्न है।
उन्होंने कहा कि “भारत यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देशों से बहुत अलग है। अगर हम जो भी रणनीति अपना रहे हैं, अगर हम उसे अपनाते हैं, तो मुझे नहीं लगता कि हम भारत में जो करने की जरूरत है, उसके साथ न्याय कर पाएंगे।
Bhargava ने कहा कि “मुझे कुछ बड़े अंतरों पर प्रकाश डालना चाहिए, जो पश्चिमी देशों और भारत के बीच मौजूद हैं। भारत में प्रति व्यक्ति आय यूरोप में लगभग 5% और संयुक्त राज्य अमेरिका में 3% है। जब व्यक्तिगत परिवहन की बात आती है, तो निजी परिवहन वाहनों और ग्राहकों की पसंद की सामर्थ्य की प्रत्यक्ष प्रासंगिकता होती है।
आगे उन्होंने कहा कि “हमारे पास अल्पावधि में और कम लागत पर विकल्प हैं। हमें अपने स्वयं के संसाधनों और अपनी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना होगा, जो कि पश्चिमी देशों में प्रचलित से अलग होगा।” Maruti के अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय ऑटोमोटिव ग्राहकों का एक बड़ा हिस्सा परिवहन के असुविधाजनक और असुरक्षित होने के बावजूद दोपहिया वाहनों का उपयोग अपने परिवहन के प्राथमिक साधन के रूप में करता है।
विदेशी EV मॉडल भारत में नहीं आएगा काम, Maruti Suzuki के चेयरमैन ने दिया बयान
उन्होंने इस बात के बारे में जानकारी दी कि देश में स्कूटर और दोपहिया वाहनों की वर्तमान संख्या 200 मिलियन है और कहा कि यह इस तथ्य के कारण है कि लोग सामर्थ्य कारक के कारण उन्हें चुनने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि भारत में कारों की पैठ 3% से कम है, यहां इस्तेमाल होने वाली कारों में 70% से अधिक छोटी कारें हैं।
यूरोपीय संघ में प्रवेश 50% से अधिक है और संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 87% है। Bhargava ने कहा कि यहां इस्तेमाल की जाने वाली छोटी कारों का इस्तेमाल USA में बिल्कुल नहीं किया जाता है और यूरोपीय संघ में भी प्रतिशत बहुत कम है। इसका जीएचजी (ग्रीनहाउस गैस) पर प्रभाव पड़ता है।

कोरोना से मौतों की संख्या को लेकर एसीएस का बयान

कोरोना से मौतों की संख्या को लेकर एसीएस का बयान  

मनोज सिंह ठाकुर            

भोपाल। एसीएस से सवाल पूछा गया कि क्या कोरोना काल के दौरान मौत की संख्या छुपाई गई ? जिसके बाद उन्होंने जवाब दिया कि डेड बॉडीज गिनना स्वास्थ्य विभाग का काम नहीं है। ये किसी और का काम है और सही जवाब के‌ लिए सवाल उन्हीं से किया जाना चाहिए।मध्य प्रदेश में कोरोना से मौतों की संख्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग के एसीएस मोहम्मद सुलेमान ने फिर एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का काम लाशें गिनना नहीं है, बल्कि मरीज गिनना है।

दरअसल सुलेमान ने राजधानी भोपाल में हो रहे लिटरेचर फेस्टिवल में आईएएस अफसर तरुण पिथोड़े की किताब पर चर्चा के दौरान यह विवादित बयान दिया। ACS से सवाल पूछा गया कि क्या कोरोना काल के दौरान मौत की संख्या छुपाई गई। जिसके बाद उन्होंने जवाब दिया कि डेड बॉडीज गिनना स्वास्थ्य विभाग का काम नहीं है। ये किसी और का काम है और सही जवाब के‌ लिए सवाल उन्हीं से किया जाना चाहिए।

वहीं कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए एसीएस से इस्तीफा तक देनें की मांग कर डाली। यूथ कांग्रेस के मीडिया अध्यक्ष ने कहा कि मौत के आंकड़े नहीं दे पा रहे हैं तो इस्तीफा दे दें। उन्होंने कहा कि अपर मुख्य सचिव ने कमलनाथ के आरोपों को सच साबित कर दिया। उन सभी परिवारों के साथ मेरी हमदर्दी  है जिनका मजाक सुलेमान साहब उड़ा रहे है। एसीएस सुलेमान सिर्फ अधिकारी होने का गलत फायदा उठा रहे है। वहीं, बीजेपी ने इसपर पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि हमारा काम था मरीजों को प्राथमिकता से इलाज देना। कांग्रेस को लाशें मुबारक हो।

सोनिया को नेता चुनने के लिए अधिकृत किया

सोनिया को नेता चुनने के लिए अधिकृत किया   


इकबाल अंसारी               

पणजी। गोवा में कांग्रेस विधायक दल ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को उसका नेता चुनने के लिए अधिकृत किया। नवगठित विधानसभा के दो दिवसीय सत्र के दौरान विपक्ष के चेंबर में विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए बुलाई गई बैठक में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया।

राज्य की 40 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 11 विधायक हैं। गोवा में कांग्रेस की करारी हार के बाद गिरीश चोडनकर ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद किसी को भी पार्टी अध्यक्ष नहीं चुना गया है। गोवा के अलावा कांग्रेस को फरवरी-मार्च 2022 के विधानसभा चुनावों में चार अन्य राज्यों में भी हार का सामना करना पड़ा।

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में जहां भाजपा ने सरकार बनाई, वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी ने सत्ता हासिल की। विधानसभा चुनावों में हार का सामना करने के बाद कांग्रेस ने श्री चोडनकर सहित पांचों राज्यों के पार्टी अध्यक्षों से इस्तीफा देने के लिए कहा था।

2 दिवसीय 'राष्ट्रव्यापी' हड़ताल का मुद्दा उठाया

2 दिवसीय 'राष्ट्रव्यापी' हड़ताल का मुद्दा उठाया 

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने मजदूर संगठनों द्वारा सरकार की निजीकरण की नीतियों के खिलाफ आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का मुद्दा मंगलवार को सदन में उठाते हुए इसे समर्थन देने की घोषणा की। विपक्षी सदस्यों ने इस विषय पर निचले सदन में चर्चा कराने की मांग की। शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने दावा किया कि इस हड़ताल को व्यापक समर्थन मिला है और यह सरकार की नीतियों के खिलाफ लोगों के रोष को प्रदर्शित करती है। राय ने कहा कि सरकार को समझना चाहिए कि सभी चीजों को बेचने की उसकी नीति से लोग अप्रसन्न हैं।

उन्होंने इस विषय पर सदन में चर्चा कराने की मांग की। शून्यकाल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सम्पूर्ण विपक्ष ने मजदूर संघों को पूर्ण समर्थन दिया है जबकि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य में हड़ताल को विफल बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा से जुड़े भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर अन्य सभी मजदूर संघों ने इस हड़ताल में हिस्सा लिया है और इनका सरकार से अग्रह है कि सरकार राष्ट्रीय संसाधनों की लूट को रोके।

चौधरी ने तृणमूल कांग्रेस सदस्यों पर हड़ताल के मुद्दे पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। नये श्रम कानूनों, सरकार की निजीकरण नीतियों और मनरेगा मजदूरी के भुगतान में देरी के विरोध में हड़ताल आयोजित की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में इनके पार्टी कार्यकर्ता (तृणमूल कांग्रेस के) श्रमिकों के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं जो दुखद है।

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