गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के उपसचिव गुरुमुख सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर के मोहल्ला उपाध्याय नगर में खसरा संख्या 184/1 व 182/2 में करीब दो बीघा भूमि गुरुद्वारे की संपत्ति है। जिसका उपयोग गुरुद्वारा प्रबंधन समिति धार्मिक कार्यों के लिए करती हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में 25 मई को चंद्रशेखर नामक व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की जमीन का बैनामा करा लिया। इस संबंध में उन्होंने गढ़मुक्तेश्वर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बावजूद जुलाई 2015 में एक बार फिर दो फर्जी बैनामे करा दिए गए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में तैनात तहसीलदार, नायब तहसीलदार व क्षेत्रीय लेखपालों द्वारा आरोपियों से सांठगांठ कर भूमि की खसरा-खतौनी से गुरुद्वारा समिति का नाम हटाकर नवीन परती के रूप में दर्ज करा दिया गया।
इसके बाद अनिल, राजीव निवासी मोहल्ला होलीवाला, नीरज निवासी नक्का कुआं रोड, मनोज निवासी मोहल्ला घोसियान, संजीव कुमार निवासी मोहल्ला कटरा गुलाम अली अमरोहा, चंद्रशेखर निवासी मंडी चौक गढ़मुक्तेश्वर ने आपस में साज कर दो बैनामे करा लिए। इस संबंध में गढ़मुक्तेश्वर थाने में तहरीर दी गई, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद वादी ने न्यायालय की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शरू कर दी है।
गढ़मुक्तेश्वर सीओ पवन कुमार ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर सभी आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार कराने आदि धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।