प्रापर्टी डीलिग छोड़, अपना असली काम करें लेखपाल
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। गाजियाबाद सदर, लोनी व मोदीनगर सहित तीनों तहसील में तैनात लेखपाल प्रापर्टी डीलिग छोड़कर अपना असली काम करें। अगर लेखपाल अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन सही तरीके से करें तो व्यवस्था में जमीनी स्तर पर सुधार होगा। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने शनिवार को यह बातें कहीं। दरअसल, मोदीनगर तहसील में तैनात एक महिला लेखपाल ने ड्यूटी पर आपत्ति दर्ज करते हुए दूसरे विभाग की ड्यूटी करने से मना कर दिया था। इस पर शनिवार को नियमित जन सुनवाई के दौरान ही डीएम राकेश कुमार सिंह ने शासन स्तर से जारी भू-लेख नियमावली की पुस्तिका मंगवाई और नियमावली के एक-एक बिदु को पढ़ते हुए लेखपाल के कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। इसमें उन्होंने अवैध शराब, जमीनों पर कब्जे, सहकारी आवास के घोटाले, क्षेत्र में बीमारी फैलने की रोकथाम व घर-घर जाकर वोटर लिस्ट बनाने व पुनरीक्षित करने, पुलिस के कार्य में मदद, पशुओं के टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा व स्वास्थ्य संबंधी कार्यों समेत समस्त दायित्वों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि एसडीएम व तहसीलदार कोई भी भू-लेख नियमावली का गहनता से अध्ययन नहीं करता है। इसीलिए लेखपाल मनमानी करते हैं। लेखपाल अपनी कार्यशैली में तुरंत सुधार कर लें, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें। जल्द तीनों तहसील में औचक निरीक्षण किया जाएगा। लेखपालों की मनमानी बर्दाश्त नहीं होगी। डीएम ने भू-लेख नियमावली की पुस्तिका उक्त महिला लेखपाल को देते हुए कहा कि यह नियमावली अपने बाकी सभी साथियों को भी पढ़वाएं, ताकि वह अपने मूल कार्यों के प्रति जागरूक होकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन गंभीरता से कर सकें।
लोगों का आरोप है कि गाजियाबाद सदर समेत जिले की तीनों तहसील में एसडीएम व तहसीलदार के चहेते लेखपाल व राजस्व निरीक्षक अपना असली काम छोड़कर हमेशा विशेष ड्यूटी पर रहते हैं। अपने असली कार्य को यह लेखपाल बेगार मानते हैं। एसडीएम व तहसीलदार का सिर पर हाथ होने के कारण इनका दिमाग हमेशा सातवें आसमान पर रहता है। यही कारण है कि विशेष ड्यूटी पर होने के कारण यह लेखपाल सेंटिग कर कुछ भी काला या सफेद कर देते हैं। इसके बाद भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है, बल्कि बड़ी-बड़ी गड़बड़ी पर भी पर्दा डाल दिया जाता है।