शनिवार, 26 मार्च 2022

हूती विद्रोहियों ने सऊदी में तेल डिपो पर हमला किया

हूती विद्रोहियों ने सऊदी में तेल डिपो पर हमला किया    

अखिलेश पांडेय         
रियाद। यमन के हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब के जेद्दा शहर में फॉर्मूला वन स्पर्धा से पहले एक तेल डिपो पर हमला किया। यह विद्रोहियों का अब तक का सबसे हाई-प्रोफाइल हमला है। बेहरहाल, सऊदी अरब प्राधिकारियों ने संकल्प जताया कि आगामी फॉर्मूला वन स्पर्धा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी। हमले में उसी तेल डिपो को निशाना बनाया गया है, जिस पर हाल के दिनों में हूती विद्रोहियों ने हमला किया था।
नॉर्थ जेद्दा बल्क प्लांट शहर के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के दक्षिणपूर्व में स्थित है और मक्का जाने वाले जायरीनों के लिए अहम पड़ाव है। हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। सऊदी अरब ऑयल को जिसे सऊदी अरामको के नाम से भी जाना जाता है, उसने अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। सऊदी अरब के प्राधिकारियों ने माना कि एक शत्रुतापूर्ण अभियान में जेद्दा के तेल डिपो को निशाना बनाया गया। उन्होंने हमले में इस्तेमाल किए गए हथियार की जानकारी नहीं दी। यमन में सऊदी अरब, ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों से लडऩे वाले गठबंधन का नेतृत्व कर रहा है। इन विद्रोहियों ने सितंबर 2014 में यमन की राजधानी सना पर कब्जा जमा लिया था। 
सऊदी अरब की अगुवाई वाले गठबंधन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल तुर्की अल-मालकी ने कहा कि आग में दो टैंक क्षतिग्रस्त हो गए। सरकारी सऊदी प्रेस एजेंसी के अनुसार अल-मालकी ने कहा इस शत्रुतापूर्ण कार्रवाई में तेल केंद्रों को निशाना बनाया गया और इसका मकसद ऊर्जा सुरक्षा एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था की रीढ़ को कमजोर करना है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्विटर पर इस हमले की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट में लिखा मैं जेद्दा सहित सऊदी अरब में महत्वपूर्ण साइट्स के खिलाफ ताजे हूती हमले की पूरी तरह से निंदा करता हूं। इन हमलों ने नागरिकों की जान जोखिम में डाल दी है और इन्हें रोकना होगा।

कार में सफर, यात्रियों की सुरक्षा पहले से बेहतर

कार में सफर, यात्रियों की सुरक्षा पहले से बेहतर   

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। कार में सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा अब पहले से बेहतर होने जा रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि भारत में बिकने वाली सभी नई कारों में जल्द ही छह एयरबैग को स्टैंडर्ड सेफ्टी फीचर बनाया जाएगा। नए नियम 1 अक्टूबर, 2022 से लागू होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, अतिरिक्त एयरबैग्स के चलते गाड़ियों की कीमत में 50 हजार तक इजाफा हो सकता है। वर्तमान समय में 6 एयरबैग्स वाले मॉडल्स और वेरिएंट्स की कीमत लगभग 10 लाख रुपये से शुरू होती है।
नितिन गडकरी कहा कि अब समय आ गया है जब भारत ज्यादा कड़े सिक्यॉरिटी स्टैंडर्ड को अपनाए, जो वाहन और पैदल यात्रियों दोनों के लिए होने चाहिए।” उन्होंने कहा कि भारत में बेची जाने वाली कारों में 6 एयरबैग्स को अनिवार्य करने से सुरक्षा मानकों को बढ़ाया जा सकता है।
इससे पहले जनवरी महीने में मंत्रालय ने 8 सवारी वाली गाड़ियों में 6 एयरबैग्स अनिवार्य करने के ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को मंजूरी दी थी। मंत्रालय ने जनवरी 2022 में एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें नए नियम बताए गए हैं जो सभी कारों के लिए मानक के रूप में छह एयरबैग अनिवार्य कर देंगे। नोटिफिकेशन के अनुसार, यह नियम 1 अक्टूबर, 2022 से सभी नई कारों पर लागू होगा।
भारत में 1 अप्रैल, 2019 से सभी गाड़ियों के लिए ड्राइवर एयरबैग को अनिवार्य कर किया गया था। इसके बाद डुअल एयरबैग अनिवार्य किए गए थे। सरकार ने डुअल एयरबैग के साथ-साथ सभी कारों के लिए रियर पार्किंग सेंसर और एंटी-लॉक ब्रेक को स्टैंडर्ड सेफ्टी फीचर्स के रूप में अनिवार्य किया हुआ है।

'जलवायु परिवर्तन' पर रिपोर्ट, तैयार हैं आईपीसीसी

'जलवायु परिवर्तन' पर रिपोर्ट, तैयार हैं आईपीसीसी  

अखिलेश पांडेय         
वाशिंगटन डीसी। आईपीसीसी ने अब तक बढ़ते तापमान के कारणों, चुनौतियों और प्रभावों का विवरण देने वाली रिपोर्ट के दो सेट जारी किए हैं। 
जहाँ एक ओर जलवायु परिवर्तन लगातार अपनी गति पर बढ़ रहा है और स्थिति बिगाड़ रहा है, वहीँ एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र का अंतर सरकारी पैनल (IPCC), जलवायु परिवर्तन पर एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट जारी करने के लिए तैयार है।
इस आगामी रिपोर्ट में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया है कि कैसे बिगड़ती स्थिति को संभाला जाए। इस रिपोर्ट से उम्मीद है कि इसमें विशेषज्ञों द्वारा उन प्रौद्योगिकियों पर विचार किया जायेगा जो उस कार्बन डाइऑक्साइड को हटाने में मदद कर सकती हैं जो पृथ्वी के गर्म होने के लिए जिम्मेदार है।
छठी मूल्यांकन रिपोर्ट की तीसरी किस्त में न केवल विशेषज्ञों की सहभागिता होगी, बल्कि इसमें दुनिया भर के नेता भी शामिल होंगे, क्योंकि उन्हें पैनल द्वारा 4 अप्रैल को इसे जारी करने के बाद इसका अनुमोदन और इस दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करना होगा।
IPCC ने अब तक बढ़ते तापमान के कारणों, चुनौतियों और प्रभावों का विवरण देने वाली रिपोर्ट के दो सेट जारी किए हैं। जहाँ पहली रिपोर्ट ने दिखाया कि जब तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में तत्काल, तीव्र और बड़े पैमाने पर कमी नहीं होती है, तब तक वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस से 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना पहुंच से बाहर होगा, वहीँ दूसरी रिपोर्ट में पाया गया कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन है प्रकृति में खतरनाक और व्यापक व्यवधान पैदा कर रहा है। यह दुनिया भर में अरबों लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहा है और कार्रवाई की खिड़की कम होती जा रही है।
अपनी प्रतिक्रिया देते हुए तीसरी रिपोर्ट के लिए एक समन्वय प्रमुख लेखक (CLA) और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के प्रोफेसर नवरोज़ के. दुबाश कहते हैं कि आईपीसीसी वर्किंग ग्रुप 3 की रिपोर्ट के आगे सबसे बड़ी चुनौती होगी रिसर्च का आकलन करना और नीति निर्माताओं को जलवायु परिवर्तन की चुनौती के तत्काल समाधान के लिए मार्गदर्शन करना।
प्रोफेसर नवरोज कहते हैं, "भारत निश्चित रूप से गंभीर जलवायु नुकसान के जोखिम का सामना कर रहा है और यह नुक्सान हमारी विकास संभावनाओं को प्रभावित करेगा।”
कुल मिलाकर यह तीसरी रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से बचने के लिए शमन कार्रवाई में तेजी लाने के लिए सरकारें कैसे जुटा सकती हैं, इसके लिए आगे का रास्ता बताएगी।
क्या पाया अब तक की आईपीसीसी की रिपोर्टों ने?
संयुक्त राष्ट्र संघ ने पिछले आठ महीनों में दो रिपोर्टें जारी की हैं जिनमें पाया गया है कि जलवायु परिवर्तन न केवल दुनिया के लिए बल्कि पूरे ग्रह के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक के रूप में उभर रहा है। पिछले साल अगस्त में जारी अपनी पहली रिपोर्ट में, पैनल ने जलवायु के चरम पर पहुंचने पर चिंता व्यक्त की।
विभिन्न प्रकार के परिदृश्यों में चरम घटनाओं की संभावना को बढ़ाते हुए, संयुक्त राष्ट्र के पैनल ने कहा कि, ग्लोबल वार्मिंग अगर 1.5 डिग्री सेल्सियस तक होता है तो गर्मी की लहरें, लंबे गर्म मौसम और कम समय के लिए ठंड के मौसम में वृद्धि होगी। लेकिन ग्लोबल वार्मिंग अगर दो डिग्री सेल्सियस तक पहुँचती है तो वो असहनीय होगा।
पिछले महीने जारी रिपोर्ट के दूसरे भाग से पता चला है कि यदि मानव-जनित ग्लोबल वार्मिंग एक डिग्री के दसवें हिस्से तक सीमित नहीं होती है, तो पृथ्वी नियमित रूप से घातक गर्मी, आग, बाढ़ और भविष्य के दशकों में सूखे से प्रभावित होगी और 127 तरीकों से "संभावित रूप से अपरिवर्तनीय" नुकसान अनुभव करेगी हैं।
यह रिपोर्टें इस बात पर प्रकाश डालती हैं कि जलवायु परिवर्तन कैसे वैश्विक प्रवृत्तियों, जैसे प्राकृतिक संसाधनों के निरंतर उपयोग, बढ़ते शहरीकरण, सामाजिक असमानताओं, चरम घटनाओं से नुकसान और क्षति, और भविष्य के विकास को खतरे में डालने वाली महामारी के साथ तालमेल बैठाता है।

अखिलेश को विधायक दल और विपक्ष का नेता चुना

अखिलेश को विधायक दल और विपक्ष का नेता चुना 

संदीप मिश्र         
लखनऊ। उत्तर प्रदेश योगी आदित्‍यनाथ के सत्ता संभालते समाजवादी पार्टी में दरार पड़ने की खबर आने लगे है। विधायक मंडल की हुई बैठक में शिवपाल यादव को नहीं बुलाया गया। हालांकि उक्‍त बैठक में अखिलेश को विधायक दल और विपक्ष का नेता चुन लिया गया।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले चाचा शिवपाल यादव और अखिलेश यादव साथ आये थे। शिवपाल यादव ने अखिलेश को मुख्‍यमंत्री बनाने का संकल्‍प लिया था। हालांकि रिजल्‍ट निकलने के बाद उनका संकल्‍प अधूरा रह गया। जनता ने दोबारो योगी को सत्ता सौंपा दी।
योगी के सत्ता पर काबिज होने के बाद समाजवादी पार्टी में दरार पड़ने की खबर आने लगे है। शनिवार को समाजवादी पार्टी की विधायक मंडल की बैठक हुई। इसमें सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव को सपा विधायक दल का नेता और विपक्ष का नेता चुना गया है। हालांकि बैठक में शिवपाल यादव को नहीं बुलाया गया।
विधायक शिवपाल यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की विधायक मंडल की बैठक की सूचना सभी विधायकों के पास है। मेरे पास कोई सूचना नहीं है। इसलिए मैं भी बैठक में नहीं गया। मैं दो दिनों से इस बैठक के लिए रुका था। उसके बाद भी मुझे कोई सूचना नहीं मिली।

यूपी के 15 करोड़ लोगों को 3 महीने का राशन मुफ्त

यूपी के 15 करोड़ लोगों को 3 महीने का राशन मुफ्त   

संदीप मिश्र         
लखनऊ। उत्तर प्रदेश योगी आदित्‍यनाथ ने उत्तर-प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को तोहफा दिया है। उन्‍हें 3 महीने का राशन मुफ्त मिलेगा। यह निर्णय शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया।
लखनऊ के लोक भवन में कैबिनेट की पहली बैठक हुई। इसके बाद योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि कि आज मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि अगले 3 महीने के लिए मुफ्त राशन योजना को फिर से हम लागू करेंगे। इससे राज्य के 15 करोड़ लोगों को फायदा होगा।
जानकारी हो कि कोविड महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की थी। इसकी मियाद नवंबर, 21 में खत्म हो रही थी। इसके बाद सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने सरकार की तरफ से होली तक मुफ्त राशन देने की घोषणा की थी। घोषणा के बाद यूपी के पात्र कार्डधारकों को हर महीने 10 किलो राशन मुफ्त दिया जा रहा था।
इसके बाद केंद्र ने भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को मार्च 2022 तक बढ़ा दिया था। इसके कारण यूपी सरकार राशन कार्ड धारकों को महीने में दो बार गेहूं और चावल मुफ्त मिल रहा था। उत्तर प्रदेश में राशन दुकानों से दाल, खाद्य तेल और नमक भी मुफ्त दिया जा रहा था।

गाना 'पहला-पहला प्यार है' पर सिद्धार्थ-माधुरी का डांस

गाना 'पहला-पहला प्यार है' पर सिद्धार्थ-माधुरी का डांस  

कविता गर्ग                

मुंबई  बॉलीवुड की धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित ने अपनी सुपरहिट फिल्म 'हम आपके हैं कौन' के गाना 'पहला-पहला प्यार है' पर सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ डांस किया है।

 माधुरी दीक्षित अभिनेत्री होने के साथ-साथ बहुत ही खूबसूरत डांसर भी हैं। माधुरी दीक्षित ने अपने इंस्टाग्राम पर डांस करते हुए एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में माधुरी दीक्षित के साथ सिद्धार्थ मल्होत्रा नजर आ रहे हैं। दोनों इस वीडियो में फिल्म 'हम आपके हैं कौन' के गाने पहला-पहला प्यार है' पर डांस करते हुए नजर आ रहे हैं। यह डांस बेहद रोमांटिक हैं। दोनों का यह रोमांटिक डांस फैन्स को खूब पसंद आ रहा है।

टिकैत ने अपनी मांगों से 'राष्ट्रपति' को अवगत कराया

टिकैत ने अपनी मांगों से 'राष्ट्रपति' को अवगत कराया 

अकांशु उपाध्याय            
नई दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार के सामने एक बार फिर से अपनी मांगों को रखते हुए चेतावनी दी है कि अगर जरूरत पड़ती है तो वह दोबारा से किसान आंदोलन के लिए तैयार हैं।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपनी मांगों से महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अवगत कराते हुए उन्हें पूरा करने की मांग उठाई है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मोहाली में तकरीबन 50 फार्म यूनियन तथा अन्य सामाजिक संगठनों को संबोधित करते हुए कहा है कि किसानों का संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है। अगर केंद्र सरकार को ऐसा लग रहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा आपस में बंट गया है तो यह केंद्र सरकार की गलतफहमी है। उन्होंने संकेत दिए हैं कि यदि केंद्र सरकार की ओर से किसानों से संबंधित उनकी मांगों की तरफ ध्यान नही दिया जाता है तो वह दोबारा किसान आंदोलन के लिए तैयार हैं।
बैठक के दौरान किसानों ने बीबीएमबी में पंजाब और हरियाणा के सदस्यों के स्थाई प्रतिनिधित्व को खत्म करने का फैसला वापस लिए जाने की मांग की है। इसके अलावा पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम की किताबों में सिख इतिहास को तोड़ने मरोडने वालों के खिलाफ कार्यवाही तथा लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ कार्यवाही और उनके बेटे आशीष मिश्रा एवं उनके सहयोगियों को सजा देने की मांग की है।

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिला अधिकारी उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक ...