रविवार, 20 मार्च 2022

अभिनेत्री माधुरी ने गाना 'सुन बेलिया' पर डांस किया

अभिनेत्री माधुरी ने गाना 'सुन बेलिया' पर डांस किया   

कविता गर्ग    
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री माधुरी दीक्षित ने जैकी श्राफ के साथ अपनी फिल्म 100 डेज के सुपरहिट गाने 'सुन बेलिया' पर डांस किया है। माधुरी दीक्षित और जैकी श्रॉफ 90 के दशक के पॉपुलर जोड़ियों में से एक थे। माधुरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह जैकी के साथ 'सुन बेलिया' गाना पर डांस करती नजर आ रही है।
माधुरी दीक्षित ने जैकी श्रॉफ के साथ डांस करते हुए अपना एक वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया हैं। वीडियो में माधुरी अपनी फिल्म 100 डेज के सुपरहिट गाने 'सुन बेलिया' पर जैकी के साथ जबरदस्त डांस करती नजर आ रही है। इस वीडियो को शेयर कर माधुरी दीक्षित ने कैप्शन में लिखा, 'जैकी श्रॉफ के साथ 100 डेज के इस रोमांचक गाने के साथ रील बनाने में बहुत मज़ा आया।

महत्वपूर्ण मुद्दों पर मेल-मिलाप, तैयार हुए रूस-यूक्रेन

महत्वपूर्ण मुद्दों पर मेल-मिलाप, तैयार हुए रूस-यूक्रेन     

सुनील श्रीवास्तव       

अंकारा/मास्को/कीव तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने रविवार को कहा कि रूस और यूक्रेन, विकट समेत सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर मेल-मिलाप के लिए तैयार हो गये हैं।तुर्की समाचार-पत्र ने कावुसोग्लू ने हवाले से कहा “ हमने देखा कि दोनों ही देश पहले चार बिंदुओं पर तो एकमत हो गये लेकिन कुछ मुद्दों को नेताओं के स्तर से ही सुलझाये जाने की जरूरत है। ” साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि तुर्की इस बात के लिए भी तैयार है कि रूस ,तुर्की और यूक्रेन के नेताओं के बीच समस्या के समाधान के लिए एक त्रिपक्षीय वार्ता की जाए।

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 1,761 नए मामलें

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 1,761 नए मामलें   

अकांशु उपाध्याय         
नई दिल्ली। देश में महामारी के नए मामलों में रविवार को भी गिरावट दर्ज की गई है। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 1,761 नए मामलें सामने आए हैं और 127 लोगों की मौत हो गई। देश में अबतक कोरोना के 4 करोड़ 30 लाख 7 हजार 841 मामले सामने आ चुके हैं। जानिए देश में कोरोना की ताजा स्थिति क्या है ?
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, कल देश में 3 हजार 196 लोग ठीक हुए, जिसके बाद अब एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 26 हजार 240 हो गई है। वहीं, इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 5 लाख 16 हजार 479 हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक 4 करोड़ 24 लाख 65 हजार 122 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मुहिम के तहत अभी तक कोरोना वायरस रोधी टीकों  की 181 करोड़ से ज्यादा खुराक दी जा चुकी हैं। कल 15 लाख 34 हजार 444 डोज़ दी गईं, जिसके बाद अबतक वैक्सीन की 181 करोड़ 27 लाख 11 हजार 675 डोज़ दी जा चुकी हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, स्वास्थ्यकर्मियों, कोरोना योद्धाओं और 60 साल से ज्यादा आयु वाले अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों को 2 करोड़ से ज्यादा (2,17,33,502) एहतियाती टीके लगाए गए हैं। देश में कोविड रोधी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी, 2021 से शुरू हुआ और पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया। वहीं, कोरोना योद्धाओं के लिए टीकाकरण अभियान दो फरवरी से शुरू हुआ था।

नगर निगम के सुपरवाइजर की गोली मारकर हत्या

नगर निगम के सुपरवाइजर की गोली मारकर हत्या  

हरिओम उपाध्याय                    
लखनऊ। यूपी के कैसरबाग इलाके में डीजे पर डांस करने के विवाद में नगर निगम के सुपरवाइजर पप्पू सोनकर की विरोधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वहीं, हत्या को अंजाम देने के बाद आरोपी वहां से फरार हो गए और अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। वहीं इस घटना के विरोध में परिजनों और दोस्तों ने जमकर हंगामा किया। वहीं मौके पर पहुंचे आला अफसरों ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। वहीं मृतक की पत्नी ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है।
जानकारी के मुताबिक इस मामले में मृतक पप्पू सोनकर की पत्नी ने रल्ली सोनकर पर गोली मारने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। फिलहाल हमलावरों की तलाश में पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी की लेकिन वे नहीं मिले। पुलिस इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी के साथ ही उसके तीन साथियों की भी तलाश कर रही है। 
जानकारी के मुताबिक, घसियारी मंडी में रहने वाले पप्पू सोनकर गुरुवार देर रात होलिका दहन पर आयोजित कार्यक्रम में अपने साथियों के साथ गए थे और वहां पर डीजे लगाया गया था। वहां पर पप्पू अपने साथियों के साथ डांस कर रहा था। लेकिन मोहल्ले का रहने वाला रल्ली सोनकर डीजे बजाने का विरोध कर रहा था और उसने पप्पू सोनकर से डांस करने से भी मना कर दिया और इस पर दोनों के बीच बहस शुरू हो गई।
अब एनसीआर में फुल क्रीम दूध की कीमत 59 रुपये प्रति लीटर है। जो पहले 57 रुपये प्रति लीटर था। वहीं टोन्ड दूध 49 रुपये प्रति लीटर, डबल टोन्ड दूध 43 रुपये प्रति लीटर, गाय का दूध 51 रुपये प्रति लीटर हो गया है। टोकन वाला दूध 44 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 46 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

एमपी: पानी के लिए 300 रुपये खर्च कर रहें लोग

एमपी: पानी के लिए 300 रुपये खर्च कर रहें लोग     

मनोज सिंह ठाकुर     
भोपाल। एक तरफ जहां बढ़ती गर्मी से लोग त्रस्त हो रहे हैं। वहीं, इसकी वजह से हो रहे पानी की किल्लत ने भी अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। इस बार वक्त से पहले गर्मी ने आफत बढ़ा दी है। लोगों को पानी के लिए 2 से 3 दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है और अगर पानी नहीं मिलता तो पानी के लिए 300 रुपये खर्च करने पड़ते हैं।
सालों से चली आ रही इस समस्या से निपटने के लिये सन 2010 में सिंध नदी से पानी लाने की एक योजना लायी गयी। योजना का नाम था जलावर्धन योजना। इसकी लागत 55 करोड़ रूपयों थी, जो 12 साल में बढ़कर 120 करोड़ हो गयी है, लेकिन पानी की समस्या जस की तस बनी रही।
यही हाल जोधपुर का भी है। इस जिले में कई जगह पानी की किल्लत है। सार्वजनिक नलों में कभी 2 दिन बाद तो कभी 7 दिन बाद पानी आता है। ऐसे में पानी की किल्लत के चलते लड़ाई झगड़े भी बढ़ रहे है।
शिवपुरी के अलावा मध्य प्रदेश में डिंडौरी जिले के कई गांवों में भी भीषण जलसंकट के हालात बने हुए हैं। ताजा मामला शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के डोमदादर गांव का है जहां पानी के लिए ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर हैं।‌रात होते ही ग्रामीण कुएं के पास कतार लगाकर खड़े हो जाते हैं और अपनी बारी का इंतज़ार करते हैं।
शाम से रात के बीच जो थोड़ा सा पानी कुएं में जमा होता है उसको भरने ग्रामीणों के बीच होड़ मची रहती है। रात में जो कुएं के पास पहले पहुंच जाता है उसे तो पानी नसीब हो जाता है और बाद में पहुंचने वाले ग्रामीणों को गंदा व मटमैला पानी से अपनी प्यास बुझानी पड़ती है। गांव के स्कूल में एक हैंडपंप है जिसमें सिर्फ दो तीन बाल्टी पानी ही निकलता है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने ग्राम पंचायत से लेकर कलेक्टर तक व संत्री से लेकर मंत्री तक पानी की समस्या को लेकर कई बार शिकायत की है। लेकिन अबतक किसी भी ने उनकी सुध नहीं ली है।

पीएचडी प्रोग्राम, एडमिशन संबंधी नियमों में संशोधन

पीएचडी प्रोग्राम, एडमिशन संबंधी नियमों में संशोधन  

अकांशु उपाध्याय         
नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन संबंधी नियमों में संशोधन कर दिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मौजूदा राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) के माध्यम से नामांकन की योग्यता हासिल करने के अलावा एक नई प्रवेश परीक्षा के जरिये भी पीएचडी में एडमिशन लिया जा सकेगा। अधिकारियों का कहना है कि इसका उद्देश्य देशभर में पीएचडी कार्यक्रमों को ‘फिर से बढ़ावा’ देना है।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की तरफ से आयोजित की जाने वाली नेट/जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) परीक्षा के माध्यम से ही भारतीय यूनिवर्सिटी में पीएचडी में नामांकन के लिए छात्रों की योग्यता निर्धारित होती है। लेकिन अब, पीएचडी प्रोग्राम के लिए शैक्षणिक वर्ष की 60 प्रतिशत सीटें नेट/जेआरएफ के जरिये योग्यता हासिल करने वाले छात्रों से भरी जाएंगी। शेष 40 फीसदी सीटें यूनिवर्सिटी/कॉमन एडमिशन टेस्ट के माध्यम से भरी जाएंगी।यूजीसी अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने संशोधित नियमों के मसौदे—’यूजीसी (पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रिया) विनियम, 2022’—को 10 मार्च को आयोजित आयोग की एक बैठक में मंजूरी दे दी गई थी। उन्होंने कहा नियमों को जल्द ही यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा और सार्वजनिक कर दिया जाएगा। पब्लिक फीडबैक के आधार पर आयोग नियमों को अंतिम रूप देगा और इसे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को मंजूरी के लिए भेजेगा।
नेट/जेआरएफ के माध्यम से योग्यता हासिल करने वालों के लिए चयन इंटरव्यू/वाइवा-वोचे पर आधारित होगा। वहीं, प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों के लिए चयन का मूल्यांकन 70 (लिखित परीक्षा) और 30 (इंटरव्यू) के अनुपात में होगा। पॉलिसी डॉक्यूमेंट में कहा गया है।दोनों के लिए मेरिट सूची अलग से प्रकाशित की जाएगी। किसी भी श्रेणी में खाली सीटों के मामले में दूसरी श्रेणी के उम्मीदवारों को रिक्त जगह भरने की अनुमति दी जा सकती है।
दस्तावेज में बताया गया है कि प्रवेश परीक्षा के पाठ्यक्रम में ऐसे प्रश्न शामिल होंगे जो उम्मीदवार की रिसर्च/विश्लेषण/समझ/मात्रात्मक योग्यता के टेस्ट लेते हों। यह परीक्षा अलग-अलग यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की तरफ से संचालित की जाएगी जिन्हें ऐसा करने की अनुमति दी गई होगी।संबंधित यूनिवर्सिटी पात्रता शर्तों के साथ अपनी प्रवेश प्रक्रिया तैयार करेगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इस श्रेणी के तहत अधिकांश सीटें भरी जा सकें। दस्तावेज में बताया गया है, ‘विभिन्न यूनिवर्सिटी की तरफ से आयोजित प्रवेश परीक्षा में क्लावीफाई करने के लिए न्यूनतम 50 फीसदी अंक की जरूरत होगी। वहीं एससी/एसटी/ओबीसी (गैर-क्रीमी लेयर्स)/दिव्यांग कैटेगरी से संबंधित उम्मीदवारों को 5 प्रतिशत अंकों (50 प्रतिशत की जगह 45 प्रतिशत) की छूट दी जाएगी।
दस्तावेज़ यह भी कहता है कि ‘रिसर्च का क्षेत्र चुनने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।’पॉलिसी डॉक्यूमेंट के मुताबिक, ‘सामाजिक स्तर पर प्रासंगिक/स्थानीय रूप से आवश्यकता-आधारित/राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण/विश्व स्तर पर अहम/सामाजिक मूल्यों को बढ़ाने वाली या अत्याधुनिक क्षेत्रों या दुनियाभर में उभरती चिंताओं को लेकर में नए/अतिरिक्त ज्ञान में बढ़ाने वाली रिसर्च को प्रोत्साहित किया जाएगा। 
संशोधित पॉलिसी डॉक्यूमेंट में सुपरवाइजर के दायित्वों पर भी एक नया सेक्शन है। नियमों में कहा गया है कि सुपरवाइजर को इस पर पीएचडी उम्मीदवारों का मार्गदर्शन करना चाहिए कि क्या पीएचडी प्रोजेक्ट आवंटित समय में पूरा हो सकता है, उन्हें इसकी संभावनाएं तलाशनी चाहिए कि प्रोजेक्ट ऐसे उच्च स्तर के नतीजे दे कि वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी पीएचडी थीसिस के लिए आधार बन सके, और क्या पीएचडी छात्र को सही मायने में पीएचडी थीसिस समय पर जमा करने का मौका मिल रहा है।
दस्तावेज में कहा गया है, ‘एक अच्छे पीएचडी प्रोग्राम के लिए जरूरी है कि पीएचडी की शुरुआत के समय से ही छात्र और सुपरवाइजर के बीच एक अच्छे रिश्ते हों, जिसमें पीएचडी छात्र और पर्यवेक्षक एक-दूसरे की जरूरतों और आकांक्षाओं पर खरे उतर सकें।
इसमें यह भी कहा गया है कि पीएचडी छात्र के साथ नियमित संपर्क में रहना सुपरवाइजर की भी जिम्मेदारी है, जो कि रिसर्च प्रोजेक्ट में एक साउंडिंग बोर्ड की तरह काम करता है। उन्हें छात्रों को उपयोगी कोर्स और सम्मेलनों के बारे में सलाह देनी चाहिए, साथ ही उपयुक्त राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिसर्च सेंटर्स के साथ संपर्क स्थापित करने में छात्रों की सहायता करना भी उनकी जिम्मेदारी है।

दोनों डोज के बीच गैप को कम करने की सिफारिश

दोनों डोज के बीच गैप को कम करने की सिफारिश   

अकांशु उपाध्याय          

नई दिल्ली। टीकाकरण पर भारत के टॉप ग्रुप एनटीएजीआई ने कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज के बीच के गैप को कम करने की सिफारिश की है।कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज के बीच गैप इस वक्त 12-16 सप्ताह है। जिसे अब घटाकर 8-16 करने की सिफारिश की गई है। वैक्सीनेशन पर एनटीएजीआई ने अभी तक भारत बायोटेक की कोवैक्सिन की डोज के बीच बदलाव को लेकर कोई सुझाव नहीं दिया है। इसके तरह वैक्सीन की दूसरी डोज पहली डोज के 28 दिन के बाद दी जाती है। राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत कोविशील्ड की सिफारिश को अभी लागू किया जाना बाकी है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक "एनटीएजीआई की नवीनतम सिफारिश प्रोग्रामेटिक डेटा से प्राप्त हालिया वैश्विक साइंटिफिक सबूतों पर आधारित है। इसके मुताबिक जब कोविशील्ड की दूसरी डोज आठ सप्ताह बाद दी जाती है तो शख्स में एंटीबॉडी प्रतिक्रिया करीब 12 से 16 सप्ताह के अंतराल पर प्रशासित होने के बराबर ही होती है।

सूत्र ने कहा कि इस निर्णय से कई देशों में बढ़ते मामलों के बीच बचे हुए व्यक्तियों को कोविशील्ड की दूसरी डोज जल्द देने में मदद मिलेगी। सरकार ने 13 मई, 2021 को एनटीएजीआई की सिफारिशों के आधार पर कोविशील्ड वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के बीच के अंतर को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह कर दिया था। एनटीएजीआई देश में वैक्सीन-रोकथाम योग्य बीमारियों के प्रभावी नियंत्रण के लिए टीकाकरण सेवाओं पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को मार्गदर्शन और सलाह प्रदान करता है।

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...