बुधवार, 9 मार्च 2022

'राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम' स्थापित, मंजूरी दी

'राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम' स्थापित, मंजूरी दी    

अकांशु उपाध्याय        

नई दिल्ली। सार्वजनिक उपक्रमों और अन्य सरकारी एजेंसियों की अतिशेष भूमि और भवन संपदा के मुद्रीकरण के लिए सरकार ने बुधवार को एक विशेष इकाई राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम को स्थापित करने की मंजूरी दे दी है। जिसकी प्रारंभिक अधिकृत शेयर पूंजी 5000 करोड़ रुपये और चुकता शेयर पूंजी 150 करोड़ रुपये होगी। सार्वजनिक उपक्रमों का अभी रणनीतिक विनिवेश हो रहा या बंद किया जा रहा है, ऐसी स्थिति में इन अतिशेष भूमि और गैर कोर संपदा का मुद्रीकरण कर उसके मूल्य को भुनाना महत्वपूर्ण है। यह कंपनी इन संपदाओं का मुद्रीकरण करेगी। 

इससे निजी निवेश बढ़ेगा, नयी आर्थिक गतिविधियां शुरू होगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। इससे वित्तीय संसाधन आयेंगे और सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होगा।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। वर्ष 2021-22 के बजट में इसका प्रस्ताव किया गया था। गैर कोर संपदा की मुद्रीकरण से सरकार बगैर उपयोग वाली और कम उपयोग हो रही संपदा के मुद्रीकरण से अच्छा राजस्व अर्जित करने में सक्षम होगी।वित्त मंत्रालय के लोक उपक्रम विभाग इस कंपनी को शुरू करेगा और इसके प्रशासनिक मंत्रालय के तौर पर काम करेगा। अभी सार्वजनिक उपक्रमों के पास अतिशेष, बगैर उपयोगी की और कम उपयोग हाे रही गैर कोर संपदा का भंडार है।

निवेशकों के रुख से घरेलू शेयर बाजारों में तेजी दर्ज

निवेशकों के रुख से घरेलू शेयर बाजारों में तेजी दर्ज      

कविता गर्ग        

मुंबई। यूक्रेन संकट दूर करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों से उम्मीद लगाए बैठे निवेशकों के अनुकूल रुख से घरेलू शेयर बाजारों में बुधवार को तेजी देखी गई। इस दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी में हुई लिवाली से सेंसेक्स और निफ्टी दो प्रतिशत से अधिक चढ़ गए। तीस शेयरों वाले सूचकांक की शुरुआत सकारात्मक हुई और निवेशकों के समर्थन से एक समय यह 1,469.64 अंक तक की बढ़त लेने में सफल रहा। हालांकि, बाद में थोड़ा मुनाफा वसूली होने से इसमें कुछ कमी आई।

कारोबार के अंत में यह 1,223.24 अंक यानी 2.29 प्रतिशत की तेजी के साथ 54,647.33 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 331.90 अंक यानी 2.07 प्रतिशत तक की देखी दर्ज की गई और कारोबार के अंत में यह 16,345.35 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से एशियन पेंट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, बजाज फिनसर्व, मारुति सुजुकी, एचडीएफसी बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट फायदे में रहीं।

महाराष्ट्र के मंत्री नवाब को इस्तीफा दे देना चाहिए

महाराष्ट्र के मंत्री नवाब को इस्तीफा दे देना चाहिए     

कविता गर्ग        

मुंबई। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बुधवार को कहा कि धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी के मद्देनजर महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को इस्तीफा दे देना चाहिए। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के प्रमुख ने पत्रकारों से कहा कि एक मंत्री को बर्खास्त करने की जरूरत है। लेकिन उन्हें पद से नहीं हटाया जा रहा है और ऐसा करके महाराष्ट्र की परंपरा को कलंकित किया जा रहा है।

अठावले ने कहा कि, जब वह (मलिक) जेल में हों, तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए और अदालत के सामने जो भी सबूत हैं उन्हें पेश करना चाहिए। महा विकास आघाड़ी (एमवीए) का यह रूख कि मलिक इस्तीफा नहीं देंगे, बहुत गलत है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार सब कुछ जानते हैं और उन्हें मलिक का इस्तीफा मांगना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी मलिक को महाराष्ट्र कैबिनेट से हटाने संबंधी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मांग का पूरा समर्थन करती है।

'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के नाम 1 और उपलब्धि

'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के नाम 1 और उपलब्धि  

कविता गर्ग     
मुंबई। टीवी का सबसे पॉपुलर कॉमेडी और पारिवारिक शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' पिछले 13 सालों से भी ज्यादा समय से दर्शकों की सभी टेंशन को दूर कर उन्हें केवल हंसा रहा है और जल्द ही ये अपने 14 साल पूरे कर लेगा। वहीं अब शो के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। जिससे मेकर्स और शो के कलाकार फूले नहीं समा रहे। तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो ने अपने 3400 एपिसोड पूरे कर लिए हैं। यानि शो ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। ये चाहने वालों का प्यार ही है जो लगातार इस शो को मिलता जा रहा है और यही कारण है कि पिछले 13 सालों से ये न केवल चल रहा है बल्कि टीआरपी में भी बना है। इसके किरदार और कलाकार घर घर में फेमस हो चुके हैं। और इन किरदारों ने बना ली है लोगों के दिलों में खास जगह।
पिछले 13 सालों में शो को कई कलाकार अलविदा कह चुके हैं। कुछ का निधन हो गया तो कुछ ने किन्ही और कारणों से शो को छोड़ने का फैसला किया। नेहा मेहता (अंजलि भाभी), भव्य गांधी (टप्पू), झील मेहता (सोनू), गुरचरण सिंह (सोढी), निधि भानुशाली (सोनू), मोनिका भदौरिया (बावरी) इस शो को छोड़ चुकी हैं तो वहीं डॉ. हाथी का किरदार निभाने वाले कवी कुमार आजाद और नट्टू काका यानि घनश्याम नायक का निधन हो चुका है।
4 साल से दयाबेन की वापसी का भी है इंतजार
पिछले 4 सालों से दयाबेन भी शो में नजर नहीं आ रही हैं| वो बेटी के पैदा होने से पहले ही लीव ले चुकी थीं लेकिन आज तक वो शो में वापस नहीं आई हैं| उनकी वापसी का इंतजार आज भी फैंस बेसब्री से कर रहे हैं।

एक्ट्रेस उर्फी ने अपना सेंसेशनल वीडियो शेयर किया

एक्ट्रेस उर्फी ने अपना सेंसेशनल वीडियो शेयर किया    

कविता गर्ग       
मुंंबई। बॉलीवुड बेबाक अंदाज और बोल्ड लुक्स से कहर बरपाने वाली उर्फी जावेद एक बार फिर अपने किलर एटीट्यूड से जलवे बिखेर रही हैं। फैंस उर्फी के नए लुक का इंतजार ही कर रहे थे और एक्ट्रेस ने अपना सेंसेशनल वीडियो शेयर करके उन्हें खुश कर दिया है। खास बात यह है कि नए वीडियो में उर्फी के लुक्स के साथ उनके सॉन्ग सेलेक्शन की भी खूब चर्चा हो रही है।उर्फी ने अपनी अदाओं से बिखेरा जलवा
फैशन डीवा उर्फी जावेद अपने नए वीडियो में बिना कुछ कहे और बिना कुछ डांस स्टेप्स किए ही अपनी अदाओं से जलवे बिखेर रही हैं। उर्फी ने अपना नया वीडियो ;अवारा हूं। ' गाने पर बनाया है। इस गाने पर उर्फी इस तरह से एक्सप्रेशंस दे रही हैं, जैसे वो किसी से कुछ कहना चाहती हैं और साथ ही नाराजगी भी जाहिर कर रही हैं। अब उर्फी इस वीडियो के जरिए किसे क्या मैसेज देना चाहती हैं ये तो वही बेहतर बता सकती हैं। लेकिन एक्ट्रेस का अंदाज देखकर हम तो यही कहेंगे कि उर्फी आप सच में छा गईं।
उर्फी ने इस बार अपने लुक के साथ ज्यादा एक्सपेरिमेंट तो नहीं किया है, लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी बोल्डनेस का जलवा बखूबी बिखेरा है।  वीडियो में उर्फी ब्रा स्टाइल ब्लैक कलर की रिवीलिंग क्रॉप टॉप में नजर आ रही हैं, जिसे उन्होंने ब्लैक शॉर्ट्स के साथ टीम अप किया है। एक्ट्रेस ने ब्लैक रिवीलिंग आउटफिट के साथ न्यूड मेकअप किया है। हाफ टाई ओपन हेयर लुक में उर्फी की खूबसूरती की जितनी तारीफ करें वो कम ही लगेगी।
फैंस उर्फी के इस वीडियो पर उनके लुक्स के साथ उनके सॉन्ग सेलेक्शन की भी खूब तारीफें कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- क्या सॉन्ग सेलेक्शन है यार। वहीं, उर्फी के लुक्स की भी फैंस तारीफें कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- गॉर्जियस, एक दूसरे यूजर ने लिखा-उफ्फ बेबी, वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा- हाय...। ब्लैक में तो और भी जहर लग रही हो।
वीडियो देखकर हम तो बस यही कहेंगे कि उर्फी जावेद आप जो भी करती है हमेशा छा जाती है।

ब्रिटेन की एक जेल में दिखा 'अदृश्य' शरीर का चेहरा

ब्रिटेन की एक जेल में दिखा 'अदृश्य' शरीर का चेहरा    

अखिलेश पांडेय      

रॉथरहैम। ब्रिटेन के रॉथरहैम स्थित एक जेल में भूतों को पकड़ने वाले और पति-पत्नी लिंजी और ली स्टीयर घूमने गए। दोनों प्रोजेक्ट रिवील घोस्ट ऑफ ब्रिटेन नाम की संस्था चलाती है। जो भूतों को लेकर जागरुकता फैलाते हैं। उन्होंने जेल के अंदर एक तस्वीर ली, जिसमें फोटो लेते समय कुछ नहीं दिख रहा था। लेकिन बाद में फोटो में एक चेहरा दिखाई दे रहा था।

ब्रिटिश अखबार द मिरर में छपी खबर के मुताबिक लिंजी और ली स्टीयर ने बताया कि दशकों से वो लोग भूतों के पीछे भाग रहे हैं, लेकिन आजतक ऐसी तस्वीर नहीं मिली। दोनों के पास 20 साल का एक्सपीरियंस है घोस्ट हंटिंग का। ये दोनों परालौकिक गतिविधियों को देखने, उनका अनुभव करने और उनकी रिकॉर्डिंग करने उन स्थानों पर जाते हैं, जहां आमतौर पर इंसान डर के मारे नहीं जाते।
प्रोजेक्ट रिवील घोस्ट ऑफ ब्रिटेन अपने हर भूतिया मिशन की डिटेल अपनी संस्था के फेसबुक पेज पर डालते हैं। कई बार लाइव शेयर करते हैं। लिंजी ने कहा कि मैं तो नई तस्वीर देखकर हैरान रह गई। यह बेहद स्पष्ट और अलग है। हमलोग प्राचीन स्कॉटिश इन्वेरेरी जेल घोस्ट हंटिंग के लिए गए थे। वहीं पर यह तस्वीर कैमरे में कैद हुई।
लिंजी ने बताया कि हमलोग अक्सर भूतों को देखने जाते हैं। कई बार आमना-सामना होता है, कई बार कुछ पता ही नहीं चलता। इन्वेरेरी जेल से लौटने के बाद जब हमने वहां की तस्वीरें देखनी शुरू की तो हैरान रह गए। जेल और कोर्टरूम की तस्वीरों में हमें कुछ विचित्र आकृतियां देखने को मिलीं। यहां पर एक मोम की मूर्ति के पीछे एक आकृति दिखाई दे रही है।
लिंजी ने बताया कि ली स्टीयर उस समय कैमरे और यंत्र तैनात कर रहे थे। लिंजी वीडियो बना रही थीं। और फोटो ले रही थीं। लेकिन लिंजी जब फोटो या वीडियो बना रही थीं, तब एक भी आकृति उन्हें नहीं दिख रही थी। लेकिन जब बाद में उन्होंने फोटो को अपनी संस्था के फेसबुक प्रोफाइल पर डाला और उसे चेक किया तो उसमें चेहरे जैसी आकृतियां दिख रही हैं। लिंजी और ली स्टीयर ने तस्वीर देखने के बाद दोबारा उस जगह पर जाकर जांच की, लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला। न ही उस जगह कोई डमी रखी थी। न ही कोई पुरानी मूर्ति। लिंजी ने बताया कि वह इंसान तो कतई नहीं था। लेकिन उसका रंग देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह क्या था। वह काफी ज्यादा मात्रा में पारदर्शी था।
भूतों और आत्माओं पर अध्ययन करने के लिए 1882 में सोसाइटी फॉर फिजिकल रिसर्च बनाई गई थी। इस सोसाइटी की प्रेसीडेंट और इन्वेस्टिगेटर इलेनॉर सिडविक नाम की महिला थीं। इन्हें असली फीमेल घोस्टबस्टर कहा जाता था। अमेरिका में 1800 के अंत में भूतों पर काफी रिसर्च आर काम किया गया। लेकिन बाद में पता चला कि इसका मुख्य जांचकर्ता हैरी होडिनी एक फ्रॉड है। वैज्ञानिक तौर पर भूतों पर रिसर्च इसलिए मुश्किल हो जाता है क्योंकि हैरतअंगेज तरीके से इन्हें लेकर अजीब-गरीब और अप्रत्याशित घटनाएं होती हैं। जैसे- दरवाजों का खुद खुलना या बंद होना, चाभी का गायब हो जाना, किसी मृत रिश्तेदार का दिखना। सड़क पर परछाइयों का घूमना। आदि। सोशियोलॉजिस्ट डेनिस एंड मिशेल वासकुल ने साल 2016 में एक किताब लिखी. किताब का नाम था। इसमें कई लोगों के द्वारा भूतों के अनुभव पर कहानियां थीं।
इस किताब में यह बात सामने आई कि बहुत से लोग इस बात को लेकर पुख्ता नहीं थे कि उन्होंने सच में भूत ही देखा है। यह पैरानॉर्मल यानी परालौकिक प्रक्रिया हुई भी है या नहीं। क्योंकि जिस तरह की चीजें उन्होंने देखी वो परंपरागत भूत की इमेज से मिलती नहीं है। ज्यादातर लोगों ने कहा कि उन्होंने ऐसी चीजें और घटनाएं महसूस की हैं, जिन्हें परिभाषित करना मुश्किल हैं। ये रहस्यमयी हैं। डरावनी या शॉक देने वाली हैं। लेकिन इनमें भूतों की इमेज नहीं दिखी।
लोग अपने हिसाब से भूतों को नाम देते हैं, जैसे- पोल्टरजिस्ट्स  डरने वाला भूत, रेसीड्यूल हॉटिंग्स अवशिष्ट भूतिया, इंटेलिजेंट स्पिरिट्स बुद्धिमान आत्माएं और शैडो पीपुल यानी परछाइयों की तरह दिखने वाले लोग। इन नामों से ऐसा लगता है कि इंसानों ने भूतों की कई प्रजातियां बना दी हैं। जिनकी कोई तय संख्या नहीं है। ये अलग-अलग इंसान के हिसाब से बनती-बिगड़ती रहती हैं।
विज्ञान की भाषा में जब भूतों के बारे में सोचा जाता है तो सबसे पहले ये बात सामने आती है कि क्या ये वस्तु हैं या नहीं। यानी क्या ये ठोस पदार्थ के बीच में से निकल सकते हैं, बिना उन्हें बिगाड़े। या वो दरवाजों को खुद खोल या बंद कर सकते हैं। या एक कमरे से कोई चीज दूसरी जगह पर फेंक सकते हैं। इन चीजों को लेकर कई विवाद हैं। अगर तार्किक तौर पर फिजिक्स के फॉर्मूले से देखें तो सवाल उठता है कि अगर भूत इंसानी आत्माएं हैं तो वो कपड़ों में क्यों दिखती हैं। उनके हाथों में डंडे, टोपी और कपड़े क्यों रहते हैं।
जिन लोगों की हत्या हो जाती है, कई बार उनकी आत्माएं बदला लेने के लिए किसी को माध्यम बनाकर मामले की जांच करवाती हैं। हत्यारे की पहचान करवाती हैं। लेकिन ये सच है या नहीं। इसपर सवाल बने हुए हैं। क्योंकि भूतों को लेकर कोई तार्किक वजह नहीं है. भूतों को पकड़ने या मारने वाले यानी घोस्ट हंटर्स अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। ताकि भूतों, आत्माओं की मौजूदगी का पता कर सके। ज्यादातर तरीके वैज्ञानिक होते हैं। भूतों को देखने और उनकी मौजूदगी जांचने के लिए अत्याधुनिक मशीनों का सहारा लिया जाता है।
इन मशीनों में सबसे ज्यादा प्रचलित हैं गीगर काउंटर्स, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड डिटेक्टर्स, आयन डिटेक्टर्स, इंफ्रारेड कैमरा और सेंसिटिव माइक्रोफोन्स। लेकिन आजतक इनमें से किसी भी यंत्र में भूतों को सही से पकड़ा या देखा नहीं है।  सदियों से ऐसा माना जा रहा है कि आग की लपट भूतों की मौजूदगी में नीली हो जाती है। लेकिन सच तो ये नहीं है। घर की एलपीजी गैस में ज्यादातर नीली रोशनी निकलती है तो क्या सिलेंडर से भूत निकलते हैं या आपके किचन में भूत रहते हैं।
वर्तमान में वैज्ञानिकों का मानना है कि फिलहाल ऐसी कोई तकनीक है ही नहीं जिससे भूतों की मौजूदगी या उनके आकार, व्यवहार का पता किया जा सके। लेकिन सवाल ये भी उठता है कि अक्सर लोगों के फोटोग्राफ्स या वीडियो में पीछे से भागते, मुस्कुराते, झांकते, डरते भूत दिख जाते हैं। इनकी रिकॉर्डिंग्स हैं लोगों के पास और वैज्ञानिकों के पास भी। इनकी आवाजों की रिकॉर्डिंग्स भी लोगों के पास हैं। अगर भूत होते हैं तो वैज्ञानिकों को इनकी जांच करने के लिए पुख्ता सबूत की जरूरत है, जो फिलहाल नहीं है।

दिल्ली सरकार ने मंत्रालय में बड़ा फेरबदल किया

दिल्ली सरकार ने मंत्रालय में बड़ा फेरबदल किया     

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने मंत्रालय में बड़ा फेरबदल किया है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को महिला एवं बाल विकास विभाग की भी ज़िम्मेदारी दी गई है। इससे पहले पहले मंत्री राजेंद्र पाल गौतम  महिला एवं बाल विकास मंत्रालय संभाल रहे थे। आपको बता दें कि इससे पहले 23 फ़रवरी को पीडब्ल्यूडी विभाग सत्येंद्र जैन से लेकर मनीष सिसोदिया को सौंप दिया गया था। वहीं, दिल्ली होई कोर्ट ने सोमवार को शहर के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की भारतीय जनता पार्टी के नेता विजेंदर गुप्ता को मुकदमे की सुनवाई के दौरान कोई भी आपत्तिजनक ट्वीट करने से रोकने के लिए दाखिल अंतरिम आवेदन को खारिज कर दिया। गुप्ता ने दिल्ली परिवहन निगम द्वारा 1,000 लो फ्लोर बसों की खरीद में कथित अनियमितताओं के बयान दिए थे। न्यायमूर्ति आशा मेनन ने अंतरिम आदेश पारित किया और मुकदमे पर सुनवाई के लिए 12 जुलाई की तारीख तय की।

अदालत ने कहा कि सरकारी लेन-देन व कार्यों को लेकर किसी भी व्यक्ति को अपने विचार प्रस्तुत करने से नहीं रोका जाना चाहिए, जब तक कि ये राष्ट्रीय हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले नहीं हों। न्यायमूर्ति आशा मेनन ने कहा कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि गहलोत और गुप्ता दोनों ही लोकप्रिय हस्ती हैं और दोनों ही विधानसभा के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में गुप्ता को रोके जाने का आदेश देना, उन्हें जनहित के मुद्दों को उठाने से रोकने के समान माना जाएगा। गहलोत ने अपनी लंबित दीवानी मानहानि के मुकदमे में अंतरिम आवेदन दाखिल किया था। उन्होंने मानहानि के मुकदमे में लो फ्लोर बसों की खरीद में अनियमितताओं से संबंधित कथित तौर पर सनसनीखेज बयान देने के लिए गुप्ता से पांच करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। मंत्री ने अपने खिलाफ सोशल मीडिया पर गुप्ता द्वारा दिए कथित मानहानिजनक बयान और साझा की गयी पोस्ट हटाने पर अंतरिम आदेश देने का अनुरोध किया था। खंडपीठ ने 28 अगस्त 2021 को एकल न्यायाधीश के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था जिसमें गहलोत के खिलाफ सोशल मीडिया पर गुप्ता के कथित मानहानिजनक बयानों और पोस्ट्स को हटाने पर अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया गया था। 

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...