बुधवार, 9 मार्च 2022

यूपी विधानसभा चुनाव में किसकी सरकार बनेगीं ?

यूपी विधानसभा चुनाव में किसकी सरकार बनेगीं ?    

संदीप मिश्र        

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा या समाजवादी पार्टी के बीच किसकी सरकार बनेगी। इसमें लगाए जा रहे अनुमान व आंकड़ों के बीच बदायूं के एक गांव से बड़ा ही दिलचस्प मामला सामने आया है। गांव के दो लोगों ने योगी सरकार या अखिलेश सरकार बनने को लेकर 4 बीघा खेती की जमीन पर दांव लगाया है। दोनों ने बकायदा लिखित शर्त पर हस्ताक्षर किए हैं जिस पर पूरे गांव को इस शर्त का गवाह बनाया गया है। यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिसके बाद यह सुर्खियों में छा गया है।

बताते चलें कि बदायूं के शेखूपुर विधानसभा क्षेत्र में बिरिया डांडी गांव है। इस गांव में रहने वाले 2 किसान विजय सिंह और शेर अली के बीच यूपी में 10 मार्च को बनने वाली सरकार को लेकर बहस शुरू हो गई। सपा और भाजपा मैं किसकी सरकार बनेगी इसको लेकर शुरू हुई इन दोनों के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि मामला पंचायत तक जा पहुंचा। विजय सिंह जहां योगी सरकार बनने का दावा कर रहे थे तो वहीँ शेर अली अखिलेश यादव के जीतने का दावा कर रहे हैं।

दोनों के बीच हुई बहस को शांत कराने के लिए पंचायत बुलाई गई। इस पंचायत में दोनों ने यह शर्त लगाई कि यदि भाजपा की सरकार बनी तो शेर अली शाह अपनी 4 बीघा जमीन विजय सिंह को 1 साल तक खेती के लिए दे देंगे, और यदि सपा की सरकार बनी तो विजय सिंह अपनी 4 बीघा जमीन खेती के लिए शेर अली को दे देंगे। दोनों पक्षों में कोई मुकर न जाए इसके लिए गांव के प्रमुख लोग गवाह बने हैं। इस शर्त को लिखित रूप में लिखा गया है जिसका पत्र अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जाहिर है कि इसका फैसला 10 मार्च को मतगणना के बाद ही होगा और यह भी साफ होगा कि विजय सिंह और शेर अली में से किसके पास खेती के लिए 4 बीघा जमीन आएगी।

चुनाव: 10 को मतगणना के साथ पूरा होगा इंतजार

चुनाव: 10 को मतगणना के साथ पूरा होगा इंतजार     

संदीप मिश्र     

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान सात चरण में 403 सीटों के लिये हुए मतदान का परिणाम उजागर होने का इंतजार 10 मार्च को मतगणना के साथ ही पूरा हो जायेगा। सात मार्च को सातवें और अंतिम चरण का मतदान होने के बाद चुनाव आयोग ने 10 मार्च को मतगणना की तैयारियां पूरी कर ली हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव के लिये मतदान की प्रक्रिया पूरी हाेने के बाद सभी राज्यों के चुनाव की मतगणना एक साथ 10 मार्च को सुबह आठ बजे से शुरु होगी। उत्तर प्रदेश में मतदान की प्रक्रिया सबसे लंबी चली। 

पांचों राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिये निर्वाचन आयोग ने आठ जनवरी को चुनाव कार्यक्रम जारी किया था। इसके तहत उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से 07 मार्च तक सात चरण में मतदान हुआ। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक पूरे प्रदेश में लगभग 60.16 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि 2017 में 61.11 प्रतिशत मतदान हुआ था। पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर 10 फरवरी को 62.43 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं, दूसरे चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ही नाै जिलों की 55 सीटों पर 14 फरवरी को हुए मतदान में 64.66 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसके बाद 20 फरवरी को तीसरे चरण में बुंदेलखंड और कानपुर संभाग के 16 जिलों की 59 सीटों पर 62.28 प्रतिशत, चौथे चरण में 23 फरवरी काे अवध और प्रयाग क्षेत्र के नौ जिलों की 59 सीटों पर 62.76 प्रतिशत, पांचवें चरण में 27 फरवरी को 12 जिलों की 61 सीटों पर 58.35 प्रतिशत, छठे चरण में 03 मार्च को पूर्वांचल के 10 जिलों की 57 सीटों पर 56.43 प्रतिशत और सातवें एवं अंतिम चरण में 07 मार्च को पूर्वांचल के ही वाराणसी सहित नौ जिलों की 54 सीटों पर 57.73 प्रतिशत मतदान हुआ। 

उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने मतगणना की तैयारियों के बारे में बताया कि राज्य के सभी जिलों में 10 मार्च को मतगणना के मद्देनजर मतगणना स्थलों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं। इसके लिये केंद्रीय पुलिस बल की 250 कंपनी और 61 कंपनी पीएसी की तैनात की गयी है। इनमें से सुरक्षा बलों की 36 कंपनी ईवीएम की सुरक्षा में तैनात रहेंगी और 214 कम्पनी मतगणना केन्द्रों पर कानून व्यवस्था की निगरानी में तैनात रहेंगी। इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मतगणना में धांधली की कोशिशों का आरोप लगाते हुए ईवीएम की रखवाली के लिए 81 जिला प्रभारी नियुक्त किये हैं। 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 39.67 प्रतिशत मत हासिल कर 312 सीटें जीत कर इतिहास बनाया था। वहीं, सपा को 47 सीटाें से संतोष करना पड़ा था और बहुजन समाज पार्टी को 19 एवं कांग्रेस को सिर्फ सात सीटें मिल सकी थी। इस चुनाव में जिन प्रमुख उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। उनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री तथा सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा योगी सरकार के तमाम मंत्री शामिल हैं। योगी गोरखपुर सदर सीट से और अखिलेश मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव मैदान में है। योगी को गोरखपुर सदर सीट पर सपा की सुभावती शुक्ला चुनौती दे रही हैं, जबकि करहल में केन्द्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल बतौर भाजपा उम्मीदवार अखिलेश के सामने चुनाव मैदान में हैं। अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही देवरिया की पथरदेवा सीट, परिवहन मंत्री अनिल राजभर शिवपुर सीट से और ऊर्जा राज्य मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल मड़िहान सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। इनके अलावा सपा के वरिष्ठ नेता और सांसद आजम खान रामपुर सदर सीट से और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम खान रामपुर जिले की स्वार सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। एक अन्य बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी मऊ सीट से सुभासपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं।

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू  

संदीप मिश्र       
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव के अभी नतीजे भी सामने नहीं आए हैं।लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों में फिसड्डी बताई जा रही मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी है। जिसके चलते परिवार के लोगों को अहम जिम्मेदारियां देते हुए पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव के पद की संख्या भी बढ़ा दी गई है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के गठन के लिए हुए चुनाव की मतगणना की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। कुछ ही घंटे बाकी मतगणना शुरू होने और उसके परिणाम आने में रह गए हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव के नतीजों में एग्जिट पोल के मुताबिक फिसड्डी बताई जा रही मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों के चलते बीएसपी में राष्ट्रीय स्तर पर नए सिरे से जिम्मेदारियां निर्धारित की हैं। बसपा सुप्रीमो की ओर से नई योजना को मूर्त रूप देते हुए अपने भाई आनंद कुमार एवं भतीजे आकाश आनंद को पार्टी में अहम जिम्मेदारियां दी गई है।
बहुजन समाज पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर अब बस केवल एक कोऑर्डिनेटर के रूप में आकाश आनंद तैनात रहेंगे। रामजी गौतम को इस पद से हटा दिया गया है। इसके अलावा राष्ट्रीय महासचिवों की संख्या भी 5 से बढ़ाकर छह कर दी गई है।

लगातार 125वें दिन भी पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर

लगातार 125वें दिन भी पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर     

सुनील श्रीवास्तव       

नई दिल्ली/मास्को/कीव। रूस-यूक्रेन संकट से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में लगातार चल रहे उतार-चढ़ाव के बावजूद घरेलू स्तर पर लगातार 125वें दिन भी पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर रहे। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल रूस यूक्रेन संकट के बाद ही शुरू हो गया था। जो 131.27 बैरल प्रति डॉलर की कीमत पर पहुंच चुका है।केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश, पांच और 10 रुपये घटाने की घोषणा के बाद 04 नवंबर 2021 को ईंधन की कीमतों में तेजी से कमी आई थी। इसके बाद राज्य सरकार के मूल्य वर्धित कर कम करने के फैसले के बाद राजधानी दिल्ली में भी वैट को कम करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद राजधानी में 02 दिसंबर 2021 को पेट्रोल लगभग आठ रुपये सस्ता हुआ था। डीजल की भी कीमतें हालांकि जस की तस बनी रहीं। केंद्र द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद अधिकांश राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भी पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर कम कर दिया था। जिससे आम आदमी को काफी राहत मिली थी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न्यूयार्क में ब्रेंट क्रूड में कीमत 2.57 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 131.27 डॉलर प्रति बैरल पर थी, जबकि अमेरिकी क्रूड 2.18 प्रतिशत बढ़कर 126.40 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था। पेट्रोल-डीजल के मूल्यों की नित्य प्रतिदिन समीक्षा होती है और उसके आधार पर प्रतिदिन सुबह छह बजे से नयी कीमतें लागू की जाती हैं।

पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने की घोषणा की

पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने की घोषणा की   

दुष्यंत टीकम         
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बतौर वित्त मंत्री अपना चौथा बजट पेश करते हुए सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने की घोषणा की है। 
इस घोषणा से 2004 के बाद की भर्ती वाले 2.95 लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। इसके अलावा शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में वृद्धि की घोषणा सीएम भूपेश बघेल ने की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट में राजीव गाँधी कृषि भूमिहीन न्याय योजना में आगामी वर्ष से 6000 की राशि को 7000 करने की घोषणा की है। इसके अलावा गौठानों को महात्मा गांधी औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा।

सर्विस कमीशन के अंतर्गत ऑफिसर के पदों पर भर्ती

सर्विस कमीशन के अंतर्गत ऑफिसर के पदों पर भर्ती  

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। अगर आप भी भारतीय सेना में नौकरी कर देश की सेवा करना चाहते हैं तो आपके लिए अच्छा मौका हो सकता है। दरअसल भारतीय सेना ने एसएससी यानी शॉर्ट सर्विस कमीशन के अंतर्गत ऑफिसर के पदों पर भर्ती निकाली हैं। जिसके तहत पुरुषों के 59वें कोर्स और महिलाओं के 30वें कोर्स के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इच्छुक उम्मीदवार इंडियन आर्मी एसएससी रिक्रूटमेंट 2022 के लिए ऑनलाइन आवेदन आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से कर सकते है। बता दें ऑफिसर के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री होनी जरूरी है।

इस भर्ती के द्वारा भारतीय सेना में शॉर्ट सर्विस कमिशन के कुल 191 पदों पर भर्ती होगी। जिसमें अविवाहित पुरुष के लिए 175 पद, अविवाहित महिला के लिए 14 पद और रक्षा कर्मियों की विधवाओं के लिए 2 पद शामिल किए गए हैं। आवेदन करने के लिए इच्छुक उम्मीदवार की आयु 20 से 27 वर्ष के बीच में होनी चाहिए। आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए सरकार के मानदंडों के अनुसार आयु में छूट प्रदान की जाएगी।इस भर्ती के लिए उम्मीदवारों का चयन शॉर्टलिस्टिंग और इंटरव्यू के आधार पर होगा। इंटरव्यू के बाद संबंधित अधिकारियों द्वारा चिकित्सकीय रूप से फिट घोषित किए गए उम्मीदवारों को ज्वाइनिंग लेटर देने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। वहीं ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ही उम्मीदवारों को अधिकारी के रूप में काम करने की अनुमति प्रदान की जाएगी।

सबसे पहले इच्छुक अभ्यर्थी आवेदन करने के लिए पर जाएं। इसके बाद होम पेज पर ऑफिसर सिलेक्शन सेक्शन में दिए गए ऑफिसर एंट्री अप्लाई/लॉगिन पर क्लिक करें। फिर उम्मीदवारों को पहले अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद उम्मीदवार लॉगिन करके आवेदन कर सकते हैं। साथ ही ऑनलाइन आवेदन जमा करने के बाद उम्मीदवार उसका प्रिंट आउट भी निकाल सकते हैं।

ओपिनियन व एग्जिट पोल पर रोक लगनी चाहिए

ओपिनियन व एग्जिट पोल पर रोक लगनी चाहिए      

अमित शर्मा     

चंडीगढ़। पंजाब में इस साल हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों का ऐलान 10 मार्च को होना है। वहीं रिजल्ट से पहले एग्जिट पोल आ चुके हैं। इस एग्जिट पोल में संभावित पार्टियों की जीत और हार का आकलन किया गया है। इसी एग्जिट पोल पर अब पार्टियों के नेता भी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। 

इसी बीच पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने मीडिया से कहा है कि मुझे लगता है कि कोई भी पंजाबी एग्जिट पोल पर विश्वास नहीं करता है। ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल पर रोक लगनी चाहिए। चुनाव आयोग का कहना है कि इससे मतदाता प्रभावित नहीं होते हैं लेकिन आजकल कुछ सरकारें जनता के पैसे का उपयोग करके जनमत सर्वेक्षण करवाती हैं। आम आदमी पार्टी जनता के पैसे का दुरुपयोग करते हुये इस समय यही कर रही है।

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बार-बार विदेश जाने वाले 'पीएम' कुवैत रवाना हुए  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष ...