एक चर्चित फेमिनिस्ट समूह ने विरोध-प्रदर्शन किया
अखिलेश पांडेय
कीव/मास्को/मैड्रिड। यूक्रेन पर रूस की ओर से किए जा रहे हमले के बीच एक चर्चित फेमिनिस्ट समूह ने टॉपलेस होकर विरोध-प्रदर्शन किया है। फीमेन नाम की फेमिनिस्ट समूह से जुड़ी इन महिलाओं ने स्पेन के मैड्रिड में तीन मार्च 2022 को रूसी दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया। महिलाओं ने अपनी खुली छाती पर 'पुतिन का युद्ध बंद करो', 'यूक्रेन के लिए शांति' जैसे वाक्य लिख रखे थे। शरीर पर बॉडी पेंटिंग के साथ-साथ प्रदर्शनकारियों ने हाथों में फूलों के गुलदस्ते भी ले रखे थे। उनके बालों में भी फूल लगे थे।
फेमिनिस्ट समूह फीमेन की स्थापना 2008 में यूक्रेन में ही हुई थी। हालांकि, अब यह समूह फ्रांस से काम कर रहा है। रूस की ओर से यूक्रेन को धमकाए जाने की वजह से फीमेन पहले से ही रूस और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कड़ी आलोचना करता रहा है। फीमेन का स्लोगन है, 'मेरा शरीर, मेरा हथियार है। फीमेन सेक्स्ट्रीमिज्म, एथिज्म और फेमिनिज्म की बात करता है। फीमेन का कहना है कि हमारी भगवान औरत है। हमारा मिशन प्रदर्शन है और हमारा हथियार खुली छाती है।
ये समूह दावा करता है कि उनका लक्ष्य महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना है। समूह आक्रामक कैंपेन और डिजिटल मीडिया के जरिए अधिक से अधिक लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करता है।
बता दें कि 24 फरवरी से ही यूक्रेन के ऊपर रूस लगातार हमले कर रहा है। हमले में दोनों तरफ के सैनिक मारे जा रहे हैं। साथ ही यूक्रेन के आम नागरिकों की भी मौतें हो रही हैं। इन हमलों की वजह से दुनियाभर में रूस की आलोचना हो रही है। युद्ध के जवाब में अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने रूस पर कई प्रकार के प्रतिबंध भी लगाए हैं।
मैड्रिड में हुए प्रदर्शन के दौरान एक महिला ने अपनी छाती पर लिखा था, 'यूक्रेन के लिए शांति' और उनकी बांह आसमान की ओर उठी हुई थी। तस्वीरों में दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी महिलाओं को पुलिस वहां से हटा रही है। फीमेन का कहना है कि ऐसे प्रदर्शनों के लिए महिलाओं को खास तौर से ट्रेनिंग दी जाती है और उनकी मानसिक चुनौतियों का ख्याल रखा जाता है।
हाल के समय में विभिन्न देशों में रूस के दूतावास के बाहर लोग युद्ध के खिलाफ विरोध दर्ज कराने पहुंच रहे हैं। ऐसे ही एक प्रदर्शन के दौरान मैड्रिड स्थिति रूसी दूतावास के बाहर ऑस्कर विजेता एक्टर जेवियर बर्डेम को भी यूक्रेन के समर्थन में देखा गया।
हाल ही में यह भी खबर आई थी कि ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले कई रूसी नागरिकों ने रूसी दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया और विरोध में अपने पासपोर्ट भी जला दिए।
रूस की ओर से यूक्रेन पर दबाव डालने के खिलाफ फीमेन ने 2012 में एक बयान जारी किया था। तब फीमेन ने कहा था कि उनका लक्ष्य है कि यूक्रेन की युवतियों में लीडरशिप, इंटेलेक्चुअल स्किल विकसित किया जा सके जिससे यूक्रेन की बेहतर छवि तैयार हो।
समूह ने यह भी कहा था कि उनका इरादा यूक्रेन की महिलाओं को झकझोरना है और उन्हें सामाजिक तौर से सक्रिय बनाना है। फीमेन ने 2012 में कहा था कि वह 2017 तक 'महिलाओं की क्रांति' की उम्मीद कर रहे हैं। फीमेन समूह यूरोपीयन यूनियन की आलोचना भी करता रहा है। 2012 में इस समूह ने कहा था कि यूरोपीयन यूनियन में शामिल देश रूस के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध तोड़ दें।
2013 में जर्मनी के हैनोवर में ट्रेड फेयर चल रहा था। जिसमें तत्कालीन जर्मन चांसलर एंजिला मर्कल के साथ व्लादिमीर पुतिन भी हिस्सा ले रहे थे। पुतिन के वहां पहुंचने के दौरान ही फीमेन समूह से जुड़ी कई महिलाएं टॉपलेस हो गई थीं और पुतिन के खिलाफ विरोध दर्ज कराया था। तब फीमेन की मेंबर ओलेक्जैंड्रा शेवचेन्को ने कहा था कि दुनिया के सबसे बड़े तानाशाह के खिलाफ यह महिलाओं का अहिंसक प्रदर्शन है।