बुधवार, 2 मार्च 2022

एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बनें गौतम, पछाड़ा

एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बनें गौतम, पछाड़ा    

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। गौतम अडानी एक बार फिर मुकेश अंबानी  को पछाड़कर एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर इंडेक्स में दिए गए 10:56 बजेत तक आंकड़ों के मुतातिक, 59 साल के अडानी की नेटवर्थ 89.6 अरब डॉलर पहुंच चुकी है। जबकि अंबानी की नेटवर्थ 89.6 अरब डॉलर ही है। आज अडानी की संपत्ति में 1.9 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है। वहीं, अंबानी की संपत्ति में 42 मिलियन डॉलर की कमी हुई है।
बता दें ब्लूमबर्ग के मुताबिक, अडानी की संपत्ति में इस साल तक 7.66 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है। इसी के साथ अडानी इस साल दुनिया में सबसे तेज कमाई करने वाले अरबपतियों में तीसरे नंबर पर हैं। वहीं, अंबानी की नेटवर्थ में 1.9 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है। गौतम अडानी एश‍िया के सबसे अमीर शख्‍स बनने के साथ ही दुनिया के टॉप 10 अमीरों की लिस्‍ट में भी आ गए हैं, जबकि मुकेश अंबानी इस लिस्ट से बाहर हो चुके हैं। अमीरों की इस लिस्ट में अंबानी 11वें नंबर पर आ गए हैं। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क 235.3 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ पहले नंबर पर बने हुए हैं।
फोर्ब्स के मुताबिक साल 2017 में गौतम अडानी की कुल संपत्ति 5.8 अरब डालर थी और वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 250वें नंबर नर थे। 2018 में उनकी संपत्ति बढ़कर 9.7 अरब डॉलर पर पहुंच गई और इसके साथ ही वह 154वें स्थान पर पहुंच गए। इसके बाद 2019 में यह घटकर 8.7 अरब डॉलर पर आ गई और फोर्ब्स की लिस्ट में 154वें स्थान से खिसकर 167वें स्थान पर पहुंच गए।। साल 2020 में भी बहुत ज्यादा ग्रोथ नहीं हुई यह केवल 8.9 अरब डॉलर पर ही पहुंच पाई। इसके साथ ही उनके रैंक में थोड़ा सुधार हुआ और वह 155वें स्थान पर पहुंच गए। गौतम अडानी के लिए साल 2021 कई बहुत बड़ा साबित हुआ। उनकी संपत्ति 8.9 अरब डॉलर से छलांग लगाकर या यूं कहिए उड़ान भर कर 50.5 अरब डालर पर पहुंच गई। इसके साथ ही फोर्ब्स की लिस्ट में 131 पायदान की छलांग लगाकर 24वें स्थान पर काबिज हो गए।
गौतम अडानी ने एक छोटी सी कमोडिटी ट्रेडिंग कंपनी से व्यापार की शुरुआत की थी, जिसका उन्होंने कई बंदरगाहों , खानों और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में विस्तार किया। वर्तमान में अडानी का बिजनेस पोर्ट्स, माइन्स, ग्रीन एनर्जी समेत कई क्षेत्रों में है। गौतम अडानी ने नवीकरणीय उर्जा के क्षेत्र में व्यापार विस्तार किया साथ ही एयपोर्ट्स, डेटा सेंटर और रक्षा सौदों में कारोबार बढ़ाया। पिछले 2 साल में अडानी की कंपनी के शेयरों में करीबन 600% का इजाफा हुआ है।
फोर्ब्स के मुताबिक साल 2017 में मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 232 अरब डॉलर थी। 2018 में उनकी संपत्ति बढ़कर 40.1 अरब डॉलर पर पहुंच गई। बढ़त का सिलसिला इसके बाद भी जारी रहा और 2019 में 50 अरब डॉलर की कुल संपत्ति के साथ वह फोर्ब्स की लिस्ट में भारत के सबसे अमीर शख्स बन गए। साल 2020 में अंबानी को बड़ा झटका लगा और उनकी संपत्ति घटकर 36.8 अरब डॉलर ही रह गई। हलांकि कोरोना की वजह से दुनिया भर के अमीरों की दौलत में कमी होने के कारण मुकेश अंबानी फोर्ब्स की लिस्ट में 21वें स्थान पर न केवल पहुंचे बल्कि भारत के सबसे अमीर शख्स का ताज अपने सिर पर बरकरार रखा। अडानी की तरह मुकेश अंबानी के लिए भी साल 2021 बहुत बड़ा साबित हुआ। उनकी संपत्ति में दोगुना से अधिक इजाफा हुआ।

जांच: मंगल ग्रह पर दिखा 'फूल की तरह' का पत्थर

जांच: मंगल ग्रह पर दिखा 'फूल की तरह' का पत्थर      

सुनील श्रीवास्तव    
ह्यूस्टन। नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह पर मछली के आकार का पत्थर देखा था। इसकी तस्वीर सामने आते ही एलियन से प्रेम करने वाले लोगों ने कई तरह की कहानियां बनानी शुरु कर दी थीं। हालांकि यह एक पत्थर था, जो किसी तरह से वह मछली, जैसे आकार में बदल गया था। मंगल ग्रह से लगातार ऐसी तस्वीरें आ रही हैं, जो किसी को भी हैरान कर सकती हैं। कई आकार और रंगों के पत्थरों के मिलने के बाद अब लाल ग्रह पर एक ऐसा पत्थर दिखा है, जो एक फूल की तरह दिखता है। इसकी तस्वीर नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने ली है। पहले तो वैज्ञानिकों को लगा कि यह कोई फूल है। जब जांच की तो पता चला कि यह एक पत्थर है, जिसका निर्माण बेहद ही रोचक तरीके से हुआ है।
फूल जैसे इस पत्थर का निर्माण खनिजों के जुड़ने की वजह से इस तरह का हुआ है। ऐसे लगता है कि फूल की अलग-अलग पंखुड़ियां अलग-अलग दिशा में निकल रही हों। इस तरह की आकृतियों को डाइजेनेटिक क्रिस्टल क्लस्टर कहते हैं। डाइजेनेटिक मतलब अलग-अलग खनिजों के मिलने से थ्री-डायमेंशनल आकार बनता है। इस फूल में कई खनिजों का मिश्रण है। 
क्यूरियोसिटी मिशन की डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट एबिजिल प्रेमैन ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि इस तरह की आकृतियां नमक से बनी होती है, जिन्हें सल्फेट्स  कहते हैं। ये किसी बड़े पत्थरों पर मौजूद खनिजों के अलग-अलग कणों के मिलने से बनती हैं। चुंकि हवाओं की दिशा और गति बदलती रहती है, इसलिए इनकी कोई निश्चित आकृति नहीं होती, बस ये आपस में जुड़ते चले जाते हैं। कुछ समय के बाद ये खत्म भी हो जाते हैं।
इस फूल जैसी आकृति वाले पत्थर को नासा के वैज्ञानिकों ने पिछले हफ्ते ही देखा था। आखिर में इसे नाम दिया गया ब्लैकथॉर्न सॉल्ट इसकी तस्वीर क्यूरियोसिटी रोवर पर लगे मार्स हैंड लेंस इमेजर  ने ली है। इस कैमरे के पास जूम करने का ज्यादा ताकत है। यह बेहद क्लोज अप तस्वीरें लेने में सक्षम है। इसकी वजह से कई पत्थरों की सतह पर खनिजों और टेक्स्चर का खुलासा हो पाता है।
इसके कुछ दिन पहले भी क्यूरियोसिटी रोवर ने लाल ग्रह  पर स्पर्म  की आकृति का पत्थर देखा था। जिसे लेकर वैज्ञानिक बेहद खुश थे। इस पत्थर को प्रकृति ने जिस तरह से तराशा है, वह काबिल-ए-तारीफ है। ऐसा नहीं है कि मंगल पर सिर्फ पत्थर मिलते हैं। कई तो इतने खूबसूरत या फिर विचित्र आकार के होते हैं कि वह दुनिया भर का ध्यान खींच लेते हैं।
हाल ही में मंगल ग्रह पर इंसान के पुट्ठे जैसी आकृति का एक पत्थर मिला था। इसे मार्स पर्सिवरेंस रोवर ने खोजा था। इससे पहले भी लाल ग्रह पर हरा पत्थर दिखा था। डायनासोर के मुंह जैसा पत्थर दिखा था। मछली के आकार और इंसानी चेहरे जैसी आकृतियां दिखाई दी थीं। 
केविन एम. गिल रोवर द्वारा भेजी गई खराब और टूटी-फूटी फोटोग्राफ्स को जोड़कर एक पूरी तस्वीर बनाने का काम भी करते हैं। कई बार उन्होंने ऐसी चीजें खोजी हैं, जो दुनिया भर को हैरानी में डाल देती हैं। साथ ही इन्हें देखकर खुशी भी होती है। यानी मंगल ग्रह की तस्वीरों से आपको एक हास्यास्पद राहत भी मिलती है। जैसे इस पत्थर को ही देख लीजिए। ये किसी ब्राचियोसॉरस  डायनासोर की गर्दन की तरह दिखता है। हां बस आकार कम है।
इससे अलावा लाल ग्रह यानी मंगल पर जब किसी भी अन्य रंग के होने की उम्मीद नहीं होती, तब नासा के पर्सिवरेंस रोवर ने एक हरे पत्थर की खोज की थी। नासा के मार्स पर्सिवरेंस रोवर को यह पत्थर तब दिखा जब वह इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर को सतह पर उतारने के बाद आगे बढ़ रहा था। इस रहस्यमयी हरे रंग के पत्थर की असलियत का खुलासा अभी नहीं हुआ है। ये कहां से आया है। ये किस चीज से बना है। लेकिन इसमें छोटे-छोटे गड्ढे हैं और बीच-बीच में चमकदार हरे रंग के क्रिस्टल जैसी वस्तु। यह रोशनी पड़ने पर तेजी से चमक जाती है।
नासा का वाइकिंग-1 ऑर्बिटर ने साल 1976 में जब मंगल ग्रह के चारों तरफ चक्कर लगा रहा था, तब उसे एक ऐसी तस्वीर दिखी जो ऐतिहासिक बन चुकी है। इस तस्वीर में मंगल ग्रह की सतह पर इंसानी चेहरा (काले घेरे में) दिखाई दे रहा है। अगर आपके पास कलात्मक दिमाग है तो आप सतह पर इस घेरे के अंदर दो आंखें, एक नाक, एक मुंह और अजीब हेयरस्टाइल भी देख सकेंगे।

यूएसए आधारित कई प्लेटफॉर्म ने रूस पर बैन लगाया

यूएसए आधारित कई प्लेटफॉर्म ने रूस पर बैन लगाया  

अखिलेश पांडेय         

कीव/ मास्को/नई दिल्ली। यूक्रेन पर हमले के बाद गूगल, एपल, फेसबुक, यूट्यूब जैसे अमेरिका आधारित कई प्लेटफॉर्म ने रूस पर बैन लगा दिया। जिससे वहां उसके सब ऑपरेटिंग सिस्टम बंद हो गए हैं। इन प्लेटफॉर्म से होने वाले लेनदेन खत्म होने से रूस के मेट्रो स्टेशनों और सार्वजनिक जगहों पर लंबी-लंबी लाइन लग गई है। यही नहीं रूसी सरकारी मीडिया को भी इन प्लेटफॉर्म पर नहीं दिखाया जा रहा है। रूस में मची इस अफरातफरी के बीच सोशल मीडिया पर भारत के प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ हो रही जिन्होंने पीएम बनने के बाद इन सभी महत्वपूर्ण नेटवर्क में लगभग आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है। डिजिटल पेमेंट की आदत से लोगों ने कैश रखना छोड़ दिया है, ऐसे में पेमेंट सर्विस बंद होने से गंभीर समस्या पैदा हो गई है। भारत में अपना पेमेंट सिस्टम तैयार किए जाने को लेकर मोदी सरकार की वाहवाही हो रही है और ट्विटर पर Rupay ट्रेंड कर रहा है।

ट्विटर हैंडल पर लिखा, अमेरिका ने पिछले कुछ वर्षों में अपने सिस्टम पर हरेक देश को निर्भर बना दिया है। वो अपना एकछत्र साम्राज्य कायम करके मनमानी शर्तें मनवाता है, जैसा कि भारत में सोशल मीडिया कंपनियां कर रही हैं। यूपीआई और रूपे ने मास्टर कार्ड और विजा का दबदबा खत्म कर दिया। आरबीआई का डिजिटल रुपया इनके ताबूत में आखिरी कील साबित होगा।’ ध्यान रहे कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए ऐलान किया था कि भारत का केंद्रीय बैंक अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगी। ‘भारत का अपना जीपीएस सिस्टम, अपना रुपये कार्ड, अपना UPI सिस्टम, अपनी डिजिटल करेंसी, अपना सर्च इंजन, भारत का ‘₹’ एक्सचेंज सिस्टम, अपना सैटलाइट नेटवर्क, अपने रक्षा उपकरण, अपना एएसएटी नेटवर्क, अपना रक्षा उत्पादन, भारतीय फार्मा नेटवर्क… आत्मनिर्भरता के लिहाज से ये सब बहुत महत्वूपूर्ण हैं।’

ट्विटर हैंडल का कहना है कि अमेरिकी टेक कंपनियां अपने दबदबे का गलत इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने लिखा, ‘बड़ी टेक कंपनियां, दुनियाभर में वीजा, मास्टरकार्ड, गूगल आदि का मनमानापन आपको हमेशा दबोचेगा क्योंकि ये सभी अमेरिकी मिलिट्री इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स के साथ खड़ा होती हैं। भारत ने अपना रूपे, यूपीआई, पेटीएम, आधार और तमाम ऐसी पहलों से शानदार काम किया है।’ ‘पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने दूर दृष्टि अपनाते हुए रूपे और यूपीआई की व्यवस्था शुरू की। दुर्भाग्य से ज्यादातर नेता, बाबू आदि पीएम का वीजन नहीं समझ रहे। उम्मीद है यूक्रेन-रूस युद्ध से पैदा हो रही परिस्थितियां उनकी आखें खोल देंगी।’ कुछ लोगों ने रूस को इतना ताकतवर होते हुए भी अमेरिका पर निर्भरता बनाए रखने को लेकर नाराजगी का इजहार किया है। ट्विटर हैंडल ने लिखा, सैन्य क्षमता की दृष्टि से इतना ताकतवर होते हुए भी रूस की तैयारी कितनी बुरी है, यह चौंकाने वाला है। सैन्य क्षेत्र को छोड़ दें तो उनका टेक्नोलॉजिकल प्रोग्रेस बहुत खराब है। पुतिन बहुत अच्छा प्रशासक हैं, लेकिन खराब सुधारक। जबकि भारत ने सिर्फ चार वर्षों में ही यूपीआई, रूपे, भीम जैसे सरकारी सिस्टम तैयार कर लिए।

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 7,554 नए मामलें

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 7,554 नए मामलें     

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। देश में जानलेवा कोरोना वायरस महामारी के मामलों में आज बढ़ोतरी दर्ज की गई है। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 7 हजार 554 नए केस सामने आए हैं और 223 लोगों की मौत हो गई। यानी, कल की तुलना में मामले बढ़े हैं। 

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 85 हजार 680 हो गई है। वहीं, इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 5 लाख 14 हजार 246 हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक 4 करोड़ 23 लाख 38 हजार 673 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।

रूसी कुलीन वर्गों के खिलाफ कदम उठाएगा अमेरिका

रूसी कुलीन वर्गों के खिलाफ कदम उठाएगा अमेरिका   

अखिलेश पांडेय         

वाशिंगटन डीसी/मास्को। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को स्टेट यूनियन को दिए अपने भाषण में कहा कि वह पुतिन का समर्थन करने वाले रूसी कुलीन वर्गों के खिलाफ कदम उठाएगा। राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन पर आक्रमण के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अकेले दोषी हैं और आश्वासन दिया कि रूसी नेता लंबे समय तक निरंतर उच्च कीमत चुकाएंगे।' सीएनएन के अनुसार, उन्होंने कहा,"मैं इस हिंसक शासन से अरबों डॉलर कमाने वाले रूसी कुलीन वर्गों और भ्रष्ट नेताओं से कहता हूं, अब और नहीं। 

अमेरिका का न्याय विभाग रूसी कुलीन वर्गों के खिलाफ जाने के लिए एक समर्पित टास्क फोर्स का गठन कर रहा है।" उन्होंने कहा, "हम उनकी जहाजों, उनके लक्जरी अपार्टमेंट, उनके निजी जेट विमानों को खोजने और जब्त करने के लिए यूरोपीय सहयोगियों के साथ शामिल हो रहे हैं।'

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण     

1. अंक-145, (वर्ष-05)
2. ब्रहस्पतिवार, मार्च 3, 2022
3. शक-1984, फाल्गुन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-प्रतिपदा, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 07:04, सूर्यास्त: 06:24।
5. न्‍यूनतम तापमान- 14 डी.सै., अधिकतम-26+ डी सै.। बर्फबारी, उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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मंगलवार, 1 मार्च 2022

'महाशिवरात्रि' पर्व पर मंदिरो में भीड़, रुद्राभिषेक

'महाशिवरात्रि' पर्व पर मंदिरो में भीड़, रुद्राभिषेक         

सुशील केसरवानी       
कौशाम्बी। महाशिवरात्रि पर्व की महिमा अपरंपार है और महाशिवरात्रि पर्व पर प्रत्येक शिव मंदिरों में भक्तों ने पूजा-अर्चना एवं जलाभिषेक किया है। महाशिवरात्रि के पर्व पर भक्तों ने शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना एवं जलाभिषेक कर देश के कल्याण की कामना की है। 
जिले के गंगा नदी के किनारे पल्हना घाट स्थित पंचमुखी महादेव और कड़ा स्थिति कालेश्वर महादेव मंदिर में मुगल आक्रांताओ द्वारा खंडित शिवलिंग की पूजा बड़ी श्रद्धा भक्ति के साथ भक्तों द्वारा लगातार की जाती है। महाशिवरात्रि के पर्व पर दोनों मंदिरों में महिला पुरुष भक्तों की भारी भीड़ पूजन में लगी रही सुबह से ही मंदिर में भक्तों द्वारा भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया है और पूजन सामग्री समर्पित कर हवन यज्ञ पूजन भक्तों द्वारा किया गया है।
चायल तहसील क्षेत्र के गंगा नदी के किनारे पल्हाना घाट स्थित पंचमुखी शिवलिंग मंदिर की महिमा अपरंपार है।पूरे वर्ष यहां शिव भक्तों का मेला लगा रहता है। गंगा स्नान करने पहुंचने वाले भक्त बिना शिव मंदिर में दर्शन पूजन के वापस नहीं लौटते हैं। गंगा नदी किनारे 50 फीट ऊंचे एक टीले में स्थापित पंचमुखी शिवलिंग को मुगल आक्रांताओं ने मंदिर के सोने-चांदी के खजाने को लूटने के बाद पंचमुखी शिवलिंग को खंडित कर दिया था। मुगल आक्रांताओ द्वारा पंचमुखी शिवलिंग को खंडित किया जाने के बाद भी खंडित शिवलिंग की पूजा भक्तों द्वारा की जाती है।
मान्यता है कि पंचमुखी महादेव भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। बताया जाता है कि पंचमुखी महादेव शिव मंदिर की स्थापना हजारों वर्ष पूर्व भक्तों ने की थी। इस मंदिर में प्रतिदिन भक्तों की भीड़ लगती है। महाशिवरात्रि के महापर्व पर भक्तों ने दूध जल शहद से पंचमुखी महादेव को जलाभिषेक कराया और बेलपत्थर, धतूरा, भांग, पुष्प, बैर, आम का बौर, मदार का फूल, चना, जौ की बाली आदि सामग्री भोलेनाथ को अर्पित कर पूजा-अर्चना की और देश के कल्याण की कामना भक्तों ने भोलेनाथ से की।
सिराथू तहसील के कड़ा कस्बे के गंगा तट पर कालेश्वर महादेव शिव मंदिर में भी महाशिवरात्रि के पर्व पर भक्तों की भारी भीड़ लगी रही। इस मंदिर को भी मुगल आक्रांताओं ने खंडित कर दिया है। बताया जाता है कि महाभारत काल में धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने अज्ञातवास काल में स्थापित कर शिव स्तुति की थी। मध्य काल में मुस्लिम आक्रांताओं ने मंदिर की धन सम्पदा लूटने के चलते शिव लिंग पर आक्रमण कर उसे खंडित कर दिया। जिसके बाद से कालेश्वर महादेव के इस मंदिर मे खंडित शिवलिंग की पूजा की जाती है। महा शिवरात्री के मौके पर मंगलवार को शिवभक्तों ने गंगा स्नान कर अपने मनोरथ के अनुसार भगवान शंकर को जल, दूध, शहद आदि के अभिषेक कर पूजा की। देर रात्रि भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह कराया जाएगा। महाशिवरात्रि के दिन सैकड़ों की संख्या में भक्त महिला पुरुष शिव के मंदिर में आकार दर्शन करते हैं।

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...