मंगलवार, 1 मार्च 2022

पीएम ने 'महाशिवरात्रि' के अवसर पर शुभकामनाएं दी

पीएम ने 'महाशिवरात्रि' के अवसर पर शुभकामनाएं दी   

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाशिवरात्रि के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए सभी के मंगल की कामना की है। गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत मोदी सरकार के कई केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा के दिग्गज नेताओं ने भी सभी को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं दी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा, " महाशिवरात्रि के पावन-पुनीत अवसर पर आप सभी को मंगलकामनाएं। देवों के देव महादेव सबका कल्याण करें। ओम नम: शिवाय।"
गृह मंत्री अमित शाह ने देश की खुशहाली और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हुए ट्वीट कर कहा , "समस्त देशवासियों को महाशिवरात्रि के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। देवाधिदेव महादेव से सभी के कल्याण और देश की खुशहाली व समृद्धि के लिए प्रार्थना करता हूँ। ओम नम: शिवाय। 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महाशिवरात्रि के अवसर पर सभी के मंगल की कामना करते हुए ट्वीट कर कहा, "महाशिवरात्रि के पावन पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। महादेव आपके जीवन में नई ऊर्जा और चेतना का संचार करें, यही मंगलकामना है। हर हर महादेव। 

सीएम योगी ने 'महाशिवरात्रि' पर्व की शुभकामनाएं दी

सीएम योगी ने 'महाशिवरात्रि' पर्व की शुभकामनाएं दी    

संदीप मिश्र      
लखनऊ। देशभर में मंगलवार को भगवान शिव को प्रिय महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज सुबह से ही मंदिरों में भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की लंबी कतार नजर आ रही है। महाशिवरात्रि के त्योहार पर मंदिरों को भी काफी सुंदर तरीके से सजाया गया है। 
वहीं, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम के साथ ही कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन का भी ध्यान रखा जा रहा है। गौरतलब है कि इस पावन पर्व पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी।

करदाताओं को बड़ा झटका देने की तैयारी में सरकार

करदाताओं को बड़ा झटका देने की तैयारी में सरकार  

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। लगातार बढ़ रही महंगाई को देखते हुए सरकार करदाताओं को बड़ा झटका देने की तैयारी में है। पुरानी टैक्स व्यवस्था को खत्म किया जा सकता है।जिसमें 70 तरह की छूट मिलती है। रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज का कहना है कि इनकम टैक्स की पुरानी व्यवस्था के प्रति करदाताओं का आकर्षण घटाने की जरूरत है। इसे ज्यादा लोग इनकम टैक्स की नई व्यवस्था को अपनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे। इनकम टैक्स की नई व्यवस्था 2020 में शुरू हुई थी। इसमें टैक्स की दर भले ही कम है, लेकिन डिडक्शन की सुविधा नहीं मिलती है। छूट नहीं मिलने की वजह से नई टैक्स व्यवस्था के प्रति करदाताओं ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। ज्यादातर करदाता पुरानी टैक्स व्यवस्था के साथ ही अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं।

सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में टैक्स की नई व्यवस्था पेश की थी। कहा था कि टैक्स की यह व्यवस्था काफी आसान है। इंडिविजुअल करदाताओं के लिए इसमें टैक्स रेट कम है। लेकिन, उन्हें स्टैंडर्ड डिडक्शन और सेक्शन 80सी की सुविधा नहीं मिलती है। स्टैंडर्ड डिडक्शन और सेक्शन 80सी की सुविधा से टैक्स का बोझ कम हो जाता है। नई व्यवस्था में 5 से 7.5 लाख रुपये सालाना इनकम वाले करदाताओं को 10 फीसदी टैक्स देना पड़ता है। पुरानी व्यवस्था में इतनी इनकम पर 20 फीसदी टैक्स देना पड़ता है। हालांकि, सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाली रिबेट के चलते सालाना 5 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों को नई या पुरानी व्यवस्था में कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है।

बजाज ने कहा कि सरकार ने पर्सनल इनकम टैक्स में कमी लाने के लिए नई व्यवस्था पेश की थी। लेकिन, बहुत कम लोगों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। इसकी वजह यह है कि लोगों को लगता है कि किसी व्यवस्था में वह 50 रुपये भी कम टैक्स चुकाएंगे तो वे उसी व्यवस्था का इस्तेमाल करना चाहते हैं। देश में 80सी और स्टैंडर्ड डिडक्शन का इस्तेमाल करने वाले 8-8.5 लाख सालाना इनकम वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है।उन्होंने कहा कि यही वजह है कि लोग नई व्यवस्था का इस्तेमाल नहीं करना चाहते। इसलिए जब तक हम पुरानी व्यवस्था का आकर्षण नहीं घटाएंगे, लोग नई व्यवस्था को अपनाने के लिए आने नहीं आएंगे। जब तक हम ऐसा नहीं करेंगे, हम अपने टैक्स रेट को आसान नहीं बना सकेंगे।

सभी भारतीय नागरिकों को कीव छोड़ने का आदेश

सभी भारतीय नागरिकों को कीव छोड़ने का आदेश      

अखिलेश पांडेय     

कीव/मास्को/नई दिल्ली। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को सभी भारतीय नागरिकों और छात्र-छात्राओं को जल्द से जल्द राजधानी कीव छोड़ने का आदेश दिया। भारतीय दूतावास ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट में लिखा है, "यूक्रेन की राजधानी कीव में रह रहे भारतीयों काे तुरंत वहां से निकलने की सलाह दी। दूतावास ने आज विद्यार्थियों सहित सभी भारतीय नागरिकों को तत्काल कीव छोड़ने के लिए कहा जा रहा है। उन्हें ट्रेन या यातायात के अन्य साधनों से यहां से निकलने की सलाह दी गयी है।"

उल्लेखनीय है कि यूक्रेन और रूस के हमलों के बीच हजारों की संख्या में भारतीय फंसे वहां फंसे हुए हैं। गत 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी सेना द्वारा आक्रमण शुरू करने के बाद पड़ोसी देशों से भारतीय नागरिकों को निकाला जा रहा है।

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 6,915 नए मामलें

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 6,915 नए मामलें       

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 6,915 नए मामलें सामने आए। 16,864 रिकवरी और 180 लोगों की कोरोना से मौत हुई।
चीन के वुहान में ही हुई थी कोविड-19 की उत्पत्ति
दो नए अध्ययनों से यह संकेत मिलते हैं कि कोविड-19 का कारक सार्स-सीओवी-2 वायरस  की उत्पत्ति वुहान के हुआनान सीफूड मार्केट में जानवरों  में हुई और 2019 के अंत में इसका प्रसार इंसानों में हुआ। पहले अध्ययन में यह दिखाने के लिए स्थानिक विश्लेषण का उपयोग किया गया कि दिसंबर 2019 में सबसे शुरू में कोविड-19 के जिन मामलों का उपचार किया गया वे वुहान के बाजार पर केंद्रित थे। शोधकर्ताओं ने पाया कि वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण करने वाले पर्यावरणीय नमूने जीवित जानवरों को बेचने वाले विक्रेताओं से दृढ़ता से जुड़े थे।
अमेरिका स्थित एरिजोना विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर माइकल वोरोबे ने ट्वीट किया, "हमने दिसंबर 2019 में लक्षण की शुरुआत के साथ वुहान से अधिकांश ज्ञात कोविड-19 मामलों के लिए अक्षांश और देशांतर निकालने के लिए सार्स-सीओवी-2 की उत्पत्ति पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) मिशन की रिपोर्ट में मानचित्रों का उपयोग किया।

हैरतअंगेज: एक बच्चे के मुंह से 50 दांत निकाले

हैरतअंगेज: एक बच्चे के मुंह से 50 दांत निकाले    

मनोज सिंह ठाकुर      
भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां पर एक बच्चे के मुंह से 50 दांत निकाले गए। उस बच्चे को दांतों में दर्द की शिकायत थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने उसकी जांच की तो पता चला कि वो एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है।
मेडिकल की दुनिया में इस बीमारी को ओडोनटोमा कहते हैं। एक लाख में तो सिर्फ एक या दो मामले, इस बीमारी के निकलते हैं।
इस केस की बात करें तो 10 साल के बच्चे के मुंह में काफी सूजन थी। उसे लंबे समय से दांतों में दर्द की भी शिकायत थी। ऐसे में बच्चे का तुरंत ऑपरेशन करना जरूरी हो गया था।
डॉक्टर सचिन ठाकुर के मुताबिक अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज नहीं किया गया तो इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। बच्चे को भी ये दिक्कत थी कि उसके ये अतिरिक्त दांत उसके स्वस्थ्य दांतों पर भी असर डालने लगे थे। अभी के लिए एक तीन डॉक्टरों की टीम ने उस बच्चे का सफल ऑपरेशन किया है।
ऑपरेशन के दौरान बच्चे के तीस दांत निकाल दिए गए हैं। वहीं बताया जा रहा है कि 18 साल की उम्र तक बच्चे के तीस दांत वापस आ जाएंगे।
जानकारी दी गई है कि ये ऑपरेशन काफी कठिन था और इसको करने में पूरे ढ़ाई घंटे लग गए। अब बच्चे की तबीयत ठीक बताई जा रही है और उसकी सेहत में भी सुधार हो रहा है।

मांस की खुली बिक्री, इजाजत नहीं देने का निर्देश

मांस की खुली बिक्री, इजाजत नहीं देने का निर्देश    

इकबाल अंसारी     

अगरतला। त्रिपुरा हाईकोर्ट ने अगरतला नगर निगम को सड़कों या सार्वजनिक स्थानों पर मांस की खुली बिक्री की इजाजत नहीं देने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने नगर निगम से यह भी कहा है कि राज्य में बूचड़खाने की स्थापना की जाए और इसकी स्थापना के लिए एक योजना भी तैयार की जाए। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति एसजी चट्टोपाध्याय की अगुवाई वाली हाईकोर्ट की बेंच अधिवक्ता अंकन तिलक पॉल द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

निगम के आयुक्त ने बेंच को सूचित किया कि बूचड़खाने के निर्माण के लिए एक टेंडर जारी किया जा रहा है। बूचड़खाने का निर्माण टेंडर को अंतिम रूप देने के 18 महीने बाद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 139 व्यक्तियों को अब तक मांस बिक्री के लिए लाइसेंस दिए गए हैं। एचसी के आदेश में कहा गया है कि इस बात पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए कि लाइसेंस प्राप्त परिसर के अंदर स्वच्छता को बनाए रखा जा रहा है या नहीं। कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों या गलियों-सड़कों पर मांस की बिक्री की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मांस को बूचड़खानों में बेचा जाना चाहिए। जब तक बूचड़खाने की स्थापना नहीं हो जाती।
तब तक नगरपालिका द्वारा उपलब्ध कराए गए स्थानों पर मीट बेचा जा सकता है। अदालत ने एएमसी को विलुप्त होती प्रजातियों की हत्या के मामले में वन विभाग को सूचना देने के लिए भी कहा है ताकि विभाग आवश्यक कानूनी कार्रवाई कर सके। एएमसी नगर आयुक्त डॉ. शैलेश कुमार यादव ने अदालत को बताया कि बूचड़खाने के निर्माण के लिए 21 फरवरी को टेंडर निकाला गया था। अगर टेंडर को अंतिम रूप दिया जाता है, तो बूचड़खाने का निर्माण 18 महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। 
इस बीच, कुल 139 लोगों को मांस बेचने के लिए एएमसी द्वारा ट्रेड लाइसेंस दिए गए थे। हाईकोर्ट ने एएमसी से कहा कि वह बूचड़खाने को स्थापित करने के लिए एक दीर्घकालिक योजना तैयार करे। जब तक योजना तैयार नहीं हो जाती तब तक जानवरों को मीट में तब्दील करने के लिए एक अलग स्थान उपलब्ध कराने पर विचार करे। अदालत ने एएमसी को मांस की गुणवत्ता प्रमाणित करने के लिए कुछ अधिकारियों को तैनात करने को भी कहा है। इस काम के लिए तैनात होने वाले अधिकारी राज्य के पशु चिकित्सा विभाग की सहायता ले सकते हैं।

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...