रविवार, 27 फ़रवरी 2022

भारी सुरक्षा के बीच 'मत' का प्रयोग कर रहें मतदाता

भारी सुरक्षा के बीच 'मत' का प्रयोग कर रहें मतदाता    

सियाराम सिंह        
कौशाम्बी। मंझनपुर विधानसभा क्षेत्र के बभनपूरा पोलिंग बूथ पर मतदाता भारी सुरक्षा के बीच अपने मत का प्रयोग कर रहें हैं। उनके बीच गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। 
पीठासीन अधिकारी का कहना है कि मतदान सुबह से ही मतदान कर्मियों के द्वारा निर्धारित समय से प्रारम्भ कर दिया गया था। मतदान भारी सुरक्षा के बीच कोरोना गाइडलाइन एवं निर्वाचन गाइड लाइन का पालन करते हुए शांतिपूर्वक सम्पन्न कराया जा रहा है। जिसमें किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो, इसके लिए भारी पुलिस बल के जवान मुस्तैद हैं।

महायुद्ध: यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के साथ बर्बरता

महायुद्ध: यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के साथ बर्बरता  


अखिलेश पांडेय         

नई दिल्ली/कीव/मास्को। रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे महायुद्ध को लेकर यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के साथ यूक्रेन की पुलिस बर्बरता पर उतर आई है। रोमानिया बॉर्डर पर भारतीय छात्रों की बुरी तरह पिटाई की जा रही है। यही नहीं, विरोध करने पर डंडे भी बरसाए जा रहे हैं। यूक्रेन में फसीं एक छात्रा ने यूक्रेन पुलिस की बर्बरता की वीडियो उपलब्ध कराया है। वहीं दूसरी तरफ, एक मेडिकल छात्रा ने अपनी आपबीती भी परिजनों को सुनाई है। 

जिसकी ऑडियो वायरल हो रही है। वायरल ऑडियो में हिंदुस्तान की मेडिकल छात्रा उनके साथ हो रहे जुल्म की दासता बयां करते हुए यूक्रेन पुलिस का बर्बर चेहरा सामने ला रही है। यूक्रेन में फंसे एमबीबीएस छात्रों को लेकर उत्तराखंड में उनके परिजन काफी चिंतित हैं। यूक्रेन के ईवानों शहर से रोमानिया बॉर्डर पहुंचे भारतीय छात्रों के साथ नाइजीरिया और साउथ अफ्रीका के छात्रों ने हाथापाई कर आंखों में मिर्च स्प्रे कर दिया। जिससे मची भगदड़ में कई बच्चों के फोन और अन्य सामान छूट जाने से कई छात्राओं के चोटिल होने से परिजन चिंतित हैं।

इंसान के शरीर के लिए महत्वपूर्ण हैं 'विटामिन-सी'

इंसान के शरीर के लिए महत्वपूर्ण हैं 'विटामिन-सी'    

सरस्वती उपाध्याय       

शरीर को स्वस्थ रखने में पोषक तत्वों की संतुलित मात्रा अहम भूमिका निभाती है। इन्हीं पोषक तत्वों में से एक है विटामिन- सी। विटामिन- सी एक तरह का एंटी-ऑक्सीडेंट है, जो शरीर को मुक्त कणों से बचाने से लेकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में काफी मदद कर सकता है। इसी कारण विटामिन-सी इंसान के शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं कि विटामिन- सी की कमी को दूर करने में कौन से खाद्य पदार्थों का सेवन मदद कर सकता है।

नींबू: नींबू विटामिन- सी का सबसे बेहतरीन स्त्रोत है, इसलिए अगर आपके शरीर में विटामिन- सी की कमी है तो अपनी डाइट में किसी भी तरह से नींबू को शामिल करें। इससे आपको कई तरह के अन्य स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकते हैं। उदाहरण के लिए स्कर्वी से सुरक्षा (विटामिन- सी की कमी से होने वाली समस्या) और रक्तचाप का नियंत्रित रहना आदि। बता दें कि 100 ग्राम नींबू में लगभग 41.4 मिलीग्राम विटामिन- सी पाय जाता है।

थाइम: थाइम एक तरह की हर्ब है, जिसका इस्तेमाल न सिर्फ खाने में बल्कि ब्लड प्रेशर को बेहतर तरीके से संचालित करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने, बेहतर ब्लड सर्कुलेशन और हृदय को स्वस्थ रखने के लिए किया जा सकता है। इसका मुख्य कारण यह है कि थाइम विटामिन- सी समेत कैल्शियम, आयरन, फाइबर और मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्वों से समृ्द्ध होती है। बता दें कि 100 ग्राम थाइम में लगभग 160.1 मिलीग्राम विटामिन- सी मौजूद होता है।

स्ट्रॉबेरी: स्ट्रॉबेरी विटामिन- सी के साथ-साथ एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भी समृद्ध होती है, जो आपको कई प्रकार के संक्रमण और बीमारियों से बचा सकते हैं। इसी के साथ स्ट्रॉबेरी का सेवन शरीर को कैंसर, स्ट्रोक, हृदय रोग और मधुमेह जैसी कई गंभीर बीमारियों से बचाकर रखने में भी सक्षम है। अगर आप अपनी डाइट में 100 ग्राम स्ट्रॉबेरी शामिल करते हैं तो इससे आपको लगभग 58.8 मिलीग्राम विटामिन- सी मिल सकता है।

ब्रोकली: ब्रोकली फूलगोभी की तरह दिखने वाली हरे रंग की पौष्टिक सब्जी होती है। ब्रोकली में विटामिन- सी के साथ-साथ प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, जिंक, पोटेशियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। 100 ग्राम ब्रोकली में लगभग 91.8 मिलीग्राम विटामिन- सी मौजूद होता है। ब्रोकली के फायदों की बात की जाए तो इसका सेवन कई तरह से शरीर को सुरक्षा प्रदान करने में सहयोगी है।वैसे तो मेडिकल शॉप पर आपको कई तरह विटामिन- सी के सप्लीमेंट्स मिल जाएंगे, लेकिन बिना डॉक्टरी की सलाह के उनका सेवन न करें क्योंकि डॉक्टर आपकी उम्र और शारीरिक क्षमता को ध्यान में रखते हुए आपको सही सप्लीमेंट्स देंगे, जो आपके लिए प्रभावी होंगे।

सभी भारतीयों को वापस लाने के लिए हस्तक्षेप, मांग

सभी भारतीयों को वापस लाने के लिए हस्तक्षेप, मांग  

इकबाल अंसारी      
तिरुवनंतपुरम। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर यूक्रेन के युद्ध प्रभावित शहरों में फंसे सभी भारतीयों को वापस लाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की। पत्र में विजयन ने कहा कि कुछ भारतीयों ने भोजन और पानी की कमी के कारण कीव, खार्किव और सुमी जैसे पूर्वी शहरों में बंकरों में शरण ले रखी है। उन्होंने भारतीयों को निकालने के लिए मोल्दोविया के रास्ते एक निकासी मार्ग खोलने की भी मांग की।

विजयन ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के सामने इन मुद्दों को उठाया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, जयशंकर ने रविवार को विजयन को यूक्रेन में फंसे सैकड़ों मलयाली छात्रों को बचाने के लिए जरूरी कदम उठाने का भरोसा दिलाया। विजयन द्वारा भेजे गए पत्र में उन छात्रों का भी जिक्र किया गया है, जो भीषण ठंड में पैदल चलकर पोलैंड पहुंचे थे और जिनके खिलाफ सेना का इस्तेमाल किया जा रहा था। उन्होंने केंद्र से इस मुद्दे को हल करने के लिए यूक्रेनी भाषी अधिकारियों को वहां भेजने का आग्रह किया।

आईजेएफ ने 'यूक्रेन में चल रहे युद्ध' का हवाला दिया

आईजेएफ ने 'यूक्रेन में चल रहे युद्ध' का हवाला दिया    

सुनील श्रीवास्तव            

कीव/मास्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विश्व खेलों में अपना सबसे वरिष्ठ आधिकारिक पद अस्थायी रूप से खो दिया है। अंतरराष्ट्रीय जूडो महासंघ (आईजेएफ) ने रविवार को पुतिन के मानद अध्यक्ष के दर्जे को निलंबित करने के लिए ”यूक्रेन में चल रहे युद्ध” का हवाला दिया। रूसी राष्ट्रपति जूडो खेल में दिलचस्पी रखते हैं और उन्होंने 2012 के लंदन ओलंपिक में इस खेल में भाग लिया था।

ओलंपिक खेल निकायों में जूडो महासंघ द्वारा यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का वर्णन करने के लिए ”युद्ध” शब्द का इस्तेमाल किया जाना दुर्लभ घटना है। खेल जगत से जुड़े अन्य संगठनों ने ”संघर्ष में वृद्धि” जैसे शब्दों-वाक्यों का इस्तेमाल किया है। पुतिन के करीबी माने जाने वाले आर्कडे रोटेनबर्ग आईजेएफ की कार्यकारी समिति में विकास प्रबंधक के पद पर बने हुए हैं।


देश में 'हिजाब' पहनने पर कोई पाबंदी नहीं: नकवी

देश में 'हिजाब' पहनने पर कोई पाबंदी नहीं: नकवी    

इकबाल अंसारी         

हैदराबाद। कर्नाटक में हिजाब को लेकर पैदा विवाद के बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कहा कि देश में हिजाब पहनने पर कोई पाबंदी नहीं है और लोगों को यह समझने की ज़रूरत है कि संवैधानिक अधिकार और कर्तव्य समान रूप से अहम हैं। नकवी ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि, मामला अदालत में है। भारत में हिजाब (पहनने) पर कोई प्रतिबंध नहीं है। यह स्पष्ट है।उन्होंने कहा कि, बेशक, कुछ संस्थानों का अपना अनुशासन, वर्दी संहिता और वर्दी होती है। जब हम संविधान के अधिकारों की बात करते हैं तो हमें संवैधानिक कर्तव्यों की भी बात करनी पड़ती है। उन्होंने इस बारे में विस्तार से बात नहीं की। इससे पहले, नकवी, केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी और तेलंगाना के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली ने यहां 37वें “हुनर हाट” का उद्घाटन किया।

नकवी ने कहा कि “हुनर हाट” कारीगरों और शिल्पकारों को “सशक्त बनाने का एक कुशल प्रयास” है और इसने पिछले सात वर्षों में लगभग आठ लाख कारीगरों और शिल्पकारों को रोजगार के मौके प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि “हुनर हाट” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” और “वोकल फॉर लोकल” अभियान का “विश्वसनीय ब्रांड” बन गया है। नकवी ने कहा कि इस पहल ने देश के दूर-दराज के क्षेत्रों के लाखों परिवारों में ऊर्जा और उत्साह का संचार किया है, जो पारंपरिक कला और शिल्प कौशल में लगे हुए हैं।

समारोह को संबोधित करते हुए, किशन रेड्डी ने कहा कि “हुनर हाट” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को मजबूत कर रहा है। उन्होंने कहा कि “हुनर हाट” देश की पारंपरिक कला, कौशल और गौरवशाली विरासत के संरक्षण और प्रचार का एक प्रभावी मंच है।हिजाब विवाद तब शुरू हुआ था जब पिछले साल दिसंबर में कर्नाटक के तटीय जिला मुख्यालय उडुपी में प्री-यूनिवर्सिटी महिला कॉलेज में कथित तौर पर हिजाब पहने होने के कारण छह छात्राओं को प्रवेश नहीं दिया गया, क्योंकि यह वर्दी के खिलाफ था। इसके बाद छात्राओं ने उच्च न्यायालय का रुख किया जिसने पिछले हफ्ते सुनवाई पूरी कर ली है और जल्द ही फैसला सुना सकती है।

3 महीने बाद फिर आएगी 'कोरोना' की चौथी लहर

3 महीने बाद फिर आएगी 'कोरोना' की चौथी लहर     

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। देश भर में कोरोना के मामले अब बेहद कम होने लगे है। इसे देखते हुए सभी राज्यों को पूरी तरह अनलॉक भी कर दिया गया है। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि क्या सच में कोरोना पूरी तरह से ख़त्म हो गया है या कोरोना एक बार फिर चौथी लहार के रूप में आ सकता है। दरअसल, वैज्ञानिकों की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना की चौथी लहर तीन महीने बाद फिर आएगी। बता दें आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने यह दावा किया है कि भारत में कोरोना की चौथी लहर 22 जून के आसपास आ आएगी और यह 24 अक्टूबर तक चलेगी।

आपको बता दें इससे पहले आईआईटी के शोधकर्ताओं ने कोरोना की लहर से जुड़ीं जो भी भविष्यवाणियां की थीं वे लगभग सही निकल चुकी हैं। आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस बार चौथी लहर 4 महीने तक चलेगी। ओमिक्रॉन के बाद चौथी लहर कितनी खतरनाक होगी यह नए वैरियंट और कितने लोगों को वैक्सीन और बूस्टर डोज लग चुकी हैं, इन पर निर्भर करेगा। कोरोना के केसेज कम होने के साथ तीसरी लहर हल्की पड़ती जा रही है। अब आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने अगली लहर के समय का कैलकुलेशन लगाया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कोविड की चौथी लहर 22 जून के आसपास आएगी और यह 24 अक्टूबर तक चलेगी। 

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...