रविवार, 27 फ़रवरी 2022
प्रयागराज: 5वें चरण में 12 सीटों पर वोटिंग, विस्फोट
केंद्रीय मंत्री व विधायक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
केंद्रीय मंत्री व विधायक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
कविता गर्ग
मुंबई। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान के माता-पिता की शिकायत के बाद केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और उनके विधायक बेटे नितेश राणे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नारायण राणे ने अपने आरोपों को दोहराया था कि सालियान के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की गई थी। महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने इस मामले में बयान देते हुए कहा कि ऑटोप्सी रिपोर्ट के अनुसार, दिशा के साथ दुष्कर्म नहीं किया गया था और वह गर्भवती भी नहीं थी। चाकणकर ने कहा कि दिशा सलियन के माता-पिता को केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, विधायक नितेश राणे और इस संबंध में दिशा की मौत के बारे में झूठी और मानहानिकारक जानकारी देने के लिए सभी संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
चाकणकर ने ट्विटर के माध्यम से अपील करते हुए कहा कि सालियान की मौत के मामले में सोशल मीडिया पर बनाए गए लाखों फर्जी खातों को बंद किया जाना चाहिए और उसके बारे में गलत जानकारी को तुरंत हटाया जाना चाहिए। रूपाली चाकणकर ने एक और मांग करते हुए कहा कि दिशा के माता-पिता को सुरक्षा प्रदान की जाए क्योंकि उनकी जान को खतरा है। 28 वर्षीय दिशा सालियान ने आठ जून, 2020 को उपनगरीय मलाड में एक ऊंची इमारत से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी, इससे छह दिन पहले 34 वर्षीय सुशांत राजपूत उपनगरीय बांद्रा में अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे।
'डिजिटल सदस्यता' अभियान में तेजी लाने के निर्देश
'डिजिटल सदस्यता' अभियान में तेजी लाने के निर्देश
दुष्यंत टीकम
रायपुर। कांग्रेस का डिजिटल सदस्यता अभियान की गति तेज हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, सह प्रभारी चंदन यादव की अगुवाई में कांग्रेस 10 लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। बता दें कि अब तक 7 लाख सदस्य बनाए जा चुके हैं। कांग्रेस का फोकस अब डिजिटल सदस्यता अभियान पर है। सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को डिजिटल सदस्यता अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। रायपुर में भी आज डिजिटल तरीके से सदस्यता अभियान में तेजी लाने के निर्देश कार्यकर्ताओं को दिए गए। अभियान को आगे बढ़ाने वॉलेंटियर्स की नियुक्ति भी की गई। कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, प्रभारी सचिव चंदन यादव, संचार विभाग अध्यक्ष सुशील शुक्ला समेत रायपुर ज़िले के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
यूक्रेन का दावा, 4,300 रूसी सैनिक मारे गए
7 साल के उच्चस्तर पर पहुंचीं कच्चे तेल की कीमतें
7 साल के उच्चस्तर पर पहुंचीं कच्चे तेल की कीमतें
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत का कच्चे तेल का आयात बिल चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 100 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है। यह पिछले वित्त वर्ष में कच्चे तेल के आयात पर हुए खर्च का लगभग दोगुना होगा। इसकी वजह है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें सात साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 10 माह (अप्रैल-जनवरी) में भारत ने कच्चे तेल के आयात पर 94.3 अरब डॉलर खर्च किए हैं।
अकेले जनवरी में कच्चे तेल के आयात पर 11.6 अरब डॉलर खर्च हुए हैं। पिछले साल जनवरी में भारत ने कच्चे तेल के आयात पर 7.7 अरब डॉलर खर्च किए थे। फरवरी में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गईं। ऐसे में अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक भारत का तेल आयात बिल दोगुना होकर 110 से 115 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। भारत अपने कच्चे तेल की 85 प्रतिशत जरूरत को आयात से पूरा करता हूं। आयातित कच्चे तेल को तेल रिफाइनरियों में वाहनों और अन्य प्रयोगकर्ताओं के लिए पेट्रोल और डीजल जैसे मूल्यवर्धित उत्पादों में बदला जाता है। भारत के पास अतिरिक्त शोधन क्षमता है और यह कुछ पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात करता है लेकिन रसोई गैस यानी एलपीजी का उत्पादन यहां कम है, जिसे सऊदी अरब जैसे देशों से आयात किया जाता है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 10 माह अप्रैल-जनवरी में पेट्रोलियम उत्पादों का आयात 3.36 करोड़ टन या 19.9 अरब डॉलर रहा है। दूसरी ओर 33.4 अरब डॉलर के 5.11 करोड़ टन पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात किया गया।
भारत ने पिछले 2020-21 के वित्त वर्ष में 19.65 करोड़ टन कच्चे तेल के आयात पर 62.2 अरब डॉलर खर्च किए थे। उस समय कोविड-19 महामारी की वजह से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें नीचे आई थीं। चालू वित्त वर्ष में भारत पहले ही 17.59 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात कर चुका है। महामारी से पहले वित्त वर्ष 2019-20 दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऊर्जा आयातक और उपभोक्ता देश भारत ने 22.7 करोड़ टन कच्चे तेल के आयात पर 101.4 अरब डॉलर खर्च किए थे।
मकसद का ‘पूर्ण अभाव’ आरोपी के पक्ष में जाता हैं
मकसद का ‘पूर्ण अभाव’ आरोपी के पक्ष में जाता हैं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 1997 के एक हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले एक व्यक्ति को बरी करते हुए कहा है कि मकसद का ‘पूर्ण अभाव’ होना निश्चित रूप से आरोपी के पक्ष में जाता है। न्यायमूर्ति यू यू ललित, न्यायमूर्ति एस आर भट और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने साथ ही यह टिप्पणी भी की कि इसका अर्थ यह नहीं है कि मकसद के अभाव में अभियोजन के मामले को खारिज कर दिया जाना चाहिए।
पीठ ने 2014 में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा सुनाए गए आदेश को खारिज कर दिया। मामले में दोषी ठहराने और उम्रकैद की सजा सुनाने के निचली अदालत के आदेश को आरोपी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, लेकिन उसकी याचिका को खारिज कर दिया गया था। उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई थी। पीठ ने 25 फरवरी के अपने आदेश में कहा कि ‘ऐसा नहीं है कि केवल (आरोपी का) मकसद एक अहम कड़ी होता है, जिसे अभियोजन को साबित करना होता है।
उसके अभाव में अभियोजन का मामला खारिज नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसके साथ ही मकसद का पूर्ण अभाव मामले को नया रूप देता है और इसकी अनुपस्थिति निश्चित ही आरोपी के पक्ष में जाती है।’ अभियोजन के अनुसार, एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका बेटा 13 जनवरी, 1997 के बाद से लापता है, जिसके आधार पर मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद, 17 जनवरी, 1997 को एक तालाब से व्यक्ति के बेटे का शव मिला था और मामले को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302(हत्या) के रूप में बदल दिया गया था। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता नंदू सिंह को मामले में गिरफ्तार किया गया था और ऐसा बताया गया है कि उसके बयान के आधार पर कई साक्ष्य सामने आए। याचिकाकर्ता के वकील ने शीर्ष अदालत से कहा था कि यह मामला परिस्थितिजन्य सबूतों पर आधारित है, और अभियोजन ने हत्या के पीछे नंदू सिंह का कोई मकसद नहीं बताया है।
32 विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए बस की व्यवस्था
32 विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए बस की व्यवस्था
इकबाल अंसारी
अहमदाबाद। यूक्रेन से एक विशेष विमान के जरिये रविवार को दिल्ली पहुंचे। गुजरात के 32 विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए राज्य सरकार ने एक बस की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने यह जानकारी दी। भारत ने रूसी सेना के अभियान के बीच यूक्रेन में फंसे हुए अपने नागरिकों को निकालने की शुरुआत शनिवार को की थी। एयर इंडिया की पहली उड़ान रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से 219 लोगों को लेकर उसी दिन शाम को मुंबई पहुंची थी।
अधिकारियों ने बताया कि एयर इंडिया की दूसरी उड़ान 250 लोगों को लेकर रविवार को दिल्ली हवाईअड्डे पर उतरी थी। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, यूक्रेन में फंसे गुजरात के 32 विद्यार्थी निकासी उड़ान से रविवार को सुरक्षित नई दिल्ली पहुंच गए हैं और उन्हें राज्य वापस लाया जा रहा है। कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि, इन विद्यार्थियों को नई दिल्ली में गुजरात की आवासीय आयुक्त आरती कंवर के मार्गदर्शन में गुजरात भवन ले जाया गया। वहां से उन्हें सड़क परिवहन विभाग की वॉल्वो बस के जरिये गुजरात लाया जा रहा है।
बयान के मुताबिक, राज्य सरकार ने इससे पहले शनिवार को यूक्रेन से मुंबई पहुंचे गुजरात के 44 विद्यार्थियों को लाने के लिए दो बसों की व्यवस्था की थी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि रविवार दोपहर को एक और विशेष विमान नई दिल्ली पहुंचा है, जिसमें भी गुजरात के कुछ छात्र मौजूद हैं।
यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें
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