रविवार, 27 फ़रवरी 2022

महायुद्ध: रूसी बमबारी से ग्रीस के 10 लोगों की मौंत

महायुद्ध: रूसी बमबारी से ग्रीस के 10 लोगों की मौंत   

अखिलेश पांडेय       

कीव/ मास्को। यूक्रेन-रूस के बीच छिड़ी जंग अब कई जान ले रही है। इसमें न सिर्फ यूक्रेन के नागरिक मारे जा रहे हैं, बल्कि ग्रीस के नागरिक भी इसका शिकार हुए हैं। बता दें कि यूक्रेनी शहर मारियुपोल के पास रूसी बमबारी से ग्रीस के 10 लोगों की मौत हो गई। जबकि 6 लोग घायल हो गए। एजेंसी के मुताबिक ग्रीस ने रूस के राजदूत को तलब कर लिया है। ग्रीस के प्रधान मंत्री क्यारीकोस मित्सोटाकिस ने एक ट्वीट में कहा कि हमारे 10 निर्दोष लोग नागरिक मारियुपोल के पास हुए रूसी हवाई हमलों में मारे गए हैं। 

अब इस बमबारी के बंद कर देना चाहिए। ग्रीस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बमबारी सरताना और बुगास गांवों के बाहरी इलाके में हुई और इसमें एक बच्चा भी घायल हुआ है।

जनहित याचिका में सुनवाई, 4 सप्ताह के लिए बढ़ाईं

जनहित याचिका में सुनवाई, 4 सप्ताह के लिए बढ़ाईं    

दुष्यंत टीकम        
बिलासपुुुर। नगर निगम से प्राप्त अनुमति से ज्यादा निर्माण करने पर दायर जनहित याचिका में कोर्ट ने सुनवाई चार सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है। नगर निगम रायपुर में धरम सिंह तलरेजा और जवाहर सिंह तलरेजा ने निगम से प्राप्त अनुमति से अधिक निर्माण किया है। जिस पर दायर याचिका में कोर्ट ने दोनों पक्षों का जवाब सुनने के बाद अगली सुनवाई मार्च के अंतिम सप्ताह में होगी। जानकारी अनुसार, स्टेशन रोड में जवाहर तलरेजा और धरम सिंह तलरेजा ने अनुमति से ज्यादा निर्माण कराया। प्रथम तल की अनुमति लेकर द्वितीय और तृतीत तल का निर्माण करा दिया। 
निर्माण के दौरान निगम ने नोटिस जारी कर निर्माण रोकने कहा। निर्माणकर्ता ने निगम के नोटिस को अनदेखा तीन मंजिला भवन बना दिया। आदेशों की अवहेलना पर नगर निगम प्रशासन ने अतिरिक्त निर्माण तोड़ने का नोटिस जारी किया तो निर्माणकर्ता धरम सिंह तलरेजा और जवाहर तलरेजा ने अतिरिक्त निर्माण स्वयं से हटाने संबंधी शपथ पत्र दिया पर ना तो निर्माण हटा और ना ही अधिकारियो ने ध्यान दिया। शिकायतों के बाद निगम प्रशासन से कार्यवाही नहीं होने पर जनहित याचिका दाखिल कर नगर निगम अधिनियम 307 अंतर्गत अतिरिक्त निर्माण हटाने की मांग की गई है।नगर निगम प्रशासन द्वारा समय रहते कार्यवाही नहीं की गई उलटे अवैध निर्माणकर्ता को सरंक्षण दिया गया। बताते है कि अवैध निर्माण को वैध करने  चेक से लाखो रुपये का भुगतान निगम प्रशासन को किया गया है। निर्माण में नियमो का उल्लंघन करने पर साल 2014 में नॉएडा में दिग्गज रियल स्टेट कंपनी सुपरटेक के 40 मंजिला दो ट्वीन टॉवर को गिराने का आदेश दिया था। जिस पर कंपनी संचालक ने उच्च न्यायालय के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया था।
जहा कोर्ट हाईकोर्ट के आदेश को बिना पलटे दोनों टावरो को गिराने का आदेश दिया था। उच्चतम न्यायालय का फैसला ऐसे निर्माण कार्यो पर नजीर साबित हुआ है।

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 10,273 नए मामलें

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 10,273 नए मामलें    

अकांशु उपाध्याय        

नई दिल्ली। देश में जानलेवा कोरोना वायरस महामारी के मामलों में अब लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 10 हजार 273 नए मामलें सामने आए हैं और 243 लोगों की मौत हो गई। कल 11 हजार 499 मामले दर्ज किए गए थे। यानी कल की तुलना में आज मामले घटे हैं। जानिए देश में कोरोना की ताजा स्थिति क्या है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 1 लाख 11 हजार 472 हो गई है। वहीं, इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 5 लाख 13 हजार 724 हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक 4 करोड़ 22 लाख 90 हजार 921 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मुहिम के तहत अभी तक कोरोना वायरस रोधी टीकों की करीब 177 करोड़ से खुराक दी जा चुकी हैं। कल 24 लाख 5 हजार 49 डोज़ दी गईं, जिसके बाद अबतक वैक्सीन की 177 करोड़ 44 लाख 8 हजार 129 डोज़ दी जा चुकी हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, स्वास्थ्यकर्मियों, कोरोना योद्धाओं और 60 साल से ज्यादा आयु वाले अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों को 1.99 करोड़ से ज्यादा (1,99,77,476) एहतियाती टीके लगाए गए हैं। देश में कोविड रोधी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी, 2021 से शुरू हुआ और पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया। वहीं, कोरोना योद्धाओं के लिए टीकाकरण अभियान दो फरवरी से शुरू हुआ था।

कार ड्राइवर के पदों पर निकाली भर्तियां, आवेदन

कार ड्राइवर के पदों पर निकाली भर्तियां, आवेदन     
अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। भारतीय डाक विभाग ने स्टाफ कार ड्राइवर के पदों पर भर्तियां निकाली हैं। अभ्यर्थी 15 मार्च 2022 तक आवेदन पूरा कर सकते हैं। अगर आप 10वीं पास हैं और सरकारी नौकरी करना चाहते हैं तो आपके लिए बढ़िया मौका है। बता दें कि भारतीय डाक विभाग ने हाल ही में स्टाफ कार ड्राइवर के कुल 29 रिक्त पदों पर भर्तियों के लिए आवेदन मांगे हैं। जिसके लिए आवेदन की आखिरी तारीख 15 मार्च 2022 है।इस पदों पर आवेदन करने के लिए न्यूनतम दसवीं पास होना जरूरी है।अधिक जानकारी के लिए भर्ती के लिए जारी की गई आधिकारिक अधिसूचना को अवश्य देख लें। वहीं, अगर आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो अपनी तैयारी को बेहतर बनाने के लिए सफलता डॉट कॉम पर चल रहे कई खास बैच और फ्री कोर्सेस की मदद ले सकते हैं। हांपर लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले करेंट अफेयर्स विषय के लिए भी कई फ्री क्लासेस चलाई जा रही हैं।डाक विभाग की इस भर्ती में आवेदन करने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों की न्यूनतम उम्र कम से कम 18 वर्ष और अधिक से अधिक 27 वर्ष होनी चाहिए। हालांकि, जहां अधिकतम उम्र कीसीमा में अन्यपिछड़ा वर्ग को तीन वर्ष वहीं, एससी व एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को 5 वर्ष की छूट प्रदान की जाएगी।

कितनी दी जाएगी सैलरीभारतीय डाक विभाग में स्टाफ कार ड्राइवर के पदों पर अंतिम रूप से सफल होने वाले कैंडिडेट्स को 19,000 से लेकर 63,200 रुपए प्रतिमाह का वेतन दिया जाता है। इसके अलावाकेन्द्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले अन्य भत्तों का भी लाभ समय-समय पर मिलता रहता है। अगर आप सरकारी नौकरी का सपना देख रहे हैं और उसके लिए सालों से मेहनत कर रहे हैं तो आप एक बार सफलता डॉट कॉम द्वारा चलाए जा रहे कोर्सेस का हिस्सा जरूर बनें।

सफलताद्वारा इस वक्त रेलवे की विभिन्न परीक्षाओं के साथ ही SSC, यूपी लेखपाल व अन्य कई प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए खास कोर्स चलाए जा रहे हैं जिनकी मदद से कई अभ्यर्थियों ने पहलीबार में ही अपनी प्रतियोगी परीक्षा को शानदार अंकों से पास किया है।आप भी इन कोर्सेस की मदद से अपनी बाकी की तैयारी और कंप्लीट रिवीजन कर सकते हैं तो देर किस बात की तुरंतकोर्स में एडमिशन लें और सरकारी नौकरी के अपने सपने को साकार करें। आप सफलता ऐप डाउनलोड कर भी सफलता से जुड़ सकते हैं और साथ ही फ्री मॉक-टेस्ट, ई-बुक्स, करेंट अफेयर्सका भी लाभ उठा सकते हैं।

दिल्ली: जरूरी दवा निशुल्क मुहैय्या कराने की मांग

दिल्ली: जरूरी दवा निशुल्क मुहैय्या कराने की मांग   

अकांशु उपाध्याय    

नई दिल्ली। किडनी प्रत्यारोपण के बाद मरीज जीवन भर नि:शुल्क जरूरी और जीवन रक्षक दवा पाने का हकदार है या नही, इस बारे में दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने किडनी प्रत्यारोपण के बाद जरूरी दवा का खर्च उठा पाने में असमर्थ दो मरीजों की ओर से दाखिल याचिका पर विचार करते हुए यह आदेश दिया है। मरीजों ने प्रत्यारोपण के बाद प्रयोग होने वाली जरूरी दवा निशुल्क मुहैय्या कराने की मांग की है। जस्टिस वी. कामेश्वर राव ने दिल्ली सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। सरकार की ओर से अतिरिक्त स्थायी वकील गौतम नारायण ने नोटिस स्वीकार करते हुए कहा कि इस बारे में जवाबी हलफनामा दाखिल करेंगे। हाई कोर्ट ने सुरेंद्र कुमार और राज कुमार सिंह की ओर से दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया है।

साथ ही बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 31 मार्च को तय की है।मरीजों की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने कोर्ट को बताया कि उनके एक मुवक्किल का 2016 में और दूसरे का 2017 में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) किडनी का प्रत्यारोपण हुआ। इसके बाद करीब दो साल तक एम्स ने मरीजों को सभी जरूरी दवाई मुहैय्या कराई, लेकिन पिछले करीब एक साल से अधिक समय से यह बंद कर दिया है। अग्रवाल ने कहा कि दोनों मरीज अत्यंत गरीब होने के साथ जीवन बचाने के लिए जरूरी जीवन रक्षक दवा का खर्च उठाने में असमर्थ है। याचिका में कहा गया है कि एम्स के डॉक्टर ने याचिकाकर्ता राज कुमार सिंह को सेलसेप्ट और सुरेंद्र कुमार को सेलसेप्ट के अलावा टेक्रोग्राफ दवा जीवनभर खाने का सुझाव दिया है। ऐसे में सरकार को निशुल्क दवाइयां मुहैय्या कराने का आदेश दिया जाए। अग्रवाल ने जीवन जीने के अधिकारों का हवाला देते हुए कहा है कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वे नागरिकों की जीवन की रक्षा करे।

कोर्ट के आदेश पर दिल्ली सरकार ने राज कुमार सिंह और सुरेंद्र कुमार के प्रत्यारोपण पर हुए खर्च का भुगतान किया। याचिकाकर्ता ने कहा है कि दवाइयों पर हर माह 10 हजार रुपये से अधिक का खर्च आ रहा है और उनके मुवक्किल की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वे इसका वहन करने में असमर्थ हैं।

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने फोन पर पीएम मोदी से बात की

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने फोन पर पीएम मोदी से बात की      

सुनील श्रीवास्तव      

मास्को/कीव/नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच चल रही भीषण लड़ाई के बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी से फोन पर बात की है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने खुद ट्वीट कर यह जानकारी दी है। इस बातचीत में उन्‍होंने पीएम मोदी को यूक्रेन की ओर से रूसी हमले और यूकेनी सैनिकों की जवाबी कार्रवाई के बारे में अवगत कराया है। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी से यूएनएससी में यूक्रेन का समर्थन करने और हमलावरों को रोकने के लिए साथ देने की गुजारिश की है। वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय यानी पीएमओ की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक यूक्रेन के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन में जारी संघर्ष की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस लड़ाई के चलते जान-माल के भारी नुकसान पर गहरी पीड़ा व्यक्त की। पीएम मोदी हिंसा की समाप्ति और बातचीत के लिए अपने आह्वान को दोहराया। साथ ही शांति प्रयासों में हर संभव मदद करने की इच्छा जताई।

पीएमओ ने बताया कि इस बातचीत में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने यूक्रेन में फंसे छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए गहरी चिंता से भी यूक्रेन के राष्ट्रपति को अवगत कराया। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारतीय नागरिकों को तेजी से सुरक्षित निकालने के लिए यूक्रेन के अधिकारियों द्वारा सुविधा प्रदान करने की मांग भी की।दरअसल भारत ने दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष और रूस के खिलाफ पश्चिमी मुल्‍कों की लामबंदी पर तटस्‍थ रुख अपनाए हुए है। भारत ने रूस के हमले की निंदा करने वाले और यूक्रेन से बिना शर्त रूसी सैनिकों को वापस बुलाने की मांग वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर हुए मतदान से बायकाट किया। भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत ही एकमात्र विकल्‍प है। चिंता यह है कि मौजूदा गतिरोध को हल करने के लिए कूटनीति का रास्ता नहीं अपनाया जा रहा है।

बता दें कि शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हुए मतदान में उक्‍त प्रस्ताव के पक्ष में 11 मत पड़े। भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई ने मतदान से दूर बनाए रखी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने मतदान पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि भारत मौजूदा घटनाक्रम पर बेहद चिंतित है। हमारी अपील है कि हिंसा और शत्रुता को रोकने की दिशा में तुरंत प्रयास किए जाने चाहिए। हालांकि रूस के वीटो के चलते यह प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पारित नहीं हो सका।

बीजेपी के साथ गठबंधन, खबरों को खारिज किया

बीजेपी के साथ गठबंधन, खबरों को खारिज किया      

संदीप मिश्र               

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर चल रही खबरों को खारिज कर दिया है। इससे बीजेपी की बी टीम होने की अटकलों पर विराम लग गया है। बता दें कि पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीएसपी की तारीफ की थी, जिसने बाद मीडिया में बीएसपी को भाजपा की बी टीम बताया जा रहा था। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि बसपा अगर भाजपा की बी टीम थी, तो फिर सपा और कांग्रेस ने पार्टी के साथ मिलकर चुनाव क्यों लड़ा था ? बस्ती जिले के पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि पश्चिमी यूपी से चुनाव की शुरुआत हुई है और जब से वहां के बारे में बसपा के दलितों व मुसलमानों की स्थिति को लेकर गृह मंत्री ने जो कुछ कहा है, उसके बाद से मीडिया और विरोधी पार्टियों ने फिर से राग अलपना शुरू कर दिया है कि बसपा, भाजपा की बी टीम है।

उन्होंने कहा कि इसमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। बसपा, भाजपा की बी टीम होती, तो फिर सपा ने यूपी में एक बार विधानसभा और दूसरी बार लोकसभा का चुनाव बसपा के साथ मिलकर क्यों लड़ा था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक टीवी चैनल को दिए गये साक्षात्कार में कहा था कि मायावती की जमीन पर अपनी पकड़ तो है, मगर यह सीट में कितना बदलेगी, यह उन्हें मालूम नहीं है। शाह ने यह भी कहा था कि जाटव और मुस्लिम वोट बड़ी मात्रा में मायावती के साथ ही जाएगा। शाह के इस साक्षात्कार के बाद मीडिया में यह अटकल लगने लगी थी कि जरूरत पड़ने पर बसपा भाजपा के साथ गठबंधन कर सकती है। बसपा की प्रासंगिकता बरकरार रहने संबंधी शाह के बयान के बारे में पूछे जाने पर मायावती ने कहा कि यह उनकी महानता है कि वह सच को स्वीकार कर रहे हैं। मैं उनसे यह भी कहना चाहती हूं कि उत्तर प्रदेश में बसपा को न सिर्फ दलितों और मुसलमानों बल्कि अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अगड़ी जातियों के भी वोट मिल रहे हैं। बसपा प्रमुख ने अपने जनसभा को संबोधित करते हुये सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव को भाजपा का मददगार करार दिया। 

उन्होंने आरोप लगाया कि 2003 में जब वह सरकार से हट गई थीं, तो भाजपा के सहयोग से मुलायम सिंह यादव राज्य में सत्ता आये थे। उन्होंने कल्याण सिंह को गले लगाया था। यह सब जनता कैसे भूल सकती है। कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने भी विधान सभा का चुनाव एक बार बसपा के साथ मिलकर क्यों लड़ा था और केंद्र में भी अपनी सरकार के लिए कई बार बसपा का समर्थन क्यों लिया था। इस बारे में मीडिया और कांग्रेस को भी जनता को बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि बसपा को भाजपा की बी टीम बताना घिनौनी राजनीति को दर्शाता है। यूपी की मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती ने आरोप लगाया कि सपा सरकार में गुंडों, माफियाओं, लूट-खसोट और अपराध करने वालों का ही राज रहा है। सपा सरकार में प्रदेश में हमेशा तनाव की स्थिति बनी रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विकास के कार्य भी सपा सरकार में एक विशेष क्षेत्र और एक विशेष वर्ग के लिए ही किया गया है।

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...