शनिवार, 26 फ़रवरी 2022

विधानसभा चुनाव में भाजपा का ध्रुवीकरण, दांव फेल

विधानसभा चुनाव में भाजपा का ध्रुवीकरण, दांव फेल   

पंकज कपूर      
देहरादून। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि वर्तमान विधानसभा चुनाव में भाजपा का ध्रुवीकरण का दांव फेल हो गया है। जनता ने महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वोट किया है। जनता भाजपा के झूठ और जुमलों से ऊब चुकी है इसलिए उसने बदलाव के लिए कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया है। हरीश रावत का कहना है कि भाजपा का धार्मिक मुद्दों पर जनता को बांटने और ध्रुवीकरण का प्रयास इस बार फेल साबित हुआ है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के एक इंटरव्यू का हवाला देकर कहा कि भाजपा ने इस चुनाव के शुरुआती दौर में धु्रवीकरण के मुद्दे पर धार देने का प्रयास किया था, लेकिन उसका यह दांव इस बार नहीं चल सका है। उन्होंने कहा कि देश की जनता महंगाई और बेरोजगारी से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की गलत नीतियों के कारण आम आदमी का जीवन मुश्किल हो गया है। 
उन्होंने कहा कि भाजपा अब जनता के मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं है यही कारण है कि उनके द्वारा इधर-उधर की तमाम बातें की जा रही है। हरीश रावत का कहना है कि अब भाजपा का सच देश की जनता जान चुकी है। उन्होंने उत्तराखंड ही नहीं उत्तर प्रदेश और पंजाब में भी कांग्रेस की सरकार बनने का दावा किया। उन्होंने कहा कि किसानों से लेकर युवा बेरोजगार और व्यापारी से लेकर छोटे दुकानदार तक सब परेशान हैं। यही कारण है कि अब जनता ने भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में 10 मार्च को कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है।

'केदारनाथ' के कपाट खुलने की तिथि घोषित होगीं

'केदारनाथ' के कपाट खुलने की तिथि घोषित होगीं    

पंकज कपूर     
रुद्रप्रयाग। ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि घोषित होने की भक्त बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। एक मार्च महाशिवरात्रि पर्व पर बाबा केदार के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में तिथि घोषित कर दी जायेगी। जिसको लेकर मंदिर समिति ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। वहीं, जिला प्रशासन भी यात्रा को सुव्यवस्थित बनाये जाने को लेकर तैयारियों में जुट गया है।
एक मार्च को महाशिवरात्रि पर्व पर विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित की जायेगी। परम्परानुसार केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख के साथ ही समय का निर्धारण भी किया जायेगा। केदारनाथ मंदिर के रावल भीमा शंकर लिंग द्वारा बदरी-केदार मंदिर समिति के वेदपाठी, आचार्य, हक-हकूकधारी एवं स्थानीय लोगों की मौजूदगी में इस शुभ मुहूर्त की घोषणा की जाएगी। इसके बाद केदारनाथ धाम की यात्रा से जुड़े लोग यात्रा की तैयारियों में जुट जायेंगे। साथ ही प्रशासन, पुलिस, बीकेटीसी और यात्रा से जुड़े तमाम विभाग अपने-अपने कार्याे की तैयारी में लगते हैं और यात्रा शुरू होने तक सभी व्यवस्थाओं को चाक-चैबंद करने का काम करते हैं। इसकेे अलावा होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे और दुकान से जुड़े लोग भी रंग-रोगन से लेकर अन्य व्यवस्थाओं को बेहतर करने में लग जाते हैं। 
बद्री-केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि महाशिवरात्रि के पर्व पर ऊखीमठ ओंकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ के कपाट खुलने का दिन घोषित होगा। इसके लिए सभी अधिकारी कर्मचारियों को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। साथ ही इस शुभ मुहूर्त के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई है। वहीं जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि केदारनाथ कपाट तिथि की घोषण महाशिवरात्रि पर्व पर तय कर दी जायेगी। इस वर्ष संभवतय मई माह प्रथम सप्ताह में यात्रा शुरू हो जायेगी। यात्रा को लेकर एक बार जिला स्तर पर बैठक हो चुकी है। अभी गढ़वाल कमिश्नर भी यात्रा संबंधी बैठक लेंगे। यात्रा की तैयारियों को लेकर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने भाजपा सरकार पर हमला बोला

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने भाजपा सरकार पर हमला बोला   

पंकज कपूर       
देहरादून। उत्तराखंड में भले ही विधानसभा चुनाव संपन्न हो गए हों। लेकिन प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां अभी भी चरम पर हैं। इस बार खनन पट्टा राजनीतिक मुद्दा बना है। इसी क्रम में कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से दबाव बना कर बैक डेट पर खनन पट्टे आवंटित किए जा रहे हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। गोदियाल ने कहा कि सूत्रों से पता चला है कि प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद गुपचुप तरीके से बैक डेट में खनन के पट्टे आवंटित किए जा रहे हैं। 
खनन के पट्टे की बंदरबांट प्रदेश में अभी भी धड़ल्ले से जारी है। यदि राज्य में कांग्रेस की सरकार आती है तो बैक डेट में हुई नियुक्तियों, स्थानांतरण और खनन के पट्टों की व्यापक स्तर पर जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा चाहे कोई भी राजनेता संलिप्त हो या कोई अधिकारी और कर्मचारी, इसमें किसी की कोई भी भूमिका पाई जाती है तो उसको बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे लोगों द्वारा किए गए अनैतिक कार्यों के लिए सजा दी जाएगी।

हिम्मत: यूक्रेन के आम नागरिकों ने भी हथियार उठायें

हिम्मत: यूक्रेन के आम नागरिकों ने भी हथियार उठायें      

अखिलेश पांडेय     
कीव/ मास्को। यूक्रेन पर रूस का हमला जारी है। शनिवार को महायुद्ध का तीसरा दिन है। एक तरफ जहां यूक्रेन की सेना रूसी सैनिकों से टक्कर ले रही है। वहीं उनका हौसला बुलंद रखने के लिए यूक्रेन के आम नागरिकों ने भी हथियार उठा लिए हैं। अब पूरी लड़ाई आत्मसम्मान, हिम्मत और जज्बे पर आकर टिक गई है। ये हौसला कुछ ऐसा है कि एक शख्स तो रूसी टैंकों के सामने ही आ खड़ा हुआ और इन टैंकों को रास्ता बदल कर आगे जाना पड़ा।
इस बीच यूक्रेन आर्मी के हाथों मारे गए लगभग तीन हजार रूसी सैनिकों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर सेना लोगों की हिम्मत बढ़ाने की कोशिश कर रही है। ऐसा लगने लगा है कि अब ये जंग यूक्रेन की राजधानी कीव की गली-गली में लड़ने की ओर बढ़ चली है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वेलोडिमीर जेलेंस्की ने भी रूस के आगे घुटने टेकने से इन्कार कर दिया है, जबकि वह जानते हैं कि उनकी सेना ज्यादा देर तक रूस को रोक कर नहीं रख पाएगी। जेलेंस्की ने यूक्रेन की हिफाजत के लिए अमेरिका से आए उस ऑफर को भी ठुकरा दिया है, जिसमें उन्हें सुरक्षित निकालने की पेशकश की गई थी। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने रूसी हमले के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वेलोडिमीर जेलेंस्की को देश से निकालने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, जेलेंस्की ने इसके लिए मना कर दिया है। उन्होंने कहा है कि, उन्हें लड़ने के लिए हथियार चाहिए, गाड़ी नहीं।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने वीडियो संदेश भी सोशल मीडिया पर जारी किया है। इस वीडियो में उनके साथ प्रधानमंत्री, चीफ ऑफ स्टाफ और राष्ट्रपति भवन के कुछ अन्य अधिकारी भी हैं।” वीडियो मैसेज में जेलेंस्की कहते हैं- “हम यहां हैं। हमारी फौज भी यहां हैं। हमारे नागरिक भी यहां हैं। हम यहां अपनी आजादी की रक्षा के लिए हैं। हम अपने देश की रक्षा कर रहे हैं और ऐसे ही करते रहेंगे।
रूसी सेना  को कीव की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए यूक्रेन की सांसद कीरा रुडिक ने बंदूक उठा ली है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, “मैंने कलाशनिकोव चलाना सीख लिया है और हथियार उठाने के लिए तैयार हूं। कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा भी दिन आएगा। हमारी महिलाएं देश को बचाने के लिए पुरुषों की तरह ही आगे आएंगी।

अगला लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया: भारती

अगला लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया: भारती  

मनोज सिंह ठाकुर      

भोपाल। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अगला लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। मगर वे चुनाव कहां से लड़ेंगी इस पर उन्होंने अभी सस्पेंस रखा है। उनके इस ऐलान से तीन लोकसभा सीटों पर कशमकश की स्थिति पैदा होने की संभावना है। भारती की पसंदीदा और राजनीतिक समीकरण में फिट बैठने वाली ये तीन सीटें भोपाल, खजुराहो और झांसी हैं। इससे कई नेताओं की सांस अटक गई है। भाजपा नेता उमा भारती ने 2019 में चुनाव नहीं लड़ने के अपने ऐलान पर अमल करते हुए दूरी बनाई थी, लेकिन अब उन्होंने 2024 चुनाव में उतरने की मंशा जाहिर कर दी है।

उमा की चुनाव लड़ने की मंशा से सबसे ज्यादा संकट की स्थिति खजुराहो और भोपाल लोकसभा सीट के मौजूदा सांसदों के लिए पैदा हो सकती है। क्योंकि खजुराहो भारती का पसंदीदा क्षेत्र है तो भोपाल से भी वो 1999 में सांसद रह चुकी हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भोपाल में प्रज्ञासिंह को कट्टरवादी छवि के लिए दिग्विजय सिंह के सामने उतारा गया था। अब केन-बेतवा लिंक परियोजना की मन्नत पूरी होने पर छतरपुर के गंज गांव के एक हनुमान मंदिर में पूजा-पाठ करने के बाद पूर्व सीएम भारती ने खुलकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। यह ऐलान उनका वैसा ही है जैसा उन्होंने 2019 चुनाव के एक साल पहले चुनाव नहीं लड़ने का किया था। उमा भारती के चुनाव लड़ने के ऐलान से खजुराहो सीट पर ज्यादा असर पड़ेगा। भारती यहां से लगातार चार बार प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। वैसे भी मौजूदा सांसद विष्णुदत्त शर्मा को यहां अभी तक बाहरी माना जाता है। शर्मा मुरैना के रहने वाले हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर भारती अपने प्रयासों के बारे में बुंदेलखंड के लोगों को कई बार बता चुकी हैं। खासकर वे छतरपुर-खजुराहो में यह बातें खुलकर कहती रही हैं।

पीएम ने 'मेडिकल' में निवेश करने का आह्वान किया

पीएम ने 'मेडिकल' में निवेश करने का आह्वान किया    

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। यूक्रेन संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में प्राइवेट सेक्टर से मेडिकल शिक्षा में निवेश करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, “क्या हमारे प्राइवेट सेक्टर बहुत बड़ी मात्रा में इस फील्ड में नहीं आ सकते, क्या हमारी राज्य सरकारें इस प्रकार के काम के लिए जमीन देने में उम्दा नीतियां नहीं बना सकते। ताकि अधिकतम डॉक्टर और पैरामेडिक्स हमारे यहां तैयार हों। इतना ही नहीं हम दुनिया की मांग पूरा कर सकते हैं।आम बजट-2022 में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए किए गए प्रावधानों पर केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से आयोजित एक वेबिनार का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार का प्रयास आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश के हर व्यक्ति तक किफायती इलाज पहुंचाने का है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान स्वास्थ्य पर तो है ही, इसके साथ ही उसकी कोशिश आयुष जैसी पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति में शोध को प्रोत्साहन देकर स्वास्थ्य देखभाल तंत्र में उसकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर भी है। उन्होंने कहा, ‘‘आधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश के हर व्यक्ति, हर हिस्से तक बेहतर और किफायती स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने पर भी सरकार का विशेष ध्यान है। हमारा प्रयास है कि गंभीर बीमारियों के इलाज की स्वास्थ्य सुविधाएं ब्लॉक स्तर पर हों, जिला स्तर पर हों, गांवों के नजदीक हों।” उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं से जुड़ी अवसंरचना की देखभाल और समय-समय पर उसमें सुधार भी जरूरी है और इसके लिए निजी और दूसरे क्षेत्र को भी ज्यादा ऊर्जा के साथ आगे आना होगा।

देश की रक्षा, यूक्रेनी सैनिक ने खुद को बम से उड़ाया

देश की रक्षा, यूक्रेनी सैनिक ने खुद को बम से उड़ाया    

सुनील श्रीवास्तव       

कीव/मास्को। रूस लगातार यूक्रेन की सेना पर हमला कर रहा है। हालात कमजोर होने के बावजूद यूक्रेन की सेना रुसी सैनिकों से जमकर मुकाबला कर रही है। इस बीच यूक्रेन के एक युवा सैनिक की बहादुरी खूब चर्चा बटोर रही है। एक रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार यूक्रेन का यह सैनिक अपने देश की रक्षा के लिए अपने जान की परवाह किये बिना खुद को बम से उड़ा लिया। दरअसल युद्ध में अपनी जान न्योछावर करने वाले इस यूक्रेनी सैनिक का नाम विटाली शाकुन है। यूक्रेन की सेना ने विटाली को हीरो बताते हुए, सोशल मीडिया पर उनकी कहानी साझा की है।

बता दें रूस की सेना लगातार यूक्रेन पर हमले किये जा रही है। इसके साथ ही यूक्रेन की सेना भी इसका बहादुरी से जवाब दे रही है। इस दौरान क्रीमिया के पास खेरसॉन क्षेत्र  से खबर मिली की वहां बने पुलों को पार कर रूसी सेना तेजी से आगे बढ़ रही है। ऐसे में उन्हें रोकने के लिए यूक्रेनी आर्मी अलर्ट हो गई। एक रिपोर्ट के अनुसार, खेरसॉन क्षेत्र में तैनात यूक्रेनी सैनिक विटाली शाकुन ने आगे बढ़कर सेना का मोर्चा संभाला और पुल के साथ खुद को भी धमाके में उड़ा लिया। बता दें विटाली शाकुन ने ऐसा इसलिए किया ताकि रूसी सैनिक शहर में प्रवेश ना कर पाएं। जिस पुल को सैनिक वीटाली ने ध्वस्त किया वो रूस के कब्जे वाले क्रीमिया को यूक्रेन से जोड़ता है। विटाली शाकुन इस पुल का प्रबंधन कर रहे थे।

विटाली शाकुन की बहादुरी को यूक्रेन की आर्मी ने सैल्यूट करते हुए कहा कि “रूस से मुकाबले के लिए वहां स्पेशल मरीन बटालियन तैनात थी। इस बटालियन के इंजीनियर विटाली शाकुन ने क्रीमिया के पास बने  पर रूसी सेना के खिलाफ मोर्चा संभाल रखा था। रूसी टैंक को राजधानी की ओर बढ़ने से रोकने के लिए पुल को उड़ाने का फैसला लिया गया था। पुल को उड़ाने के लिए विटाली शाकुन को बुलाया गया। पुल को इस तरह उड़ाना था कि रूसी सेना आगे न बढ़ सके। विटाली ने अपनी जान पर खेलकर मिशन को अंतिम सांस तक अंजाम दिया। लेकिन वे वहां से निकल नहीं सके। पुल को उड़ाने के लिए उन्होंने जो धमाका किया उस दौरान इस जांबाज सैनिक (विटाली शाकुन) की मौत हो गई।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...