टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड के सचिव राजेश कुमार पाठक ने कहा कि नासो-95 समाज के लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकता है। इसका इस्तेमाल उम्र में छोटा-बड़ा कोई भी कर सकता है। एम्स के पूर्व निदेशक एमसी मिश्रा ने कहा कि वायु प्रदूषण वायरस से कहीं बड़ी समस्या है। फेफड़े का कैंसर, कैंसर का प्रमुख रूप है। नासो-95 मेट्रो सिटी में सांस की बीमारियों की समस्या को प्रभावी ढंग से दूर कर सकता है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान, नासो-95 विशेष रूप से उन जगहों पर काम आ सकता है जहां पहचान के उद्देश्य से किसी को मास्क नीचे खींचना पड़ता है जैसे हवाई अड्डे और सुरक्षा जांच आदि।
शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2022
बिजली गुल, जनता को बरगलाने का काम: सपा
बिजली गुल, जनता को बरगलाने का काम: सपा
संदीप मिश्र
बहराइच। जनपद के पयागपुर स्थित पैतौरा मोड़ पर आयोजित जनसभा में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की बिजली गुल हो चुकी है। भाजपा सरकार ने जनता को पांच किलो राशन देकर बरगलाने का काम किया है। हमारी सरकार बनते ही सांड के हमले में मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। कोई पयागपुर के सपा प्रत्याशी मुकेश श्रीवास्तव के समर्थन में जनसभा संबोधित कर रहे थे। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सपा की सरकार बनते ही सांड के हमले में अगर किसी की मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को पांच लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। 22 लाख नौजवानों को रोजगार देने का काम करेंगे। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 112 नंबर की गाड़ी को दोगुना अपग्रेड करेंगे।
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए एंबुलेंस की सुविधा भी दोगुनी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पांच साल तक अपनी सरकार में हम पांच साल लगातार पांच किलो राशन भी देंगे और इसके अलावा घी, तेल व दूध का पाउडर भी देंगे। उन्होंने पुरानी पेंशन बहाल किए जाने की बात दोहराई। अखिलेश यादव कहा कि प्रतिभाओं को निखारने के लिए स्टेडियम निर्माण कराया जाएगा। उच्च कोटि की चिकित्सा व्यवस्था के लिए अस्पतालों को सुदृढ़ किया जाएगा। असहायों को तीन गुना पेंशन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों के उपज की एमएसपी पर खरीद की जाएगी। 15 दिन में गन्ने का भुगतान किया जाएगा। सपा के संकल्प पत्र के तहत 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी। अंत में अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी की बिजली गुल हो चुकी है, बीजेपी के लिए 440 वोल्ट का करंट फैला हुआ है। 10 मार्च को इनकी सरकार चली जाएगी।
रावल के साथ स्क्रीन साझा करने को तैयार अभिनेत्री
रावल के साथ स्क्रीन साझा करने को तैयार अभिनेत्री
कविता गर्ग
मुंबई। अभिनेत्री मानसी पारेख आगामी फिल्म डियर फादर में दिग्गज स्टार परेश रावल के साथ स्क्रीन साझा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। मानसी ने खुलासा किया कि परेशजी ने मुझे कुछ समय पहले इस भूमिका की पेशकश की थी, लेकिन मैं हां नहीं कर सकी थी, क्योंकि मैं उस समय पहले से ही एक टेलीविजन शो और एक गुजराती नाटक कर रही थी। मैं तारीखों को लेकर परेशान थी।
उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, कुछ वर्षों के बाद, जब उन्होंने मुझे यह कहते हुए वापस बुलाया कि फिल्म आखिरकार बन रही है और मुझसे पूछा कि क्या मैं इसका हिस्सा बनना चाहती हूं, तो मैंने तुरंत हां कह दिया। मैं हमेशा से उनके साथ काम करना चाहती थी। मेरे लिए यह एक सपना सच होने जैसा है। यह एक बहुत ही गहन फिल्म है। डियर फादर 4 मार्च को रिलीज होने के लिए बिल्कुल तैयार है।
यूएसए: ट्रांसजेंडर पुरुष बेनेट ने बच्चे को जन्म दिया
यूएसए: ट्रांसजेंडर पुरुष बेनेट ने बच्चे को जन्म दिया
अखिलेश पांडेय
वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के लॉस एंजिल्स के रहने वाले ट्रांसजेंडर पुरुष बेनेट कास्पर विलियम्स की इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है। सुनने में ये भले ही थोड़ा अजीब लगे, लेकिन ये पूरी तरह से सच है। अब उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में बच्चे को जन्म देने का पूरा किस्सा बताया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बेनेट (पहले महिला थीं), किशोर अवस्था तक तो नार्मल रहे, लेकिन जब वो करीब 20 साल के हुए तो उनके शरीर में काफी बदलाव शुरू हो गया। इसके बाद वो डॉक्टरों से मिले, जिस पर पता चला कि वो ट्रांसजेंडर हैं। इससे बेनेट परेशान और दुखी नहीं हुए, बल्कि अपने लिए एक पार्टनर की तलाश शुरू कर दी। 2017 में उनकी मुलाकात मलिक से हुई। कुछ दिनों में दोनों की दोस्ती प्यार में बदली और उन्होंने 2019 में शादी कर ली।
आम लोगों की तरह वो भी अपने परिवार को बढ़ाना चाहते थे, जिस वजह से उन्होंने बच्चे को जन्म देने का फैसला किया। बेनेट ने खुद की टेस्टोस्टेरोन हार्मोन थेरेपी करवाई। इससे ओवरी कार्य करने में सक्षम हो जाती है। डॉक्टरों के मुताबिक ओवरी शरीर का वही अंग है, जहां पर औरत को मां बना सकने वाले अंडे बनते हैं। अंडे वही, जो स्पर्म (शुक्राणु) के साथ मिलकर बच्चा बना सकते हैं। जब उन्होंने बच्चे को जन्म देने का फैसला किया तो उन्होंने इस थेरेपी को रोक दिया।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर सफर करना अप्रैल से महंगा होगा
राष्ट्रीय राजमार्ग पर सफर करना अप्रैल से महंगा होगा
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्ग (हाईवे) और एक्सप्रेस-वे पर चलने वालों के लिए अप्रैल से सफर महंगा हो जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सड़क एवं परिवहन मंत्रालय से टोल बढ़ोतरी की सिफारिश की है। हालांकि अभी टोल दरें तय नहीं की गई हैं। लेकिन कम से कम 10 फीसदी की बढ़ोतरी टोल दरों में की जा सकती है। बढ़ी दरें मासिक पास धारकों पर भी लागू होंगी। उन पर भी 10 फीसदी बढ़ोतरी का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
गुरुग्राम में खेड़की दौला टोल पर दिल्ली-जयपुर हाईवे और गुरुग्राम-दिल्ली एक्सप्रेस वे, दोनों का संयुक्त टोल वसूला जाता है। इसके अलावा कुंडली-पलवल-मानेसर (केएमपी) और फरीदबाद रोड पर टोल वसूली होती है। तीनों की दरों में अंतर है। हाईवे की टोल दरें एनएचएआई की सिफारिश पर सड़क एवं परिवहन मंत्रालय तय करता है जबकि केएमपी एक्सप्रेस-वे की दरें हरियाणा राज्य औद्योगिक आधारभूत संरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) की ओर से तय की जाती हैं। बढ़ोतरी के पीछे कोरोना में लॉकडाउन का तर्क दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कोरोना के कारण टोल प्लाजा को काफी नुकसान हुआ है, जिस कारण टोल वसूली का लक्ष्य हासिल नहीं हो पाया। अब जब सब सामान्य हो गया है, इसलिए बढ़ोतरी की जा रही है।
भारतीय मार्केट के ईवी सेगमेंट में टू-व्हीलर की एंट्री
होंडा हमारे मार्केट में बिजनेस टू बिजनेस प्रोडक्ट लॉन्च नहीं करने वाली, बल्कि कंपनी बैटरी स्वैपिंग तकनीक की जांच शुरू कर चुकी है। इसके लिए कंपनी ने होंडा पावर पैक एनर्जी इंडिया प्रा. लि. नाम की सब्सिडियरी कंपनी भी शुरू की है। ये कंपनी फिलहाल बेंगलुरु में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर का पायलेट रन टेस्ट कर रही है। बता दें कि बाउंस इलेक्ट्रिक ने सब्सक्रिप्शन के आधार पर बैटरी-स्वैपिंग मॉडल पेश किया है, इसके अलावा हीरो ने भी गोगोरो के साथ इसी काम के लिए साझेदारी की है। इससे साफ होता है कि बैटरी स्वैपिंग इलेक्ट्रिक वाहन चलाने के लिए किफायती और झंझट मुक्त विकल्प है। कयास लगाए जा रहे हैं कि होंडा ग्लोबल मार्केट वाले स्कूटर के बदले भारतीय स्पेसिफिकेशन वाले स्कूटर का इलेक्ट्रिक अवतार भारत में लॉन्च करने वाली है, ऐसे में बजाज चेतक, टीवीएस आईक्यूब इलेक्ट्रिक और आगामी सुजुकी बर्गमैन इलेक्ट्रिक का मुकाबला करने के लिए होंडा एक्टिवा इलेक्ट्रिक मार्केट में लाई जा सकती है।
गौरतलब है कि इस स्कूटर को भारतीय ग्राहक बहुत पसंद करते हैं और इसकी इलेक्ट्रिक अवतार मार्केट में आते ही गेम चेंजर साबित हो सकता है। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी से इसकी कीमत काफी गिर जाएगी और ये किफायती होगर ज्यादातर ग्राहकों के दायरे में आ सकेगा।
मुकेश की विशेष याचिका को एससी ने अनुमति दीं
मुकेश की विशेष याचिका को एससी ने अनुमति दीं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि किसी व्यक्ति को मृत कर्मचारी की दूसरी पत्नी की संतान होने के 'आधार' पर अनुकंपा की नौकरी में नियुक्ति से इनकार करना उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन एवं परिवार की गरिमा के खिलाफ होगा। न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा ने ऐसे ही एक मामले में पटना उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली मुकेश कुमार की विशेष याचिका को अनुमति दे दी। उच्च न्यायालय ने मृतक जगदीश हरिजन की दूसरी पत्नी के बेटे होने को आधार बताते हुए रेलवे में अनुकंपा नियुक्ति के मुकेश के दावे को खारिज कर दिया था। मुकेश ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है। इस मामले में सर्वोच्च अदालत की तीन सदस्यीय खंडपीठ पीठ ने कहा, "इस तरह की नियुक्ति से इनकार करने की नीति भेदभावपूर्ण और संविधान के अनुच्छेद 16 (2) का उल्लंघन मानी जाएगी।
शीर्ष अदालत ने कहा कि अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की नीति मृत कर्मचारी के बच्चों को 'वैध' और 'नाजायज' के रूप में वर्गीकृत नहीं कर सकती। वर्गीकृत करके और केवल वैध वंशज के अधिकार को मान्यता देकर (केवल वंश के आधार पर) किसी व्यक्ति के खिलाफ भेदभाव नहीं नहीं किया जा सकता। शीर्ष अदालत ने कहा "योजना और अनुकंपा नियुक्ति के नियम संविधान के अनुच्छेद 14 के जनादेश का उल्लंघन नहीं कर सकते हैं।" खंडपीठ ने 'भारत संघ बनाम वी के त्रिपाठी' (2019) के मामले में दिए गए अपने पिछले फैसले पर भरोसा किया। इस फैसले में यह माना गया था कि किसी कर्मचारी की दूसरी पत्नी के बच्चे को सिर्फ उसी (दूसरी पत्नी की संतान) आधार पर अनुकंपा नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता है।"
खंडपीठ ने कहा "एक बार जब कानून ने उन्हें (दूसरी शादी से पैदा हुए बच्चे) वैध मान लिया है तो उन्हें इस अनुकंपा की नीति के तहत विचार किए जाने से अलग करना असंभव होगा।" शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि अनुकंपा नियुक्ति अनुच्छेद 16 के तहत संवैधानिक गारंटी का अपवाद है, इसलिए अनुकंपा नियुक्ति की नीति संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के जनादेश के अनुरूप होनी चाहिए। अदालत ने कहा " किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए। दूसरी शादी से हुए संतान के मामले में 'वंश' को समझा जाना चाहिए। पारिवारिक उत्पत्ति में अनुकंपा नियुक्ति के दावेदार के माता-पिता के विवाह की वैधता और दावेदार की उनके बच्चे के रूप में वैधता शामिल है।
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