शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2022

मुकेश की विशेष याचिका को एससी ने अनुमति दीं

मुकेश की विशेष याचिका को एससी ने अनुमति दीं    

अकांशु उपाध्याय    

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि किसी व्यक्ति को मृत कर्मचारी की दूसरी पत्नी की संतान होने के 'आधार' पर अनुकंपा की नौकरी में नियुक्ति से इनकार करना उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन एवं परिवार की गरिमा के खिलाफ होगा। न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा ने ऐसे ही एक मामले में पटना उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली मुकेश कुमार की विशेष याचिका को अनुमति दे दी। उच्च न्यायालय ने मृतक जगदीश हरिजन की दूसरी पत्नी के बेटे होने को आधार बताते हुए रेलवे में अनुकंपा नियुक्ति के मुकेश के दावे को खारिज कर दिया था। मुकेश ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है। इस मामले में सर्वोच्च अदालत की तीन सदस्यीय खंडपीठ पीठ ने कहा, "इस तरह की नियुक्ति से इनकार करने की नीति भेदभावपूर्ण और संविधान के अनुच्छेद 16 (2) का उल्लंघन मानी जाएगी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की नीति मृत कर्मचारी के बच्चों को 'वैध' और 'नाजायज' के रूप में वर्गीकृत नहीं कर सकती। वर्गीकृत करके और केवल वैध वंशज के अधिकार को मान्यता देकर (केवल वंश के आधार पर) किसी व्यक्ति के खिलाफ भेदभाव नहीं नहीं किया जा सकता। शीर्ष अदालत ने कहा "योजना और अनुकंपा नियुक्ति के नियम संविधान के अनुच्छेद 14 के जनादेश का उल्लंघन नहीं कर सकते हैं।" खंडपीठ ने 'भारत संघ बनाम वी के त्रिपाठी' (2019) के मामले में दिए गए अपने पिछले फैसले पर भरोसा किया। इस फैसले में यह माना गया था कि किसी कर्मचारी की दूसरी पत्नी के बच्चे को सिर्फ उसी (दूसरी पत्नी की संतान) आधार पर अनुकंपा नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता है।"

खंडपीठ ने कहा "एक बार जब कानून ने उन्हें (दूसरी शादी से पैदा हुए बच्चे) वैध मान लिया है तो उन्हें इस अनुकंपा की नीति के तहत विचार किए जाने से अलग करना असंभव होगा।" शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि अनुकंपा नियुक्ति अनुच्छेद 16 के तहत संवैधानिक गारंटी का अपवाद है, इसलिए अनुकंपा नियुक्ति की नीति संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के जनादेश के अनुरूप होनी चाहिए। अदालत ने कहा " किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए। दूसरी शादी से हुए संतान के मामले में 'वंश' को समझा जाना चाहिए। पारिवारिक उत्पत्ति में अनुकंपा नियुक्ति के दावेदार के माता-पिता के विवाह की वैधता और दावेदार की उनके बच्चे के रूप में वैधता शामिल है।

पुराने समय में लौट रहे, छूट पर विचारः मंत्रालय

पुराने समय में लौट रहे, छूट पर विचारः मंत्रालय    

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण में गिरावट और एक्टिव केस की घटती संख्या के बीच देश एक बार फिर अपने पुराने समय में वापस लौट रहा है। इसी कड़ी में गृह मंत्रालय अब अलग-अलग गतिविधियों में छूट देने पर विचार कर रहा है। मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है और यह हिदायत दी है कि स्कूल, कॉलेज, रेस्टोरेंट, सिनेमा हॉल और जिम समेत कई व्यावसायिक गतिविधियों पर से प्रतिबंध को खतरे के आकलन के साथ हटा लिया जाए। गृह मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि देश में महामारी के बाद हालात सुधर रहे हैं। ऐसे में खतरे का आकलन करके आर्थिक गतिविधियों को खोलने की आवश्यकता है। जिन गतिविधियों को खोलने पर विचार किया जाना चाहिए, उनमें सामाजिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, त्योहार संबंधी सभाओं का आयोजन शामिल हैं।

इसके अलावा नाइट कर्फ्यू, पब्लिक ट्रांसपोर्ट के संचालन, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, सिनेमा हॉल, जिम, स्पा, रेस्टोरेंट और बार को भी खोला जा सकता है। प्रेस रिलीज में कहा गया है कि स्कूल, कॉलेज, कार्यालय और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को खोलने पर भी विचार किया जाए। हालांकि, इस बात का ध्यान रखा जाए कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सही तरह से हो। मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने, हाथों की स्वच्छता और बंद स्थानों में वेंटिलेशन आदि कोविड प्रबंधन के नियमों को ठीक तरह से लागू किया जाए।
बता दें कि भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। आज देशभर से संक्रमण  के 13166 ने।

टेलर पति ने धारदार कैंची से पत्नी पर हमला किया

टेलर पति ने धारदार कैंची से पत्नी पर हमला किया  

दुष्यंत टीकम     

रायपुर। चरित्र शक में टेलर पति ने धारदार कैंची से पत्नी पर जानलेवा हमला कर दिया। जिसकी शिकायत राखी थाने में की गई है। आगे महिला ने पुलिस को बताया कि पति चरित्र पर संदेह कर मारपीट करता है। आये दिन शराब पीकर झगड़ा करता है। इस हरकत से परेशान होकर वो बेटी के सुसराल आई थी। जिसकी जानकारी पति को लगने पर नवा रायपुर पहुंच गया और घर ले जानें की जिद करने लगा। 

जब घर जानें विरोध किया तो मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी। साथ ही पास रखे कपड़ा काटने की धारदार कैंची से हमला किया। प्रार्थियां की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी पति के खिलाफ केस दर्ज किया है और जांच में जुट गई है।

यूक्रेन पर हमला नहीं, अभियान के तहत कार्रवाई हैं

यूक्रेन पर हमला नहीं, अभियान के तहत कार्रवाई हैं    

सुनील श्रीवास्तव    

कीव/ मास्को। रूस के यूक्रेन पर हमले तेज हो रहे हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव में सायरन की आवाज सुनाई दे रही है। रूस का कहना है कि यह यूक्रेन पर हमला नहीं, बल्कि एक विशेष सैन्य अभियान के तहत कार्रवाही है। हमले यूक्रेन के कई इलाकों में सैन्य ठिकानों पर हो रहे हैं। भारतीयों का यूक्रेन से वापस आने का सिलसिला भी जारी है। इसी बीच भारतीय दूतावास ने भारतीयों के लिए दिशा-निर्देश जारी कर कहा है कि वे हमले के सायरन सुने तो पास के बॉम्ब शेलटर्स की तलाश गूगल मैप से करें। आइए जानते हैं कि बॉम्ब शेलटर्स क्या होते हैं।

बॉम्ब शेल्टर्स युद्ध की शब्दावली का शब्द है। सामान्य शब्दों में यह वह बंद जगह होती है। जिसे लोगों को बम और मिसाइल जैसे विस्फोटक हथियारों के प्रभाव से बचाने के लिए बनाया जाता है। यह सामान्यतया ऐसा कमरा या क्षेत्र होता है। जो अंडरग्राउंड होता है, इसे बम के प्रभावों से बचाने के लिए खास डिजाइन किया जाता है। जो हवाई हमले के दौरान एक शरण स्थल की तरह काम में लिया जाता है। औपचारिक बॉम्ब शेल्टर में कई विशेष सुविधाएं होती हैं जैसे पीने का पानी, पैकेट बंद भोजन, आपातकालीन दवाएं, बैटरी चलित रेडिया, आपात फ्लैश लाइट या टॉर्च, अतिरिक्त बैटरी, आदि ऐसी जगह पर कम से कम तीन दिन की जरूरतों के लिए इस तरह का सामान जमा करके रखा जाता है। लेकिन हर जगह या शहर में औपचारिक तौर पर बॉम्ब शेल्टर नहीं बनाए जाते हैं। शहर में कई ऐसी जगह भी होती हैं जो जरूरत पड़ने पर बॉम्ब शेल्टर का काम दे सकती हैं या बॉम्ब शेल्टर की तरह उपयोग में लाई जा सकती है। फिलहाल कीव के मैट्रो स्टेशन इसी काम के लिए उपयोग में लाए जा रहे हैं। इतना नहीं फ्लाई ओवर के नीचे के हिस्से वाले किनारे भी कई बार बॉम्ब शेल्टर की तरह काम आ जाते हैं।

जहां एक ओर रूसने यह आश्वसन दिया है कि उसकी सेना सैन्य ठिकानों पर ही हमला कर रही है नागरिकों और नागरिक ठिकानों पर नहीं। लेकिन यूक्रेन की जनता खतरा पहचान रही है। कीव के लोग शहर के अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन की शरण ले रहे हैं। यह मेट्रो नेटवर्क देश का सबसे पुराना और सबसे बड़ा अंडरग्राउंड नेटवर्क है जिसके सबसे सिस्टम पहले से ही बॉम्ब शेल्टर की तरह माने जाते हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के रूसी टेलीविजन पर सैन्य अभियान की कार्रवाई का ऐलान करने के बाद रूस ने ऐलान किया है कि उसने यूक्रेन के एयर बेसेस और एयर डिफेंस सिस्टम नष्ट कर दिया है। मिसाइल कीव सहित कई शहरों पर भी दागी गईं। रूसी सेना कई दिशाओं से यूक्रेन में दाखिल हो चुकी हैं।

इससे पहले भारतीय दूतावास ने (भारतीय) लोगों से कहा  है कि अगर वे कीव की ओर आ रहे हैं तो वापस उसी शहर में लौट जाएं जहां से वे आ रहे हैं। मार्शल लॉ लागू होने के बाद कीव में बड़ी संख्या में लोग मैट्रो स्टेशन की ओर जा रहे हैं। यूक्रेन में करीब 18 हजार भारतीय हैं जिनमें अधिकांश छात्र  हैं। एयर इंडिया की एक उड़ान को यूक्रेन भेजा गया था, लेकिन यूक्रेन में व्यवसायिक उड़ानों के लिए हावई इलाकों को बंद करने की वजह से उसे लौटना पड़ा। भारतीय विदेश मंत्रालय अब यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के लिए दूसरे विकल्पों पर काम कर रहा है। भारतीय दूतावास की मदद के लिए और भी लोग भेजे जा रहे हैं। मंत्रालय बहुत से भारतीय छात्रों से फोन के जरिए संपर्क में है। बताया जा रहा है कि फिलहाल भारतीय छात्र किसी तरह के संकट में नहीं हैं।

यूक्रेनी सरकार को 'खत्म' करना युद्ध का मकसद

यूक्रेनी सरकार को 'खत्म' करना युद्ध का मकसद  

सुनील श्रीवास्तव      

कीव/मास्को/वाशिंगटन डीसी। पेंटागन का मानना है कि रूस के आक्रमण को यूक्रेनी सरकार को 'खत्म' करने और नए नेतृत्व को स्थापित करने के लिए डिजाइन किया गया है। एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी एक्सियोस ने गुरुवार को संवाददाताओं से यह बात कही। अधिकारी ने कहा कि रूस का आक्रमण - वायु, भूमि और समुद्र - तीन स्तरों पर आगे बढ़ रहा है। जिनमें से एक का लक्ष्य राजधानी कीव है।

वाशिंगटन में यूक्रेन के राजदूत ने संवाददाताओं से कहा कि कीव के पास लड़ाई जारी है। लेकिन शहर फिलहाल सुरक्षित है। रूसी और यूक्रेनी सैनिकों ने शुक्रवार को कीव के पास एक हवाईअड्डे पर नियंत्रण के लिए लड़ाई लड़ी, रूसी सेना ने सीएनएन को बताया कि वे अब इसे नियंत्रित करते हैं। रूस उत्तर से बेलारूसी सीमा पर भी आक्रमण कर रहा है, जो अपने निकटतम बिंदु पर कीव से 100 मील से भी कम दूरी पर है। एक्सियोस ने बताया कि रक्षा अधिकारी ने कहा कि अब तक की सबसे भारी लड़ाई खार्किव में हुई है, जो पूर्व में रूस की सीमा के करीब 14 लाख की आबादी वाला शहर है। रूसी सेना भी दक्षिण से हमला कर रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि सबसे अधिक समस्याग्रस्त स्थिति क्रीमिया की है।

अपवर्जन क्षेत्र पर नियंत्रण, रूस से लड़ रहा यूक्रेन

अपवर्जन क्षेत्र पर नियंत्रण, रूस से लड़ रहा यूक्रेन      

सुनील श्रीवास्तव    

कीव/ मास्को/अंकारा। यूक्रेन की सेनाएं राजधानी कीव से 60 मील उत्तर में चेरनोबिल अपवर्जन क्षेत्र पर नियंत्रण के लिए रूसी सेना से लड़ रही हैं। इस आशंका के बीच कि लड़ाई परमाणु कचरा रखने वाली भंडारण सुविधाओं को नुकसान पहुंचा सकती है। जिससे समूचे यूरोप में विकिरण के बादल छा सकते हैं। यह जानकारी डेली मेल ने दी। यूक्रेन के आंतरिक मामलों के मंत्रालय के एक सलाहकार एंटोन गेराशचेंको ने कहा कि रूसी सेना क्षेत्र में प्रवेश कर गई और सीमा रक्षक इकाइयों के साथ 'जोरदार' लड़ रही थी।

रिपोर्ट में कहा गया है, "अगर भंडारण सुविधाएं नष्ट हो जाती हैं, तो रेडियोधर्मी बादल यूक्रेन, बेलारूस और यूरोपीय संघ को कवर कर सकता है।" इस बीच, तुर्की ने बताया कि उसका एक जहाज ओडेसा के तट पर एक 'बम' की चपेट में आ गया है, जहां लड़ाई जारी है। तुर्की नाटो का सदस्य है, इस आशंका को रेखांकित करता है कि यूक्रेन में युद्ध जल्दी से अन्य देशों में चूस सकता है और यूरोप में एक चौतरफा संघर्ष को जन्म दे सकता है।डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, कीव के सैनिकों ने लगभग 15 मील दूर एक प्रमुख हवाई क्षेत्र पर नियंत्रण खो दिया। रूसी सेना ने इससे पहले दिन में लगभग दो दर्जन हमलावर हेलीकॉप्टरों से उस पर हमला किया था। माना जाता है कि उनमें से चार को मार गिराया गया। 

इमारत की 48वीं मंजिल, हवा में तख्त पर लोगः अजब

इमारत की 48वीं मंजिल, हवा में तख्त पर लोगः अजब       

सुनील श्रीवास्तव    

कुआलालंपुर। हर किसी के नसीब में डेस्क पर बैठ, एसी की ठंडी हवा लेते हुए काम करना नहीं है। कई लोगों को हर रोज पसीना बहाना पड़ता है। जिससे उनका घर चल सके। कुछ लोगों की नौकरियां तो इतनी खतरनाक होती हैं कि उसके बारे में अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। इस बात का सबूत इन दिनों एक वायरल वीडियो में देखने को मिल रहा है, जो कुआलालंपुर का है। हाल ही में कुआलालंपुर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो बेहद चौंकाने वाला है। जिसमें इमारत का कांच साफ करने के लिए लोग झूलते हुए तख्त पर खड़े हुए हैं। अचानक बहुत तेज हवा चलने लगती है और उनका झूला तेजी से हिलने लगता है। ये समाचार बेहद डरावना है। क्योंकि कांच साफ करने वाले लोग कई फीट की ऊंचाई पर मौजूद हैं। झूला इतनी दूर-दूर तक हवा में उड़ रहा है कि वीडियो बनाने वाले लोग भी ये नजारा देखकर खौफ में हैं। झूला बार-बार इमारत से भी टकरा रहा है। आपको बता दें कि ये हादसा टीएस लॉ टावर के 48वीं मंजिल पर हो रहा है। कुआला लंपुर फायर एंड रेस्क्यू ऑपरेशन के कमांडर ने कहा कि कर्मचारियों को बचाने के लिए टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई थी।

सोशल मीडिया पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया।
सोशल मीडिया पर भी ये वीडियो काफी चर्चा में बना हुआ है लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। फेसबुक पर भी लोगों ने हैरानी जताई। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार जब बचाव दल वहां पहुंचा तो उन्होंने देखा कि कर्मियों ने अपने आप को खुद से ही खतरे से बचा लिया था। एक शख्स ने कहा कि मलेशिया का मौसम अब पहले की तरह नहीं रह गया है, सभी को ऐसे कामों को अंजाम देने से पहले मौसम के बारे में पता कर लेना चाहिए। हैरानी लोगों को इस बात की है कि झूले की एक रस्सी टूट भी गई मगर उसपर मौजूद सफाई कर्मियों ने हिम्मत नहीं हारी और बिना डरे खुद की जान बचाई।

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

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