बुधवार, 23 फ़रवरी 2022

स्वास्थ्य संस्थाओं में 910 पदों पर होगीं संविदा भर्ती

स्वास्थ्य संस्थाओं में 910 पदों पर होगीं संविदा भर्ती     

दुष्यंत टीकम        

रायपुर। राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा शहरी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में 910 पदों पर संविदा भर्ती की जाएगी। इनमें चिकित्सा अधिकारी के साथ ही स्टॉफ नर्स, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट एवं चतुर्थ श्रेणी के पद शामिल हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा राज्य स्तर पर 182 चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की जाएगी। वहीं 16 जिलों में जिला स्तर पर स्टॉफ नर्स, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट एवं चतुर्थ श्रेणी के कुल 728 पदों पर भर्ती होगी।

चिकित्सा अधिकारी (संविदा) की भर्ती के लिए एम.बी.बी.एस. की उपाधि या भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त समकक्ष उपाधि (समकक्ष उपाधि में केवल एलोपैथी पद्धति की उपाधि ही मान्य होगी) की योग्यता रखी गई है। इसके लिए 25 फरवरी से 15 मार्च 2022 तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। किसी अन्य माध्यम से आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा। विज्ञापन तिथि तक अभ्यर्थी की सभी शैक्षणिक एवं अन्य अर्हताएं पूर्ण होना अनिवार्य है, अन्यथा आवेदन पत्र अस्वीकृत कर दिया जाएगा। इस संबंध में कोई पत्र व्यवहार मान्य नहीं किया जाएगा। अभ्यर्थियों को सभी प्रमाण पत्र ऑनलाइन आवेदन में संलग्न करना अनिवार्य है। इसके बिना आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। आवेदक की उम्र 1 जनवरी 2022 को न्यूनतम 21 वर्ष व अधिकतम 70 वर्ष होना चाहिए। आयु की गणना 1 जनवरी 2022 को आधार मानकर की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर विज्ञापन का प्रारूप एवं भर्ती संबंधी अन्य जानकारियां देखी जा सकती हैं।
राज्य स्तर पर चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती के साथ ही शहरी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के लिए चार अलग-अलग कनिष्ठ पदों स्टॉफ नर्स, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मापदण्डों के अनुरूप जिला स्तर पर भर्ती की जाएगी। इसके अंतर्गत बलौदाबाजार, राजनांदगांव एवं कोरिया जिले में स्टॉफ नर्स के 3, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 3, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 3 एवं चतुर्थ श्रेणी के 3 पदों पर भर्ती की जाएगी। बस्तर, महासमुंद एवं कवर्धा जिले में स्टॉफ नर्स के 4, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 4, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 4 एवं चतुर्थ श्रेणी के 4, बिलासपुर में स्टॉफ नर्स के 14, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 14, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 14 एवं चतुर्थ श्रेणी के 14 पदों पर भर्ती होगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत धमतरी एवं रायगढ़ जिले में स्टॉफ नर्स के 6, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 6, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 6 और चतुर्थ श्रेणी के 6 पदों पर भर्ती की जाएगी। दुर्ग में स्टॉफ नर्स के 27, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 27, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 27 एवं चतुर्थ श्रेणी के 27 पदों पर भर्ती होगी। जांजगीर-चांपा में स्टॉफ नर्स, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट और चतुर्थ श्रेणी के एक-एक पद पर भर्ती की जाएगी। कांकेर तथा मुंगेली जिले में स्टॉफ नर्स के 2, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 2, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 2 एवं चतुर्थ श्रेणी के 2 पदों, कोरबा में स्टॉफ नर्स के 19, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 19, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 19 एवं चतुर्थ श्रेणी के 19 पदों, रायपुर में स्टॉफ नर्स के 76, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 76, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 76 एवं चतुर्थ श्रेणी के 76 पदों तथा सरगुजा में स्टॉफ नर्स, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट और चतुर्थ श्रेणी के 8-8 पदों पर भर्ती की जाएगी।

एक्ट्रेस श्वेता ने लहंगे में करवाया फोटोशूट, पोज दियें

एक्ट्रेस श्वेता ने लहंगे में करवाया फोटोशूट, पोज दियें  

कविता गर्ग             

मुंबई। एक्ट्रेस श्वेता तिवारी ने एक बार फिर इंस्टाग्राम पर ऐसी तस्वीरें साझा की है। जिसे देख फैंस दीवाने हो गए हैं। वहीं, उनकी खूबसूरती देख पता चल रहा है कि 41 की उम्र में भी उनका जादू फैंस पर चलता है। पलक तिवारी की मां श्वेता अब भी अपने स्टाइलिश और ग्लैमरस लुक से बाकी टीवी एक्ट्रेस को पीछे छोड़ती हैं।श्वेता तिवारी ने हाल ही में लेटेस्ट फोटोशूट की तस्वीरें साझा की हैं। जिसमे वो हमेशा की तरह ही सिजलिंग लुक के साथ पोज दे रही हैं। वहीं, कपड़ों से लेकर मेकअप तक उन्हें हॉट बनाने के लिए काफी दिख रहा है। दरअसल, श्वेता ने ये फोटोशूट लहंगे में करवाया है। जिसमे उनकी टोंड एब्स बड़े ही आसानी से फ्लांट हो रही हैं। 

श्वेता तिवारी ने हाल ही में लेटेस्ट फोटोशूट की तस्वीरें साझा की हैं। जिसमे वो हमेशा की तरह ही सिजलिंग लुक के साथ पोज दे रही हैं। वहीं कपड़ों से लेकर मेकअप तक उन्हें हॉट बनाने के लिए काफी दिख रहा है। दरअसल, श्वेता ने ये फोटोशूट लहंगे में करवाया है। जिसमे उनकी टोंड एब्स बड़े ही आसानी से फ्लांट हो रही हैं। 


तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के नए रेट जारी कियें

तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के नए रेट जारी कियें      

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के बुधवार के नए रेट जारी कर दिए हैं। बुधवार को भी तेल की कीमत में कोई ज्यादा बदलाव नहीं किया गया है। गौरतलब है कि 4 महीने होने वाले हैं। लेकिन ईंधन की कीमत में खास परिवर्तन नहीं किया गया है। हालांकि, बिहार राजस्थान समेत कई राज्यों में अब भी पेट्रोल 100 रुपये के ऊपर बेचा जा रहा है। 
चलिए जानते हैं दिल्ली, यूपी बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पंजाब में 1 लीटर पेट्रोल-डीजल की क्या कीमत है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की घोषणा दिल्ली में पेट्रोल-डीजल के आज के दाम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को भी पेट्रोल-डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। आज आपको दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए 95.41 रुपये चुकाने होंगे जबकि एक लीटर डीजल के लिए 86.67 रुपये देने होंगे।

'सीएफआई' की भूमिका, जानकारी देने का निर्देश

'सीएफआई' की भूमिका, जानकारी देने का निर्देश     

इकबाल अंसारी      
बेंगलुरु। हिजाब मामले की सुनवाई कर रहे कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य सरकार को कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) की भूमिका के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया। उल्लेखनीय है कि एक जनवरी को उडुपी के एक कॉलेज की छह छात्राएं तटीय शहर में सीएफआई द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शामिल हुई थी।
इसका आयोजन कॉलेज प्रशासन द्वारा उन्हें कक्षाओं में हिजाब पहन कर प्रवेश करने देने से मना किये जाने के खिलाफ किया गया था। सरकारी पीयू कॉलेज फॉर गर्ल्स का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एस.एस. नगानंद, इसके प्राचार्य और एक शिक्षक ने बुधवार को उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ से कहा कि हिजाब विवाद सीएफआई से जुड़ी कुछ छात्राओं द्वारा शुरू किया गया था।
इस पर मुख्य न्यायाधीश रीतुराज अवस्थी ने जानना चाहा कि सीएफआई क्या है और इसकी क्या भूमिका थी। पूर्ण पीठ में मुख्य न्यायाधीश अवस्थी, न्यायमूर्ति जे एम खाजी और न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित शामिल हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि संगठन राज्य में प्रदर्शनों का समन्वय एवं आयोजन कर रहा था।
उन्होंने कहा, ”यह एक स्वैच्छिक संगठन है, जो अपना प्रसार कर रहा है और छात्राओं (कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति देने की मांग कर रही) के पक्ष में समर्थन जुटा रहा है। एक अन्य वकील ने कहा कि सीएफआई एक कट्टरपंथी संगठन है, जिसे महाविद्यालयों से मान्यता प्राप्त नहीं है। मुख्य न्यायाधीश अवस्थी ने जानना चाहा कि क्या इस बात से राज्य सरकार अवगत है।
इस पर नगानंद ने कहा कि खुफिया ब्यूरो यह जानता है। इसके बाद, मुख्य न्यायाधीश ने राज्य सरकार को महाधिवक्ता प्रभुलिंग के. नवदगी के मार्फत इसका पता लगाने का निर्देश दिया। जब नवदगी ने कहा कि कुछ सूचना है, तब मुख्य न्यायाधीश ने हैरानी जताई कि कैसे अचानक इस संगठन का नाम सामने आया है। नगानंद ने अदालत को बताया कि कुछ शिक्षकों को सीएफआई ने धमकी दी थी।
उन्होंने कहा, ”शिक्षक शिकायत दर्ज कराने से डर रहे थे लेकिन अब उन्होंने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई है।  जब न्यायामूर्ति दीक्षित ने पूछा कि शिक्षकों को धमकी कब दी गई थी, नगानंद ने कहा कि दो दिन पहले। इस पर नाखुशी जाहिर करते हुए न्यायमूर्ति दीक्षित ने महाधिवक्ता से कहा कि उन्हें अदालत को बताना चाहिए था। महाधिवक्ता ने अपने जवाब में कहा कि वह घटना से अवगत नहीं थे। नगानंद ने यह भी कहा कि गर्ल्स कॉलेज में पोशाक से जुड़ा नियम 2004 से लागू है और अब तक जारी रहा है।

क्रिप्टो के लेन-देन में नुकसान, जिम्मेदार नहीं नियामक

क्रिप्टो के लेन-देन में नुकसान, जिम्मेदार नहीं नियामक

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। विज्ञापनदाताओं को क्रिप्टो उत्पाद और अन्य डिजिटल संपत्ति (नॉन-फंजीबल टोकन- एनएफटी) से संबंधित विज्ञापनों में एक अप्रैल से घोषणा या अस्वीकरण के जरिये यह बताना अनिवार्य होगा कि यह ‘अत्यधिक जोखिम’ और ‘बिना नियमन वाले’ उत्पाद हैं। एनएफटी दरअसल डिजिटल संपत्ति है, जिसका कारोबार किया जाता है। इस श्रेणी के उत्पादों में कला से जुड़े कार्य, संगीत, वीडियो गेम आदि शामिल हैं।
भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने बुधवार को बताया कि इस तरह के विज्ञापनों में यह भी दिखाना अनिवार्य होगा कि क्रिप्टो के लेन-देन में किसी भी तरह के नुकसान के लिए नियामक जिम्मेदार नहीं होगा। 
एएससीआई के अनुसार, सभी ऑनलाइन डिजिटल संपत्ति (वीडीए) को क्रिप्टो की सेवाओं के विज्ञापनों में ‘महत्वपूर्ण और जरूरी’ बिंदुओं को अस्वीकरण में दर्शाना होगा।

यूके हाईकोर्ट ने आपराधिक अवमानना की चेतावनी दीं

यूके हाईकोर्ट ने आपराधिक अवमानना की चेतावनी दीं  

पंकज कपूर         

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राजाजी टाइगर रिजर्व (आरटीआर) में रह रहे वनगूर्जरों के मामले में अदालत के आदेश का पालन नहीं करने के मामले में सरकार और देहरादून, हरिद्वार और पौड़ी जिलों के जिलाधिकारियों को एक सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है और आदेश का पालन नहीं करने की स्थिति में आपराधिक अवमानना की चेतावनी दी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की अदालत में दिल्ली की गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) थिंक एक्ट राइज फाउंडेशन व अन्य की ओर से दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। देहरादून, हरिद्वार व पौड़ी के अलावा अन्य जिलों के जिलाधिकारी वर्चुअली अदालत में पेश हुए।

याचिकाकर्ता अर्जुन कसाना की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार की ओर से 15 दिसंबर 2021 को जारी आदेश का पालन आज तक नहीं किया गया है। सरकार इस मामले में लापरवाही बरत रही है। दूसरी ओर सरकार के अधिवक्ता की ओर से आज इस मामले में अतिरिक्त समय की मांग की गयी। इसके बाद अदालत ने हरिद्वार, पौड़ी व देहरादून के जिलाधिकारियों को अदालत के आदेश का पालन करने के लिए एक सप्ताह का अतिरिक्त समय दे दिया और आदेश का पालन नहीं करने की स्थिति में स्वत: संज्ञान लेते हुए आपराधिक अवमानना की चेतावनी भी दी है।

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 15 दिसंबर, 2021 को आदेश जारी कर सरकार को निर्देश दिये थे कि आरटीआर के अंतर्गत रह रहे 179 परिवारों के पुनर्वास के लिये दो महीने के अंदर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करें और एक साल के अंदर उस पर क्रियान्वयन करे। अदालत ने यह भी कहा कि डीपीआर में वनगूर्जरों के लिये सभी प्रकार की सुख सुविधायें सरकार जुटाये। इसके तहत सड़क, बिजली, पानी, सीवर, प्राथमिक स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधा शामिल हो और उनके जानवरों के लिये भी अस्पताल व दूध एकत्रीकरण सेंटर भी स्थापित करें। अदालत ने सरकार को यह भी निर्देश दिये कि कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के सोना नदी के अंतर्गत रह रहे 24 वन गूर्जर परिवारों को पुनर्वास प्रक्रिया के तहत तीन माह के अंदर 10 लाख रुपये प्रति परिवार भुगतान करे। अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि इन दो मांगों पर यदि समय रहते अमल नहीं किया जाता है तो वह अवमानना याचिका दायर करने को स्वतंत्र हैं। यही नहीं अदालत ने सरकार को निर्देश दिये कि वह सोना नदी से पुनर्वासित 157 वनगूर्जर परिवारों को छह माह के अंदर भूमि का कब्जा प्रमाण पत्र उपलब्घ कराये। इसके अलावा अदालत ने आरटीआर के अंतर्गत रह रहे 179 वन गूर्जर परिवारों की मवेशियों के लिये खाना उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिये थे।

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डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...