रविवार, 20 फ़रवरी 2022

बिहार: सुप्रीमो लालू को सजा सुनाएगा स्पेशल कोर्ट

बिहार: सुप्रीमो लालू को सजा सुनाएगा स्पेशल कोर्ट     

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। करीब 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले मामलों में राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआई के स्पेशल कोर्ट पहले ही चारा घोटालों के सभी 5 मामलों में लालू यादव को दोषी करार दे चुकी है। लालू यादव फिलहाल रिम्स में एडमिट हैं। डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में मंगलवार को दोषी ठहराए जाने के बाद अभी लालू यादव को सजा नहीं सुनाई गई है। इस मामले में 21 फरवरी को सीबीआई का स्पेशल कोर्ट लालू यादव को सजा सुनाएगा।

डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में सजा से पहले ही चारा घोटाले के दो मामलों में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं में अलग से केस दर्ज किया है। प्रवर्तन निदेशालय के एंट्री से लालू यादव की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। क्योंकि ईडी की टीम मनी लॉन्ड्रिंग एंगल समेत आय से अधिक की संपत्ति एंगल को खंगालेगी। दोनों मामलों में चूंकि लालू यादव को सजा सुनाई जा चुकी है, ऐसे में उनकी प्रॉपर्टी को अटैच भी किया जा सकता है।
ईडी ने आरसी 38 ए/96 और आरसी 45/96 केस को टेकओवर किया है। मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले के अन्य दोषियों के खिलाफ जांच की जाएगी।
आरसी 38 ए/96 में सीबीआई के विशेष अदालत ने 3.76 करोड़ रुपये के अवैध निकासी मामले में लालू समेत 19 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जिसमें सात साल की सजा और 60 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
लालू प्रसाद यादव, अजीत कुमार वर्मा, अरुण कुमार सिंह, विमल कांत दास, गोपीनाथ दास, कृष्णा कुमार प्रसाद, मनोरंजन प्रसाद, महिंदर सिंह बेदी, नंदकिशोर प्रसाद, नरेश प्रसाद, ओम प्रकाश दिवाकर, पंकज मोहन भुज, फूलचंद सिंह, पितांबर झा, राधा मोहन मंडल, राजकुमार शर्मा उर्फ राजा राम जोशी, रघुनंदन प्रसाद, राजेंद्र कुमार बगरिया, और शरदेंदु कुमार दास।
बता दें कि पहले भी सीबीआई की रांची स्थित विशेष अदालत ने ईडी को आदेश दिया था कि इन अभियुक्तों ने जनवरी 1990 के बाद जो भी चल-अचल संपत्ति बनाई है, उसे जब्त करें।
इससे पहले लालू प्रसाद को चारा घोटाले से जुड़े चार मामलों में करीब 14 साल की सजा सुनाई गई थी। ये मामले दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से जुड़े थे। सजा के साथ-साथ उनको 60 लाख का जुर्माना भी भरना पड़ा था। फिलहाल लालू यादव जमानत पर बाहर हैं। बता दें कि पहले भी सीबीआई की रांची स्थित विशेष अदालत ने ईडी को आदेश दिया था कि इन अभियुक्तों ने जनवरी 1990 के बाद जो भी चल-अचल संपत्ति बनाई है, उसे जब्त करें।
इससे पहले लालू प्रसाद को चारा घोटाले से जुड़े चार मामलों में करीब 14 साल की सजा सुनाई गई थी। ये मामले दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से जुड़े थे। सजा के साथ-साथ उनको 60 लाख का जुर्माना भी भरना पड़ा था। फिलहाल लालू यादव जमानत पर बाहर हैं।

रेगुलेटर इंश्योरेंस नियमों में बदलाव करने की योजना

रेगुलेटर इंश्योरेंस नियमों में बदलाव करने की योजना    

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली पर्सनल एक्सीडेंटल पॉलिसी से जुड़ा नियम जल्द ही बदल सकता है। इंश्योरेंस रेगुलेटर आइआरडीएआई इस दिशा में काम कर रही है। बीमाकर्ताओं को आ रही दिक्कत को देखते हुए रेगुलेटर इंश्योरेंस नियमों में बदलाव करने की योजना पर काम कर रहा है। नए अपडेट नियम के बाद अगर किसी व्यक्ति ने बिना किसी ब्रेक के अपनी पर्सनल एक्सीडेंटल पॉलिसी को रिन्यू कराना जारी रखा है तो इंश्योरेंस कंपनियां उस व्यक्ति की पॉलिसी को जीवन में कभी भी रिन्यू करने से इनकार नही कर पाएंगी।

इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 16 फरवरी, 2022 को एक एक्सपोजर ड्राफ्ट इश्यू किया था। इसके मुताबिक कोई भी इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसीहोल्डर की उम्र के आधार पर कभी भी पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस को रिन्यू करने से मना नहीं कर पाएगी। एक्सपोजर ड्राफ्ट में इंश्योरेंस से जुड़े नियमों में बदलावों से जुड़े प्रस्ताव में यह प्रपोजल भी शामिल है।अगर कोई पॉलिसीहोल्डर अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी को एक इंश्योरेंस कंपनी से दूसरी कंपनी में पोर्ट कराना चाहता है तो इससे भी जुड़े नियम में बदलाव का प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत प्रस्ताव किया गया है कि पोर्टेबिलिटी फॉर्म रिसीव करने के पांच दिन के भीतर इंश्योरेंस कंपनियों को  से जरूरी जानकारी ले लेनी होगी। इसका प्रस्तावित संशोधन का मकसद किसी भी इंश्योरेंस पॉलिसी की पोर्टेबिलिटी एक निश्चित समय के भीतर सुनिश्चित करना है।

इंश्योरेंस कंपनियों को इस बात के लिए भी प्रोत्साहित किया गया है कि अगर किसी पॉलिसीहोल्डर के रिस्क प्रोफाइल में सुधार होता है तो इंश्योरेंस कंपनियों को उस व्यक्ति को डिस्काउंट देना चाहिए। कोरोना काल ने हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत को सबको सामने ला दिया है। इस महामारी ने बताया है कि हेल्थ इंश्योरेंस किस प्रकार आपकी गाढ़ी कमाई को किसी भी तरह के नुकसान से बचाता है।

100 से ज्यादा पक्षियों के जीवाश्वम खोजें: अध्ययन

100 से ज्यादा पक्षियों के जीवाश्वम खोजें: अध्ययन    

सुनील श्रीवास्तव     

बीजिंग। आम लोगों में पुरातन युग के जीवों में डायानासोर का ही कौतूहल होता है। लेकिन इस युग में कई पक्षी भी हुआ करते थे। हाल ही में चीन की दीवार के पास जीवाश्मविज्ञानियों की टीम ने सौ से भी ज्यादा पक्षियों के जीवाश्वम खोजे हैं। जो आज से 12 करोड़ साल पहले रहा करते थे। यह वह समय था जब दुनिया भर में डायनासोर का राज हुआ करता था। बुरी तरह कुचले हुए इन जीवाश्मों में छह का शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया और दो नई प्रजातियों का पता लगाया। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस नई खोज से इस इलाकों और संपूर्ण पक्षियों की जानकारी का अधूरापन खत्म हो सकेगा।

जर्नल ऑफ सिस्टेमेटिक्स एंड इवोल्यूशन में प्रकाशित इस अध्ययन के प्रमुख लेखक और शिकागो के फील्ड म्यूजियम में वर्टीबरेट पेलेओंटोलॉजी के एसोसिएट क्यूरेट चिंगमाई ओ कॉर्नर ने बताया कि इन पक्षियों के दातों के बारे में अनोखी जानकारी मिली है जो किसी दूसरे पक्षी या इस तरह के डायनासोर में देखने को नहीं मिली है। कॉर्नर ने बताया कि इन जीवाश्मों का अध्ययन एक बहुत ही लंबा और कष्टकारी प्रक्रिया थी। इन नमूनों में दो नई प्रजातियों की जानकारी क्रिटेशिल काल के पक्षियों के बारे में नई जानकारी मिली है। ये जीवास्व चीन ऐसी जगह से मिले हैं हां पहले भी पक्षियों के जीवाश्म मिलते रहे हैं। ये जीव आधुनिक पक्षियों के काफी नजदीक हैं।

पहले कभी इतनी संरक्षित खोपड़ी नहीं दिखी
इस अध्ययन के सहलेखक और यूटा टेक यूनिवर्सिटी की जेरी हैरिस ने बताया कि अभी तक मिले सभी पक्षी जीवाश्मों इस तरह की खोपड़ी देखने को नहीं मिली है। इससे पक्षियों के विकास के  बारे में जो जानकारी का अभाव था उसे पूरा करने में सहायता मिलेगी। इस तरह के जीवाश्म में पहले कभी खोपड़ी इतनी संरक्षित नहीं दिखी। जीवों के इतिहास क बात की जाए तो सभी पक्षी डायनासोर हैं लेकिन सभी डायनासोर पक्षी नहीं है।  केवल डायनासोर का एक छोटा समूह ही पक्षियों में विकसित हो गया जो 9 करोड़ साल पहले थे। आधुनिक पक्षी महाविनाश से बचे उन्हीं पक्षियों के वंशज हैं। लेकिन बहुत से प्रागैतिहासित पक्षी विलुप्त हो गए थे। ओकॉर्नर का काम इन्हीं शुरुआती पक्षियों का अध्ययन कर यह पता लगाना है कि क्यों कुछ पक्षी बच गए तो कुछ विलुप्त हो गए।

उत्तरपश्चिम चीन चांगमा नाम की जगह पर पक्षियों के बहुत सारे जीवाश्म मिलते हैं। यहां गैनसस यूमेनेनसिस प्रजाति के पक्षियों के सबसे ज्यादा जीवाश्म मिले हैं। जीवाश्म इस प्रजाति का है। यह निर्धारण करना भी कठिन काम नहीं है। खोपड़ी और गर्दन के हिस्सों का अध्ययन कर शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि उन्हें दो नई प्रजातियों की जीवाश्म मिले हैं। चांगमा में पतली पतली परतों के बीच अलग अलग समय के जीवाश्म मिलते हैं। ऐसा लगता है कि इतिहास के पन्ने पलटे जा रहे हैं। चूंकि जीवाश्व दब कर चपटे हो गए थे इनके सम्पूर्ण हिस्सों का सीटी स्कैन करने में बहुत समय लगा। फिर भी काफी प्रयास के बाद शोधक्रता छह में से दो नमूने के ऐसे जबड़े का पता लगा जो अब तक अनजान थे। ये नई प्रजातियां मीमानाविस डक्ट्रिक्स और ब्रेविडेन्टाविस झांगी नाम दिया गया है।

महिलाओं की अंतरंग तस्वीरें, टेलीग्राम पर शेयर

महिलाओं की अंतरंग तस्वीरें, टेलीग्राम पर शेयर     

अखिलेश पांडेय    

कुआलालंपुर। मलेशिया बीबीसी ने अपनी पड़ताल में पाया है कि महिलाओं की अंतरंग तस्वीरें उनका शोषण करने, शर्मसार और ब्लैकमेल करने के इरादे से सोशल मीडिया ऐप टेलीग्राम पर बड़े स्तर पर शेयर की जा रही हैं। टेलीग्राम पर अपनी नग्न तस्वीरें देखने के साथ ही सारा की ज़िंदगी में जैसे भूचाल आ गया। टेलीग्राम पर उनके इंस्टाग्राम और फ़ेसबुक अकाउंट के साथ साथ उनका फ़ोन नंबर भी शेयर किया गया था। जिससे अचानक ही उनके पास अनजान लोगों के कई फ़ोन कॉल्स आने लगे और ये सभी सारा से उनकी और तस्वीरें मांगने लगे। वे कहती हैं, ''उन्होंने मुझे ऐसा महसूस कराया कि मैं एक वेश्या हूं। क्योंकि उन्हें विश्वास था। मैंने अपनी अंतरंग तस्वीरें खुद शेयर की थीं। जैसे एक महिला के रूप में मेरा कोई मूल्य नहीं था। सारा (बदला हुआ नाम) ने एक शख़्स के साथ अपनी तस्वीर शेयर की थी, लेकिन ये तस्वीर टेलीग्राम पर 18 हज़ार फॉलोअर्स वाले एक ग्रुप में शेयर कर दी गई, इनमें से कई फॉलोअर क्यूबा के हवाना में उनके पड़ोसी थे। उन्हें डर लगता है कि सड़कों पर चलने वाले कई अनजान लोगों ने भी उनकी नग्न तस्वीर को देखा होगा। सारा अकेली नहीं है। टेलीग्राम पर महीनों की जांच के बाद, हमनें पाया कि कम से कम 20 देशों में बड़े ग्रुप और चैनल महिलाओं की हजारों गुप्त रूप से फिल्माई गई, चोरी या लीक की गई तस्वीरों को शेयर कर रहे हैं। और इस बात के लगभग ना के बराबर सबूत हैं कि प्लेटफॉर्म इस विकट समस्या से निपट रहा है। क्यूबा से हज़ारों किलोमीटर दूर, निगार एक नई ज़िंदगी में ढलने की कोशिश कर रही हैं। 

निगार अज़रबैजान से हैं, लेकिन वह कहती हैं कि उन्हें देश छोड़ने पर मजबूर किया गया। साल 2021 में उनका अपने पति के साथ का एक अंतरंग वीडियो उनके परिवार को भेजा गया और फिर वह टेलीग्राम के एक ग्रुप पर शेयर कर दिया गया। वह बताती हैं, "मेरी माँ रोने लगी और मुझसे बोलीं, 'एक वीडियो है, यह मुझे भेजा गया है। उसे देखकर मैं बर्बाद हो गई थी, बिल्कुल बर्बाद हो गयी। उनके वीडियो को 40,000 सदस्यों के ग्रुप में शेयर किया गया था। फुटेज में निगार के पूर्व पति का चेहरा ब्लर था लेकिन उनका चेहरा साफ़ नज़र आ रहा है। अब निगार का उनके पति से तलाक हो चुका है।उनका मानना है कि उनके पूर्व पति ने ही गुपचुप तरीके से उनका वीडियो बनाया था ताकि निगार के भाई को ब्लैकमेल किया जा सके, जो कि अज़रबैजान के राष्ट्रपति के एक प्रमुख आलोचक हैं। वे कहती हैं कि उसकी मां को बताया गया था कि अगर उनके भाई ने अपना एक्टिविज़म न रोका तो ये वीडियो टेलीग्राम पर जारी कर दिया जाएगा। निगार कहती हैं, ''लोग आपको हेय दृष्टि से देखते हैं, इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आप शादी-शुदा हैं। निगार का कहना है कि उन्होंने वीडियो के बारे में अपने पूर्व पति से बात की लेकिन उन्होंने वीडियो बनाने की बात से इनकार कर दिया। बीबीसी ने उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। निगार अब तक अपनी ज़िंदगी में आगे नहीं बढ़ सकी हैं। वे कहती हैं, ''मैं इससे उबर नहीं पाई हूं, अब तक मैं सप्ताह में दो बार थैरेपिस्ट से मिलती रही हूं। वह कहते हैं कि मुझमें कोई सुधार नहीं हो रहा है। वह कहते हैं क्या मैं इसे भूल सकती हूं और मैं कहती हूं नहीं। निगार और सारा की तस्वीरों की टेलीग्राम पर रिपोर्ट किया गया। लेकिन प्लेटफॉर्म ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

बीबीसी रूस से लेकर ब्राज़ील और केन्या से लेकर मलेशिया तक के देशों में 18 टेलीग्राम चैनलों और 24 ग्रुपों को मॉनिटर किया। जिस पर कुल फॉलोअर्स लगभग 20 लाख है। इन ग्रुप पर तस्वीरों के साथ घर के पते और माता-पिता के फ़ोन नंबर जैसे व्यक्तिगत विवरण भी पोस्ट किए गए थे। हमने देखा कि ग्रुप एडमिन लोगों से उनके एक्स-पार्टनर, सहकर्मियों या साथी-छात्रों की अंतरंग तस्वीरें मैसेज भेजने के लिए कहते हैं, ताकि भेजने वाले की पहचान छुपा कर शेयर किया जा सके। टेलीग्राम कहता है कि दुनिया भर में उसके 50 करोड़ से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं- जो कि ट्विटर से भी अधिक है, इस प्लेटफॉर्म पर कई यूजर्स इसके सीक्रेट प्लेटफॉर्म होने के नाते जुड़े हैं। बीते साल जनवरी में व्हाट्सएप ने जब अपनी डेटा पॉलिसी में बदलाव किया तो लाखों लोग टेलीग्राम पर चले गए। टेलीग्राम लंबे समय से मीडिया सेंसरशिप वाले देशों में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच लोकप्रिय रहा है। इसमें यूजर अपना नाम या फ़ोन नंबर साझा किए बिना पोस्ट कर सकते हैं, और अधिकतम 2,00,000 सदस्यों के साथ सार्वजनिक या निजी ग्रुप बना सकते हैं। यहां किसी चैनल को भी लोग एक साथ असीमित संख्या में देख सकते हैं।

गोपनीयता के लिए टेलीग्राम की खा़ा चर्चा है, ये एप एंड टू एंड एन्क्रिप्शन देता है। जो सुनिश्चित करता है कि जो दो लोग बात कर रहे हैं।वही मैसेज देख सकते हैं। यह सिग्नल और व्हाट्सएप जैसे सुरक्षित चैट ऐप्स पर भी डिफ़ॉल्ट सेटिंग है। प्लेटफ़ॉर्म कम विनियमित (रेगुलेटेड) स्थान चाहने वाले उपयोगकर्ताओं को भी आकर्षित करता है, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं। जिन्हें अन्य प्लेटफ़ॉर्म से प्रतिबंधित कर दिया गया है। डिजिटल राइट्स ग्रुप एक्सेस नाउ की तकनीकी क़ानूनी सलाहकार नतालिया क्रापिवा कहती हैं, "टेलीग्राम और उसके मालिकों के अनुसार, वे यूजर्स को सेंसर नहीं करना चाहते है। लेकिन, बीबीसी के शोध से पता चला है कि इस तरह के रुख़ ने टेलीग्राम को न्यूड तस्वीरों को लीक करने और शेयर करने का अड्डा बना दिया है। टेलीग्राम के पास इस तरह की तस्वीरें जिसे किसी की इच्छा के ख़िलाफ़ शेयर किया जाए उससे निपटने की कोई नीति नहीं है। लेकिन जब यूजर इसके टर्म-कंडीशन पर सहमति दर्ज करते हैं तो उनमें से एक नियम ये कहता है कि ''सार्वजनिक रूप से देखे जा सकने वाले टेलीग्राम चैनलों, बॉट आदि पर अवैध अश्लील सामग्री पोस्ट न करें। टेलीग्राम पर सार्वजनिक और निजी दोनों ग्रुप और चैनलों में इन-ऐप रिपोर्टिंग सुविधा भी है। जहां यूजर्स पोर्नोग्राफ़ी को रिपोर्ट कर सकते हैं। टेलीग्राम इस तरह के रिपोर्ट पर कितनी जल्दी कार्रवाई करता है ये देखने के लिए बीबीसी की टीम ने 100 पोर्नोग्राफ़ी की तस्वीरों को इन-एप रिपोर्टिंग फ़ीचर से रिपोर्ट किया। एक महीने बाद भी इनमें से 96 तस्वीरें प्लेटफॉर्म पर एक्सेसेबल बनी रहीं। वहीं चार तस्वीरें प्राइवेट ग्रुप में अभी भी थीं जिन्हें एक्सेस नहीं कर पाएं।इस पड़ताल के दौरान बीबीसी की टीम के साथ भी एक परेशान करने वाला वाकया हुआ, जहां रूस के एक अकाउंट से बीबीसी की टीम को टेलीग्राम पर चाइल्स पोर्नोग्राफ़ी एक कप कॉफ़ी से भी कम कीमत पर बेचने की कोशिश की गई। ऐसे ही बच्चों के पोर्न से जुड़े एक वीडियो पर जब एप्पल ने अपने प्लेटफ़ॉर्म से टेलीग्राम को कुछ वक़्त के लिए हटा दिया था तब जाकर टेलीग्राम ने बच्चों के पोर्नोग्राफ़ी पर कुछ कदम उठाए।

प्लेटफॉर्म ने 2019 में यूरोपीय संघ की अपराध एजेंसी यूरोपोल के साथ मिलकर इस्लामिक स्टेट की एक बड़ी यूनिट को ख़त्म करने के लिए काम किया था। लेकिन अंतरंग तस्वीरों को हटाना टेलीग्राम की प्राथमिकता नहीं मालूम होती है। हमने नाम न छापने की शर्त पर पांच टेलीग्राम कंटेंट मॉडरेटर से बात की। उन्होंने हमें बताया कि वे एक ऑटोमेटेड सिस्टम के माध्यम से यूजर्स से रिपोर्ट प्राप्त करते हैं, जिसे वे "स्पैम" और "नॉट स्पैम नहीं" जैसे विकल्प चुन कर निपटा लेते हैं। उन्होंने बताया कि वह इस तरह की तस्वीरों के लिए प्रो-एक्टिव सर्च नहीं करते, जहां तक उन्हें पता है टेलीग्राम भी ऐसे कंटेट के लिए एआई का इस्तेमाल नहीं करता है।जोआना जब 13 साल की थीं तो उन्हें मलेशिया के टेलीग्राम पर अपनी न्यूड तस्वीर मिलीं। उन्होंने एक फ़ेक अकाउंट बनाया, ग्रुप जॉइन करके अपनी तस्वीर रिपोर्ट की।उन्होंने अपने दोस्तों से भी ये फ़ोटो रिपोर्ट करने को कहा। मीडिया के दबाव के बीच, ग्रुप को अंततः बंद कर दिया गया। लेकिन अपनी पड़ताल के दौरान, हमने पाया कि कम से कम दो डुप्लीकेट ग्रुप एक ही तरह की तस्वीरें साझा कर रहे हैं।

जोआना कहती हैं, "कभी-कभी आप इतना असहाय महसूस करते हैं, क्योंकि हमने इन ग्रुपों को हटाने के लिए बहुत कुछ करने की कोशिश की है। लेकिन वे अभी भी सामने आ रहे हैं, इसलिए मुझे नहीं पता कि इसका कोई अंत है या नहीं। टेलीग्राम ने बीबीसी को इंटरव्यू देने से इनकार कर दिया, लेकिन एक बयान में उसने हमें बताया कि यह सार्वजनिक ग्रुप, चैनल की लगातार निगरानी करता है और कंटेंट के बारे में अगर कोई यूजर रिपोर्ट करता है तो उसे प्रोसेस किया जाता है। टेलीग्राम पर कुछ सार्वजनिक चैनलों पर विज्ञापनों को रोलआउट कर रहा है इससे साफ़ है कि संस्थापक पावेल ड्यूरोव इससे एड के ज़रिए पैसे कमाने की मंशा रखते हैं। इससे टेलीग्राम पर व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्रतिद्वंद्वियों के कदम मिलाने का दबाव बढ़ने की संभावना है। व्हाट्सएप ने अंतरंग तस्वीरें साझा करने के ख़िलाफ़ नीतियों को पेश करना शुरू कर दिया है। ऐसे में देखना होगा कि टेलीग्राम कब तक इसे नज़रअंदाज़ करता रहेगा। उन महिलाओं के लिए जिनकी ज़िंदगी टेलीग्राम पर आई तस्वीरों ने बदल दी हैं। उनके लिए ये बदलाव अभी बहुत दूर है।

पहली बार वोट करने वाले मतदान जरूर करें: पीएम

पहली बार वोट करने वाले मतदान जरूर करें: पीएम    

संदीप मिश्र      

लखनऊ/ चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब और उत्तर प्रदेश के मतदाताओं से अपील करते हुए ट्वीट किया है। ''पंजाब में विधानसभा चुनाव और यूपी में तीसरे चरण का मतदान रविवार को शुरू हो चुका है। सभी लोग बड़ी संख्या में मतदान करें। ख़ास कर युवा और पहली बार वोट करने वाले मतदान ज़रूर करें। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण के मतदान को अपील करते हुए ट्विटर पर लिखा है, ''भयमुक्त, दंगामुक्त, अपराधमुक्त प्रदेश के लिए, राष्ट्रवाद की विजय के लिए, 'आत्मनिर्भर एवं नए उत्तर प्रदेश' के निर्माण के लिए और जन-जन के उत्थान के लिए, आप सभी मतदान अवश्य करें। पहले मतदान, फिर जलपान।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी ट्वीट कर लोगों से मतदान करने की अपील की है। चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने ट्वीट में लिखा है, ''पंजाब आज मतदान हो रहा है। आप सभी प्रगतिशील बदलाव के लिए मतदान के ज़रिए अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करें। आप अपने दोस्तों और परिवार को भी मतदान कराने ले जाएं क्योंकि हर एक वोट अहम है।समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने सैफई में कहा कि चौथे चरण के चुनाव में ही उनकी पार्टी बहुमत हासिल कर लेगी। रामगोपाल यादव ने कहा कि बाक़ी के तीन चरणों में पार्टी जिन सीटों पर जीत दर्ज करेगी, वे अतिरिक्त होंगी। पंजाब में एक शरीर से जुडे दो बच्चे सोना और मोना ने मनवाल के एक मतदान केंद्र पर मतदान किया। उन्होंने कहा, “पहली बार मतदान करके बहुत अच्छा लग रहा है। नागरिकों को अपने मत का इस्तेमाल ज़रूर करना चाहिए।

'1945 के बाद सबसे बड़ी जंग' की तैयारी: जॉनसन

'1945 के बाद सबसे बड़ी जंग' की तैयारी: जॉनसन   

अखिलेश पांडेय        

लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बीबीसी से कहा है कि सबूत ये संकेत दे रहे हैं कि रूस यूरोप में "1945 के बाद सबसे बड़ी जंग" की तैयारी कर रहा है।बीबीसी संवाददाता सोफ़ी रावर्थ को दिए एक साक्षात्कार में ब्रितानी प्रधानमंत्री ने कहा, "सारे संकेत ये हैं कि कुछ मायनों में रूस ने अपनी इस तैयारी को अंजाम देना भी शुरू कर दिया है। पीएम जॉनसन ने कहा कि ख़ुफिया जानकारी के मुताबिक, रूस का मकसद यूक्रेन पर इस तरह हमला करने का है। जिससे राजधानी कीव की घेराबंदी कर ली जाए। म्यूनिख में दुनियाभर के शीर्ष नेताओं के वार्षिक सुरक्षा कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा, "लोगों को समझना होगा कि इससे मानव जीवन को भारी नुकसान हो सकता है।

अमरीकी सरकार की ओर से जारी किए ताज़ा अनुमान के अनुसार यूक्रेन की सीमा पर अब तकरीबन 1 लाख 69 हज़ार से 1 लाख 90 के बीच रूसी सैनिक तैनात हैं। ये सैनिक रूस और पड़ोसी देश बेलारूस में मौजूद हैं। लेकिन इनमें पूर्वी यूक्रेन के विद्रोही गुट के लोग भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, "जो तैयारी हम देख रहे हैं, वो कुछ ऐसी है। जो 1945 के बाद यूरोप में सबसे बड़ी जंग हो सकती है। केवल पूर्व के रास्ते, डोनबास क्षेत्र से हमले की संभावना को देखा जा रहा है, हमें मिली ख़ुफिया जानकारी के मुताबिक, हमला बेलारूस के रास्ते भी हो सकता है। जिससे राजधानी कीव को घेरा जा सके। मुझे लगता है कि लोगों को ये समझने की ज़रूरत है कि इससे न सिर्फ़ यूक्रेन बल्कि रूस को भी भारी संख्या में अपने लोगों की जान गंवानी पड़ सकती है। पश्चिमी देशों के अधिकारियों ने हालिया दिनों में चेतावनी दी है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है, लेकिन रूस ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा है कि उसके सैनिक इस क्षेत्र में सैन्य अभ्यास कर रहे हैं।

यूक्रेन पर रूस के हमले का ख़तरा अभी भी मंडरा रहा है या नहीं, इस सवाल पर जॉनसन ने कहा कि मुझे डर है कि संकेत यही हैं। उन्होंने कहा, "सच ये है कि सभी संकेत यही हैं कि रूस ने युद्ध की तैयारियों को कुछ मायनों में अंजाम देना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, "मुझे डर है कि हमें जो योजना दिख रही है, वो कुछ ऐसी है। जो यूरोप में 1945 के बाद सबसे बड़ा युद्ध हो सकता है। लोगों को सिर्फ़ यूक्रेन में संभावित मौतों के बारे में नहीं बल्कि युवा रूसी लोगों की जान के बारे में भी सोचने की ज़रूरत है। बोरिस जॉनसन ने दुनिया के नेताओं से कहा कि अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो इसका "असर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है।

कार ड्राइवर के पदों पर भर्ती, नोटिफिकेशन जारी

कार ड्राइवर के पदों पर भर्ती, नोटिफिकेशन जारी    

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। भारतीय डाक ने स्टाफ कार ड्राइवर के पदों पर भर्ती के लिए अपने आधिकारिक वेबसाइट पर एक नोटिफिकेशन जारी किया है। नोटिफिकेशन के अनुसार, इस प्रक्रिया के माध्यम से स्टाफ कार ड्राइवर के 29 रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी। जिसमें, अनारक्षित वर्ग के लिए 15 पद, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 3 पद, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 8 पद और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 3 पद शामिल हैं। भारतीय डाक में इन पदों पर चयनित उम्मीदवारों को वेतन मैट्रिक्स लेवल 2 के तहत 19900 रुपए से 63200 रुपए महीने तक का वेतन दिया जाएगा।

भर्ती के लिए उम्मीदवारों का चयन ड्राइविंग टेस्ट के आधार पर किया जाएगा। सभी योग्य उम्मीदवार  के लिए निर्धारित प्रारूप में तय समय के अंदर आवेदन कर सकते हैं। सभी उम्मीदवार आवेदन करने से पहले नोटिफिकेशन के माध्यम से अपनी योग्यता अवश्य जांच लें। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं। भारतीय डाक में स्टाफ कार ड्राइवर पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं या समकक्ष परीक्षा पास होना चाहिए। इसके अलावा भर्ती के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 18 साल और अधिकतम आयु 27 साल निर्धारित की गई है। हालांकि, सरकारी नियमों के अनुसार अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति वर्ग के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में 5 साल और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को 3 साल की छूट दी जाएगी।

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...