रविवार, 20 फ़रवरी 2022

कार ड्राइवर के पदों पर भर्ती, नोटिफिकेशन जारी

कार ड्राइवर के पदों पर भर्ती, नोटिफिकेशन जारी    

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। भारतीय डाक ने स्टाफ कार ड्राइवर के पदों पर भर्ती के लिए अपने आधिकारिक वेबसाइट पर एक नोटिफिकेशन जारी किया है। नोटिफिकेशन के अनुसार, इस प्रक्रिया के माध्यम से स्टाफ कार ड्राइवर के 29 रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी। जिसमें, अनारक्षित वर्ग के लिए 15 पद, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 3 पद, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 8 पद और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 3 पद शामिल हैं। भारतीय डाक में इन पदों पर चयनित उम्मीदवारों को वेतन मैट्रिक्स लेवल 2 के तहत 19900 रुपए से 63200 रुपए महीने तक का वेतन दिया जाएगा।

भर्ती के लिए उम्मीदवारों का चयन ड्राइविंग टेस्ट के आधार पर किया जाएगा। सभी योग्य उम्मीदवार  के लिए निर्धारित प्रारूप में तय समय के अंदर आवेदन कर सकते हैं। सभी उम्मीदवार आवेदन करने से पहले नोटिफिकेशन के माध्यम से अपनी योग्यता अवश्य जांच लें। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं। भारतीय डाक में स्टाफ कार ड्राइवर पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं या समकक्ष परीक्षा पास होना चाहिए। इसके अलावा भर्ती के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 18 साल और अधिकतम आयु 27 साल निर्धारित की गई है। हालांकि, सरकारी नियमों के अनुसार अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति वर्ग के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में 5 साल और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को 3 साल की छूट दी जाएगी।

विधानसभा: 3 घंटे में 17.77 प्रतिशत मतदान हुआ

विधानसभा: 3 घंटे में 17.77 प्रतिशत मतदान हुआ    

अमित शर्मा    

चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा की कुल 117 सीटों के लिये रविवार सुबह आठ बजे से मतदान शुरू हुआ। राज्य में पहले तीन घंटों (11 बजे तक) में 17.77 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ और कुछेक घटनाओं को छोड़ कर शांतिपूर्ण चल रहा है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में शुरूआत में यह धीमा रहा। लेकिन शहरी क्षेत्रों में अपेक्षाकृत तेजी देखी गई।ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह ठंड के कारण इक्का-दुक्का मतदाता मतदान केंद्रों पर पहुंच। लेकिन सूरज चढ़ने के साथ इनकी संख्या बढ़ने लगी। लोग सुबह का कामकाज निपटा कर मतदान केंद्रों पर पहुंचने लगे और कतारें लगनी शुरू हो गईं। शहरी क्षेत्रों में मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की जल्द ही कतारें लगनी शुरू हो गईं। पहले एक घंटे में 4.86 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। आम आदमी पार्टी(आप) का मुख्यमंत्री पद का चेहरा और सांसद भगवंत मान ने गुरूद्वारा सच्चा धन में मत्था टेकने के बाद मोहाली के फेज-तीन मतदान केंद्र में मतदान किया और इसके बाद वह संगरूर रवाना हो गये।

उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार सुखजिंदर सिंह रंधावा ने डेरा बाबा नानक और ओम प्रकाश सोनी ने अमृतसर-सैंट्रल ,कैबिनेट मंत्री परगट सिंह ने जालंधर कैंट के मीठापुर, कैबिनेट मनप्रीत सिंह बादल ने मुक्तसर जिले के बादल गांव और अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका सूद ने मोगा में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में मतदान किया। कैबिनेट मंत्री भरत भूषण आशु ने लुधियाना, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ ने अबोहर विधानसभा के पंचकोसी, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने पठानकोट में मतदान किया। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के साथ अमृतसर के स्वामी विवेकानंद कॉलेज में मतदान किया। कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने गुरदासपुर और मनीष तिवारी ने लुधियाना में वोट डाला।

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उनके सांसद पुत्र और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मुक्तसर जिले के बादल गांव में मतदान किया। सुखबीर बादल ने इस चुनाव में शिरोमणि अकाली दल(शिअद) और बहुजन समाज पार्टी(बसपा) गठबंधन को 80 से ज्यादा सीटें मिलने और राज्य में सरकार बनाने का का दावा किया। पंजाब के सबसे अमीर उम्मीदवार कुलवंत सिंह कलसन ने मोहाली के सेक्टर 71 के मतदान बूथ पर परिवार सहित मतदान किया।उनकी आमदनी 233 करोड़ रुपये है। जुड़वां भाई सोहना मोहना ने अमृतसर के मानावाला स्कूल स्थित मतदान केंद्र में मतदान किया। दोनों ने अलग अलग मतदान किया। इस दौरान गोपनीयता सुनिश्चित की गई।

चुनाव मैदान में विभिन्न राजनीतिक दलों और निर्दलीयों समेत कुल 1,304 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं जिनमें 93 महिलाएं, दो थर्ड जेंडर और शेष 1,209 पुरुष हैं। राज्य में 14,684 स्थलों पर 24,740 मतदान केंद्र बनाये गये हैं। इनमें से 1,051 जगहों पर 2,013 मतदान केंद्र संवेदनशील घोषित किये गये हैं। राज्य के कुल 2,14,99,804 पंजीकृत मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इनमें 1,12,98,081 पुरूष, 1,02,00,996 महिला और 727 थर्ड जेंडर हैं। जो आज चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद करेंगे और 10 मार्च को इन उम्मीदवारों को भाग्य का फैसला आयेगा।

‘हरित हाइड्रोजन’ संयंत्र स्थापित करेगी आईओसी

‘हरित हाइड्रोजन’ संयंत्र स्थापित करेगी आईओसी    

अकांशु उपाध्याय    

नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) कार्बन उत्सर्जन वाली इकाइयों को बदलने के लिए 2024 तक अपनी मथुरा और पानीपत रिफाइनरियों में ‘हरित हाइड्रोजन’ संयंत्र स्थापित करेगी। कंपनी का मानना है कि हालिया घोषित हरित हाइड्रोजन नीति ऊर्जा बदलाव की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण पहल है और इससे लागत को कम करने में मदद मिलेगी। आईओसी के निदेशक शोध एवं विकास एस एस वी रामकुमार का कहना है कि नई नीति से हरित हाइड्रोजन के विनिर्माण की लागत में 40-50 प्रतिशत की कटौती होगी। उन्होंने यहां कि यह नीति हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए सबसे बड़ी ‘समर्थक’ साबित होगी।’ पेट्रोलियम रिफाइनरियां, उर्वरक संयंत्र और इस्पात इकाइयां तैयार उत्पादों के उत्पादन के लिए प्रक्रिया में ईंधन के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग करती हैं।

रिफाइनरियों में पेट्रोल और डीजल से अतिरिक्त सल्फर को हटाने के लिए हाइड्रोजन का उपयोग किया जाता है। मौजूदा समय में हाइड्रोजन प्राकृतिक गैस या नेफ्था जैसे जीवाश्म ईंधन से उत्पन्न होता है और इससे कार्बन उत्सर्जन होता है। आईओसी ने इस ‘ग्रे हाइड्रोजन’ को ‘हरित हाइड्रोजन’ से बदलने की योजना बनाई है। जिसे ‘स्वच्छ’ हाइड्रोजन’ भी कहा जाता है। इसमें ऊर्जा का इस्तेमाल नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों मसलन सौर या पवन से किया जाता है और पानी को इलेक्ट्रोलिसिस (विद्युत अपघटन) प्रक्रिया के जरिये दो हाइड्रोजन कणों और एक ऑक्सीजन कण में बांटा जाता है। रामकुमार ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा की दो रुपये प्रति किलोवॉट (या प्रति यूनिट) की मुख्य लागत वास्तव में उत्पादन स्थल (राजस्थान या लद्दाख में सौर फार्म आदि में) की कीमत है।इसे पारेषण लाइनों के जरिये विभिन्न राज्यों में भेजे जाने पर अलग-अलग शुल्क लगते हैं। इसके बाद यह लागत चार से सात रुपये प्रति यूनिट हो जाती है। उन्होंने बताया कि कारखाना गेट की लागत चार से सात रुपये प्रति यूनिट पर हरित हाइड्रोजन की उत्पादन लागत 500 रुपये प्रति किलो आती है।

वहीं मौजूदा ग्रे हाइड्रोजन में यह सिर्फ 150 रुपये प्रति किलो बैठती है। गत 17 फरवरी को घोषित हाइड्रोजन नीति के तहत हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के खुले इस्तेमाल की छूट होगी और उसपर केंद्रीय अधिभार और अंतर-राज्य पारेषण शुल्क नहीं लगेगा। यह सुविधा 30 जून, 2025 से पहले शुरू होने वाली परियोजनाओं पर मिलेगी। रामकुमार ने कहा कि इससे आवश्यक रूप से हरित हाइड्रोजन की उत्पादन लागत में 40 से 50 प्रतिशत की कमी आएगी।

नई पेंशन योजना पर विचार कर रहा ईपीएफओ

नई पेंशन योजना पर विचार कर रहा ईपीएफओ   

अकांशु उपाध्याय        

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) संगठित क्षेत्र के 15,000 रुपये से अधिक का मूल वेतन पाने वाले तथा कर्मचारी पेंशन योजना-1995 (ईपीएस-95) के तहत अनिवार्य रूप से नहीं आने वाले कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना लाने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में संगठित क्षेत्र के वे कर्मचारी जिनका मूल वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) 15,000 रुपये तक है, अनिवार्य रूप से ईपीएस-95 के तहत आते हैं। ईपीएफओ के सदस्यों के बीच ऊंचे योगदान पर अधिक पेंशन की मांग की गई है। इस प्रकार उन लोगों के लिए एक नया पेंशन उत्पाद या योजना लाने के लिए सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है, जिनका मासिक मूल वेतन 15,000 रुपये से अधिक है।” सूत्र के अनुसार, इस नए पेंशन उत्पाद पर प्रस्ताव 11 और 12 मार्च को गुवाहाटी में ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक में आ सकता है।

बैठक के दौरान सीबीटी द्वारा नवंबर, 2021 में पेंशन संबंधी मुद्दों पर गठित एक उप-समिति भी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। सूत्र ने बताया कि ऐसे ईपीएफओ अंशधारक हैं जिन्हें 15,000 रुपये से अधिक का मासिक मूल वेतन मिल रहा है, लेकिन वे ईपीएस-95 के तहत 8.33 प्रतिशत की कम दर से ही योगदान कर पाते हैं। इस तरह उन्हें कम पेंशन मिलती है। ईपीएफओ ने 2014 में मासिक पेंशन योग्य मूल वेतन को 15,000 रुपये तक सीमित करने के लिए योजना में संशोधन किया था। 15,000 रुपये की सीमा केवल सेवा में शामिल होने के समय लागू होती है। संगठित क्षेत्र में वेतन संशोधन और मूल्यवृद्धि की वजह से इसे एक सितंबर, 2014 से 6,500 रुपये से ऊपर संशोधित किया गया था। बाद में मासिक मूल वेतन की सीमा को बढ़ाकर 25,000 रुपये करने की मांग हुई और उसपर विचार-विमर्श किया गया, लेकिन प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल पाई।

उद्योग के अनुमान के अनुसार, पेंशन योग्य वेतन बढ़ाने से संगठित क्षेत्र के 50 लाख और कर्मचारी ईपीएस-95 के दायरे में आ सकते हैं। पूर्व श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने दिसंबर, 2016 में लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा था कि कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत ‘कवरेज’ के लिए वेतन सीमा 15,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 25,000 रुपये मासिक करने का प्रस्ताव ईपीएफओ ने पेश किया था लेकिन इसपर कोई निर्णय नहीं हुआ। सूत्र ने कहा कि उन लोगों के लिए एक नए पेंशन उत्पाद की आवश्यकता है जो या तो कम योगदान करने के लिए मजबूर हैं या जो इस योजना की सदस्यता नहीं ले सके हैं। क्योंकि सेवा में शामिल होने के समय उनका मासिक मूल वेतन 15,000 रुपये से अधिक था।

यूपी: 16 जिलें, 59 सीट, 57.58 प्रतिशत मतदान

यूपी: 16 जिलें, 59 सीट, 57.58 प्रतिशत मतदान 

संदीप मिश्र     

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण में 59 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के सामान्य निर्वाचन-2022 के लिए कल दिनांक 20 फरवरी, 2022 को मतदान सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम को 6.00 बजे समाप्त हुआ। 16 जिलों हाथरस, फिरोजाबाद, एटा, कासगंज, मैनपुरी, फर्रूखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर तथा महोबा में अवस्थित 59 विधान सभा क्षेत्रों के लिए हुआ है। शाम  5 बजे तक जिलों से प्राप्त सूचना के आधार पर तीसरे चरण में कुल 57.58 प्रतिशत मतदान हुआ है। 

इस चरण में शाम छह बजे तक होने वाले मतदान में 2.16 करोड़ मतदाता 627 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद कर देंगे।चुनाव आयोग ने स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने के लिये की गयी व्यापक तैयारियों के बीच सुरक्षा के पुख्ता इंतजामोें के साये में मतदान शुरु होने की जानकारी दी है। 

आयोग की ओर से बताया गया कि तीसरे चरण में बृज क्षेत्र के पांच जिलों फिरोजाबाद, हाथरस, मैनपुरी, एटा और कासगंज की 19, अवध क्षेत्र के कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज और इटावा जिले की 27 तथा बुंदेलखंड के पांच जिलों झांसी, जालौन, ललितपुर, महोबा और हमीरपुर की 13 सीटों पर सुबत सात बजे मतदान शुरु हो गया। इस चरण में 15,557 मतदान केन्द्रों के 25,794 मतदेय स्थलों पर मतदान हो रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मतदान शुरु होने के समय कुछ एक मतदान केन्द्रों पर इक्का दुक्का मतदाता पहुंचे। सर्द सुबह में शुरु हुए मतदान के बीच मतदाताओं को धूप निकलने का इंतजार है। कोविड प्रोटोकॉल के तहत मतदाताओं को मास्क पहन कर ही मतदान केन्द्र में अंदर जाने की इजाजत है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने सेनेटाइजर और थर्मल स्केनिंग सहित अन्य इंतजाम भी मतदान केन्द्रों पर किये हैं।

तीसरे चरण में 13 विधान सभा क्षेत्रों कन्नाैज, शिकोहाबाद, फिरोजाबाद, मैनपुरी, भोगांव, किशनी, कहरल, अलीगंज, सादाबाद, आर्यनगर, सीसामऊ, किदवई नगर और कानपुर कैंट को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इनके 887 इलाकों के 5401 अतिसंवेदनशील मतदेय स्थलों पर सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किये गये हैं। इस चरण में समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा दांव पर है। अखिलेश मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में है। उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल से है। इसी जिले की भोगांव सीट पर योगी सरकार में आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री और कानपुर जिले की महाराजगंज सीट पर औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना भी किस्मत आजमा रहे हैं। मतदान पर पैनी निगाह रखने के लिये आयोग ने 52 सामान्य प्रेक्षक,16 पुलिस प्रेक्षक तथा 19 व्यय प्रेक्षक तैनात किये हैं। इसके अलावा 2235 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 273 जोनल मजिस्ट्रेट, 832 स्टैटिक मजिस्ट्रेट तथा 3069 माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किये गये हैं।

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में तीसरे चरण की 59 में से 49 सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया था, जबकि मात्र नौ सीटें सपा और एक सीट पर कांग्रेस जीत सकी थी। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का इस इलाके में खाता भी नहीं खुल सका था। अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहे विपक्षी दलों को इस चुनाव में तीसरे चरण वाली सीटों पर खोई जमीन वापस पाने की उम्मीद है वहीं, भाजपा किसी भी कीमत पर इस इलाके में खुद को कमजोर नहीं पड़ने देने की भरपूर कोशिश कर रही है। गौरतलब है कि पहले दो चरण के चुनाव में 20 जिलों की 113 सीटों पर मतदान हो चुका है। इसमें 10 फरवरी को 11 जिलों की 58 सीटों पर और 14 फरवरी को नौ जिलों की 55 सीटों पर मतदान हुआ था।

चर्चित चेहरों वाली अन्य प्रमुख सीटों में सादाबाद,जसवंतनगर,फर्रुखाबाद और कन्नौज सीट शामिल है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल सिंह यादव इटावा की जसवंतनगर सीट से सपा के चुनाव चिन्ह पर मैदान में हैं जबकि मुलायम के समधी हरिओम यादव भाजपा के टिकट पर सिरसागंज सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा के ब्राह्मण चेहरा रहे रामवीर उपाध्याय इस बार सादाबाद से भाजपा के उम्मीदवार हैं। हाल ही में भारतीय पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले कानपुर के पुलिस आयुक्त रहे असीम अरुण कन्नौज (सु) सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं। पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुइस खुर्शीद फर्रुखाबाद सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हैं। कांग्रेस ने 2017 में कानपुर की किदवईनगर सीट पर अजय कपूर और गोविंदनगर सीट पर करिश्मा ठाकुर की बहुत कम मतों से हार के कारण एक बार फिर इस चुनाव में दोनों को उम्मीदवार बनाया है। इस चरण के मतदान वाली 59 सीटों में से लगभग दो दर्जन सीटों पर दलित मतदाता और इतनी ही सीटों पर पिछड़ी जातियाें का बाहुल्य हार जीत का फैसला करता है।

यूक्रेन ने 'डीपीआर' की कई बस्तियों पर गोलाबारी की

यूक्रेन ने 'डीपीआर' की कई बस्तियों पर गोलाबारी की

सुनील श्रीवास्तव       

कीव। यूक्रेन के सुरक्षा बलों ने देश के दक्षिण-पूर्व (डोनबास) में स्व-घोषित डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक (डीपीआर) की कई बस्तियों पर गोलाबारी की है। जिसमें मिन्स्क समझौतों द्वारा निषिद्ध 120-मिमी कैलिबर गोले भी शामिल हैं। युद्धविराम व्यवस्था पर नियंत्रण एवं समन्वय के लिए स्थापित संयुक्त केंद्र के डीपीआर मिशन ने यह जानकारी दी है। डीपीआर अधिकारियों ने रविवार को तड़के बताया कि कोमुनारिवका और स्टारोमीखाइलिवका की बस्तियों में 120 मिमी कैलिबर की कुल बीस गोले दागे गए। वहीं 122 मिमी के कैलिबर के 25 गोले पेट्रिव्सके की बस्ती में दागे गए।

इससे पहले डीपीआर मिशन ने बीती रात कहा था कि यूक्रेन की सुरक्षा बलों ने डोनेट्स्क में 120 मिमी के 12 गोले दागे हैं, जबकि डोनेट्स्क उपनगरों में स्थित ओलेक्सांद्रिव्का की बस्ती में 122 मिमी के चार गोले दागे हैं। मिशन के मुताबिक रविवार तड़के डीपीआर में कई अन्य बस्तियों को भी मिन्स्क समझौतों द्वारा प्रतिबंधित हथगोले और गोलों से निशाना बनाया गया।

'भाजपा' सरकार बनने पर माफियाओं की विदाई तय

'भाजपा' सरकार बनने पर माफियाओं की विदाई तय  

अमित शर्मा       

चंडीगढ़। रविवार को पूरा पंजाब डबल इंजन की सरकार चाहता है। यहां भाजपा सरकार बनने पर रेत और नशीले पदार्थों का कारोबार करने वाले माफियाओं की विदाई होगी। गरीब की तकलीफ दूर हो और उसका जीवन आसान बने , ये हमारे लिये सर्वोच्च प्राथमिकता का काम है। पंजाब के किसानों को नई सोच और विजन वाली सरकार चाहिये। किसान को बेहतर फसल , कम लागत और बेहतर कीमत की जरूरत है। इसके लिये हमारी सरकार बीज से बाजार तक नई व्यवस्था बना रही है। पारदर्शी सरकार आई तो पंजाब में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर होगा। ना उद्योगों को पलायन करना पड़ेगा और ना नौजवानों को अपना गांव , अपने दोस्त , अपने बूढ़े मां बाप , अपने खेत खलिहान छोड़कर पंजाब से बाहर जाना पड़ेगा। 

उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अबोहर की नई अनाज मंडी में जनसभा को संबोधित करते हुये कही। इस दौरान उन्होंने सत्तारूढ़ कांग्रेस और सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी हमला बोला। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाते हुये कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने अनाज की रिकॉर्ड खरीद की है। पंजाब के सीएम चन्नी के ‘यूपी-बिहार के भैया’ वाले बयान पर पलटवार करते हुये उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से एक क्षेत्र के लोगों को दूसरे से लड़ाती आयी है। यहां कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने जो बयान दिया उस पर दिल्ली का परिवार उनके साथ खड़े होकर तालियां बजा रहे थे, जिसे पूरे देश ने देखा। अपने इन बयानों से ये लोग किसका अपमान कर रहे हैं ? यहां का कोई ऐसा गांव नहीं होगा जहां हमारे उत्तरप्रदेश या बिहार के भाई बहन मेहनत ना करते हों। यह गुरु रविदास और गुरु गोबिंद सिंंह की धरती का अपमान है। 

पीएम ने कहा ‘इतिहास गवाह है कि कांग्रेस ने किसानों को हमेशा धोखा दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘‘स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को लागू करने की कई वर्षों से मांग की जा रही थी , लेकिन उन्होंने फाइल दबाये रखी और कांग्रेस सरकारों ने केवल झूठ बोला। जब केंद्र में उनकी सरकार बनीं तो उसने आयोग की सिफारिशों को लागू किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में अनाज की रिकॉर्ड खरीदारी हुई।प्रधानमंत्री ने पंजाब में कांग्रेस सरकार को निशाना बनाते हुये कहा कि राज्य में हर कारोबार पर माफिया का कब्जा हो गया है। कांग्रेस सरकार की नीतियों के कारण पंजाब में कोई भी निवेश करने के लिये तैयार नहीं है। अब पूरे पंजाब में एक ही आवाज उठ रही है और वह आवाज है कि भाजपा नीत गठबंधन को जीत दिलाकर ‘‘डबल इंजन’’ की सरकार बनायी जाये। कांग्रेस की जो ‘पार्टनर इन क्राइम’ पार्टी है , वो भी एक के बाद एक झूठ पंजाब में आकर बोल रही है। ये वो लोग हैं जिनकी दिल्ली में सरकार है। आज पंजाब में आकर सिखों को झूठ बोलने वाले इन लोगों ने दिल्ली में एक भी सिख को मंत्री नहीं बनाया है। उन्होंने कहा कि 84 के दंगों के समय कांग्रेस के नेता क्या कर रहे थे ? ये बात आपसे ज्यादा और कौन जान सकता है। मैं उस वक्त गुजरात में था , एक भी सिख परिवार को तकलीफ नहीं होने दी। पीएम ने आम आदमी पार्टी को कांग्रेस की कार्बन कॉपी बताते हुये कहा कि कांग्रेस के साथ मिलकर उन्होंने सरकार बनायी। उन्होंने दिल्ली के गली-मोहल्लों में ठेके खुलवा दिया हैं , इसलिये उनसे पंजाब में नशा खत्म करने की उम्मीद करना बेकार है। पीएम मोदी ने कहा ‘डबल इंजन सरकार का अर्थ तेज विकास है। डबल इंजन सरकार का अर्थ कारोबार को बढ़ावा देना , नौकरियां देना और स्वरोजगार के नये अवसर पैदा करना है। 

‘हमें एक मौका दीजिये , मुझे पांच साल दीजिये और फिर देखिये कि डबल इंजन की सरकार पंजाब को कैसे विकास के मार्ग पर तेजी से आगे ले जायेगी।उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों को एक ऐसी सरकार की जरूरत है जिसमें नई सोच और नजरिया हो। किसान समुदाय कम निवेश में अच्छी उपज चाहता है , जिसे भाजपा सरकार सुनिश्चित कर सकती है। सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार की नीतियों के कारण कोई भी उद्योगपति पंजाब में निवेश करने को तैयार नहीं है।अगर पंजाब चुनाव 2022 में बीजेपी सत्ता में आती है तो केंद्र और राज्य में ‘डबल इंजन सरकार’ राज्य में निवेश सुनिश्चित करेगी। पीएम ने कहा कि ये पंजाब में मेरी आखिरी रैली है। मैं जहां-जहां गया वहां से यही दिख रहा है कि पंजाब के लोगों ने ठान लिया है कि वो डबल इंजन की सरकार बनाने जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि आज पंजाब को एक ऐसी सरकार की जरूरत है जो देशभक्ति की भावना से पंजाब के विकास की प्रेरणा ले। पंजाब की सुरक्षा और विकास के संकल्प व समर्पण के साथ भाजपा आपके सामने आई है , उसे पांच साल दें। जनसभा में संबोधन के दौरान उन्‍होंने अपनी सरकार के मिशन का उल्‍लेख करते हुये विभिन्‍न योजनाओं की भी चर्चा की। उन्होंने अंत में एक बार पुनः राज्य के समग्र विकास के लिये भाजपा नीत गठबंधन को सत्ता में लाने की अपील की।

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...