शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2022

प्रदर्शनकारियों से बरामद करोड़ों रुपये वापस, आदेश

प्रदर्शनकारियों से बरामद करोड़ों रुपये वापस, आदेश   

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार से 2019 में शुरू की गई कार्यवाही के मद्देनजर नागरिकता संशोधन अधिनियम के प्रदर्शनकारियों से बरामद करोड़ों रुपये वापस करने का आदेश है। शीर्ष अदालत का आदेश, योगी आदित्यनाथ सरकार की दलील के जवाब में आया कि उसने 2019 में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान के लिए शुरू की गई 274 वसूली नोटिस और कार्यवाही वापस ले ली है। इसके जवाब में जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकान्त की बेंच ने कहा कि राज्य सरकार, करोड़ों रुपये की पूरी राशि वापस करेगी। 

जो इस कार्रवाई के तहत कथित प्रदर्शनकारियों से वसूली गई थी। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नए कानून के तहत कथित सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की स्वतंत्रता दी है। गौरतलब है कि सार्वजनिक और निजी संपत्ति नष्ट करने के लिए यूपी सरकार भरपाई कानून को 31 अगस्त 2020 को अधिसूचित किया गया था। पीठ ने अतिरिक्त एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि प्रदर्शनकारियों और राज्य सरकार को निधि निर्देशित करने की बजाय दावा अधिकरण का रुख करना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2019 में कथित विरोधी प्रदर्शनकारियों को जारी भरपाई नोटिस पर कार्रवाई की थी। 

इस पर नाराज होते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 11 फरवरी को यूपी सरकार को फटकार लगाई थी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को अंतिम अवसर दिया था कि वह इस संबंध में कार्रवाई को वापस ले। सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि राज्‍य की यह कार्रवाई कानून के खिलाफ है। इसलिए अदालत इसे निरस्त कर देगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिसंबर 2019 में शुरू की गई कार्रवाई उस कानून के विरुद्ध है, जिसकी व्याख्या सुप्रीम कोर्ट ने की है। सुप्रीम कोर्ट, परवेज आरिफ टीटू की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा थी। याचिका में अनुरोध किया गया था कि कथित प्रदर्शनकारियों को भेजे गए नोटिस रद्द किए जाएं।

राज्यपाल को हटाने की मांग, याचिका खारिज की

राज्यपाल को हटाने की मांग, याचिका खारिज की      

मिनाक्षी लोढी         

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को हाईकोर्ट के फैसले से तगड़ा झटका लगा है। अदालत की ओर से उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया गया है। जिसमें राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उनके पद से हटाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया था कि राज्यपाल भारतीय जनता पार्टी के मुखपत्र की तरह राज्य के भीतर काम कर रहे हैं। शुक्रवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हटाए जाने की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई की गई। अदालत ने राज्यपाल को हटाने की मांग के लिए रखी गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव एवं न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की खंडपीठ ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 361 के अंतर्गत राज्यपाल अपनी शक्तियों एवं कर्तव्य निर्वहन के लिए किसी भी अदालत के प्रति उत्तरदाई नहीं है। 

2 सदस्यीय खंडपीठ ने उस याचिका को भी खारिज कर दिया है।जिसमें अनुरोध किया गया था कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के पद से हटाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए। हाईकोर्ट के वकील एवं याचिकाकर्ता रामप्रसाद सरकार ने अपनी याचिका में दावा किया था कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ राज्य सरकार के कामकाज में अपनी दखल अंदाजी करते हैं और तृणमूल कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए उसकी छवि को खराब कर रहे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया था कि राज्यपाल भारतीय जनता पार्टी के मुखपत्र की तरह काम कर रहे हैं।

21 फरवरी से 'ऑफलाइन' मोड में कक्षाएं प्रारंभ

राज्‍य के शिक्षा निदेशक भूषण सवाईकर  ने कहा कि गोवा में कोविड-19 के मामले हर दिन कम होते जा रहे हैं इसलिए सक्षम प्राधिकारियों द्वारा 21 फरवरी से विद्यार्थियों की भौतिक उपस्थिति के साथ पहली से बारहवीं तक की कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सभी शैक्षणिक संस्थानों को निर्देश जारी किए गए हैं। उपयुक्त व्यवहार का पालन करते हुए स्‍कूलों को फिर से खोलने का निर्णय लिया गया है। वहीं, गुजरात में कोविड-19 मानदंडों के साथ सभी प्री-प्राइमरी स्कूल खुल गए हैं। एक विद्यालय की प्रधानाचार्य ने बताया कि स्कूलों को फिर से खोलने की घोषणा के बाद शिक्षक और बच्चे बहुत उत्साहित हैं। स्कूलों के परिसरों में साफ सफाइ की गई है। बच्‍चों के तापमान की जांच की जा रही है।

18 फरवरी को रिलीज किया ‘बच्चन पांडे’ का ट्रेलर

18 फरवरी को रिलीज किया ‘बच्चन पांडे’ का ट्रेलर    

कविता गर्ग    

मुंबई। अक्षय कुमार अपने फैंस के लिए ‘बच्चन पांडे’ का ट्रेलर ले आए हैं। मोस्ट अवेटेड फिल्म बच्चन पांडे का ट्रेलर 18 फरवरी 2022 को रिलीज कर दिया गया है। ट्रेलर देख कर अक्की फैन्स बेहद खुश हैं। फिल्म में अक्षय कुमार के अलावा कृति सेनन, अरशद वारसी, पंकज त्रिपाठी और जैकलीन फर्नांडीज भी हैं। ट्रेलर में कृति सेनन एक फिल्ममेकर की भूमिका में हैं, वहीं वह ‘बच्चन पांडे’ नाम के एक खतरनाक गुंडे पर फिल्म बनाना चाहती है। इसके लिए वह अपने दोस्त की मदद लेती है। फिल्म के ट्रेलर में कृति सेनन और अरशद वारसी से कहानी की शुरुआत होती है, कृति सेनन अपने दोस्त अरशद वारसी के साथ अपनी फिल्म का आइडिया शेयर करती है, तभी वह बताती है कि वह अपनी फिल्म बच्चन पांडे पर बनाएगी और फिल्म का टाइटल भी बच्चन पांडे रखेगी। ये सुनते ही अरशद कृति को ये करने से मना करते हैं। कृति के मनाना के बाद दोनों बच्चन पांडे के गढ़ पहुंचते हैं। वहीं होती है बच्चन पांडे और उसके पंटरों से कृति और अरशद की मुलाकात। इसके बाद ट्रेलर में पंकज त्रिपाठी की भी एंट्री होती है। वहीं जैकलीन फर्नांडीज भी आती हैं।

इस फिल्म में जकलीन बच्चन पांडे की गर्लफ्रेंड का किरदार निभा रही हैं। अब कहानी में मोड़ तब आता है जब बच्चन पांडे अपनी गर्लफ्रेंड का खून कर देता है, आखिर उसने ऐसा क्यों किया। क्या बच्चन पांडे पर फिल्म बनाने पहुंची कृति की जान भी है खतरे में? ये जानने के लिए तो फिल्म ‘बच्चन पांडे’ का इंतजार करना होगा। बता दें, इससे पहले अक्षय कुमार की बच्चन पांडे के ढेरों पोस्टर सामने आए और सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए। अभी ट्रेलर रिलीज से पहले भी मेकर्स ने इस फिल्म का एक और पोस्टर रिलीज किया था। जैसे ही अक्षय की फिल्म का पोस्टर सामने आया था फैंस बेहद एक्साइटेड हो गए थे। फैंस फिल्म के ट्रेलर को देखते ही कह रहे हैं कि फिल्म सुपरहिट है। तो कुछ लोग इसे अभी से ब्लॉकबस्टर हिट कह रहे हैं।

ट्रेलर सामने आते ही कई लोग कमेंट सेक्शन में अंदाजे लगाते दिख रहे हैं कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कितनी कमाई करेगी। फैंस का मानना है कि अक्षय की ये फिल्म कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ सकती है। अक्षय के एक फैन ने लिखा- ‘हमारे अक्की भैया आ गए’, तो किसी ने लिखा- व्हॉट अ ग्रेट एंट्री अक्षय कुमार, एक यूजर ने लिखा- बॉलीवुड का गॉडफादर आ गया है।तो किसी ने अक्षय की फिल्म की आलिया भट्ट की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ से तुलना कर कहा कि अगर अक्षय की फिल्म गंगूबाई से ज्यादा कमा ले तो भी बड़ी बात है।

समुद्र के बीचों-बीच फंसा जहाज, 22 को निकाला

समुद्र के बीचों-बीच फंसा जहाज, 22 को निकाला    

अखिलेश पांडेय     

वाशिंगटन डीसी। पोर्श लेम्बोर्गिनी और ऑडी  सहित वोक्सवैगन ग्रुप की हजारों लग्जरी कारों को ले जा रहे एक मालवाहक जहाज समुद्र के बीचों-बीच फंस गया है। दरअसल, अटलांटिक महासागर में अजोरेस द्वीप समूह के पास ये मालवाहक जहाज आग लगने की वजह से फंसा है। जहाज पर तैनात 22 क्रू मेंबर्स को सफलतापूर्वक निकाल लिया गया है। वहीं, जहाज को समुद्र में बिना किसी क्रू मेंबर्स के जहाज को छोड़ दिया गया है। द फेलिसिटी ऐस’ नाम का जहाज अमेरिकी राज्य रोड आइलैंड में डेविसविले बंदरगाह की ओर जा रहा था।

इस दौरान ही इसमें आग लग गई। समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने एक बयान में नौसेना के हवाले से कहा कि क्रू मेंबर्स को पुर्तगाली नौसेना और वायुसेना द्वारा एक स्थानीय होटल में ले जाया गया। सुरक्षा बलों को बचाव प्रयास में मदद के लिए तैनात किया गया था। ब्लूमबर्ग ने वोक्सवैगन के यूएस ऑपरेशंस से एक इंटरनल ईमेल का हवाला देते हुए बताया कि जहाज पर 3,965 वोक्सवैगन एजी वाहन मौजूद हैं। ईमेल में आगे कहा गया कि वोक्सवैगन का हेडक्वार्टर जर्मनी के वोल्फ्सबर्ग में स्थित है। कंपनी अपने वोक्सवैगन ब्रांड के साथ-साथ पोर्श, ऑडी और लेम्बोर्गिनी का निर्माण करती है। ये चार तरह की कारें आग लगने के दौरान जहाज में मौजूद थीं। उन कारों में से 100 से अधिक GTI, Golf R और ID.4 मॉडल के साथ टेक्सास में पोर्ट ऑफ ह्यूस्टन के लिए जा रहे थे। पोर्श के प्रवक्ता ल्यूक वांडेजांडे ने कहा कि कंपनी का अनुमान है कि आग लगने के समय उसके लगभग 1,100 वाहन फेलिसिटी ऐस में सवार थे।

ल्यूक वांडेजांडे ने कहा कि घटना से प्रभावित ग्राहकों को उनके ऑटोमोबाइल डीलर संपर्क कर रहे हैं। वांडेजांडे ने कहा कि हमारे लिए फिलहाल राहत की बात ये है कि मर्चेंट शिप फेलिसिटी ऐस के 22 क्रू मेंबर्स सुरक्षित और स्वस्थ हैं। कंपनी के कुछ ग्राहकों ने सोशल मीडिया पर अपनी निराशा व्यक्त की. एक ट्विटर यूजर ने लिखा, कार्गो में उसकी कस्टम करवाई गई पोर्श कार थी। इस गाड़ी के स्टैंडर्ड मॉडल की कीमत 75 लाख रुपये से शुरू होती है। लेम्बोर्गिनी की अमेरिकी ब्रांच के एक प्रवक्ता ने कंपनी की कारों की संख्या और कौन से मॉडल प्रभावित हुए, इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। लेकिन कहा कि वे घटना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए शिपिंग कंपनी के संपर्क में हैं। ये पहली बार नहीं है, जब कंपनी की गाड़ियां इस तरह के बीच समंदर में फंस गई हैं। 2019 में जब ग्रांडे अमेरिका जहाज में आग लगी और वह डूब गया, तो ऑडी और पोर्श सहित 2,000 से अधिक लग्जरी कारें इसके साथ डूब गई थीं।

सीएम योगी ने चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया

सीएम योगी ने चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया    

संदीप मिश्र   


लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का चुनाव प्रचार चरम पर है। नेता बयान पर बयान देकर राजनीतिक माहौल गर्माने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कानपुर देहात में चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने राजपुर में कहा कि बुलडोजर अभी मरम्मत के लिए गए हैं 10 मार्च के बाद लौटेंगे और अपराधियों पर चलेंगे। जनसभाओं में योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सपा कहती है, नई हवा है, नई सपा है लेकिन यह वही पुरानी सपा है क्योंकि कैराना और मऊ में उसने अपराधियों को टिकट दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि परेशान न होइए सारे बुलडोजर मरम्मत को गए हैं और तैयार हो रहे। 

उन्होंने कहा कि बुलडोजर 10 मार्च के बाद गुंडों और भ्रष्टाचारियों पर गरजेंगे। उन्होंने कहा कि सपा ने आस्था पर प्रहार किया है, क्या राम मंदिर सपा बसपा बनाएगी। मैंने कहा था की रामलला हम आएंगे मंदिर बनाएंगे। उन्होंने कहा कि 2023 में भव्य मंदिर बनेगा। 500 वर्ष की साधना आज पूरी हो रही। कितनी पीढ़ियां चली गईं इसे बनाने में पर हम सौभाग्यशाली हैं। दूसरी पारी सरकार की मिलते ही रामराज्य की स्थापना होगी।


ड्रग्स के 25 मामलों की जांच करें एनसीबी, आदेश

ड्रग्स के 25 मामलों की जांच करें एनसीबी, आदेश    
अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को विभिन्न राज्यों ने ड्रग्स के 25 मामलों की जांच करने के लिए आदेश दिया है। ताकि एक बड़ी भारतीय साजिश का पता लगाया जा सके। ये जानकारी अधिकारियों ने दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में राज्यों से एनसीबी के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया था। ताकि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लिंक वाले ड्रग रैकेट की बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।
एनसीबी के निदेशक सत्य नारायण प्रधान ने पिछले साल नवंबर में विभिन्न राज्यों को पत्र लिखकर जरूरी मामलों को एजेंसी को सौंपने का अनुरोध किया था। 
एनसीबी के निदेशक सत्य नारायण प्रधान ने पिछले साल नवंबर में विभिन्न राज्यों को पत्र लिखकर जरूरी मामलों को एजेंसी को सौंपने का अनुरोध किया था।
मुंबई, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों ने अपने बड़े ड्रग मामलों को एनसीबी को ट्रांसफर कर दिया है।
ताकि ड्रग चेन को तोड़ा जा सके। इनमें से अधिकांश मामलों के अंतर्राष्ट्रीय संबंध हैं और एनसीबी ने इन सभी की गहन जांच करने के लिए एक टीम बनाई है और इसके अधिकारी सबूत इकट्ठा करने और अभियोजन मामले को मजबूत बनाने के लिए एक फुलप्रूफ चार्जशीट तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...