राज्यपाल को हटाने की मांग, याचिका खारिज की
मिनाक्षी लोढी
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को हाईकोर्ट के फैसले से तगड़ा झटका लगा है। अदालत की ओर से उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया गया है। जिसमें राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उनके पद से हटाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया था कि राज्यपाल भारतीय जनता पार्टी के मुखपत्र की तरह राज्य के भीतर काम कर रहे हैं। शुक्रवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हटाए जाने की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई की गई। अदालत ने राज्यपाल को हटाने की मांग के लिए रखी गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव एवं न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की खंडपीठ ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 361 के अंतर्गत राज्यपाल अपनी शक्तियों एवं कर्तव्य निर्वहन के लिए किसी भी अदालत के प्रति उत्तरदाई नहीं है।
2 सदस्यीय खंडपीठ ने उस याचिका को भी खारिज कर दिया है।जिसमें अनुरोध किया गया था कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के पद से हटाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए। हाईकोर्ट के वकील एवं याचिकाकर्ता रामप्रसाद सरकार ने अपनी याचिका में दावा किया था कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ राज्य सरकार के कामकाज में अपनी दखल अंदाजी करते हैं और तृणमूल कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए उसकी छवि को खराब कर रहे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया था कि राज्यपाल भारतीय जनता पार्टी के मुखपत्र की तरह काम कर रहे हैं।