गुरुवार, 17 फ़रवरी 2022

सीजी: बेरोजगार युवाओं को रोजगार पाने का अवसर

सीजी: बेरोजगार युवाओं को रोजगार पाने का अवसर  

दुष्यंत टीकम       

कोरिया। कोरिया जिले के बेरोजगार युवाओं को रोजगार पाने का सुनहरा अवसर मिल रहा है। एसआईएस के माध्यम से सुरक्षा जवान, सुरक्षा सुपरवाईजर, सी.आई.टी, इन्सटेक्टर, भर्ती अधिकारी के पद पर भर्ती की जा रही है। भर्ती अधिकारी श्री कुलदीप सोनकिया ने बताया कि शिविर का आयोजन 06 फरवरी से शुरू हो चुका है। जो 25 फरवरी तक किया जायेगा। अब तक 08 शिविर हो चुके हैं। जिनमें 400 से ज्यादा युवाओं ने भाग लिया। इनमें से 52 लोगों की भर्ती की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इच्छुक युवा नियत तिथि एवं समय पर उपस्थित होकर रोजगार प्राप्त कर सकते है।

मनेन्द्रगढ़ थाना में 06 फरवरी को शिविर का आयोजन किया गया। इसके बाद थाना चिरमिरी, पोड़ी, चरचा, पटना, झगराखाण्ड, खड़गवां और थाना केल्हारी में कैम्प का आयोजन किया जा चुका है। थाना कोटाडोल में 17 फरवरी को आयोजित कैम्प में 50 से भी ज्यादा ग्रामीण युवा पहुंचे। जहां लगभग निर्धारित मापदंडों के आधार पर 10 लोगों का चयन किया गया है। आगामी कैम्प थाना जनकपुर में 21 फरवरी, थाना सोनहत में 22 फरवरी, थाना बैकुण्ठपुर में 23 फरवरी एवं पुलिस लाईन बैकुण्ठपुर में 25 फरवरी को आयोजन किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए भर्ती अधिकारी के मोबाइल नम्बर 7509781949 एवं कमान्डेन्ट अनिश तिवारी मोबाइल नम्बर 9523046444 से सम्पर्क किया जा सकता है।

राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हुए

राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हुए    

अमित शर्मा      

चंडीगढ़। जैसे-जैसे पंजाब चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है। वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो रहे हैं। कांग्रेस पंजाब में अपनी कुर्सी बचाने के लिए तमाम कोशिशें कर रही हैं। इसी कड़ी में उसने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भी उतार दिया है। गुरुवार को डॉ. मनमोहन सिंह ने मोर्चा संभाला और केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला किया।पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि, कोरोना के दौरान केंद्र सरकार की खराब नीतियों के कारण लोग आर्थिकता, बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई से परेशान हैं। 7.5 साल सरकार चलाने के बाद सरकार अपनी गलती मानने और उसमें सुधार करने की जगह पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराने पर लगी है। संबंध किसी दूसे देश के नेता को गले लागकर या अचानक बिरयानी खाने के लिए पहुंचने से नहीं बनते। इस सरकार का नकली राष्ट्रवाद जितना खोखला है,  उतना ही खतरनाक है। इनका राष्ट्रवाद अंग्रेजों की ‘बांटों और राज करो’ की नीति पर टिका है। संवैधानिक संस्थाओं को लगातार कमजोर किया जा रहा है। ये सरकार विदेश नीति के मोर्चे पर भी पूरी तरह फेल साबित हुई है।

लोगों के मन में कांग्रेस के टाइम में हुए अच्छे काम अब भी याद हैं। पीएम के सुरक्षा के मुद्दे पर बीजेपी वालों ने पंजाब के सीएम और लोगों का अपमान करने की कोशिश की है। मनमोहन सिंह यहीं नहीं रुके, उन्होंने आर्थिक मोर्चे पर भी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि, भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को आर्थिक नीति की कोई समझ नहीं है। मामला देश तक ही सीमित नहीं है। यह सरकार विदेश नीति पर भी विफल रही है। चीन हमारी सीमा पर बैठा है और हमें दबाने की कोशिश की जा रही है।

गूगल ने वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर को सम्मानित किया

गूगल ने वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर को सम्मानित किया    

अकांशु उपाध्याय           

नई दिल्ली। गूगल ने ब्रहस्पतिवार को जापानी वायरोलॉजिस्ट डॉ. मिचियाकी ताकाहाशी को सम्मानित किया है। गूगल ने मिचियाकी के 94वीं जयंती पर गूगल डूडल बनाकर उन्हें सम्मानित किया है। हालांकि मिचियाकी के बारे में शायद कम लोगों को मालूम होगा। ऐसे में जान लीजिए कि वो मिचियाकी ही थी, जिन्होंने चिकनपॉक्स के खिलाफ दुनिया का पहला टीका विकसित किया था। यह जीवन रक्षक टीका 1970 के दशक में ताकाहाशी ने विकसित किया गया था और बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इस पहला वैरिकाला वैक्सीन बन गया। इस टीके का इस्तेमाल 80 से ज्यादा देशों में किया जाएगा।

लाखों बच्चों को संक्रामक वायरल बीमारी से निजात मिली। ताकाहाशी का जन्म 17 फरवरी 1928 को जापान के ओसाका हुआ था। उन्होंने ओसाका विश्वविद्यालय से अपनी चिकित्सा की डिग्री हासिल की और 1959 में ओसाका विश्वविद्यालय के माइक्रोबियल रोग अनुसंधान संस्थान में शामिल हो गए। खसरा और पोलियो वायरस का अध्ययन करने के बाद ताकाहाशी ने 1963 में संयुक्त राज्य अमेरिका के बायलर कॉलेज में एक शोध फेलोशिप स्वीकार की।

मिचयाकी का बेटा भी चिकनपॉक्स की गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गया था। इसके बाद ताकाहाशी 1965 में जापान लौट आए और जानवरों और मानव ऊतकों में जीवित लेकिन कमजोर चिकनपॉक्स वायरस की कल्चरिंग शुरू कर दी। 1974 में ताकाहाशी ने चिकनपॉक्स की वजह से बनने वाले वैरिकाला वायरस को टारगेट करने वाला पहला टीका विकसित किया था। 1986 में ओसाका विश्वविद्यालय के माइक्रोबियल रोगों के लिए रिसर्च फाउंडेशन ने रोलआउट शुरू किया। डब्ल्यूएचओ की ओर से जापान की एकमात्र वैरिकाला वैक्सीन के रूप में चिकनपॉक्स टीके की इजाजत दी। 

सीएम ने 'भैया' वालें बयान पर चन्नी की आलोचना की

सीएम ने 'भैया' वालें बयान पर चन्नी की आलोचना की   

अविनाश श्रीवास्तव        
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के “भैया” वाले बयान को लेकर बृहस्पतिवार को उनकी आलोचना की। नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि चन्नी को इसकी कोई जानकारी नहीं है कि बिहार के लोगों ने पंजाब की कितनी सेवा की है। नीतीश कुमार ने कहा कि, यह सब बकवास है। मैं चकित हूं कि लोग ऐसी चीजें कैसे कह सकते हैं। क्या उन्हें (चन्नी) यह पता नहीं है कि बिहार के कितने लोग वहां (पंजाब में) रहते हैं और उन्होंने उस क्षेत्र की कितनी सेवा की है।
नीतीश कुमार की सहयोगी पार्टी भाजपा ने, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा पर चन्नी के इस बयान को प्रोत्साहन देने का आरोप लगाया है। इस बाबत पूछे गए सवाल का कुमार ने कोई जवाब नहीं दिया। चन्नी ने पंजाब में एक चुनावी सभा में कहा था कि राज्य की जनता को उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली से आने वाले “भैया” लोगों को प्रवेश नहीं देना चाहिए। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में वाद्रा को चन्नी के बगल में खड़ी होकर ताली बजाते देखा जा सकता है।

स्कूल बस के अनियंत्रित होने से 2 बच्चों की मौंत

स्कूल बस के अनियंत्रित होने से 2 बच्चों की मौंत       

नरेश राघानी           
जैसलमेर। जिले के फलसूंड थाना क्षेत्र में बृहस्पतिवार की सुबह तेज गति से जा रही एक स्कूल बस के अनियंत्रित हो कर पलट जाने से दो बच्चों की मौत हो गई और 22 अन्य घायल हो गये। पुलिस ने यह जानकारी दी। थानाधिकारी भवंरलाल ने बताया जेतपुरा गांव के पास सुबह स्कूल बस के पलट जाने से उसके नीचे दब कर दो बच्चों की मौत हो गई। जबकि 22 अन्य बच्चे घायल हो गये।
गंभीर रूप से घायल पांच बच्चों को जोधपुर रैफर किया गया है। उन्होंने बताया कि अन्य घायलों को उपचार के लिये स्थानीय अस्पताल ले जाया गया हैं। इस संबंध में बस चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।

डिग्री कॉलेजों में किसी प्रकार की वर्दी संहिता नहीं

डिग्री कॉलेजों में किसी प्रकार की वर्दी संहिता नहीं   

इकबाल अंसारी      
बेंगलुरु। कर्नाटक में उडुपी जिले के सरकारी शंकर मेमोरियल महिला प्रथम श्रेणी डिग्री कॉलेज में पढ़ने वाली, अंतिम वर्ष की करीब 60 छात्राओं को बृहस्पतिवार को इसलिए घर वापस भेज दिया गया।क्योंकि उन्होंने अपना हिजाब उतारने से मना कर दिया था। मुस्लिम छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन से इस बात को लेकर बहस की कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि डिग्री कॉलेजों में किसी प्रकार की वर्दी संहिता नहीं है। लेकिन अधिकारियों ने कहा कि कॉलेज विकास समिति ने नियम तय किए हैं। 
छात्राओं ने इस बात पर जोर दिया कि वह बिना सिर ढके कक्षाओं में शामिल नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि उनके लिए हिजाब और शिक्षा दोनों अहम हैं। वे यह भी चाहती थीं कि अगर सरकार ने डिग्री कॉलेजों में वर्दी संहिता लाने का फैसला किया है तो कॉलेज की समिति यह लिखित में दे। एक छात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि डिग्री कॉलेजों में हिजाब संबंधी नियम लागू नहीं होता है।
उन्होंने कहा “जब हमने इसके बारे में पूछा, तो वे कहते हैं कि केवल कॉलेज समिति का निर्णय यहां लागू होता है।” उन्होंने कहा कि हिजाब उनके जीवन का हिस्सा है और वे इसे हर समय कक्षाओं में पहनी रहती हैं। उन्होंने कहा, ” जब कोई अचानक आपसे इसे उतारने के लिए कहता है तो इसे नहीं उतारा जा सकता है। हमने कॉलेज से हमारे लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने के लिए कहा है।
छात्राओं ने कहा कि जब तक उच्च न्यायालय इस मुद्दे पर फैसला नहीं ले लेता तब तक वे कॉलेज आकर कक्षाओं में शामिल नहीं होंगी। कॉलेज में कक्षाएं सुचारू रूप से चल रही हैं। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कॉलेज परिसर में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इस बीच, उडुपी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्दलिंगप्पा ने मीडिया को बताया कि कॉलेज दोबारा खुलने के दूसरे दिन, जिले के सभी कॉलेजों में स्थिति शांतिपूर्ण है। 
उन्होंने कहा कि उन मुस्लिम छात्राओं को सरकारी जी शंकर कॉलेज में कक्षाओं में शिरकत करने की इजाज़त दी गई है जो हिजाब उतारने की इच्छुक थीं। एमजीएम कॉलेज ने आज छुट्टी का ऐलान किया था और वह शुक्रवार को परीक्षा के लिए खुलेगा।

गुजरात इकाई के प्रवक्ता जयराज का पार्टी से इस्तीफा

गुजरात इकाई के प्रवक्ता जयराज का पार्टी से इस्तीफा  

इकबाल अंसारी        

अहमदाबाद। कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रवक्ता जयराज सिंह परमार ने बृहस्पतिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने दावा किया कि संगठन ने उन्हें लंबे समय से अलग-थलग कर रखा था और पार्टी कुछ ऐसे गिनेचुने नेताओं की ‘निजी संपत्ति’ बन गई है जो चुनाव नहीं जीत सकते। ऐसी चर्चा है कि परमार गुजरात में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में बाद में जानकारी देंगे। परमार ने अपने त्यागपत्र में पार्टी की प्रदेश इकाई के कामकाज को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि उन्हें उनके कद के हिसाब से पार्टी संगठन में कोई ‘सम्मानजनक पद’ की पेशकश नहीं की गई और 10 साल तक जानबूझकर अलग-थलग रखा गया।

 विधानसभा चुनाव तथा 2019 के उपचुनाव में मेहसाणा जिले की खेरालू विधानसभा सीट से टिकट मांगा था, लेकिन टिकट नहीं दिया गया। इसके बावजूद मैं पार्टी के प्रति प्रतिबद्ध रहा। अतीत में मैंने पार्टी की भीतर कमियों को लेकर कई बार नेताओं का ध्यान आकृष्ट किया, इसके बावजूद कामकाज के तरीके में कोई बदलाव नहीं हुआ। पार्टी को छोड़ने के अलावा मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा था।” परमार ने कहा कि वह अपने निजी और पेशेवर जीवन को दरकिनार कर, पार्टी को राज्य में मजबूत बनाने के लिए पिछले 37 साल से प्रयासरत रहे लेकिन अब मैं थक गया हूं। कांग्रेस हालांकि 27 साल से राज्य में सत्ता से बाहर है लेकिन आप देखेंगे कि वही पुराने चेहरे पार्टी को चला रहे हैं।

उन्होंने कहा ”जो लोग अपनी सीटें नहीं बचा सके उन्हें पूरे राज्य में पार्टी चलाने का जिम्मा दिया गया है। कांग्रेस उन गिने-चुने नेताओं की निजी संपत्ति बन गई है जो अगली पीढ़ी के नेताओं के लिए जिम्मेदारियां छोड़ने के वास्ते तैयार नहीं हैं।

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