शनिवार, 12 फ़रवरी 2022
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2022
773 अंक लुढ़का सूचकांक सेंसेक्स, गिरावट दर्ज
773 अंक लुढ़का सूचकांक सेंसेक्स, गिरावट दर्ज
कविता गर्ग
मुंबई। वैश्विक बाजारों में जारी बिकवाली के दबाव में आए घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को आईटी एवं वित्तीय शेयरों में बेहद खास गिरावट देखी गई। जिससे मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 773 अंक लुढ़क गया। कारोबारियों ने कहा कि अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अनुमान से कहीं ज्यादा रहने से विदेशी निवेशकों ने जमकर बिकवाली की। इससे बीएसई और एनएसई में कारोबारी धारणा कमजोर हुई। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस के अंत में 773.11 अंक यानी 1.31 प्रतिशत गिरकर 58,152.92 अंक पर आ गया। इसी तरह एनएसई का सूचकांक निफ्टी भी 231.10 अंक यानी 1.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,374.75 अंक पर खिसक आया।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से टेक महिंद्रा को करीब तीन प्रतिशत का सबसे अधिक नुकसान हुआ। इन्फोसिस, एचसीएल टेक, एसबीआई, कोटक महिंद्रा बैंक और एचडीएफसी के शेयर भी घाटे के साथ बंद हुए। मुनाफे में रहने वाले शेयरों में मुख्य रूप से इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी और टाटा स्टील शामिल रहे। एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग, सोल और शंघाई के शेयर बाजार भी नुकसान में रहे।
यूरोपीय बाजारों में भी दोपहर सत्र में बिकवाली का भारी दबाव देखा गया। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.43 प्रतिशत बढ़कर 91.80 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इस बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने पूंजी बाजार में बिकवाली का सिलसिला जारी रखा है। शेयर बाजार से मिली जानकारी के मुताबिक, एफआईआई ने बृहस्पतिवार को 1,732.58 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिक्री की।
तुलसी की चाय का सेवन करना फायदेमंद, जानिए
तुलसी की चाय का सेवन करना फायदेमंद, जानिए
सरस्वती उपाध्याय
सभी लोग चाय और कॉफी से ही अपनी दिन की शुरुआत करते हैं। चाय और कॉफी के बिना मानों उनकी जिंदगी अधूरी-सी है। खासकर चाय में तो कई तरह के फ्लेवर मौजूद हैं। किसी को ग्रीन टी पसंद है तो कोई कडक़ चाय या नींबू की चाय का जायका लेना पसंद करता है। वहीं तुलसी की चाय पीने वालों की भी कमी नहीं है। क्योंकि, इस चाय का सेवन शारीरिक समस्याओं से राहत देने में बेहद फायदेमंद है। आइए इस चाय को बनाने का तरीका और इसके फायदे जानें।
तुलसी की चाय बनाने का तरीका...
सामग्री: तुलसी की 5 से 6 पत्तियां, एक कप पानी, एक चौथाई चम्मच चायपत्ती, थोड़ा सा दूध (वैकल्पिक), चीनी या शहद (स्वादानुसार)।
चाय बनाने का तरीका: सबसे पहले एक पैन में पानी को अच्छे से गर्म करें, फिर उसमें चायपत्ती डालें और जब पानी में उबाला आ जाए तो तुलसी की पत्तियां और दूध डालकर फिर से उबालें। अब चाय को एक कप में छानकर निकालें और इसमें शहद या चीनी मिलाकर इसका सेवन करें।
सांस से जुड़ी समस्याओं के जोखिम को करें कम: तुलसी की चाय का सेवन सांस से संबंधित कई समस्याओं से राहत दिलाने में काफी मदद कर सकता है। एक शोध के अनुसार, यह चाय एंटी-ऑक्सीडेंट गुण से समृद्ध होती है, जो ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और इओसिनोफिलिक लंग्स डिजीज (फेफड़े से जुड़ी बीमारी) आदि बीमारियों के जोखिम को कम कर सकती है। इसलिए सांस की बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए तुलसी की चाय का सेवन करना चाहिए। ब्लड प्रेशर को बेहतर तरीके से संचालित रखने में भी तुलसी की चाय का सेवन फायदेमंद है। एक शोध के मुताबिक, तुलसी की चाय में एंटी-ऑक्सीडेंट के साथ-साथ कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिस कारण इसका पर्याप्त मात्रा में सेवन ब्लड प्रेशर को सही ढंग से संचालित करने में मददगार है। अगर कोई ब्लड प्रेशर से संबंधित दवा का सेवन कर रहा है तो डॉक्टर की सलाह लेकर उसकी जगह तुलसी की चाय का सेवन कर सकता है।
मौसमी एलर्जी को दूर करने में है सहायक: अगर मौसम में बदलाव होते ही आपको एलर्जी की समस्या हो जाती है तो इससे बचाव के लिए तुलसी की चाय का सेवन लाभकारी सिद्ध हो सकता है। दरअसल तुलसी की चाय में रोजमेरिनिक एसिड सम्मिलित होता है जो एंटी-एलर्जेनिक के साथ-साथ एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रभाव से युक्त होता है। ये दोनों प्रभाव मिलकर मौसमी एलर्जी से बचाव करने में सहायक हो सकते हैं। इसलिए सीजनल एलर्जी को दूर करने के लिए इस चाय को डाइट में शामिल किया जा सकता है।
मधुमेह ग्रसितों के लिए है बेहद लाभकारी: मधुमेह के जोखिमों को कम करने में भी तुलसी की चाय का सेवन कारगर है। एक शोध के अनुसार, इसमें एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक एजेंट होते हैं, जो शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित कर मधुमेह के जोखिम को कम करने में सहायक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, तुलसी की चाय शरीर में इंसुलिन का स्तर बनाए रखने में मदद करती है, जिससे खून में शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
आंगनबाड़ी केंद्रों के 'दिवसीय' प्रशिक्षण का आयोजन
पुलिस 'महानिरीक्षक' द्वारा क्षेत्र का निरीक्षण किया
यूके: 24 घंटे में कोरोना के 510 नए मामलें मिलें
यूके: 24 घंटे में कोरोना के 510 नए मामलें मिलें
पंकज कपूर
देहरादून। उत्तराखंड में वैश्विक महामारी कोविड-19 का प्रकोप बना हुआ है। पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश के सभी 13 जनपदों में कोरोना वायरस के कुल 510 नये मामले सामने आए है। वहीं, प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 8 कोरोना संक्रमित मरीजों की उपचार के दौरान मौत हुई है। शुक्रवार को उत्तराखंड स्टेट कंट्रोल रूम देहरादून द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के कुल 510 नए मामलें सामने आए है। जबकि, राज्य में 1,348 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए।
वही, दैनिक पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो 02.68 फ़ीसदी पर पहुंच गई है। जनपदवार आंकड़ों पर नजर डालें तो देहरादून जिले से 148 ,हरिद्वार से 45, नैनीताल जिले से 25, उधमसिंह नगर से 17, पौडी से 44, टिहरी से 21, चंपावत से 06, पिथौरागढ़ से 31, अल्मोड़ा 85, बागेश्वर से 10, चमोली से 49, रुद्रप्रयाग से 17, उत्तरकाशी से 12 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं। जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 1 जनवरी 2,022 से अब तक कोरोना से संक्रमित कुल 87,787 मरीजों में से 78,093 मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं। 3,057 संक्रमित राज्य से बाहर जा चुके, हैं। 225 संक्रमित की मौत हो चुकी है। राज्य में वर्तमान में कोविड-19 के एक्टिव केस 6697 है। इधर रिकवरी रेट 88.96 प्रतिशत पहुंच गया है।
राजभवन के 'रोज होने वाले दौरे' की ओर इशारा
राजभवन के 'रोज होने वाले दौरे' की ओर इशारा
कविता गर्ग
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ निकटता के लिए शुक्रवार को भाजपा पर कटाक्ष करते हुए विपक्षी पार्टी के नेताओं के राजभवन के ”लगभग रोज होने वाले दौरे” की ओर इशारा किया। ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के किसी नेता का नाम लिए बिना कहा कि, विपक्ष में रहते हुए हम साल में एक या दो बार राजभवन जाते थे, लेकिन रोज-रोज नहीं। शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार और राज्यपाल के बीच संबंध 2019 में गठबंधन के सत्ता में आने के बाद से तनावपूर्ण रहे हैं।
ठाकरे और कोश्यारी राजभवन में एक समारोह में एक साथ थे जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नवनिर्मित दरबार हॉल का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि राजनीतिक तूफान के बावजूद राजभवन की हवा हमेशा ठंडी होती है। ठाकरे ने कहा कि राजभवन के साथ ”संवाद” टूटा नहीं है। कोश्यारी और एमवीए सरकार कई मौकों पर भिड़ चुकी है। हाल में राज्यपाल ने शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव की अनुमति नहीं देते हुए ध्वनि मत के माध्यम से इसे आयोजित करने के सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई थी।
कोश्यारी ने पूर्व में मुख्यमंत्री से पूछा था कि राज्य सरकार कोविड-19 लॉकडाउन समाप्त होने के बाद राज्य में मंदिरों को फिर से क्यों नहीं खोल रही है। उन्होंने इस मुद्दे पर ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा पर भी सवाल उठाया था। राज्यपाल ने विधान परिषद में नामांकन के लिए भेजे गए 12 नामों को भी अब तक मंजूरी नहीं दी है।
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