राजभवन के 'रोज होने वाले दौरे' की ओर इशारा
कविता गर्ग
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ निकटता के लिए शुक्रवार को भाजपा पर कटाक्ष करते हुए विपक्षी पार्टी के नेताओं के राजभवन के ”लगभग रोज होने वाले दौरे” की ओर इशारा किया। ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के किसी नेता का नाम लिए बिना कहा कि, विपक्ष में रहते हुए हम साल में एक या दो बार राजभवन जाते थे, लेकिन रोज-रोज नहीं। शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार और राज्यपाल के बीच संबंध 2019 में गठबंधन के सत्ता में आने के बाद से तनावपूर्ण रहे हैं।
ठाकरे और कोश्यारी राजभवन में एक समारोह में एक साथ थे जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नवनिर्मित दरबार हॉल का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि राजनीतिक तूफान के बावजूद राजभवन की हवा हमेशा ठंडी होती है। ठाकरे ने कहा कि राजभवन के साथ ”संवाद” टूटा नहीं है। कोश्यारी और एमवीए सरकार कई मौकों पर भिड़ चुकी है। हाल में राज्यपाल ने शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव की अनुमति नहीं देते हुए ध्वनि मत के माध्यम से इसे आयोजित करने के सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई थी।
कोश्यारी ने पूर्व में मुख्यमंत्री से पूछा था कि राज्य सरकार कोविड-19 लॉकडाउन समाप्त होने के बाद राज्य में मंदिरों को फिर से क्यों नहीं खोल रही है। उन्होंने इस मुद्दे पर ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा पर भी सवाल उठाया था। राज्यपाल ने विधान परिषद में नामांकन के लिए भेजे गए 12 नामों को भी अब तक मंजूरी नहीं दी है।