शनिवार, 5 फ़रवरी 2022

गाजियाबाद: कंपनीबाग में शिफ्ट हुआ कंट्रोल रूम

गाजियाबाद: कंपनीबाग में शिफ्ट हुआ कंट्रोल रूम    

अश्वनी उपाध्याय          

गाज़ियाबाद। जिला नगर निगम का इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम पूरी तरह से कंपनीबाग में शिफ्ट हो गया है। पिछले करीब एक महीने से इसके शिफ्ट करने का कार्य चल रहा है। पहले यह कंट्रोल रूम निगम ऑफिस के एक कमरे में चल रहा था। वहां काफी कम जगह होने के कारण स्टाफ को भी काफी परेशानी आ रही थी। गत दिनों नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने कंपनी बाग में बनी निगम की बिल्डिंग का दौरा किया था। वहां बनी नई बिल्डिंग का एक हिस्सा काफी दिनों से खाली था। नगर आयुक्त ने तय किया कि कंट्रोल रूम इस बिल्डिंग में बनाकर तैयार कर दिया जाए। इसके बाद ही नगर निगम ने कंट्रोल रूम को शिफ्ट करने का कार्य आरंभ किया था।

हालांकि नए परिसर में कंट्रोल रूम अभी विधिवत तौर पर चालू नहीं हुआ है। अभी केवल टोल फ्री नवंबर चालू किया गया है। बाकी कई अलग अलग नंबर है जो शिफ्ट हो रहे है। जल्दी ही इन सभी नंबरों के भी चालू होने की संभावना है। संभावना है कि जल्दी ही सभी टेलिफोन नंबर चालू हो जाएंगे। इसके साथ ही शहर के लोगों को घर बैठे ही अपनी शिकायत दर्ज कराने का मौका मिलेगा। इससे नगर निगम को भी समस्या दूर करने की कार्रवाई में आसानी होगी।

यूके: 24 घंटे में 13 संक्रमितों की मौंत, वायरस बढ़ा

यूके: 24 घंटे में 13 संक्रमितों की मौंत, वायरस बढ़ा   

पंकज कपूर           

देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना का ग्राफ शनिवार को फिर तेजी से बढ़ गया है। 24 घंटे के भीतर प्रदेश के सभी 13 जनपदों में शनिवार को कोरोना के कुल 844 नए मामले सामने आए है। इसी के साथ राज्य में कोरोना का आंकड़ा 83,867 तक पहुंच गया है। जबकि राज्य में आज 4,909 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए इस तरह अब तक 64,470 मरीज स्वस्थ हो चुके है। वहीं, शनिवार को 13 कोरोना संक्रमित मरीज की मौत भी हुई है।

शनिवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, राज्य में 844 नए लोगों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई। जिनमें देहरादून जिले से 204, हरिद्वार से 149, नैनीताल से 52, उधमसिंह नगर से 53, पौडी से 28, टिहरी से 35, चंपावत से 15, पिथौरागढ़ से 09, अल्मोड़ा 102, बागेश्वर से 61, चमोली से 45, रुद्रप्रयाग से 84, उत्तरकाशी से 07 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं।

लोनी: पिछले चुनाव के खुद्दार, अब हो गए गद्दार

लोनी: पिछले चुनाव के खुद्दार, अब हो गए गद्दार      
अश्वनी उपाध्याय 
गाजियाबाद। जनपद की लोनी विधानसभा क्षेत्र मे भाजपा का एक बहुत बड़ा कैडर वोट बैंक है। लेकिन इस बार कैडर वोट बैंक एक मंच पर दिखाई नहीं दे रहा है। इसके पीछे कई कारण रहे हैं। भितरघात और बगावत के साथ-साथ कार्यकर्ता और पद अधिकारियों की अनदेखी भी की गई है। जो लोग वर्षों से भाजपा का झंडा उठाकर, भीड़ और रैलियों में धक्का-मुक्की खाकर झंडे को खड़ा करने का काम करते रहे हैं। उन लोगों को उपेक्षा का शिकार होना पड़ा। उनके अपने शासन में उन पर ज्यादतियां की गई। इस कारण वह कैडर वोट बैंक भाजपा के हाथों से छिटक गया है। गत 3 तारीख को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का कार्यक्रम लोनी स्थित रामलीला मैदान में आयोजित किया गया। एक राष्ट्रीय स्तर के नेता के कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को उंगलियों पर गिना जा सकता है। इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि भाजपा का कैडर वोट बैंक भाजपा के पक्ष में नहीं है। यदि भाजपा का कैडर वोट भाजपा के पक्ष में नहीं है। तब वह वोट बैंक किस पक्ष में है ? इसका भी साधारणतः अनुमान लगाया जा सकता है। भाजपा की प्राथमिक सदस्यता छोड़ कर चुनाव समर में उतरी निर्दलीय प्रत्याशी रंजीता धामा, भारतीय जनता पार्टी से नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव जीती है। भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं से उनके अच्छे संपर्क भी हैं। संबंध और संपर्कों के आधार पर भाजपा का कैडर वोट रंजीता धामा के पक्ष में खड़ा हो गया है। 
हालांकि, सोशल मीडिया पर भाजपा प्रत्याशी व विधायक नंदकिशोर गुर्जर और निर्दलीय प्रत्याशी रंजीता धामा के समर्थक सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप थोपने का कार्य भी कर रहे हैं। जो लोग पिछले चुनाव में भाजपा के प्रति समर्पित रहे हैं जो भाजपा के प्रति खुद्दार रहे हैं। आज उन्हें गद्दार से परिभाषित किया जा रहा हैं। चाहे वह किसी भी प्रत्याशी अथवा दल का समर्थक रहा है। इस प्रकार की अमर्यादित भाषा से कार्यकर्ता एवं पदाधिकारियों के हृदय को आघात तो अवश्य पहुंचेगा।
भाजपा के स्थानीय नेता भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में नहीं है। अभी तक कोई भी मंच स्थानीय नेताओं के द्वारा साझा नहीं किया गया है। इससे यह बात स्पष्ट हो जाती है कि भाजपा का स्थानीय नेतृत्व भाजपा प्रत्याशी से रुष्ट या खिलाफ है। इसके पीछे क्या कारण है ? यह तो स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है। लेकिन भाजपा प्रत्याशी की हार प्रशस्त करने का प्रयास सफल हो गया है।
भाजपा के कैडर वोट बैंक के छिटकने से भाजपा प्रत्याशी चुनाव समर में खड़ी सीड़ी के शिखर से कई पायदान नीचे आ चुके हैं। बहरहाल, उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार का गठन होना निश्चित है। वहीं, लोनी विधानसभा सीट भाजपा के खाते से निकल गई है।
क्षेत्र की जनता इस बात से पूरी तरह वाकिफ है कि यह मुकाबला नंदकिशोर गुर्जर और मदन भैया के बीच होगा। हार-जीत का मामला अति निकटतम रहेगा। ध्रुवीकरण ना हो पाने के कारण मुस्लिम मतदाता मदन भैया के पक्ष में मतदान करने का मन बना चुका है। यदि बात की जाए बसपा से मुस्लिम प्रत्याशी हाजी अकील की, मुस्लिम मतदाताओं के बीच सेंधमारी करने का प्रयास करेंगे। लेकिन उन्हें मुंह की खानी पड़ेगी। यदि मुस्लिम मतदाताओं के आधार पर हाजी अकील चुनाव जीतना चाहते हैं तो यह मात्र उनका भ्रम है। उन्हें इस चुनाव में करारी हार का स्वाद चखना पड़ेगा।

सपा पर 'मुसलमानों' की अनदेखी का आरोप लगाया

सपा पर 'मुसलमानों' की अनदेखी का आरोप लगाया    

संदीप मिश्र 


अमरोहा। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में पार्टी की ओर से सभी समाज के लोगों को टिकट दिये जाने का दावा करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) पर मुसलमानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को अमरोहा में सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए मुस्लिम समाज से पूछा, "उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार हटने पर भाजपा के सत्ता में आने के बाद मुसलमानों ने सपा का सबसे ज्यादा साथ दिया, यह सबको मालूम है। लेकिन उसके बदले में मुस्लिम समाज को सपा से क्या मिला? मुस्लिम समाज के लोगों से मैं यह पूछना चाहती हूं कि सपा ने उत्तर प्रदेश में कितने टिकट मुस्लिम समाज के लोगों को दिये।"

राज्यपाल को विधेयक भेजने के लिए संकल्प पारित

राज्यपाल को विधेयक भेजने के लिए संकल्प पारित 

चेन्नई। तमिलनाडु विधानसभा में प्रतिनिधित्व रखने वाले राजनीतिक दलों की बैठक में शनिवार को सर्वसम्मति से राज्य को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के दायरे से छूट देने के वास्ते राष्ट्रपति की सहमति के लिए एक विधेयक फिर से राज्यपाल आर एन रवि को भेजने का संकल्प लिया गया।

सचिवालय में मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की अध्यक्षता में हुई बैठक में विधानसभा की विशेष बैठक बुलाने और विधेयक को फिर से स्वीकार किए जाने तथा राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त करने के वास्ते, इस राज्यपाल को भेजने के लिए संकल्प पारित किया गया। मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक ने हालांकि बैठक में हिस्सा नहीं लिया और तमिलनाडु में परीक्षा को रद्द करने के उद्देश्य से सभी कानूनी पहलों को अपना समर्थन देने की घोषणा की। भारतीय जनता पार्टी भी बैठक में शामिल नहीं हुई।

'मीडिया' कंपनियों के लिए नियम बनाने पर विचार

'मीडिया' कंपनियों के लिए नियम बनाने पर विचार   

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। केंद्र सरकार सोशल मीडिया कंपनियों के लिए कड़े नियम बनाने पर विचार कर रही है। इस बात की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी मिनिस्टर अश्‍व‍िनी वैष्‍णव ने दी है। उन्‍होंने कहा है अगर संसद में राजनीतिक सहमति बन जाती है तो इंटरनेट पर नागरिकों की सुरक्षा के लिए सरकार सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नियम कड़े कर देगी। कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने यह बात कही। आनंद शर्मा ने पूछा था कि सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए क्या किया जा रहा है ? वैष्णव ने कहा कि कड़े नियमों की वजह से नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। 

उन्होंने कहा, ‘सरकार संवैधानिक दायरे में रहकर काम कर रही है। इसमें राज्य और केंद्र के कामों को भी बताया गया है। रिपोर्ट्स के आधार पर लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसियां अपना काम करती हैं। इसके अलावा सेंट्रल पोर्टल भी हैं, जहां पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। राज्यसभा से बीजेपी सांसद सुशील मोदी द्वारा ‘बुल्ली बाई और ‘सुल्ली डील्स’ ऐप मामलों पर एक सवाल के जवाब में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव कहते हैं, ‘महिलाओं की गरिमा की रक्षा करना हमारे लिए एक मौलिक न‍िर्माण है। हम इस मुद्दे पर समझौता नहीं कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘सभी मुद्दों पर तेजी से कार्रवाई की गई है. जब भी सरकार सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाने के लिए कोई कदम उठाती है। विपक्ष अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले का आरोप लगाता है, जो सच नहीं है। हमें संतुलन बनाना होगा।’ वैष्णव ने ‘बुल्ली बाई’ जैसे ऐप का भी उदाहरण दिया कि यह समाज को कैसे नुकसान पहुंचा रहा था। उन्होंने कहा कि जुलाई 2021 में इस तरह का पहला मामला आया था। रेल, संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्य सभा में कहा कि रेल मंत्रालय विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से रेलवे स्टेशनों का टेक्नो-इकोनॉमिक फीजेबिलिटी स्टडी कर रहा है। इन फीजेबिलिटी स्टडी के परिणामों के आधार पर स्टेशनों को चरणों में विकसित करने की योजना बनाई गई है। इसमें विशेष रूप से प्रमुख शहरों और महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में स्थित स्टेशनों को पुनर्विकसित किया जाएगा।

सुरक्षा एजेंसियों ने गफूर शेख को गिरफ्तार किया

सुरक्षा एजेंसियों ने गफूर शेख को गिरफ्तार किया     

अकांशु उपाध्याय    

नई दिल्ली। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मुख्य आरोपियों में से एक अबू बकर अब्दुल गफूर शेख को करीब तीन दशक की खोज बीन के बाद गिरफ्तार कर लिया है।

अबू बकर 1993 के हमले के मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम का करीबी सहयोगी है और वह धमाकों का एक प्रमुख साजिशकर्ता है। 12 मार्च, 1993 को हुए इन विस्फोटों में 257 लोग मारे गए थे। उल्लेखनीय है कि मुंबई में 12 अलग अलग जगहों पर हुए सिलसिलेवार हमलों ने मुंबई (तब बॉम्बे) को हिलाकर रख दिया था। यह भारत में हुए सबसे बड़े आतंकी हमलों से एक था।

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...