गुरुवार, 3 फ़रवरी 2022

बेघर लोगों के वैक्सीनेशन पर हलफनामा दाखिल

बेघर लोगों के वैक्सीनेशन पर हलफनामा दाखिल    

अकांशु उपाध्याय         नई दिल्ली। केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया गया है कि बिना पहचान-पत्र वाले चार लाख से ज्‍यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह आंकड़ा काफी छोटा है। मामले पर सरकार का पक्ष करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि अब यह आंकड़ा 77 लाख पहुंच गया है और 14 लाख ऐसे लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई गई है। केंद्र की तरफ से ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि भिखारियों और बेघर लोगों के वैक्सीनेशन को लेकर नया हलफनामा दाखिल करेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से भी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

इससे पहले वैक्सीनेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि कोविड-19 वैक्सीनेशन अनिवार्य नहीं है और ना ही किसी भी व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरुद्ध वैक्सीनेशन के लिए मजबूर किया जा सकता है। वैक्सीनेशन कोई जनादेश नहीं है। सरकार ने कोई भी एसओपी जारी नहीं किया। जो किसी भी उद्देश्य से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को अनिवार्य बनाता हो। केंद्र की गाइडलाइन संबंधित व्यक्ति की सहमति प्राप्त किए बिना किसी भी जबरन वैक्सीनेशन की परिकल्पना नहीं करते।

केंद्र ने कहा है कि कोविड -19 वैक्सीनेशन व्यापक जनहित में है और विभिन्न प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से विधिवत सलाह, विज्ञापन और संचार किया गया है कि सभी नागरिकों को वैक्सीनेशन करवाना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरूद्ध वैक्सीनेशन के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार ने कोई भी एसओपी जारी नहीं की है। जो किसी भी उद्देश्य के लिए वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र को अनिवार्य बनाता है। 20 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा था कि इस मामले में सॉलिसिटर जनरल अदालत की सहायता करें। केंद्र सरकार बताए कि इस महत्वपूर्ण मामले में क्या क्या कदम उठाए जा रहे हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में इवारा फाउंडेशन ने याचिका दाखिल कर दिव्यांग लोगों को घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि ये लोग केंद्रों पर जाकर वैक्सीन नहीं लगवा सकते।

सीएम ने 3 विधानसभा सीटों पर प्रचार-प्रसार किया

सीएम ने 3 विधानसभा सीटों पर प्रचार-प्रसार किया    

संदीप मिश्र           लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल को सभी पार्टियां रफ्तार देती हुई नजर आ रही हैं। अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए अब बड़े-बड़े दिग्गज नेता जमी पर उतर रहे हैं। ये दिग्गज नेता उत्तर प्रदेश की एक-एक विधानसभा में घर-घर जाकर अपने-अपने प्रत्याशियों के लिए वोट मांग रहे हैं, और जनता से जनसंपर्क कर रहे हैं। वही इसी कड़ी में मथुरा  जनपद में उत्तर प्रदेश के मुखिया स्वयं जगह-जगह जाकर लोगों से वोट मांग रहे हैं और अपने प्रत्याशी के लिए प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। दरअसल जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मथुरा आने की सूचना कार्यकर्ताओं को प्राप्त हुई तो कार्यकर्ताओं में अलग उत्साह देखने को मिला।

वहीं, जब योगी आदित्यनाथ मथुरा पहुंचे तो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा की 5 विधानसभा सीटों में से 3 विधानसभा सीटों पर प्रचार-प्रसार किया है। जिसमें उन्होंने सर्वप्रथम छाता गोवर्धन और लास्ट में श्री कृष्ण की नगरी मथुरा के पीएम पोद्दार ग्राउंड में जाकर लोगों से जनसभा की और अपने प्रत्याशियों के लिए वोट मांगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार गोवर्धन गए। जहां सबसे पहले वो गोवर्धन के दानघाटी मन्दिर गए। जहां उन्होने गिरिराज महाराज के दर्शन कर पूजा अर्चना की। इस के बाद वो गोवर्धन के बस स्टेंड पर स्थित चुनावी जनसभा में पहुंचे। सीएम योगी के यहां पहुंचते ही जनसभा में आये समर्थकों ने जोर-जोर से योगी योगी जिंदाबाद के नारे लगाए। वहीं बीजेपी सांसद और बॉलीवुड अदाकारा हेमामालनी ने मुख्यमंत्री को गाय की मूर्ति और गदा भेंट किया।

सभा को संबोधित करते हुए सीएम ने विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन को विपक्षियों ने बीजेपी की और मोदी की वैक्सीन बताया था. आज वही वैक्सीन इन विपक्षियों की जमानत जब्त करा देगी। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार में दंगे हुए है। पहला दंगा कोसी में हुआ था और दूसरा दंगा जवाहर बाग में हुआ था। यह समाजवादी सरकार नहीं है यह दंगा कराने वाली सरकार है। उन्होंने कहा कि यह वही लोग हैं जो दंगा कराते है उनको ही ये टिकिट देते है। लखनऊ वाला लड़का मुख्यमंत्री था और वहां बैठकर हंस रहा था, और अपने पास बुलाकर दंगाईयो का सम्मान कर रहा था। सीएम ने गोवर्धन की जनता से बीजेपी प्रत्याशी ठाकुर मेघ श्याम सिंह के समर्थन मे वोट डालने की अपील की है।

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योग्यता परीक्षा को स्थगित करने से इनकार किया

योग्यता परीक्षा को स्थगित करने से इनकार किया    

अकांशु उपाध्याय          नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के चलते पांच फरवरी को होने वाली इंजीनियरिंग परीक्षा में स्नातक योग्यता परीक्षा (गेट) को स्थगित करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि निर्धारित परीक्षा से 48 घंटे पहले गेट परीक्षा को स्थगित करने से अराजकता एवं अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न होगी और वह उन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते, जिन्होंने इसके लिए तैयारी की है।

पीठ ने कहा कि यह शिक्षण नीति का मामला है कि कब परीक्षा होनी चाहिए और अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती। पीठ ने कहा कि नौ लाख छात्र यह परीक्षा देने वाले हैं और करीब 20,000 छात्रों ने इसे स्थगित करने के संबंध में ऑनलाइन याचिका का समर्थन किया है। पीठ ने कहा कि, छात्रों ने इसके लिए तैयारी की है और अदालत परीक्षा स्थगित करके उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती। शीर्ष अदालत गेट परीक्षा स्थगित करने संबंधी याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने को बुधवार को सहमत हुई थी। याचिका में कहा गया कि 200 केन्द्रों पर नौ लाख छात्र परीक्षा देंगे, लेकिन अधिकारियों ने परीक्षा आयोजित करने के लिए कोविड-19 संबंधी कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किए हैं।

एससी में 4 महिला न्यायाधीश कार्यरत: रिजिजू

एससी में 4 महिला न्यायाधीश कार्यरत: रिजिजू  

अकांशु उपाध्याय           नई दिल्ली। विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि यह पहला मौका है। जब उच्चतम न्यायालय में चार महिला न्यायाधीश कार्यरत हैं। जबकि न्यायाधीशों के स्वीकृत पदों की कुल संख्या 34 है। उन्होंने प्रश्नकाल में पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि यह पहला मौका है जब उच्चतम न्यायालय में चार महिला न्यायाधीश हैं और उनमें से तीन महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति उनके कानून मंत्री बनने के बाद हुईं हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के स्वीकृत पदों की संख्या 1098 है जिन पर 83 महिला न्यायाधीश कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का जोर इस बात पर है कि महिला न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि हो। रिजिजू ने कहा कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति देश के संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 224 के तहत की जाती है।

इन पदों के लिए आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है। कानून मंत्री ने कहा कि सरकार मुख्य न्यायाधीशों से यह अनुरोध करती रही है कि उच्च न्यायालयों में नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजते समय वह सामाजिक विविधता सुनिश्चित करने का प्रयास करें ताकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों व महिलाओं के नामों पर भी विचार किया जाए। रिजिजू ने कहा कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के कॉलेजियमों से व्यक्तिगत रूप से भी यह अनुरोध किया है कि नामों की सिफारिश करते समय महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़े वर्गों के नामों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि सरकार किसी नियुक्ति में जानबूझकर देरी नहीं करती लेकिन इसके लिए एक प्रक्रिया है और इसके साथ ही हमें यह सुनिश्चित करना होता है कि न्यायाधीश के रूप में नियुक्त रूप में होने वाले उम्मीदवार उस पद के लिए उपयुक्त हों।


प्रतिनियुक्ति अवधि सीमित करने पर स्पष्टीकरण मांगा

प्रतिनियुक्ति अवधि सीमित करने पर स्पष्टीकरण मांगा   

इकबाल अंसारी           तिरुवनंतपुरम। केरल उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) की सतर्कता शाखा में अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति अवधि सीमित करने पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। अदालत ने कहा कि सतर्कता अधिकारियों के बिना किसी व्यवस्था की अनुमति नहीं दी जा सकती है। न्यायमूर्ति अनिल के नरेंद्रन और न्यायमूर्ति पीजी अजितकुमार की पीठ ने कहा कि सतर्कता शाखा के तीन अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति अवधि को 20 जनवरी 2022 तक सीमित करने का ”कोई औचित्य नहीं” था जबकि पिछले साल सितंबर में राज्य के पुलिस प्रमुख ने उनका कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ाने की सिफारिश की थी। वर्तमान में सतर्कता शाखा एक मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) और सब-इंस्पेक्टर रैंक के एक अधिकारी के साथ काम कर रही है। अदालत ने कहा कि, अगर राज्य या बोर्ड को लगता है कि वे बिना किसी सतर्कता अधिकारी के किसी व्यवस्था को चला सकते हैं, तो इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। अदालत ने राज्य सरकार और टीडीबी को शुक्रवार को यह सूचित करने का निर्देश दिया कि उसे तीन अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति अवधि के खत्म होने के बारे में सूचित क्यों नहीं किया गया और उनका कार्यकाल 20 जनवरी तक सीमित क्यों रखा गया, खासकर जब सतर्कता शाखा ने बोर्ड में चोरी और हेराफेरी की घटनओं सहित विभिन्न अनियमितताओं का पता लगाया है।

पीठ ने कहा कि उन्होंने हाल में एक अन्य मामले में सीवीओ का कार्यकाल 31 मार्च तक बढ़ा दिया था और उस समय भी न तो राज्य और न ही टीडीबी ने अदालत को सूचित किया था कि सतर्कता शाखा में कई अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो रही थी। पीठ ने कहा कि, ऐसी परिस्थितियों में, हमें सरकार की ओर से अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की अवधि को 20 जनवरी, 2022 तक सीमित करने का कोई औचित्य नजर नहीं आ रहा हैं। अब सहायक अधिकारियों के बिना एक सीवीओ है। सबरीमाला अतिथि गृह में रहने वाले गणमान्य व्यक्तियों को उपलब्ध कराए गए भोजन पर आए खर्च से संबंधित बिल के भुगतान में बोर्ड के कथित भ्रष्टाचार और सतर्कता शाखा को भंग करने के मुद्दों पर अदालत द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए एक याचिका पर सुनवाई के दौरान पीठ ने ये टिप्पणी की और निर्देश दिया। इन कथित घटनाओं को एक समाचार रिपोर्ट में उजागर किया था और इसी खबर के आधार पर अदालत ने कार्यवाही शुरू की तथा और विशेष आयुक्त, सबरीमाला से एक रिपोर्ट मांगी गई थी।

विशेष आयुक्त ने दो फरवरी की अपनी रिपोर्ट में कहा कि राज्य के पुलिस प्रमुख ने सतर्कता शाखा में अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ाने की सिफारिश की थी, लेकिन राज्य सरकार ने इसे 20 जनवरी तक सीमित कर दिया और उनके कार्यकाल को बढ़ाने के लिए बोर्ड से कोई अनुरोध नहीं किया गया। विशेष आयुक्त ने बृहस्पतिवार को अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट दी थी।

गोवा चुनाव: ‘आप’ के पक्ष में मतदान की अपील की

गोवा चुनाव: ‘आप’ के पक्ष में मतदान की अपील की   

इकबाल अंसारी            पणजी। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस सहित अन्य दलों के समर्थकों व कार्यकर्ताओं से न सिर्फ उनके खुद के, बल्कि तटवर्ती राज्य के भविष्य के लिए भी गोवा विधानसभा चुनाव में ‘आप’ के पक्ष में मतदान करने की अपील की। केजरीवाल ने कहा कि वे पार्टी से अपनी संबद्धता को बदले बिना ‘आप’ को वोट दे सकते हैं।

गोवा की सभी 40 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को मतदान होना है। नतीजों की घोषणा दस मार्च को की जाएगी। ‘आप’ राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है। केजरीवाल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि, मैं यहां उन लोगों को संबोधित करने आया हूं, जो भाजपा, कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी के समर्थक या कार्यकर्ता हैं। मैं आपसे आम आदमी पार्टी से जुड़ने के लिए नहीं कह रहा हूं। आप अपनी पार्टी में बने रह सकते हैं, लेकिन अपनी खुद की भलाई, गोवा के भविष्य और अपने परिवार के भविष्य के लिए इस बार ‘आप’ को वोट दें।

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