शुक्रवार, 21 जनवरी 2022

विभाग द्वारा लगाईं गई प्रदर्शनी का शुभारंभ किया: यूपी

विभाग द्वारा लगाईं गई प्रदर्शनी का शुभारंभ किया: यूपी      
बृजेश केसरवानी          
प्रयागराज। विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष/मेलाधिकारी श्री अरविंद कुमार चैहान शुक्रवार को माघ मेला क्षेत्र के परेड ग्राउण्ड के त्रिवेणी मार्ग पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा लगाईं गई प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारंभ किया। ‘‘तुलसी कथा रघुनाथ की’’ एवं स्थानीय ऐतिहासिक, सांस्कृतिक विषयक प्रदर्शनी मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं की जानकारी के लिए लगायी गयी है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष/मेलाधिकारी ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि यह प्रदर्शनी प्रयागराज के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व से सम्बंधित स्थलों तथा गोस्वामी तुलसी दास जी के द्वारा रचित रामकथा से सम्बंधित प्रसंगों के बारे में मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की जानकारी के लिए उपयोगी रहेगी। 
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में प्रयागराज के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक स्थलों का एक स्थान पर संकलन होना प्रदर्शनी के महत्व को और अधिक बढ़ाता है। प्रदर्शनी में बडे़ हनुमान जी, अक्षयवट, संगम, उल्टा किला, खुशरोबाग, श्रृंगवेरपुर धाम, मनकामेश्वर, नौलखा मंदिर, विश्वविद्यालय, आनंद भवन, जैन मंदिर, तारामण्डल, भरद्वाज मुनि, ललिता देवी, नागवासुकी मंदिर सहित अन्य धार्मिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थलों से सम्बंधित जानकारी दिये जाने हेतु प्रदर्शनी लगायी गयी है। इस अवसर पर जिला सूचना अधिकारी-इन्द्रमणि पाण्डेय, अपर जिला सूचना अधिकारी-ऋषभ देव त्रिपाठी, कर्मवीर खरे सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
इसके पूर्व प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष/मेलाधिकारी ने एचडीएफसी बैंक की मोबाइल एटीएम वैन का भी फीता काटकर शुभारम्भ किया। श्री अजय कुमार गुप्ता, क्लस्टर हेड ने बताया कि मोबाइल एटीएम वैन मेला क्षेत्र में भ्रमणशील रहेगी तथा इससे मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में ही पैसा निकालने में सुविधा रहेगी। इस अवसर पर श्री मनीष श्रीवास्तव, श्री अमित चतुर्वेदी एवं आशुतोष द्विवेदी सहित एचडीएफसी बैंक अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

देवरिया: डीएम ने उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया
हरिशंकर त्रिपाठी          देवरिया। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने बताया है कि प्रायः यह संज्ञान में आता है कि भूमि संबंधी विवाद विशेषकर आबादी आदि से संबंधित विवाद निस्तारण हेतु सीधे थानाध्यक्ष को उप जिलाधिकारियों द्वारा प्रेषित कर दिए जाते है। जिनका स्तर पर इन विवादो का निस्तारण सही ढंग से नही हो पाता है और समस्या जैसे की तैसी बनी रहती है। इनमें बहुत से प्रकरण यद्यपि कि सिविल प्रकृति के होते है। फिर भी शांति व्यवस्था की दृष्टि से आपसी सुलह समझौते से निस्तारण किया जा सकता है।
इसके दृष्टिगत जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि आबादी भूमि संबंधी विवादों को निस्तारित कराने हेतु प्रकरण में राजस्व एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम गठित कर उसे मौके पर निस्तारण हेतु भेजा जाये। 
उन्होने यह भी निर्देश दिया है कि ऐसे प्रकृति के विवादो के सुलह समझौते से निस्तारण के उपरान्त मौके पर ही स्पाट मेमों की तीन प्रतियां बनवाते हुए उपस्थित व्यक्तियों एवं राजकीय कर्मियों के हस्ताक्षर/अंगूठे के निशान का अंकन कराकर उन प्रतियों को क्रमशः तहसील, थाने एवं ग्राम पंचायत में सुरक्षित रखा जाये। भविष्य में पुनः विवाद की स्थिति में पूर्व के हुए सुलह समझौते का संज्ञान विवाद के निस्तारण में लिया जाये। जिलाधिकारी ने इसका अनुपालन कडाई से सुनिश्चित किए जाने निर्देश दिया है।

मण्डलायुक्त गोयल ने प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया
 बृजेश केसरवानी            प्रयागराज। माघ मेला में गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि से उत्पन्न हुई समस्याओं के तत्काल निदान हेतु मंडलायुक्त श्री संजय गोयल ने मेला अधिकारी श्री अरविंद कुमार चौहान एवं अन्य अधिकारियों समेत मेले के सबसे प्रभावित क्षेत्रों का शुक्रवार को निरीक्षण कर स्थिति का जायजा दिया। सेक्टर 3 स्थित गंगद्वीप, सेक्टर 2 तथा अन्य प्रभावित स्थानों पर सिंचाई विभाग द्वारा नदी के जल को मेला क्षेत्र में आने से रोकने हेतु की गई कार्यवाही का निरीक्षण करते हुए मंडलायुक्त ने मैनपावर, ट्रैक्टर्स एवं पंप्स की संख्या बढ़ाकर मेला क्षेत्र से पानी को तत्काल निकालकर वहां बालू डलवाने के निर्देश दिए। इसी क्रम में उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को जल स्तर की निरंतर निगरानी करने एवं किसी भी परिस्थिति में अगर जल स्तर में और भी वृद्धि के संकेत मिलते हैं तो उसके दृष्टिगत पहले से ही पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं। गंगा नदी का जलस्तर विगत वर्ष के सापेक्ष इस वर्ष लगभग 3.5 फुट ऊपर है। 
निरीक्षण के दौरान उन्होंने जल निगम के अधिकारियों द्वारा की जा रही धीमी कार्यवाही पर खासी नाराजगी व्यक्त की।जिस पर संबंधित अधिकारियों द्वारा उनको अवगत कराया गया कि जल स्तर में वृद्धि के कारण आसपास के क्षेत्रों का वाटर टेबल ऊपर आ गया है। जिसकी वजह से पानी का सीपेज हो रहा है। सभी प्रभावित संस्थाओं में यही सीपेज का पानी आ रहा है तथा बार-बार ड्रेन आउट करने के पश्चात भी पानी भरता जा रहा है। इस पर मंडलायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में और बालू डलवाने एवं और अधिक पंप लगाकर पानी को निरंतर ड्रेन आउट करने के निर्देश दिए।
जलस्तर में वृद्धि होने से गंगद्वीप की सभी प्रभावित 44 संस्थाओं एवं प्रयागवालों को सेक्टर 5 एवं अन्य स्थानों पर सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ मेला अधिकारी के निर्देशन में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है। परंतु कई श्रद्धालु सेक्टर 5 में स्थानांतरित नहीं होना चाहते। यह संज्ञान में आने पर मंडलायुक्त ने सभी संस्थाओं की एक सूची बनाकर जो लोग भी सभी मूलभूत सुविधाएं देने के पश्चात भी स्थानांतरित नहीं होना चाहते। उनसे लिखित में सहमति लेने के निर्देश दिए हैं।
मंडलायुक्त ने गंगद्वीप के प्रभावित श्रद्धालुओं को सेक्टर 5 के जिस स्थान पर स्थानांतरित किया जा रहा है। उसका भी निरीक्षण कर वहां शौचालय, बिजली, पानी जैसी अन्य सभी मूलभूत सुविधाएं तत्काल सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने सभी की सुरक्षा हेतु वहां पुलिस बल की भी तैनाती हेतु मेला अधिकारी को निर्देश दिए हैं।
निरीक्षण के दौरान मंडलायुक्त के संज्ञान में यह भी लाया गया कि इस वर्ष कई संस्थाओं को अनुमन्य सुविधाएं विगत वर्षों की तरह अभी तक नहीं मिल सकी हैं। जिस पर उन्होंने मेला अधिकारी को निर्देशित किया कि जो भी संस्था जिस सुविधा के लिए अनुमन्य है एवं जो उसे विगत वर्षों में मिलती रही हैं।उसे वह सुविधाएं दी जाएं। साथ ही उन्होंने सभी संस्थाओं में कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है या नहीं ? इसे एक टीम लगाकर क्रॉस चेक करने के भी निर्देश दिए हैं।

यूके: 24 घंटे में कोरोना के 4,964 नए मामलें मिलें

यूके: 24 घंटे में कोरोना के 4,964 नए मामलें मिलें       

पंकज कपूर          देहरादून। उत्तराखंड में वैश्विक महामारी कोविड-19 का कहर जारी है। शुक्रवार को राज्य के सभी 13 जनपदों में कोरोना वायरस के 4,964 नये मामले सामने आए है। जबकि, चिंताजनक है कि राज्य में आज भी 8 कोरोना मरीजों की मौत भी हुई है। बता दें कि पिछले 1 सप्ताह से राज्य में कोरोना मरीजों की मौतों का सिलसिला जारी है। राज्य में शुक्रवार को कोरोना के कुल 4,964 नए मामलें सामने आए है। इसी के साथ राज्य में कोरोना का आंकड़ा 391915 पहुंच गया है। जबकि राज्य में आज रिकॉर्ड 3422 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए इस तरह अब तक 349364 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार राज्य में 4964 नए लोगों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई। 

जिनमें देहरादून जिले से 1489 ,हरिद्वार से 706 , नैनीताल जिले से 666, उधमसिंह नगर से 485 , पौडी से 375, टिहरी से 120, चंपावत से 279, पिथौरागढ़ से 195, अल्मोड़ा 261, बागेश्वर से 214, चमोली से 55 , रुद्रप्रयाग से 44, उत्तरकाशी से 75 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं। राज्य में शुक्रवार को 8 कोरोना मरीजों की मौत भी हुई जिनमें एम्स ऋषिकेश में 2, श्री महेश इंद्रेश हॉस्पिटल में 1, सिनर्जी हॉस्पिटल देहरादून में 1 और रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम हरिद्वार में 1 व्यक्ति ने दम तोड़ा। पिथौरागढ़ में घर में ही उपचार ले रहे एक व्यक्ति की जान गई। जबकि उधमसिंह नगर के खटीमा उधम सिंह नगर में एक व्यक्ति की मौत करोना संक्रमण के कारण हुई है।

सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर पर रोक लगाने का निर्णय  
श्रीराम मौर्य         शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर पर रोक लगाने का बड़ा निणर्य लिया हुआ है। अब प्रदेश में किसी भी कर्मचारी की ट्रांसफर नहीं होगी। बताया जा रहा है कि सरकार ने बजट सत्र तक सूबे के सभी विभागों में तबादलों पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। इन आदशों के मुताबिक सभी विभागों, निगमों और बोर्डों में तबादले नहीं हो पाएंगे। बजट सत्र के अंतिम दिन तक तबादलों पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। कार्मिक विभाग के अंडर सेक्रेटी के आदेश के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में बजट सत्र के अंतिम दिन तक तबादलों पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। 
इस दौरान किसी भी विभाग और बोर्ड में तबादले और एडजेस्टमेंट नहीं होगी। आदेशों की कॉपी में साफ लिखा गया है कि केवल रेयर मामलों में ही तबादला होगा। साथ ही मेडिकल ग्राउंड या फिर सीएम की मंजूरी के बाद ही किसी भी कर्मचारी की ट्रांसफर की जाएगी। सरकार ने बजट सत्र तक सूबे के सभी विभागों में तबादलों पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। आदशों के अनुसार, सभी विभागों, निगमों और बोर्डों में तबादले नहीं हो पाएंगे। कार्मिक विभाग ने आदेश दिए जारी किए हैं।

खेल: टी-20 वर्ल्डकप 2022 का शेड्यूल जारी किया

खेल: टी-20 वर्ल्डकप 2022 का शेड्यूल जारी किया     
मोमीन मलिक       
सिडनी/ नई दिल्ली/ इस्लामाबाद। ऑस्ट्रेलिया में साल 2022 में होने वाले टी-20 वर्ल्डकप 2022 का शेड्यूल जारी किया गया। ऑस्ट्रेलिया ही मौजूदा टी-20 वर्ल्डकप चैम्पियन है। ऐसे में अगला महामुकाबला उसके ही घर पर हो रहा होगा। एक बार फिर टी-20 वर्ल्डकप में भारत और पाकिस्तान का मुकाबला होगा।
आईसीसी द्वारा शुक्रवार को नया शेड्यूल जारी किया गया है। टी-20 वर्ल्डकप की शुरुआत 16 अक्टूबर से होगी। जबकि सुपर-12 राउंड की शुरुआत 22 अक्टूबर से होगी, जिसमें ऑस्ट्रेलिया की भिड़ंत न्यूजीलैंड के साथ होगी। जबकि टीम इंडिया 23 अक्टूबर को पाकिस्तान के साथ भिड़ेगी।
टी-20 वर्ल्डकप 2022 में टीम इंडिया को पाकिस्तान, साउथ अफ्रीका, बांग्लादेश और दो क्वालिफायर टीमों के साथ ग्रुप-2 में रखा गया है। 
टी-20 वर्ल्डकप 2021 में भी भारत का मुकाबला पाकिस्तान के साथ हुआ था, लेकिन टीम इंडिया पाकिस्तान के खिलाफ दस विकेट से हार गई थी। ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी वर्ल्डकप (टी-20, 50 ओवर) टूर्नामेंट में भारत ने पाकिस्तान से कोई मैच गंवाया हो। टी-20 वर्ल्डकप 2022 के मेन टूर्नामेंट की शुरुआत 16 अक्टूबर (रविवार) से होगी, जबकि फाइनल मुकाबला 13 नवंबर (रविवार) को खेला जाएगा। कुल 16 टीमें इस टूर्नामेंट में भाग लेंगी, जबकि ऑस्ट्रेलिया के सात शहरों में इसका आयोजन किया जाएगा।
आपको बता दें कि साल 2021 में हुए टी-20 वर्ल्डकप का आयोजक भारत था, लेकिन यह वर्ल्डकप यूएई में आयोजित किया गया था। 
इस वर्ल्डकप को ऑस्ट्रेलिया ने जीता था, जो कि उसका इस फॉर्मेट में ये पहला खिताब था। विराट कोहली की अगुवाई में टीम इंडिया इस वर्ल्डकप के सेमीफाइनल में जगह बनाने में नाकाम रही थी। टीम इंडिया ने पाकिस्तान, न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने शुरुआती मुकाबले गंवा दिए थे। जिसके बाद वापसी करना मुश्किल हो गया था। ऐसा पहली बार हुआ था। जब टीम इंडिया ने पाकिस्तान के खिलाफ कोई मुकाबला वर्ल्डकप में हारा हो। हालांकि, अब विराट कोहली कप्तानी से इस्तीफा दे चुके हैं और टी-20, वनडे फॉर्मेट में भारतीय टीम की कमान रोहित शर्मा के हाथ में है। ऐसे में अब रोहित शर्मा पर ही आईसीसी टी-20 वर्ल्डकप 2022 में भारतीय टीम की नैया पार लगाने का दारोमदार है।

अधिक मात्रा में 'गिलोय' का सेवन करना नुकसानदायक   
सरस्वती उपाध्याय             कोरोना महामारी से लड़ने के लिए इम्यूनिटी का मजबूत होना बेहद जरूरी है। ऐसे में गिलोय काफी कारगर औषधि है। यही वजह है कि कोरोना से लड़ने के लिए अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए अधिक संख्या में लोग गिलोय का सेवन कर रहे हैं। सीमित मात्रा में गिलोय का इस्तेमाल तो काफी फायदेमंद होता है। परंतु जरूरत से अधिक मात्रा में गिलोय का सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है। गिलोय का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
हाल ही में अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ लिवर डिजीज की आधिकारिक पत्रिका हेपेटोलॉजी कम्युनिकेशंस में छपी एक स्टडी के मुताबिक, गिलोय इम्युनिटी को बेहतर करने का काम करती है। लेकिन इसका अधिक सेवन शरीर में दिक्कतें पैदा कर सकता है। एक्सपर्ट्स ने कहा है कि ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल जूस, चाय या काढ़े में करते हैं। लेकिन बहुत अधिक मात्रा में गिलोय का सेवन करने से बचना चाहिए।
गिलोय को लेकर लिवर रिसर्च क्लब ऑफ इंडिया और 13 चिकित्सा केंद्रों ने मिलकर एक स्टडी तैयार की। इसमें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी को भी शामिल किया गया था। स्टडी में कुल 43 उन मरीजों को लिया गया, जिनमें पीलिया के लक्षण थे। इसमें से 23 महिलाएं थीं और 20 पुरुष थे।
रिसर्च में एक्सपर्ट्स ने पाया कि जो मरीज लिवर फेलियर और लिवर के अन्य रोगों से पीड़ित हैं। उन्होंने ​गिलोय का लंबे समय तक सेवन किया था। स्टडी में सामने आया कि करीब 67 प्रतिशत यानी 29 लोगों की लिवर की समस्या मुख्य रूप से गिलोय से ही जुड़ी हुई थी। ये लोग न तो पहले से शराब पीते थे और न ही डायबिटीज, थायरॉइड या हाई बीपी का शिकार थे।
इसके साथ ही रिसर्च के जरिए यह भी पता चला कि लिवर की समस्या से पीड़ित इन लोगों ने डॉक्टर की राय के बिना ही गिलोय का सेवन 46 दिन तक या उससे ज्यादा समय के लिए किया था। जिसकी वजह से एक एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी पैदा हो गई और इसने लिवर की कोशिकाओं पर अटैक करना शुरू कर दिया था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि गिलोय में इम्युनिटी बढ़ाने वाले गुण होते हैं। लेकिन इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
गिलोय के अधिक सेवन से होने वाले नुकसान।
ब्लड प्रेशर करता है लो: जिन लोगों को लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है वो गिलोय के सेवन से परहेज करें। गिलोय ब्लड प्रेशर को कम करता है, जिससे मरीज की स्थिति बिगड़ सकती है।
सर्जरी से पहले न करें गिलोय का सेवन: किसी भी तरह की सर्जरी से पहले गिलोय का सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है। अगर आप किसी भी तरह की सर्जरी कराने जा रहे हैं तो गिलोय के सेवन से परहेज करें।
प्रेग्नेंसी में गिलोय से बचें: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी गिलोय से परहेज करना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान डॉक्टर की सलाह के बिना गिलोय का इस्तेमाल नहीं करें।
हो सकती है कब्ज की समस्या: गिलोय का अधिक सेवन करने से कब्ज की समस्या भी हो सकती है। गिलोय का इस्तेमाल सीमित मात्रा में ही करें।

250 रुपए का उधार नहीं चुकाने पर युवक की हत्या

250 रुपए का उधार नहीं चुकाने पर युवक की हत्या     
दुुुष्यंत टीकम          राजनांदगांव। राजनांदगांव शहर के व्यस्तम चौराहे बालगोविंद चोक में बीती रात को एक जुआरी ने सिर्फ 250 रुपए का उधार नहीं चुकाने पर एक युवक की धारदार हथियार से हत्या कर दी। बीती रात करीब 10 बजे बालगोविंद चौक में करीब एक साल पहले जुआ खेलने के दौरान लिए गए उधार की रकम को लेकर युवक ने हत्या कर दी। बसंतपुर पुलिस ने वारदात के 12 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस रिकार्ड में आरोपी बदमाश शुदा है। आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। इस संबंध में बसंतपुर थाना प्रभारी राजेश साहू ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामला आपसी लेनदेन का है। 
मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार देर रात करीब 10 बजे बाल गोविंद चौक के पास आरोपी पठानपारा निवासी अमन मुल्ला उर्फ अमन हुसैन उर्फ अमन खान 20 वर्ष ने आसिफ खान लगभग 18 साल निवासी लकड़ी टाल के पीछे को पुरानी रंजिश के चलते एक वर्ष ताश खेलते समय 250 रुपए का लेनदेन को लेकर विवाद था। इसी विवाद पर आरोपी अमन ने आसिफ को धारदार हथियार से सीने के दाहिने तरफ सीना एवं भुजा के बीच बांये तरफ, दाहिने भुजा एवं गले के बीच, बाये भौं के पास, सिर में, दोनों हाथ की कलाई के पास चोंट पहुंचाया, जो घटनास्थल पर खून से लथपथ पड़ा था। घटनास्थल पर लोगों द्वारा आसिफ खान को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज पेंड्री ले गए, जहां डॉक्टर द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया। 
कैंप का आयोजन पुलिस ने बताया कि विवेचना के दौरान आरोपी अमन मुल्ला को थाना बसंतपुर पुलिस द्वारा गंज मंडी से आज सुबह गिरफ्तार किया गया तथा आरोपी के मेमोरेंडम के आधार पर आरोपी से घटना में प्रयुक्त रानीसागर झाडियों के पास से खून लगा चाकू जब्त किया तथा आरोपी खून से सने कपड़े, काला कुर्ता एवं काला जींस जब्त किया गया। आरोपी को शुक्रवार को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा जा रहा है। पुलिस ने बताया कि एक वर्ष होली के समय ताश खेलते समय 250 रुपए का लेनदेन का विवाद हत्या का कारण बना। पूर्व में आरोपी मोटर पंप चोरी एवं 2 मारपीट के प्रकरण में गिरफ्तार हो चुका है।

धारा-420 के तहत अपराध पंजीबद्ध, अभियुक्त अरेस्ट      

दुष्यंत टीकम          रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर में कोयला कारोबारी आकाश सिंघल के खिलाफ टिकरापारा पुलिस थाने में महिला की शिकायत पर 15 लाख की धोखाधड़ी के मामलें में धारा-420 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था। जिसकी तलाश टिकरापारा पुलिस डेढ़ वर्ष से इसकी तलाश कर रही थी। जैसे ही पुलिस को इसकी लोकेशन मिली। उसको गिरफ्तार कर लिया गया। जिसे कोर्ट में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया गया है। आकाश सिंघल ने महिला के साथ छलपूर्वक कोयला सप्लाई के नाम पर पैसा लिया और आकाश द्वारा न ही कोयला सप्लाई किया और न ही 15 लाख रु वापस किए, जिस पर प्रार्थी द्वारा अपराध पंजीबद्ध कराया गया हैं। महिला ने सीधे इसकी शिकायत सिटीजन कॉप में की थी।

पुलिस सूत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार आकाश सिंघल बिलासपुर में कोयले का व्यवसाई है और कोयले का क्रय-विक्रय के संबंध में शांभवी ट्रेडिंग से दिसंबर 2019 में संपर्क हुआ। कोयला क्रय विक्रय करने मौखिक बातचीत कर आकाश सिंगल से कोयला क्रय किया गया। उक्त लेनदेन में कुछ भी नहीं बकाया था। वर्ष 2020 जनवरी में कोयले की आवश्यकता होने पर दोबारा आकाश सिंघल से शांभवी ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर ने संपर्क किया। कोयला लेने के संबंध में 15 जनवरी को आकाश सिंघल और शांभवी ट्रेडिंग कंपनी के बीच अनुबंध हुआ।

अनुबंध के अनुसार शांभवी ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर की हैसियत से 22 लाख 40 हजार सिंघल को दिया। आकाश सिंगल को 15 जनवरी से 28 जनवरी तक कोयले की सप्लाई करनी थी। अनुबंध के दिन ही एक चेक आकाश सिंगल के द्वारा 22 लाख 40 हजार का बतौर सुरक्षा शांभवी ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर को दिया गया था। आकाश सिंगल द्वारा पैसे प्राप्त करने के बाद भी कोयले की सप्लाई नहीं की गई और बार बार कहने पर भी निरंतर टालमटोल कर प्रार्थी को घुमाता रहा। तब प्रार्थी ने आकाश सिंघल को कहा कि कोयला सप्लाई नहीं करना है। तब हमारी रकम वापस कर दो इस पर आकाश सिंगल के द्वारा फरवरी 2020 में चार लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से वापस किया। सात मार्च 2020 को आपस में हिसाब कर बाकी राशि देने के संबंध में इकरारनामा 7 मार्च 2020 को निष्पादित कर 15 लाख रुपये वापस करने का वचन दिया और एक चेक 30 मार्च का प्रदान किया और यह शर्त किया कि रकम नहीं देने पर उक्त धनराशि के चेक को अनादरित करवा कर चल अचल संपत्ति से वसूली की कार्रवाई कर सकता है।

एक्ट्रेस दीपिका की फिल्म ‘गहराइयां’ का ट्रेलर रिलीज

कविता गर्ग     
मुंबई। अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘गहराइयां’ का ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है। फिल्म में दीपिका के साथ सिद्धांत चतुर्वेदी और अनन्या पांडे की मुख्य भूमिका है। रिलेशनशिप ड्रामा पर आधारित इस फिल्म में दीपिका और सिद्धांत के बीच कई इंटीमेट सीन हैं। शूटिंग के वक्त हुए अपने अनुभव को उन्होंने शेयर किया है। ट्रेलर लॉन्च के दौरान अभिनेत्री ने इस बारे में बात की और कहा कि ऐसे सीन की शूटिंग आसान नहीं होती। लेकिन फिल्म के निर्देशक शकुन बत्रा ने सेट पर ऐसा माहौल रखा था। जिससे कोई असहज ना हो। उन्होंने सुरक्षित महसूस कराया।
दीपिका ने कहा कि ‘गहराइयां’ करना आसान नहीं था क्योंकि इंटीमेसी को दिखाना था जो आसान नहीं होता। वह कहती हैं, ‘मुझे नहीं लगता अगर वह (शकुन) हमें कम्फर्ट माहौल नहीं देते तो यह यह संभव हो पाता। आपको लगता है कि आप बेहद सुरक्षित माहौल में काम कर रहे हैं। क्योंकि इंटीमेट सीन आसान नहीं होते। 
इससे पहले हमने इंडियन सिनेमा में इस तरह का अनुभव नहीं किया और ना ही एक्सप्लोर किया जैसा कि इस फिल्म में है। जब आपको पता होता है कि निर्देशक इसे केवल ध्यान खींचने के लिए नहीं कर रहे हैं बल्कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह किरदार ऐसा है, तो इंटीमेसी के सीन आसान हो जाते हैं।‘
दीपिका का मानना है कि ‘गहराइयां’ में उनका किरदार ‘बोल्ड’ नहीं बल्कि ‘रॉ और रियल’ है। उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ इतना कह सकती हूं कि मैंने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं किया है। मैंने बहुत सी फिल्में और किरदार किए हैं जो लव स्टोरी या रिलेशनशिप ड्रामा हैं। मैं कहना चाहती हूं कि गहराइयां में मेरा किरदार बोल्ड है। मैं इसे बोल्ड भी नहीं कहना चाहती क्योंकि हमने अपनी फिल्मों और किरदारों में बोल्ड को किसी और तरह से समझा है। मैं इसे रॉ (अपरिपक्व) कहूंगी। मुझे लगता है मेरे लिए यह किरदार अन्य से बिल्कुल अलग है।
अभिनेत्री मल्लिका ने कुछ तस्वीरें शेयर की: मुंबई
कविता गर्ग         
मुबंई। बॉलीवुड की दुनिया में अपने बोल्ड अंदाज़ से तहलका मचा चुकी अभिनेत्री मल्लिका शेरावत अब भले ही बड़े पर्दे से थोड़ा दूर हो चुकी हैं। मगर वो सुर्ख़ियों में आना जानती हैं। मल्लिका शेरावत के ग्लैमरस अवतार ने खूब लाइमलाइट बटोरी है। इस बार भी उन्होंने कुछ ऐसी तस्वीरें शेयर की हैं। जिससे इंटरनेट का तापमान बढ़ गया है। मल्लिका ने तो इस बार बिना पैंट पहने ही फोटोज शेयर कर दी है।

दरअसल, मल्लिका शेरावत ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल से हाल ही में अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। जिसमें उनका बोल्ड अंदाज़ नज़र आ रहा है। मल्लिका ने जालीदार वन पीस पहनकर हॉटनेस को भी मात दे दी है। इन तस्वीरों में मल्लिका ने बिना पैंट के ही दिखाई दे रही हैं। उनका ये हॉट अंदाज़ सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

भारतीय किसानों को गेहूं पर सब्सिडी, आपत्ति जताईं

भारतीय किसानों को गेहूं पर सब्सिडी, आपत्ति जताईं    
अखिलेश पांडेय         नई दिल्ली/ वाशिंगटन डीसी। भारत में किसानों को गेहूं पर सब्सिडी के मामलें को लेकर अमेरिका ने गहरी आपत्ति जताई है। अमेरिका के शीर्ष सासंदों ने जो बाइडन प्रशासन से आग्रह किया है कि विश्व व्यापार संगठन  में भारत के खिलाफ शिकायत की प्रक्रिया शुरू कराएं। भारत सरकार किसानों को गेहूं के उत्पादन मूल्य के आधे से ज्यादा सब्सिडी देती है जिस पर अमेरिकी सांसदों को आपत्ति है और इस मुद्दे को विश्व व्यापार संगठन में उठाने की मांग कर रहे हैं। अमेरिका कांग्रेस सदस्यों ने इसे लेकर जो बाइडन प्रशासन को एक पत्र लिखा है। अमेरिका का व्हीट एसोसिएट्स हमेशा से इस मसले पर भारत के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता आया है और अब सांसदों के इस पत्र का उसने स्वागत किया है।

अमेरिकी कांग्रेस के 28 सांसदों ने अपने पत्र में लिखा कि भारत की सरकार अपने किसानों को अधिक सब्सिडी दे रही है जिसका नुकसान अमेरिका के उत्पादकों को हो रहा है। सांसदों का कहना है कि भारत की नीति से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नीति बर्बाद हो रही है।

'भ्रष्टाचार' के विरोध में चैंपियन की जिंदगी पर खतरा    

सुनील श्रीवास्तव        तेहरान। ईरान में जारी आर्थिक भ्रष्‍टाचार का विरोध करने पर चैंपियन बॉक्‍सर की जिंदगी पर संकट मंडराने लगा है। इस बॉक्सिंग चैंपियन का नाम मोहम्‍मद जवाद (26) है। नवंबर 2019 में विरोध प्रदर्शनों के लिए मौत की सजा दी जा सकती है। इससे पहले सितंबर 2020 में एक पहलवान नाविद अफकारी को फांसी की सजा दे दी गई थी। एक खबर के मुताबिक नाविद को बचाने के लिए अभियान चलाने वाली पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता मसीह अलीनेजाद ने मोहम्‍मद जवाद को मिली सजा के बारे में दुनिया को बताया है। मसीह ने ट्वीट करके कहा, 'ईरान में एक और एथलीट को नवंबर 2019 में प्रदर्शन करने के लिए‍ मौत की सजा का ऐलान किया गया है। मोहम्‍मद जवाद एक बॉक्सिंग चैंपियन हैं। उन्‍हें धरती पर भ्रष्‍टाचार फैलाने के आरोप में मौत की सजा दी गई है।'

मसीह ने दुनिया से अपील की, 'हम ईरानी पहलवान नाविद अफकारी को नहीं बचा पाए थे। दुनियाभर के एथलीट इस बार हमारी मदद कर सकते हैं। इस बार मोहम्‍मद जावेद वफाइई ईरान में देशव्‍यापी प्रदर्शनों में हिस्‍सा लेने के आरोप में मौत की सजा का सामना कर रहे हैं।' नाविद अफकारी के बाद ईरान में दो और एथलीटों को फांसी की सजा दी गई थी। बॉक्‍सर अली मुतैरी को जेल के अंदर बहुत ज्‍यादा प्रताड़‍ित किया गया था। इसके अलावा चैंपियन रेसलर मेहदी अली हुसैनी को भी पिछले साल फांसी की सजा दी गई थी।


मैरीलैंड के रेडियोलॉजिस्ट ने एक्स-रे का खुलासा किया

अखिलेश पांडेय        अनापोलिस। मैरीलैंड के एक रेडियोलॉजिस्ट ने चौंकाने वाले एक्स-रे का खुलासा किया। कोरोना मरीजों की छाती के इन एक्स-रे में वैक्सीन लगा चुके और बिना वैक्सीन वाले कोविड पॉजिटिव रोगियों में अंतर साफ दिख रहा है। एक्स-रे की तस्वीरें बताती हैं कि कोराना वैक्सीन आपके शरीर की रक्षा करने में कितना बड़ा कारगर है। डॉ ओमर अवान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एक्स-रे की ये तस्वीरें लोगों को कोरोना वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित करेगी।

यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन के डायग्नोस्टिक विभाग में एसोसिएट वाइस चेयरमैन डॉ ओमर अवान ने बताया कि उन्होंने वैक्सीन नहीं लगाने वाले और वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके कोरोना मरीजों की छाती का एक्स-रे निकाला। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन ले चुके मरीज के एक्स-रे में फेफड़े का अधिकांश भाग काला है। यह एक अच्छी बात है। क्योंकि काला रंग हवा को प्रदर्शित करता है। इससे साफ है कि वैक्सीन लेने वाले मरीज को कोरोना संक्रमण कम प्रभावित कर पाया है।
डॉ. ओमर अवान ने ये भी कहा कि कोरोना वैक्सीन नहीं लेने वाले मरीज में संक्रमण की मात्रा ज्यादा है जो एक्स-रे स्पष्ट हो रहा है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन ले चुके मरीज के लक्षण किसी बिना टीका वाले मरीज की तुलना में हल्के होते हैं। अक्सर जिन लोगों का टीकाकरण नहीं होता है, उनमें सांस की पूरी तरह से कमी होती है। उन्हें ऑक्सीजन थेरेपी की आवश्यकता हो सकती है। उन्हें आईसीयू में जाने की जरूरत पड़ सकती है।
बीते साल अक्टूबर में फीनिक्स के डियर वैली मेडिकल सेंटर के एक डॉक्टर ने इसी तरह के स्कैन रिपोर्ट शेयर किए थे। उस रिपोर्ट में भी कोरोना रोगियों के फेफड़ों पर वायरस के प्रभाव को तुलनात्मक रूप से दिखाया गया था। डियर वैली मेडिकल सेंटर के चीफ ऑफ स्टाफ डॉ सैम दुर्रानी ने कहा था कि केवल वही लोग वास्तव में बीमार हो रहे हैं, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है। डॉ दुर्रानी ने बताया था कि कोविड के टीकाकरण वाले रोगियों के स्कैन से अधिक हवा का प्रवाह होता है, जिसमें फेफड़ों का बड़ा हिस्सा काले रंग का होता है, जिसका अर्थ है कि कोई नुकसान नहीं है। इसके विपरीत, एक बिना टीकाकरण वाले व्यक्ति के स्कैन की छवि से पता चलता है कि फेफड़े पूरे शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को सीमित कर रहे हैं।

एससी की बिल्डिंग के सामने 'आत्मदाह' की कोशिश

एससी की बिल्डिंग के सामने 'आत्मदाह' की कोशिश       

अकांशु उपाध्याय         नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की नई बिल्डिंग के गेट नम्बर 1 के सामने एक व्यक्ति ने आत्मदाह की कोशिश की है। पीसीआर वैन घायल व्यक्ति को आरएमएल अस्पताल लेकर गई है। फिलहाल मामले की तलाश में जुटी है। व्यक्ति ने आत्मदाह की कोशिश क्यों की फिलहाल इसका खुलासा नहीं हो पाया है। 

सुप्रीम कोर्ट की नई बिल्डिंग के गेट पर हुई इस घटना के बाद वहां हड़कंप मच गया। लोगों में इस घटना को लेकर काफी चर्चा है। पुलिस अधिकारियों ने इस मामले में अभी कुछ खास जानकारी नहीं दी है। बुजुर्ग से पुलिस की पूछताछ जारी है, आखिर उसने आत्मदाह का प्रयास क्यों किया है ? क्या कारण रहा की वह सुप्रीम कोर्ट के नए गेट पर खुद का दहन करने पहुंच गया ?

नेता कोश्यारी की धमक 'भाजपा' में अब भी बरकरार

कविता गर्ग         मुंबई। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राज्य के कद्दावर नेता भगत सिंह कोश्यारी भले ही महाराष्ट्र के राज्यपाल बनने के बाद सक्रिय सियासत से दूर हों। लेकिन राज्य भाजपा में उनकी धमक अब भी बरकरार है। भाजपा के टिकट वितरण में कोश्यारी की छाप साफ दिखाई दे रही है। कुमाऊं के अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र विधानसभा क्षेत्रों में कोश्यारी के करीबियों पर दाव लगाकर भाजपा ने साफ कर दिया है कि कोश्यारी उनके लिए कितने जरूरी हैं। राज्य बनने से पहले उत्तरांचल इकाई के भाजपा अध्यक्ष रहे कोश्यारी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी से निकटता की वजह से राज्य के पहले मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी से पिछड़ गए लेकिन अंतरिम सरकार में ही उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया। 2002 में कोश्यारी के नेतृत्व में भाजपा ने चुनाव लड़ा लेकिन सरकार नहीं बनी। दिग्गज नेता एनडी तिवारी मुख्यमंत्री बने तो कोश्यारी नेता प्रतिपक्ष।

2007 में भाजपा ने फिर सत्ता हासिल की लेकिन खंडूरी जरूरी के नारे को सार्थक करार देते हुए भुवन चंद्र खंडूरी को मुख्यमंत्री बनाया। फिर असंतोष उभरा तो डॉ निशंक को कमान सौंप दी गई। 2012 के चुनाव में फिर से कांग्रेस सत्ता में आ गई । 2014 में कोश्यारी को नैनीताल सीट से लोकसभा चुनाव लड़ाया। कोश्यारी ने जीत दर्ज की। 2017 में भाजपा 57 सीट के प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई तो कोश्यारी की पसंद त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया।चुनाव से ठीक पहले भाजपा हाईकमान ने कोश्यारी के कभी पीआरओ, भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी। अब शिष्य पर फिर से सरकार लाने की जिम्मेदारी है तो गुरु की पसंद का रास्ता तैयार कर दिया गया है। भाजपा सूत्रों के अनुसार अल्मोड़ा में द्वाराहाट से अनिल शाही, कपकोट से सुरेश गड़िया, धारचूला से धन सिंह धामी, गंगोलीहाट से फकीर राम टम्टा, अल्मोड़ा से कैलाश शर्मा, लोहाघाट से पूरन सिंह फर्त्याल, चम्पावत से कैलाश गहतोड़ी पर कोश्यारी की पसंद की वजह से दांव खेला गया है। अनिल शाही व सुरेश गड़िया कोश्यारी के भरोसेमंद रहे हैं।

29 को होगा फायरमैन भर्ती परीक्षा का आयोजन: बोर्ड    
नरेश राघानी       
जयपुर। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच 629 पदों के लिए 29 जनवरी को फायरमैन भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। जिसमें प्रदेश के 1 लाख 50 हजार अभ्यर्थी शामिल होंगे। एग्जाम में अभ्यर्थियों को सवालों के साथ ही कड़ाके की सर्दी का भी सामना करना पड़ेगा। इसकी वजह है सरकारी ओर से जारी गाइडलाइन। गाइडलाइन के अनुसार अभ्यर्थी कोट, टाई, मफलर, जैकेट, जरकिन, ब्लेजर, पहनकर परीक्षा नहीं दे सकेंगे।
ऐसे में अभ्यर्थी सर्दी से बचने के लिए सिर्फ शर्ट, बिना जेब वाली स्वेटर जिनमें बड़े बटन नहीं लगे हो वहीं पहन सकेंगे। इसके साथ ही महिला अभ्यर्थी भी हेट, स्टॉल, शॉल, मफलर पहनकर परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगी।अभ्यर्थियों के लिए ये गाइडलाइनड्रेस कोड का पालन नहीं करने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। परीक्षा के दौरान पानी की बोतल, पर्स, बैग, ज्योमैट्री, पेंसिल बॉक्स, प्लास्टिक पाउच, कैल्कुलेटर, तख्ती, पैड, गत्ता, पैन ड्राइव, रबर, टेबल स्कैनर, किताबें, नोटबुक, पर्चियां, व्हाइटनर लाने पर रोक रहेगी।
इसके साथ ही डेढ़ घंटे पहले अभ्यर्थियों को परीक्षा केन्द्रों पर रिपोर्टिंग करने के साथ ही परीक्षा समय के बाद प्रवेश नहीं दिया जाएगा। 29 जनवरी को दो पारी में आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षा में फायरमैन परीक्षा सुबह पहली पारी 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित होगी। जबकि एएफओ (असिस्टेंट फायर ऑफिसर) परीक्षा दूसरी पारी में दोपहर 2:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक आयोजित होगी। एडमिट कार्ड 21 जनवरी के बाद अपलोड किए जाएंगे। भर्ती परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी। ऐसे में कट ऑफ हाई रहने की संभावना है। 33% अंक लाना अनिवार्य फायरमैन और असिस्टेंट फायर ऑफिसर की भर्ती में लिखित और प्रैक्टिकल परीक्षा होगी।
लिखित परीक्षा में न्यूनतम 33 फीसदी नंबर लाने वाले परीक्षार्थियों को ही फिजिकल और प्रैक्टिकल के लिए क्वालिफाइड माना जाएगा। वहीं, अनुसूचित जाति और जनजाति के परीक्षार्थियों के लिए 28 प्रतिशत अंक लाने अनिवार्य होंगे। फिजिकल और प्रैक्टिकल के लिए कैटेगरी वाइज कट ऑफ लिस्ट जारी की जाएगी।

अभ्यर्थियों को निर्धारित अंक प्राप्त करने पर शारीरिक और प्रायोगिक परीक्षा में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जबकि लिखित परीक्षा के बाद 1 पद के मुकाबले 10 अभ्यर्थियों को फिजिकल टेस्ट के लिए बुलाया जाएगा। परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी।लिखित परीक्षा 70 अंकों की होगी। शारीरिक परीक्षा 60 अंकों की होगी। प्रायोगिक परीक्षा 90 अंकों की होगी। इस तरह से तीनों प्रकार की परीक्षाओं के अधिकतम अंक 220 होंगे। तीनों के अंकों के आधार पर मेरिट बनेगी।

गुड रिटर्न्स वेबसाइट ने सोने-चांदी की कीमतें जारी की
मनोज सिंह ठाकुर       
भोपाल। सोने चांदी की कीमतों में जारी उतार चढ़ाव के बीच शुक्रवार को गुड रिटर्न्स वेबसाइट ने सोने-चांदी की कीमतें जारी की। वेबसाइट के मुताबिक शुक्रवार सुबह सोना महंगी कीमत पर खुला। सोने की कीमत  10 रुपये प्रति दस ग्राम महंगे भाव पर ट्रेंड कर रही है। वहीं चांदी की कीमत  में उछाल देखा गया। चांदी 800 रुपये प्रति किलोग्राम महंगे भाव पर ट्रेंड कर रही है। गौरतलब है कि गुरूवार को सोना 450 रुपये प्रति दस ग्राम महंगे भाव पर खुला था वहीँ चांदी 1400 रुपये महँगी थी।कैरेट, सोने की शुद्धता मापने का अधिकृत पैमाना होता है। जितना ज्यादा कैरेट होगा सोने की शुद्धता उतनी अधिक होगी। यानि बोलचाल की भाषा में सोना उतना ही खरा होगा। सोने की कीमत भी उसकी शुद्धता के हिसाब से ही तय होती है।  24 कैरेट सोना 100 प्रतिशत शुद्ध होता है, ये बहुत नाजुक और नरम होता है इसकी ज्वलेरी बनना मुश्किल होता है इसलिए आमतौर पर ज्वेलरी 18 कैरेट और 22 कैरेट में बनाई जाती है।

गौरतलब है कि सोने चांदी की कीमतों में बदलाव के आधार पर भारत में लोग खरीदारी का मूड बनाते हैं। जब सोना चांदी सस्ते होते हैं तो निवेशक और खरीदार मार्केट पहुँचते हैं लेकिन यदि शादी के लिए या अन्य कोई मांगलिक काम के लिए सोने चांदी की खरीद की जाती है तो फिर बहुत कम लोग रेट देखते हैं।


इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष की मूर्ति लगेगीं: पीएम      
अकांशु उपाध्याय       नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया है कि इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाई जाएगी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर ये जानकारी दी। पीएम मोदी ने ये ऐलान ऐसे वक्त पर किया, जब भारत सरकार ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर जलने वाली लौ को नेशनल वॉर मेमोरियल की लौ के साथ मर्ज (विलय) करने का फैसला किया है। इस फैसले पर कांग्रेस समेत विपक्षी दल केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ऐसे समय में जब पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि नेताजी की ग्रेनाइट से बनी भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थापित की जाएगी। यह उनके प्रति भारत की कृतज्ञता का प्रतीक होगा। जब तक नेताजी बोस की भव्य प्रतिमा बनकर तैयार नहीं हो जाती, तब तक उनकी होलोग्राम प्रतिमा उसी स्थान पर मौजूद रहेगी। 

मैं 23 जनवरी को नेताजी की जयंती पर होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करूंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हमेशा जलती रहने वाली मशाल अब 50 साल बाद हमेशा के लिए बंद हो रही है। अब यह मशाल राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की मशाल के साथ मिला दी जाएगी। यानी अब नेशनल वॉर मेमोरियल में ही ज्वाला जलेगी। केंद्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस पार्टी सवाल उठा रही है और तरह-तरह के आरोप लगा रही है।

संगीत विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन, हस्ताक्षर 

दुष्यंत टीकम        रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन के लिए प्रस्तुत विधेयक पर हस्ताक्षर कियें है। इस अधिनियम की धारा 12 में संशोधन किया गया है कि ‘‘इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय अधिनियम 1956 (क्र. 19 सन 1956) की धारा 12-क की उपधारा (2) के परंतुक में, अंक ‘‘65’’ के स्थान पर, अंक ‘‘70’’ प्रतिस्थापित किया जाए।’’ अर्थात इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के कुलपति की आयु सीमा 65 वर्ष के स्थान पर 70 वर्ष होगी। यह अधिनियम इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2021 कहलाएगा। इसका विस्तार सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में होगा। यह राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से प्रवृत्त होगा। राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ में स्थित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के इतिहास के अनुसार खैरागढ़ रियासत की राजकुमारी को संगीत का बड़ा शौक था। राजकुमार की बाल्याकाल में ही असमय मृत्‍यु के बाद राजा साहब और रानी साहिबा ने स्‍वर्गवासी राजकुमारी के शौक को शिक्षा का रूप देकर अमर कर दिया।

इस संस्था की शुरुआत इन्दिरा संगीत महाविद्यालय के नाम से मात्र दो कमरों के एक भवन में हुई थी। जिसमें 4-6 विद्यार्थी और तीन गुरु हुआ करते थे। इस संस्‍था के बढ़ते प्रभाव और लगातार छात्रों की वृद्धि से रानी साहिबा ने इसे अकादमी में बदलने का निर्णय लिया और फिर यह संस्‍था इन्दिरा संगीत अकादमी के नाम से जानी जाने लगी। बाद में इसके लिए बड़े भवन की भी व्‍यवस्‍था की गई। जिसमें कमरों की संख्‍या ज्‍यादा थी। समय के साथ धीरे-धीरे संगीत के इस मंदिर का प्रभाव और बढ़ता गया। इसी बीच राजा साहब और रानी साहिबा मध्‍य प्रदेश राज्‍य के मंत्री बनाये गए। तब उन्‍होंने इसे विश्‍वविद्यालय के रूप में स्‍थापित किए जाने का प्रस्‍ताव तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री पं.रविशंकर शुक्‍ल के सामने रखा। जिसे उन्‍होंने स्‍वीकार कर लिया।

सारी औपचारिकताओं को पूरा कर राजकुमारी इन्दिरा के जन्‍म दिवस 14 अक्‍टूबर 1956 को इन्दिरा कला संगीत विश्‍वविद्यालय की विधिवत स्‍थापना कर दी गई थी। इसका उद्घाटन प्रियदर्शिनी इन्दिरा गांधी द्वारा स्‍वयं खैरागढ़ आकर किया गया और श्री कृष्ण नारायण रातन्जनकर विश्‍वविद्यालय के प्रथम कुलपति के रूप में नियुक्त किए गए थे। वर्तमान में ललित कला के क्षेत्र में यह एक अनोखा प्रयास था। इस विश्‍वविद्यालय के लिए राजा साहब और रानी साहिबा ने अपना महल ‘कमल विलास पैलेस दान कर दिया। यह विश्‍वविद्यालय आज भी इसी भवन से संचालित हो रहा है।

बिहार में शराबबंदी को लेकर बहस, मसौदा तैयार किया

अविनाश श्रीवास्तव          पटना। बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर बहस छिड़ी हुई है। विपक्ष सरकार से इसमें ढील देने की बात कह रहा है तो सरकार के अंदर से भी विरोध के स्वर सुने जा रहे हैं। ऐसे में सरकार ने कानून में कुछ संशोधन करने का मन बनाया है। बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद शुल्क अधिनियम, 2016 में संशोधन के लिए सरकार ने एक मसौदा तैयार किया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में अब पहली बार शराब पीने वालों को गिरफ्तार करने के बजाय जुर्माना लगाया जाएगा। केसों को वापस लिया जा सकेगा। जिस वाहन में शराब पकड़ी गई है उसे जब्त नहीं किया जाएगा और यदि किया जाता है तो जुर्माना वसूलने के बाद उसे छोड़ दिया जाएगा। तत्काल गिरफ्तारी से संबंधित खंड को हटाया जा सकता है। वहीं अवैध तरीके से शराब बनाने, बेचने या वितरित करने वालों को कानून की सख्ती का सामना करना पड़ेगा। कानून में ये नवीनतम संशोधन करने का प्रस्ताव ऐसे समय पर लाया गया है। जब शराबबंदी को लागू करने के सरकार के तरीके की जमकर आलोचना हो रही है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने पिछले महीने इसे ‘दूरदर्शिता की कमी’ के उदाहरण के तौर पर चिह्नित किया था। उन्होंने कहा कि इसका परिणाम यह है कि उच्च न्यायालय ‘जमानत आवेदनों से भरा हुआ है। एक साधारण जमानत आवेदन को निपटाने में एक वर्ष का समय लगता है।’ बिहार मद्य निषेध और उत्पाद शुल्क मंत्री सुनील कुमार, जिनके मंत्रालय ने प्रस्तावों के मसौदे को तैयार किया है उन्होंने इसपर कुछ नहीं कहा। लेकिन सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार विधानसभा के आगामी बजट सत्र में इसे पेश कर सकती है।

धारा 37 के तहत शराब पीने पर पांच साल से लेकर 10 साल तक की जेल और आजीवन कारावास तक का प्रावधान है। संशोधन राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित जुर्माना लगाने और जुर्माना ना देने की स्थिति में एक महीना कारावास की सजा देने को कहता है। यह आगे कहता है कि आदतन अपराधियों को राज्य सरकार की अधिसूचना के तहत अतिरिक्त जुर्माना या निर्धारित कारावास या दोनों दिए जा सकते हैं। वर्तमान में सभी अपराधों की सुनवाई निचली अदालतों द्वारा की जाती है। संशोधन के तहत, अपराधों को ‘एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा सारांश परीक्षण के माध्यम से निपटाया जाएगा, जो डिप्टी कलेक्टर के पद से नीचे का नहीं होगा।’ इससे प्रक्रिया में तेजी आएगी और अदालतों पर भार कम होगा। धारा 55 को हटाया जाएगा। इसे हटाने पर मामलों को वापस लिया जा सकेगा। अदालतों के अंदर या बाहर दो पक्षों के बीच समझौता हो सकता है। धारा 57 को शामिल किया जाएगा ताकि शराब ले जाने के लिए जब्त किए गए वाहनों को जुर्माने के भुगतान पर छोड़ने की अनुमति दी जा सके। अधिनियम के अध्याय वीआईआई को हटाया जाएगा, जो अभियुक्तों के नजरबंदी और बंदी से संबंधित है, इसके तहत उनकी गतिविधियों पर प्रतिबंध था। इसमें इसके प्रमुख खंडों को भी हटाना शामिल होगा, जैसे धारा 67 (बाहरीकरण की अवधि का विस्तार), धारा 68 (अस्थायी रूप से लौटने की अनुमति), धारा 70 (तत्काल गिरफ्तारी)।

छोटे, व्यक्तिगत उल्लंघनों के बजाय आपराधिक नेटवर्क पर ध्यान केंद्रित करने के लिए, एक नई उप-धारा 50 ए जोड़ने की योजना है। जो बूटलेगिंग (आदतन अपराधी) को संगठित अपराध के रूप में परिभाषित करती है। सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित संशोधनों को लाने की मुख्य वजह हाल ही में जहरीली शराब पीने से हुई मौतें हैं। नालंदा, सारण, पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज में नवंबर 2021 और मध्य जनवरी 2022 के बीच 50 से अधिक लोगों की मौत हुई है। जदयू अपने गठबंधन सहयोगी भाजपा के भी दबाव में है जो शराबबंदी कानून को लेकर सीएम नीतीश पर हमला करता रहता है।

'डीएसएलएसए' की याचिका पर 3 को सुनवाई: एचसी   

अकांशु उपाध्याय          नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह 5जी प्रौद्योगिकी के खिलाफ एक मुकदमें को लेकर अदालत खर्च के तौर पर 20 लाख रुपये जमा करने के लिए अभिनेत्री जूही चावला और दो अन्य को जारी आदेश के क्रियान्वयन के लिए दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकार (डीएसएलएसए) की याचिका पर तीन फरवरी को सुनवाई करेगा। बॉलीवुड अभिनेत्री के वकील ने न्यायमूर्ति अमित बंसल से कहा कि एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील खंडपीठ में लंबित है, जिस पर 25 जनवरी को विचार किया जाएगा। उन्होंने अदालत से क्रियान्वयन याचिका पर सुनवाई फिलहाल टालने का अनुरोध किया। डीएसएलएसए की ओर से पेश हुए वकील सौरभ कंसल ने दलील दी कि अदालत खर्च लगाने का आदेश पिछले साल जून में जारी किया गया था और इसका अनुपालन अभी होना है। उन्होंने दावा किया कि रकम जमा करने के लिए डीएसएलएसए के नोटिस भेजने के बाद ही एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील दायर की गई है और खंडपीठ ने कोई स्थगन आदेश जारी नहीं किया है।

अदालत ने याचिका के क्रियान्वयन पर सुनवाई टालते हुए कहा, ”देखा जाए कि खंडपीठ के समक्ष क्या होता है। ” चावला और अन्य प्रतिवादियों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता दीपक खोसला ने कहा कि एकल न्यायाधीश के पास अदालत खर्च लगाने का क्षेत्राधिकार नहीं है। अधिवक्ता सौरभ कंसल और पल्लवी एस. कंसल के मार्फत दायर क्रियान्वयन याचिका में, डीएसएलएसए ने रकम की वसूली के लिए चल व अचल संपत्ति की कुर्की और बिक्री को लेकर वारंट जारी करने या चावला तथा अन्य की दीवानी कैद के लिए निर्देश जारी करने के संबंध में अदालत से सहयोग मांगा है। याचिका में कहा गया है, ”चावला और अन्य पर माननीय अदालत द्वारा अदालत खर्च लगाए सात महीने बीत गये हैं। जिसे (रकम) डीएसएलएसए को सात दिनों को अंदर अदा करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन वे लोग इसे जमा करने में नाकाम रहे हैं।  उल्लेखनीय है कि पिछले साल जून में एकल न्यायाधीश ने चावला और दो अन्य लोगों द्वारा 5जी की शुरूआत के खिलाफ दायर वाद खारिज करते हुए कहा था कि यह त्रुटिपूर्ण और कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग है तथा प्रचार पाने के लिए यह दायर किया गया है। अदालत ने इसके साथ ही, एक हफ्ते के अंदर डीएसएलएसए के पास अदालत खर्च के तौर पर 20 लाख रुपये जमा करने का भी निर्देश दिया था।



न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...