भारत में 'लॉकडाउन' की जरूरत नहीं: डबल्यूएचओ
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि, इस बीच राहत की बात है कि पिछले कुछ दिनों से नए मामलों में गिरावट आई है। कोविड-19 की तीसरी लहर में रोजाना 2 लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि भारत में फिलहाल, संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं है। डब्ल्यूएचओ के भारत में प्रतिनिधि रॉड्रिको एच. ऑफ्रिन का कहना है कि भारत जैसे देश में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए फुल लॉकडाउन लगाने और ट्रैवल बैन करने जैसे कदम नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच जान और रोजगार, दोनों ही बचाना जरूरी है।
रॉड्रिको एच. ऑफ्रिन ने सुझाव दिया कि कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए रिस्क के हिसाब से बैन लगाने की स्ट्रैटजी बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ यात्रा प्रतिबंध की सिफारिश नहीं करता है और न ही लोगों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने पर जोर देता है।डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि रॉड्रिको एच। ऑफ्रिन ने कहा कि भारत और दुनियाभर में पब्लिक हेल्थ एक्शन तय करने के लिए चार सवालों के जवाब जानने चाहिए। पहला- कोरोना वायरस का नया वेरिएंट कितना संक्रामक है। दूसरा- नए वेरिएंट से कितनी गंभीर बीमारी होती है। तीसरा- वैक्सीन और पिछले कोरोना संक्रमण कितना प्रोटेक्शन दे रहे हैं। और चौथा- आम लोग खतरे को कैसे देखते हैं और इसे रोकने के उपायों को कैसे फॉलो करते हैं।
ऑफ्रिन ने बताया कि फुल लॉकडाउन लगाने का फायदा कम होता है और इसका नुकसान ज्यादा होता है, क्योंकि संक्रमण रोकने के लिए लगाए जाने वाले प्रतिबंध से बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में जहां आबादी के बंटवारे में इतनी विविधता है, वहां महामारी से लड़ने के लिए रिस्क-बेस्ड अप्रोच को फॉलो करना समझदारी लगती है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में 24 घंटे में कोरोना वायरस के 2,38,018 नए मामले सामने आए और लगातार तीसरे दिन कोविड-19 के मामलों में गिरावट देखी गई। इससे पहले रविवार को 2.58 लाख केस, जबकि शनिवार को 2.71 लाख केस मिले थे।
भारत: 24 घंटे में 76 लाख से अधिक टीके लगायें
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। देश में पिछले 24 घंटे में 76 लाख से अधिक कोविड टीके लगाये गये है और इसके साथ ही कुल टीकाकरण 158.88 करोड़ से अधिक हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को यहां बताया कि पिछले 24 घंटे में देश में 76 लाख 35 हजार 229 कोविड टीके लगाये गये हैं। इसके साथ ही आज सुबह सात बजे तक 158 करोड़ 88 लाख 47 हजार 554 टीके दिये जा चुके हैं। मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में कोविड संक्रमण के दो लाख 82 हजार 970 नये मामले सामने आये हैं। इनके साथ ही देश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 18 लाख 31 हजार हो गयी है। यह संक्रमित मामलों का 4.83 प्रतिशत है। दैनिक संक्रमण दर 15.13 फीसदी हो गयी है। मंत्रालय ने बताया कि इसी अवधि में एक लाख 88 हजार 157 लोग कोविड से मुक्त हुए हैं।
अभी तक कुल तीन करोड़ 55 लाख 83 हजार 039 लोग कोविड से उबर चुके हैं। स्वस्थ होने की दर 93.88 प्रतिशत है। कोविड के नये रूप ओमिक्राॅन से 8961 व्यक्ति संक्रमित पाये गये हैं। देश में पिछले 24 घंटे में 18 लाख 69 हजार 642 कोविड परीक्षण किए गये हैं तथा अब तक कुल 70 करोड़ 74 लाख 21 हजार 650 लोगों की जांच की गयी है।
चांदी में 1,603 रुपये का उछाल, सोने में तेजी दिखीं
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। रुपया के कमजोर होने के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को चांदी की कीमत में 1,603 रुपये का उछाल देखने को मिला।जबकि स्थानीय बाजार में सोने में मामूली तेजी रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। सोने की कीमत 16 रुपये की तेजी के साथ 47,878 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 47,862 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ”रुपये के कमजोर होने से सोने की कीमत में मामूली तेजी दिखी।” चांदी की कीमत 1,603 रुपये के उछाल के साथ 63,435 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई जो पिछले कारोबारी सत्र में 61,832 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में आरंभिक कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य 12 पैसे घटकर 74.70 रुपये प्रति डॉलर रह गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव मामूली तेजी के साथ 1,814.94 डॉलर प्रति औंस चल रहा था, जबकि चांदी 23.64 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। पटेल ने कहा कि आगे की दिशा के लिए किसी संकेत के अभाव में सोने की कीमत करीब 1,800 डॉलर पर लगभग स्थिर रही।
वाहन टियागो को सीएनजी के साथ उतारने का फैसला
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। टाटा मोटर्स सीएनजी वाहन बाजार में उतर गई है। कंपनी ने अपने टियागो और टिगोर का सीएनजी संस्करण उतारा है। इन वाहनों की दिल्ली शोरूम में कीमत क्रमश: 6.09 लाख रुपये से 8.41 लाख रुपये के बीच रखी गई है। टियागो आईसीएनजी की कीमत 6.09 लाख रुपये से 7.64 लाख रुपये के बीच है। जबकि टिगोर आईसीएनजी के तीन मॉडलों का दाम क्रमश: 7.69 लाख रुपये, 8.29 लाख रुपये और 8.41 लाख रुपये है।
टाटा मोटर्स पैसेंजर वेहिकल्स के प्रबंध निदेशक शैलेंद्र चंद्रा ने कहा कि यह स्पष्ट है कि अगले कुछ वर्षों में सीएनजी क्षेत्र में तेजी से वृद्धि होगी। मांग बढ़ने के मद्देनजर हमने दो वाहन टियागो तथा टिगोर को सीएनजी के साथ उतारने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सीएनजी कारों की मांग बीते कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है। पिछले वित्त वर्ष में सीएनजी कारों की बिक्री इससे पहले के वर्ष (2019-20) के मुकाबले करीब 60 फीसदी बढ़ गई। वर्तमान वित्त वर्ष की पहली छमाही में बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले बिक्री 97 प्रतिशत बढ़ी है।” नई टियागो आईसीएनजी और टिगोर आईसीएनजी में 1.2 लीटर का बीएस6 इंजन है। आईसीएनजी कारों में पेट्रोल और सीएनजी के बीच सुगमता से बदलाव की सुविधा है।