बुधवार, 19 जनवरी 2022
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
मंगलवार, 18 जनवरी 2022
अधिवक्ता समिति के पदाधिकारियों का समारोह संपन्न
विपिन मौर्य जौनपुर। केराकत तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा छितौना तिराहे पर कांग्रेस मंडलाध्यक्ष लालता चौधरी नें अपनें दर्जनों समर्थकों के साथ जन सम्पर्क किया। जन सम्पर्क के दौरान कांग्रेस मण्डल अध्यक्ष लालता चौधरी नें लोगों से अबकी बार ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने का आग्रह किया। श्री चौधरी नें कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बननें पर छात्राओं को स्मार्टफोन और स्कूटी, सालाना 3 गैस सिलेंडर मुफ्त, महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा, नए सरकारी पदों मे आरक्षण प्रावधानों के अनुसार 40% महिलाओं की नियुक्ति,1000 प्रति माह वृद्धा- विधवा पेंशन, आँगनवाड़ी और आशा बहुओं को रूपये 10,000 प्रति माह मानदेय आदि बहुत- सी योजनाएं बनीं है। जिसका लाभ जनता को कांग्रेस सरकार बननें पर मिलेगा।
यूके: 24 घंटे में कोरोना के 4,448 नए मामलें मिलें
यूके: 24 घंटे में कोरोना के 4,448 नए मामलें मिलें
पंकज कपूर देहरादून। प्रदेश में कोरोना ने तेजी से अपनी रफ्तार बढ़ा दी है। मंगलवार को कोरोना के 4,448 नए मामले सामने आए हैं। जिसके बाद कोरोना के सक्रिय मामले 20 हजार के पार पहुंच गए हैं। आज छह मरीजों की कोरोना से मौत भी हुई है। जबकि 1,865 मरीज स्वस्थ भी हुए। बता दें कि उत्तराखंड में अब कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामले 20,620 पर पहुंच गई है। देहरादून में सबसे अधिक 8,664 सक्रिय मामले हैं। इसके अलावा नैनीताल में 2,884, हरिद्वार में 2799 और ऊधमसिंह नगर में 2,077 सक्रिय केस हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मंगलवार को देहरादून में सबसे अधिक 1687 लोग संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा हरिद्वार में 582, नैनीताल में 644, ऊधमसिंह नगर में 398, पौड़ी में 270, टिहरी में 157, उत्तरकाशी में 45, पिथौरागढ़ में 30, रुद्रप्रयाग में 75, चंपावत में 104, चमोली में 202 व बागेश्वर में 81 लोग संक्रमित मिले हैं।
135 अंक से अधिक चढ़ा सूचकांक, सेंसेक्स: मुंबई
कविता गर्ग मुंबई। वैश्विक बाजारों में बड़े पैमाने पर सकारात्मक रुख के बीच आईटीसी, टेक महिंद्रा और बजाज फिनसर्व जैसे बड़े शेयरों में तेजी के चलते प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स मंगलवार को शुरुआती कारोबार में 135 अंक से अधिक चढ़ गया। इस दौरान 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक 138.57 अंक या 0.23 प्रतिशत बढ़कर 61,447.48 पर कारोबार कर रहा था।
इसी तरह निफ्टी 35.50 अंक या 0.19 फीसदी की तेजी के साथ 18,343.60 पर आ गया। सेंसेक्स में सबसे अधिक 1.49 प्रतिशत की बढ़त सन फार्मा में हुई। इसके अलावा आईटीसी, टेक महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, पावरग्रिड और एक्सिस बैंक भी बढ़त दर्ज करने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे।
आर्थिक-सांख्यिकी विभाग में भर्ती, विज्ञापन जारी किया
दुष्यंत टीकम रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग में भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है। सहायक संचालक के 10 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। जारी विज्ञापन के मुताबिक सहायक संचालक के 10 पदों के लिए 28 जनवरी से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इन पदों पर ऑनलाइन ही आवेदन किए जा सकेंगे। लंबे समय से विभाग में इन पदों पर भर्तियों का इंतजार किया जा रहा था। सहायक संचालक के 10 पदों पर भर्ती से जुड़ी विभिन्न जानकारी सीजीपीएसजी की ऑफिशियल वेबसाइट से ली जा सकती है। सीजीपीएससी द्वारा जारी विज्ञापन के मुताबिक सहायक संचालक के पद के लिए सैलेरी स्लैब 56 हजार रुपये से 1 लाख 77 हजार रुपए प्रतिमाह तक रखा गया है। इसपर चयनित अभ्यर्थी द्वितीय श्रेणी अधिकारी बनेंगे। विज्ञापन के मुताबिक 28 जनवरी से 26 फरवरी तक सहायक संचालक के पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद परीक्षा की तारीख का ऐलान कर दिया जाएगा।
सहायक संचालक के 10 पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी एक विषय अर्थशास्त्र, सांख्यिकी, वाणिज्य, गणित, कंप्यूटर वगैरह में 55% अंकों के साथ मास्टर्स की डिग्री तय की गई है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने ही प्रिंसिपल और प्लेसमेंट ऑफिसर के पद पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। इसमें 48 पदों पर भर्ती की जाएगी। इन पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इसके लिए आवेदन की अंतिम तारीख 26 जनवरी तय की गई है।छत्तीसगढ़ में रायपुर में भी आज से स्वास्थ्य विभाग 202 पदों पर भर्ती हो रही है। इसमें 9000 से लेकर 200000 रुपये प्रतिमाह की सैलरी वाली जॉब हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट डॉक्टर, मेडिकल ऑफिसर से लेकर सिक्योरिटी गार्ड जैसे पदों पर भर्ती कर रहा है। यहां भर्ती के लिए इंटरव्यू शुरू हो चुके हैं। राजधानी रायपुर के चीफ मेडिकल ऑफिसर के घड़ी चौक स्थित दफ्तर पर जाकर सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक इंटरव्यू दिया जा सकता है।
मैच: वनडे सीरीज की तैयारी में जुटीं 'भारतीय' टीम
मुर्गा हत्याकांड में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया
अभिनेत्री उर्फी ने इंस्टाग्राम पर तस्वीरें शेयर की: मुंबई
स्वीडन: शोधकर्ताओं ने 'जीन' का पता लगाया
स्वीडन: शोधकर्ताओं ने 'जीन' का पता लगाया
अखिलेश पांंडेय स्टॉकहोम। लंबे समय से लोग कोरोना के कहर का सामना कर रहे हैं और अभी भी इससे किसी प्रकार की राहत के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इसी बीच स्वीडन के कुछ शोधकर्ताओं ने एक खोज में बड़ा दावा किया है। शोधकर्ताओं ने एक खास जीन वैरिएंट का पता लगाया है। जो गंभीर कोरोना संक्रमण से बचा सकता है। स्वीडन में करोलिंस्का इंस्टिट्यूट के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने विभिन्न मूल के लोगों का अध्ययन करके इस वैरिएंट का पता लगाया है। इस अध्ययन को 'नेचर जर्नल' नाम की पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। जिसमें बताया गया है कि जीन कोरोना संक्रमण के असर को प्रभावित कर सकते हैं। इससे पता लगाया जा सकता है कि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमण से कितना प्रभावित हुआ है।
चीनी ड्रैगन ने अवैध पुल का निर्माण कार्य तेज किया
सुनील श्रीवास्तव बीजिंग। चीनी ड्रैगन ने भारत पर सामरिक बढ़त हासिल करने के लिए पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील पर बनाए जा रहे अवैध पुल का निर्माण कार्य काफी तेज कर दिया है। ताजा सैटलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि यह चीनी पुल अब 400 मीटर लंबा बन चुका है। यह पुल करीब 8 मीटर चौड़ा है और चीनी सैन्य ठिकाने के दक्षिण में स्थित है। विशेषज्ञों के मुताबिक चीन जब यह पुल बना लेगा तब इस इलाके में उसे काफी सामरिक बढ़त हासिल हो जाएगी।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक गत 16 जनवरी की सैटलाइट तस्वीर में इशारा मिलता है कि चीनी निर्माण कर्मचारी भारी क्रेन का इस्तेमाल पिलर को जोड़ने के लिए कर रहे हैं। जिस गति से यह पुल बन रहा है, माना जा रहा है कि आने वाले कुछ महीने में इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। हालांकि अभी रुटोग तक सड़क बनाने में अभी लंबा समय लगेगा। इससे पहले खुलासा हुआ था कि चीन पैंगोंग झील पर पुल का निर्माण कर रहा है। इससे चीनी सेना पैंगोंग झील के दूसरी तरफ बहुत तेजी से अपने सैनिकों को भेज सकेगी।इससे पुल के बनने से अब चीनी सैनिकों को रुटोग अड्डे तक पहुंचने के लिए 200 किमी तक पैंगोंग झील का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। द इंटेल लैब में शोधकर्ता दमिएन सयमोन ने कहा, 'भारी मशीनों (क्रेन) को पुल का निर्माण करने के लिए लगाया गया है। भीषण बर्फबारी और खराब मौसम के बाद भी इस पुल का निर्माण कार्य जारी है। इसके अलावा पुल तक जाने के लिए एक नया रास्ता उत्तरी किनारे पर खुर्नाक फोर्ट के पास दिखाई दिया है जो एक चीनी सड़क से जोड़ेगा।'
चीन जिस इलाके में यह पुल बना रहा है, उस पर साल 1958 से ड्रैगन का कब्जा है। भारत का मानना है कि यह उसके वास्तविक नियंत्रण रेखा के अंदर आता है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन जिस जगह पर यह पुल बना रहा है, वह साल 1960 से उसके अवैध कब्जे में है। जैसाकि आप भलीभांति जानते हैं कि भारत ने इस अवैध कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने पिछले दिनों पैंगोंग सो पुल का प्रत्यक्ष उल्लेख किए बगैर पत्रकारों से कहा कि ‘आपने जो बात कही, मुझे उसकी जानकारी नहीं है।’वांग ने कहा, ‘मैं यह बताना चाहता हूं कि चीन की ओर से अपनी सीमा में किया जा रहा बुनियादी ढांचे का निर्माण पूरी तरह से उसकी सम्प्रभुता में आता है और उसका लक्ष्य चीन की क्षेत्रीय सम्प्रभुता की रक्षा करना और चीन-भारत सीमा पर शांति तथा स्थिरता बनाए रखना है।’ भारत और चीन की सेनाओं के बीच पांच मई 2020 को पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में गतिरोध शुरू हुआ। पैंगोंग झील वाले इलाके में हिंसक टकराव के बाद दोनों देशों की सेनाओं ने काफी संख्या में सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती कर दी। पिछले वर्ष लगातार कई दौर की सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे तथा गोगरा क्षेत्र से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी की।यूरोपीयन फाउंडेशन फार साउथ एशियन स्टडीज के डायरेक्टर जुनैद कुरैशी और स्कूल आफ अफ्रीकन एंड आरियंटल स्टडीज के प्रोफेसर मैथ्यू मैककार्टने ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि चीन की वन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव से जुड़े कई मुद्दों पर बात की। उनका कहना था कि यह अवश्यंभावी है कि चीन कुछ बिंदुओं पर ग्वादर में बंदरगाह का उपयोग सैन्य अड्डे के रूप में करना चाहता है ताकि विदेशी संसाधन लगातार बिना रोक-टोक के मिल सकें। लेकिन चीन इस बात को भी अच्छी तरह से जानता है कि उसके यहां पर मिलिट्री बेस बनाने का बड़े पैमाने पर विरोध हो सकता है। इसलिए वो इसके लिए भी बेहद सावधान रहेगा।
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में चीन ने 46 बिलियन डालर की लागत से इकनामिक प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। सीपैक का मकसद पाकिस्तान में अपनी भूमिका को बढ़ाना और सेंट्रल एशिया और दक्षिण एशिया में अमेरिका और भारत के प्रभाव को कम करना था। सीपैक के अतंर्गत ग्वादर पोर्ट के आने के बाद चीन का सीधेतौर पर राची से लिंक हो गया। ग्वादर पोर्ट से सामान की आवाजाही दूसरे रास्ते से चीन में सामान पहुंचाने से कहीं अधिक सस्ती है। वहीं इस तरह से कराची सीधीतौर पर चीन के शिंजियांग प्रांत से भी जुड़ गया। चीन की योजना इसके लिए ट्रेन और सड़क मार्ग तैयार करना है। इसके अलावा वो एक पाइपलाइन भी डालना चाहता है जो चीन तक तेल की सप्लाई सीधे कर सकेगी। ड्रैगन फ्राम द माउंटेन- द सीपैक फ्राम काशघर टू ग्वादर में मैककार्टने ने लंबे समय तक चलने वाले इस प्रोजेक्ट के पाकिस्तान पर प्रभाव का भी जिक्र किया है। उनका मानना है कि इससे पाकिस्तान को फायदा तो होगा लेकिन ये किसी भी तरह से इकनामिक गेम चेंजर के रूप में सामने नहीं आ सकेगा। न ही इसका असर पाकिस्तान की खराब होती अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर होगा। बढ़ती बेरोजगारी पर भी इससे कोई लगाम नहीं लगाई जा सकेगी। मैक का यहां तक कहना है कि इसके लिए मिले ऋण को उतारने के लिए भी पाकिस्तान को दूसरों पर निर्भर रहना होगा।
ऑस्ट्रेलिया: संक्रमण में तेजी, आपात स्थिति की घोषणा
सुनील श्रीवास्तव सिडनी। ऑस्ट्रेलिया में मंगलवार को कोविड-19 से रिकॉर्ड मौत दर्ज की गई और इसके दूसरे सबसे बड़े राज्य ने अस्पतालों में आपात स्थिति की घोषणा की। जो कोरोना वायरस के चलते संक्रमितों की संख्या बढ़ने और स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। तीन सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में 74 मरीजों की मौत हुई। न्यू साउथ वेल्स में 36, विक्टोरिया में 22 और क्वींसलैंड में 16 मरीजों की मौत हुई। इससे पहले एक दिन में कोरोना वायरस के कारण सर्वाधिक 59 लोगों की मौत चार सितंबर, 2020 को हुई थी। संघीय स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने कहा कि ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि न्यू साउथ वेल्स में संक्रमण की दर चरम पर पहुंच रही है और विक्टोरिया में स्थिर होने वाली है।
न्यू साउथ वेल्स की सरकार ने बेहद संक्रामक ओमिक्रोन स्वरूप से निपटने के लिए लॉकडाउन लगाने की संभावना से इनकार किया है। अक्टूबर में, सिडनी ने 108 दिनों का लॉकडाउन हटाया था क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में ज्यादातर लोगों का टीकाकरण हो चुका था। विक्टोरिया ने राज्य की राजधानी मेलबर्न के अस्पतालों और कई क्षेत्रीय अस्पतालों में स्टाफ की कमी और मरीजों के भर्ती होने में वृद्धि के कारण बुधवार दोपहर से आपातकाल घोषित कर दिया। लगभग 5,000 कर्मचारी अनुपस्थित हैं क्योंकि वे या तो संक्रमित हैं या करीबी संपर्क में हैं। यह पहली बार है जब राज्य के कई अस्पतालों में आपात स्थिति लगा दी गई है। करीब 2.6 करोड़ की आबादी वाले ऑस्ट्रेलिया में 2,700 लोगों की कोविड-19 के कारण मौत हो चुकी है।
अंटार्कटिक सागर के पानी को नापने का उपकरण बनाया
सुनील श्रीवास्तव वाशिंगटन डीसी। अंटार्कटिक सागर का पानी बेहद ठंडा है। यह बेहद ठंडा असल में कितना ठंडा है, यह हम अब जान पाएंगे। इस पानी के तापमान को मापने के लिए वैज्ञानिकों ने एक अत्याधुनिक उपकरण बनाया है। इसका नाम है- हाई प्रिसिजन सुपरकूलिंग मेजरमेंट इंस्ट्रूमेंट। न्यूजीलैंड, नॉर्वे और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने इसे बनाया है। यह उपकरण बताएगा कि अंटार्कटिक सागर के ऊपर जमी बर्फ के नीचे मौजूद पानी कितना ठंडा होता है। इस 'सुपरकूलिंग यंत्र' को एक छोटे, रिमोट कंट्रोल से संचालित रोबोट पर रखकर समंदर में जमी बर्फ के नीचे भेजा जा सकता है, ताकि यह वहां के पानी का ठीक-ठीक तापमान माप सके।
यूनिवर्सिटी ऑफ ओटागो की डॉक्टोरल छात्र मारेन रिक्टर ने बताया कि बर्फ की मोटी तहों के नीचे समंदर का पानी एक बड़ी पहेली की तरह है। रिसर्चर अभी इसके बारे में बहुत नहीं जानते हैं। रिक्टर ने कहा, "अंटार्कटिक के ऊपर जमी बर्फ की मोटी तह रॉस आइस सेल्फ के मुकाबले हम डार्क साइड कहे जाने वाले चांद के दूसरी तरफ के हिस्से के बारे में ज्यादा जानते हैं। रिक्टर ने बताया कि अंटार्कटिक के पानी का तापमान मापने वाला नया यंत्र बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसकी मदद से वैज्ञानिक समझ सकेंगे कि समुद्र, उसपर जमी बर्फ और वातावरण, ये तीनों साथ मिलकर कैसे काम करते हैं। ये सभी तत्व किस तरह एक-दूसरे से जुड़े हैं, यह भी जाना जा सकेगा। रिक्टर बोलीं, "इनकी गणना बड़े स्तर पर बनाए गए मॉडलों के माध्यम से की जाती है। मॉडल जितने अधिक सटीक होंगे, छोटे स्तर पर उनकी सटीकता जितनी ज्यादा होगी, उनसे मिलने वाली जानकारियों की सटीकता बड़े स्तर पर भी उतनी ही अधिक होगी। मसलन, भविष्य में न्यूजीलैंड का मौसम कैसा रहेगा, यह हम अधिक स्पष्टता से बता सकेंगे।
अंटार्कटिक में बर्फ की सतह के नीचे कई बार पानी का तापमान जमने के पॉइंट से नीचे होता है, लेकिन फिर भी यह जमता नहीं है। द्रव्य रूप में ही रहता है. इस प्रक्रिया को सुपरकूलिंग कहते हैं। ओटागो यूनिवर्सिटी की छात्रा इंगा स्मिथ ने बताया कि समुद्र का पानी आमतौर पर माइनस 1.9 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर जम जाता है। लेकिन जब बर्फ की मोटी परत के नीचे बहकर आया ताजा पानी जब खारे पानी से मिलता है, तो यह बेहद ठंडा हो जाता है। स्मिथ ने बताया, "तब यह होता तो द्रव है, लेकिन जमने वाले बिंदु यानी फ्रीजिंग पॉइंट से नीचे। अंटार्कटिक के ऊपर जमी बर्फ की सतह सैकड़ों मीटर मोटी है। इसके चलते समुद्र के बाकी हिस्सों की तरह इस हिस्से में पहुंचना और इससे जुड़ी जानकारियां हासिल करना बहुत मुश्किल है। जलवायु परिवर्तन के चलते हमारी धरती तेजी से गर्म हो रही है। पर्यावरण में गर्मी और उष्मा की जितनी मात्रा बढ़ी है, उसका 90 प्रतिशत से भी ज्यादा हिस्सा समुद्रों ने सोख लिया है। ऐसे में जलवायु से जुड़े शोधों के लिए समुद्र के तापमान की सटीक जानकारी बेहद जरूरी है।
इस दिशा में एक बड़ी चुनौती हैं, विशेष उपकरणों की कमी। हमारे पास ऐसे यंत्रों की कमी है, जो समुद्र के ऊपर तैर रहे हिमखंडों और बर्फ की तहों के नीचे गहराई में जाकर समुद्र का तापमान को माप सकें। समुद्र पर शोध करने वाले ओशियनोग्राफर और पोलर इंजीनियर लंबे समय से इस चुनौती से जूझते रहे हैं। उम्मीद है कि अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से वैज्ञानिकों को अंटार्कटिक की सतह के नीचे की जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी।
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'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया कविता गर्ग मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...
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उपचुनाव: 9 विधानसभा सीटों पर मतगणना जारी संदीप मिश्र लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतगणना जारी है। यूपी कीे क...
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80 वर्षीय बुजुर्ग ने 34 साल की महिला से मैरिज की मनोज सिंह ठाकुर आगर मालवा। अजब मध्य प्रदेश में एक बार फिर से गजब हो गया है। आगर मालवा जिले...