अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। कच्चे माल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी, परिवहन लागन में वृद्धि समेत कई अन्य कारणों से इस साल ब्रांडेड कपड़ों के दाम 20 फीसदी तक बढ़ सकते हैं। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि कॉटन, धागा और फैब्रिक जैसे कच्चे माल की लागत बढ़ रही है। पैकेजिंग मटेरियल और माल ढुलाई लागत बढ़ी है।इससे नए साल में लोगों को ब्रांडेड कपड़े पहनने पर ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है। अलग-अलग ब्रांड्स में कीमतों के आधार पर इसमें 8-15 फीसदी का अंतर हो सकता है।इंडियन टेरियन 8-10 फीसदी तक कीमतें बढ़ा सकती है।कई ब्रांड्स पहले से ही कीमतों में बढ़ोतरी शुरू कर चुके हैं।कुछ ब्रांड्स मार्च और अप्रैल से समर कलेक्शन लॉन्च के साथ दाम बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
ऑक्टेव अपैरल्स के पार्टनर युवराज अरोड़ा का कहना है कि कच्चे माल में 70 से 100 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है।ऐसे में पिछले साल के मुकाबले इस साल एमआरपी कम-से-कम 15-20 फीसदी बढ़ने वाला है। विंटर कलेक्शन के लिए एमआरपी पहले ही 10 फीसदी बढ़ा चुके हैं। समर कलेक्शन में दाम 10 फीसदी और बढ़ाए जाएंगे। न्यूमरो यूनो भी 5-10 फीसदी कीमतें बढ़ा रहा है। मैडम भी समर कलेक्शन में कपड़ों की कीमत 11-12 फीसदी बढ़ाने वाला है। इंडस्ट्री एसोसिएशन क्लोथिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का कहना है कि इस साल गर्मियों में दाम औसतन 15-20 फीसदी बढ़ेंगे। जीएसटी दर में बढ़ोतरी केवल उन ब्रांड्स की कीमतों को प्रभावित करेगी, जो 1000 रुपये से कम या वैल्यू सेगमेंट में माल बेचते हैं। एसोसिएशन का कहना है कि अगर जीएसटी की दर बढ़ती है तो कीमतें और 7-10 फीसदी बढ़ सकती है। कपड़ा निर्माताओं का कहना है कि कच्चे माल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए।
देश में कपास की कीमत वैश्विक कीमतों और मांग के अनुसार बढ़ रही है। चीन के खिलाफ पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से भारत से कपास की मांग में बढ़ी है। एक्सपोर्ट मार्केट में काम करने वाली कंपनियों ने अपने अधिकांश स्टॉक का एक्सपोर्ट शुरू कर दिया है। क्योंकि उन्हें एक्सपोर्ट मार्केट में बेहतर कीमत मिल रही है। बता दें कि जीएसटी परिषद की पिछली बैठक में भले ही कपड़ों पर टैक्स की दर बढ़ाने पर सहमति नहीं बन सकी, फिर भी नए साल में ब्रांडेड कपड़े पहनना महंगा हो सकता है।
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस महामारी के मामले बढ़ने के बावजूद से ही बैंकों ने लगातार फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों में कटौती की है और लोगों को अच्छे रिटर्न नहीं मिले हैं। लेकिन अब भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एचएडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ने ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। एसबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार एक साल से लेकर दो साल से कम की अवधि के लिए फिक्स डिपॉजिट पर ब्याज दर 5.0 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.1 प्रतिशत कर दी गई है। इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह दर 5.50 फीसदी से बढ़ाकर 5.60 फीसदी कर दी गई है। एसबीआई ने नई दरें 15 जनवरी 2022 से ही लागू हो गई हैं।
हालांकि अन्य टेन्योर वाले एफडी पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। एचडीएफसी बैंक ने भी फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। बढ़ी हुई ब्याज दरें 12 जनवरी 2022 से लागू हो गई हैं। बैंक ने चुनिंदा अवधि पर दरों में वृद्धि की है। दो साल से तीन साल में मैच्योर होने वाली एफडी अब 5.20 फीसदी का लाभ मिलेगा। तीन से पांच साल में मैच्योर होने वाली जमाओं पर अब 5.40 फीसदी और पांच से 10 साल तक की एफडी पर 5.60 फीसदी ब्याज मिलेगा। वहीं अन्य अवधि की एफडी पर ब्याज दरें अपरिवर्तित रहेंगी। कोटक महिंद्रा बैंक ने भी विभिन्न अवधि के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर में वृद्धि की है। 7 से 30 दिनों, 31 से 90 दिनों और 91 से 120 दिनों में परिपक्व होने वाली एफडी के लिए, कोटक महिंद्रा बैंक क्रमशः 2.5 फीसदी, 2.75 फीसदी और तीन फीसदी की ब्याज दर प्रदान करेगा। ये दरें 6 जनवरी 2022 से लागू हैं।
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। तेल कंपनियों ने सोमवार को पेट्रोल-डीजल के नए रेट जारी कर दिए हैं। सोमवार को भी तेल की कीमत में कोई खास बदलाव नहीं किया गया है। गौतलब है कि 2 महीने से ज्यादा हो गए हैं। लेकिन फ्यूल की कीमत में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। हालांकि बिहार, राजस्थान समेत कई राज्यों में अब भी पेट्रोल 100 रुपये के ऊपर ही बेचा जा रहा है।
जिस वजह से जनता परेशान है। चलिए जानते हैं आज दिल्ली, यूपी बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पंजाब में 1 लीटर पेट्रोल-डीजल खरीदने पर क्या कीमत चुकानी होगी। अगर आप आज दिल्ली में अपनी गाड़ी की टंकी फुल कराने जा रहे हैं तो आपको एक लीटर पेट्रोल के लिए 95.41 रुपये चुकाने होंगे जबकि एक लीटर डीजल के लिए 86.67 रुपये देने होंगे।