सोमवार, 17 जनवरी 2022

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण     

1. अंक-91, (वर्ष-05)
2. मंगलवार, जनवरी 18, 2022
3. शक-1984, मार्गशीर्ष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-प्रतिपदा, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 07:10, सूर्यास्त 05:24।
5. न्‍यूनतम तापमान- 7 डी.सै., अधिकतम-18+ डी सै.।  बर्फबारी व शीतलहर के साथ मैदानी क्षेत्रों में कहीं- कहीं तेज बारिश की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवाशुं के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
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रविवार, 16 जनवरी 2022

उत्तराखंड में नई गाइडलाइन जारी, पाबंदियां बढ़ाईं

उत्तराखंड में नई गाइडलाइन जारी, पाबंदियां बढ़ाईं    

पंकज कपूर         देहरादून। उत्तराखंड शासन ने राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों और ओमिक्रोन के खतरे को दृष्टिगत रखते हुए कोरोना की नई गाइडलाइन जारी कर दी है। जिसके अंतर्गत आगामी 22 जनवरी तक पाबंदियां बढ़ा दी है।

1. नाइट कर्फ़्यू की अवधि यथावत रहेगी यानि रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू प्रभावी रहेगा।
2. जिम, शॉपिंग, मॉल, सिनेमा, हॉल मनोरंजन, पार्क, सैलून 50% क्षमता के साथ खोलने की अनुमति।
3. खेल संस्थान, खेल के मैदान, स्टेडियम 50% क्षमता के साथ खोलने की अनुमति।
4. राज्य के स्विमिंग पूल वॉटर पार्क 22 जनवरी तक बंद रहेंगे।
5. सभी सामाजिक समारोह पर 22 जनवरी तक रोक लगा दी गई है।
6. विवाह समारोह में 50% लोगों के शामिल होने की अनुमति दी गई है।
7. एसओपी के अनुसार, राज्य के आंगनवाड़ी केंद्र और कक्षा 1 से 12 तक के स्कूल आगामी 22 जनवरी तक बंद रहेंगे।
8. 22 जनवरी तक सभी राजनीतिक रेलियों और धरना प्रदर्शन पर पाबंदी लगा दी गई है। 

यूके: 24 घंटे में कोरोना के 2,682 नए मामलें मिलें

पंकज कपूर          देहरादून। रविवार को राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, राज्य में 2,682 नये मामलें सामने आये हैं। राहत भरी खबर यह है कि राज्य में रविवार को किसी संक्रमित की मौत नहीं हुई है। जिसके साथ राज्य में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 36,99,54 हो गयी है।

बल्कि, 328 मरीज कोरोना को हराकर घर लौटे हैं। जिसके साथ राज्य मे कुल 33,78,65 कोरोना से ठीक हो गये है। राज्य मे कुल एक्टिव केस 17,223 हो गए हैं।


भाजपा प्रवक्ता ने शराबबंदी कानून को हास्‍यास्‍पद बताया
अविनाश श्रीवास्तव         पटना। शराबबंदी कानून पर छिड़ी बहस के बीच शनिवार को नालंदा में जहरीली शराब से मौत की घटना ने सियासत में भूचाल ला दिया है। विपक्षी दल के साथ सरकार में शामिल भाजपा ने भी इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने शराबबंदी कानून को हास्‍यास्‍पद बता दिया है। उन्‍होंने कहा है कि इस कानून की समीक्षा होनी चाहिए। शराबबंदी कानून का खामियाजा सिर्फ गरीबों को भुगतना पड़ रहा है। माफिया और बड़े कारोबारी नहीं पकड़े जा रहे हैं।

नालंदा में सात लोगों की मौत को लेकर बीजेपी प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने शराबबंदी कानून को हास्यास्पद बता डाला। पटेल ने कहा कि शराबबंदी कानून की समीक्षा होनी चाहिए। कार्रवाई के नाम पर गरीब लोगों की गिरफ्तारी हो रही है लेकिन, माफिया और बड़े कारोबारी नहीं पकड़े जा रहे हैं। भाजपा प्रवक्‍ता ने कहा है कि नालंदा में जहरीली शराब से मौत की जानकारी मिली है। ये दुखद है। बिहार में जहरीली शराब की बिक्री लगातार हो रही है। बिहार में शराबबंदी है। इतना अभियान चलाया जा रहा है। इसके बादवजूद शराब की बिक्री हो रही है। सरकार को इसपर विचार करना चाहिए।

खोखले दावे और वायदों की बैसाखी पर भाजपा

खोखले दावे और वायदों की बैसाखी पर भाजपा     
अश्वनी उपाध्याय    
गाजियाबाद। जंगल में एक शेर रहता है और वह जंगल का राजा होता है। अक्सर कहानियों में यह जुमला उपयोग किया जाता है। लेकिन जंगल में गीदड़ भी रहता है जो खरगोश, तीतर-बटेर का शिकार कर अपना भरण-पोषण करता है, दोनों ही शिकारी है। परंतु दोनों में बड़ा अंतर रहता है, एक शिकारी होने के साथ-साथ जंगल का राजा भी होता है। यह बात राजनीति में हर बार लागू होती है। जनता के हित में उपयोग की गई नीति जो जनता के कल्याण में निहित हो, व्यवस्थित राजनीति कहलाती है। केवल नीति लागू करना या उन्हें थौप देना यह स्वच्छ राजनीति नहीं होती है। इन दोनों में हमेशा यह अंतर रहता है। 
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के मतदान की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है। प्रत्याशियों की पेशानी पर तनाव की लकीर खिंचती जा रही है। गाजियाबाद की पांचों विधानसभाओं में साहिबाबाद विधानसभा में भाजपा वर्चस्व कायम रखने में कामयाब हो सकती है। बाकी चारों विधानसभाओं में भाजपा को दूसरे नंबर पर ही संतोष करना पड़ेगा। जनता में भाजपा के विरुद्ध असंतोष तो बढ़ा ही है साथ-साथ जो लोग लंबे समय से टिकट की कतार में खड़े थे। उनकी उपेक्षा के साथ ही भाजपा का कैडर वोट में कई ग्रुपों में बट गया है। कई ग्रुपों में बटा हुआ कैडर वोट भाजपा के ही पक्ष में जाएगा, इस पर अभी संयश बना हुआ है। 
लोनी विधानसभा में रालोद और सपा के गठबंधन से प्रत्याशी मदन भैया राष्ट्रीय लोक दल के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे हैं। जाट, गुर्जर, मुस्लिम और त्यागी समाज मदन भैया के पक्ष में लामबंद हो चुका है। मुस्लिम मतदाताओं के सामने कोई अन्य विकल्प ही नहीं बचा है। साथ-साथ भाजपा की नीतियों से त्रस्त पिछड़ा मजदूर वर्ग भाजपा के खोखले दावे-वायदों की जमीनी हकीकत समझ चुका है। युवा वर्ग भाजपा के विरुद्ध खड़ा अपने अधिकार की उपेक्षा का दंश झेल रहा है। इसी कारण राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव हुआ है। 
भाजपा के द्वारा पुनः विधायक नंदकिशोर को प्रत्याशी बनाया गया है। स्थानीय विधायक के द्वारा जनता की एक भी मूल समस्या को विधानसभा में नहीं रखा गया है। विधानसभा क्षेत्र का 70% भाग निकाय में समाहित है। जहां 1000000 से अधिक लोग निवास करते हैं। इतनी बड़ी आबादी है तो उपयोग में लाया गया हजारों टन पानी की निकासी की कोई समुचित व्यवस्था क्यों नहीं की गई। इस विषय पर विधानसभा में अपना पक्ष क्यों नहीं रखा गया। क्या यह जनता विधानसभा में नहीं रहती है। जरा सी बरसात होते ही क्षेत्र की गलियां नालों में तब्दील हो जाती है। आम आदमी को नरकीय जीवन जीने के लिए विवश होना पड़ता है। जनता से जुड़ी इतनी बड़ी समस्या है। किंतु इसके स्थाई समाधान के लिए हमारे जनप्रतिनिधि ने कोई प्रयास नहीं किया। 'यूनिवर्सल एक्सप्रेस' के न्यूज़ पोर्टल पर कई घोषणा और वायदे जनता के विश्वास के साथ मात्र एक खिलवाड़ है। 
जनता के पास लोकतंत्र में मतदान की महत्वपूर्ण शक्ति होती है। जिसका जनप्रतिनिधित्व चयन में सोच-विचार, अपेक्षा और उपेक्षा को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। आपका एक वोट आपके आर्थिक, सामाजिक और भौतिक विकास की शुरुआत करता है। 
शेर-बाज खाते हैं नित मार, 
गीदड़ आदि करते मुर्दा आहार।    

विजिया चौराहे पर आयोजित हुईं ब्राह्मणों की बैठक
अमित कुमार          कौशाम्बी। मंझनपुर विधानसभा क्षेत्र के ब्राह्मणों की एक बैठक विजिया चौराहे पर आयोजित की गई है। इस बैठक में उपस्थित ब्राह्मणों ने साफ शब्दों में कहा है कि हमेशा ब्राह्मणों को राजनीतिक दल के नेताओं द्वारा ठगा गया है। बैठक में उपस्थित लोगों ने कहा कि विधानसभा चुनाव आते ही ब्राह्मण मतदाताओं को समझा-बुझाकर उनका मत ले लेने वाले जनप्रतिनिधि ने हमेशा ब्राह्मणों को उपेक्षित किया है। 
लेकिन अब ब्राह्मण समाज किसी भी राजनीतिक दल के नेता के बहकावे में आने वाला नहीं है। ब्राह्मण समाज संगठित हो चुका है और उपेक्षा करने वाले राजनीतिक दल के नेताओं को सबक सिखाएगा। ब्राम्हण समाज की एक बैठक मंझनपुर विधानसभा क्षेत्र के विजिया चौराहा में आयोजित की गई। जिसमें सैकड़ो ब्राम्हण प्रतिनिधि मौजूद रहे बैठक में उपस्थित लोगों ने अपने समाज को संगठित होने पर जोर दिया। ब्राह्मण समाज की बैठक में दीप नारायण त्रिपाठी ने बताया कि हमारे समाज की 70 हजार वोट मंझनपुर विधानसभा में है। फिर भी हमारा समाज उपेक्षित हो रहा है। 
उन्होंने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में जो हमारे समाज की बात करेगा। 
जो ब्राम्हण समाज के विषय मे सोचेगा उसके साथ हमारा पूरा समाज जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी निर्णय नही हुआ है। लेकिन ब्राह्मणों को उपेक्षित करने वाले लोगों का साथ नहीं दिया जाएगा। बैठक में अजय मिश्रा, शशी कान्त त्रिपाठी, गिरीश द्विवेदी, सौरभ त्रिपाठी, योगेंद्र त्रिपाठी, सोनू प्रधान, जय प्रकाश त्रिपाठी, प्रधान बेरौचा, अंकित त्रिपाठी, मनदीप त्रिपाठी, बेनी शरण मिश्रा, पाली व गंगा शरण मिश्रा सहित तमाम गणमान्य व्यक्ति और प्रतिनिधि मौजूद रहे।

प्रतिनिधि मंडल ने अतुल को पुष्पगुच्छ भेंट किया: यूपी
अश्वनी उपाध्याय        गाजियाबाद। लोहा विक्रेता मंडल के एक प्रतिनिधि मंडल ने संस्था के अध्यक्ष डॉ. अतुल कुमार जैन के नेतृत्व में अतुल गर्ग को भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी बनाए जाने पर पुष्पगुच्छ भेंट करके बधाई दी और शुभकामनाएं भी दी। मुलाकात के दौरान राज्यमंत्री अतुल गर्ग ने अच्छी कानून व्यवस्था और व्यापारियों तथा आम नागरिकों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को इस बार भी चुनने के लिए सभी से आह्वान किया और प्रदेश हित में किए गए कार्यों के विषय में भी अवगत कराया।
गाजियाबाद लोहा विक्रेता मंडल की ओर से रविवार की मुलाकात करके बधाई देने वालों में अध्यक्ष डॉ.अतुल कुमार जैन के अतिरिक्त जयकुमार गुप्ता, सुबोध गुप्ता, राजकुमार अग्रवाल, दीपक सिंघल और सतीश बंसल इत्यादि उपस्थित रहे।

फुटबॉल: मिस्र ने गिनी-बिसाऊ को 1-0 से हराया

फुटबॉल: मिस्र ने गिनी-बिसाऊ को 1-0 से हराया    

मोमीन मलिक        याओंदे। मोहम्मद सालाह के गोल की मदद से मिस्र ने अफ्रीकन कप फुटबॉल प्रतियोगिता में गिनी-बिसाऊ को 1-0 से हराया। गिनी बिसाऊ ने हालांकि, खेल के अंतिम क्षणों में बराबरी का गोल दाग दिया था। लेकिन वीएआर की समीक्षा के बाद इसे अस्वीकार कर दिया गया। सालाह ने 69वें मिनट में गोल किया जो आखिर में निर्णायक साबित हुआ।

खेल समाप्त होने में जब आठ मिनट का समय बचा था तब गिनी बिसाऊ के फारवर्ड मामा बाल्डे ने गोल करके मिस्र को हतप्रभ कर दिया। लेकिन बुरुंडी के रेफरी पैसेफिक नडाबिहावेनिमाना ने काफी देर तक वीएआर समीक्षा करने के बाद पाया कि बाल्डे ने फॉउल किया था और उन्होंने गोल को अयोग्य घोषित कर दिया।


सौंफ की चाय का सेवन करना फायदेमंद, जानिए     
सरस्वती उपाध्याय         सौंफ का सेवन कर हम अपने मुंह को फ्रेश करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि, इसकी तासीर ठंडी होती है। लेकिन क्या आप इस बात को जानतें, हैं कि सौंफ की चाय भी बनती है। जो कि कई बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करती है। 

पाचन क्रिया: सौंफ की इस चाय को पीने से पेट में गैस नहीं बनती हैं और डायरिया और पेट दर्द जैसी समस्या में भी आसानी से राहत मिल जाता है।

पेट के कीड़े: सौंफ की चाय का सेवन करके पेट में एसिड लेवल कम हो जाता है, इससे आंतों में होने वाले बैक्टीरिया और कीड़े भी खत्म हो जाते हैं।

गठिया में फायदेमंद: इस चाय का सेवन करके आप आसानी से अपने जोड़ों में होने वाले दर्द से राहत पा सकती हैं, इससे आपको जल्द आराम मिलता है।

आंखों के लिए: रातभर ठीक से ना सोने से हमारी आंखों में सूजन हो जाती है, इसके लिए आप सौंफ की चाय बनाए और फिर रूई इसमें डुबोकर अपनी आंखों को 10 मिनट के लिए सेंके।

रक्त को करें साफ: इस चाय का सेवन करके आप जॉन्डिस के खतरे को कम कर सकती हैं। इसी के साथ यह किडनी के कार्य को तेज करके हमारे खून को साफ करती है।

जुआ खेलते 16 को गिरफ्तार किया, कार्यवाही जारी

जुआ खेलते 16 को गिरफ्तार किया, कार्यवाही जारी     

दुष्यंत टीकम          रायपुर। जिले में जुआ, सट्टा और क्रिकेट सट्टा पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने रायपुर पुलिस के समस्त पुलिस राजपत्रित अधिकारियों और थाना प्रभारियों को कार्य योजना तैयार कर इस पर अधिक से अधिक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है। जिस पर समस्त थाना प्रभारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्र में मुखबीर लगाने के साथ ही लगातार पेट्रोलिंग और सूचना संकलन कर जुआ और सट्टा खेलने/खिलाने वालों के संबंध में सूचना एकत्रित की जा रही है।

इसी क्रम में दिनांक 15-16 को सूचना प्राप्त हुई कि थाना आजाद चौक क्षेत्रांतर्गत रामसागर पारा स्थित ननकू गैरेज पास कुछ व्यक्ति जुआ खेल रहे है। जिस पर नगर पुलिस अधीक्षक आजाद चौक रत्ना सिंह (भा.पु.से.) ने  थाना प्रभारी आजाद चौक रविशंकर तिवारी को जुआरियों को जुआ खेलते रंगे हाथ गिरफ्तार करने निर्देशित दिया। जिस पर थाना प्रभारी आजाद चौक के नेतृत्व में थाना आजाद चौक पुलिस की टीम ने उक्त स्थान में जाकर देखने पर पाया कि कुछ व्यक्ति ताश पत्ती में रकम का दांव लगाकर जुआ खेल रहे है, जिस पर टीम के सदस्यों ने रेड कार्यवाही और घेराबंदी कर ताश पत्ती से जुआ खेलते कुल 16 जुआरियों को गिरफ्तार कर जुआरियों के कब्जे से नगदी 63,140 रूपये और ताश पत्ती जप्त किया जुआरियों के विरूद्ध थाना आजाद चौक में अपराध क्रमांक 12/22 और 13/22 धारा 13 जुआ एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर अग्रिम कार्यवाही किया गया है।

व्यापारी संघ अध्यक्ष की हत्या, 3 माह में सुनवाई करें 

अविनाश श्रीवास्तव         पटना। उच्चतम न्यायालय ने पटना की एक स्थानीय अदालत को निर्देश दिया है कि वह वर्ष 2017 में बिहार के बिहटा में व्यापारी संघ के अध्यक्ष की हत्या मामलें की सुनवाई तीन महीने में पूरी करे। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने इससे पहले हत्या के आरोपी को पटना उच्च न्यायालय से मिली जमानत भी रद्द कर दी थी।

पीठ ने मामले में सुनवाई की धीमी रफ्तार को लेकर नाराजगी जताई। शीर्ष अदालत ने मृतक कारोबारी के भाई अजय कुमार की ओर से पेश अधिवक्ता समरहार सिंह द्वारा दी गई अर्जी पर संज्ञान लिया जिसमें कहा गया कि सभी गवाहों की गवाही दर्ज हो गई है और आरोपी के पास मामले में पेश करने के लिए और कोई गवाह नहीं बचा है। उच्चतम न्यायालय ने पांच जनवरी को दिए आदेश में कहा कि, हमें याचिकाकर्ता के वकील ने सूचित किया है कि वर्ष 2019 से पहले ही अभियोजन की ओर से गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।

हालांकि, बचाव पक्ष की ओर से गवाहों को पेश करने के लिए समय मांगा गया था और अंतत: आरोपी ने अदालत को बताया कि उसके पास कोई गवाह नहीं है। सभी गवाहों के सबूत पहले ही दर्ज हो चुके हैं, हम सुनवाई अदालत को निर्देश देते हैं कि आज से तीन महीने में सुनवाई पूरी करे। अब उच्चतम न्यायालय इस मामले पर चार अप्रैल को सुनवाई करेगा। इससे पहले अगस्त 2020 में उच्चतम न्यायालय ने पटना उच्च न्यायालय द्वारा एक आरोपी अमित कुमार को दी गई जमानत रद्द कर दी थी। बिहटा व्यापार संघ के अध्यक्ष और ‘उदय चित्र मंदिर’ सिनेमा हॉल के मालिक निर्भय सिंह की कथित तौर तीन लोगों ने 15 सितंबर 2017 को गोली मारकर हत्या कर दी थी। आरोपियों में अमित कुमार भी शामिल था जिस पर स्थानीय बाजार में वसूली गिरोह चलाने का आरोप है।

टैलेंटेड रूबीना ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया

टैलेंटेड रूबीना ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया
कविता गर्ग         
मुुुबंई। टेलीविजन के कई स्टार्स टैलेंटेड नहीं, बल्कि मल्टी टैलेंटेड हैं। इन स्टार्स को देख कर बस यही लगता है कि भाई कोई इतना टैलेंटेड कैसे हो सकता है। इन्ही स्टार्स में से एक रुबीना दिलैक भी हैं। रुबीना दिलैक एक मल्टी टैलेंटेड आर्टिस्ट हैं। रुबीना में एक नहीं, बल्कि कई सारी खूबियां हैं। इन्हीं खूबियों की वजह से वो अपनी हर अदा से लोगों के मन को जीत लेती हैं। जैसे अभी उन्होंने डांस वीडियो से जीत लिया। तो हम बात कर रहे थे रुबीना दिलैक के टैलेंट की। 
हम सब जानते हैं कि रुबीना दिलैक एक बहुत अच्छी एक्ट्रेस हैं। वो जितनी मंझी हुईं कलाकार हैं, उतनी ही बेहतरीन डांसर भी हैं। जिसकी झलक वो बिग बॉस 14 के दौरान दिखा चुकी हैं। एक्ट्रेस, डांसर होने के साथ-साथ वो एक योग टीचर भी हैं। इसलिये वो अपनी फिटनेस और डाइट का खास ध्यान रखती हैं। मल्टी टैलेंटेड कलाकार ने इंस्टाग्राम पर डांस वीडियो शेयर करके लोगों का संडे बना दिया है। वीडियो में रुबीना कटरीना कैफ के गाने 'टिप-टिप बरसा पानी' पर कमर मटकाती दिख रही हैं। अपने डांस मूव्स से रुबीना दूसरों को डांस करने पर मजबूर करती हुई दिख रही हैं। वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने ये भी बताया कि डांस प्यार है, डांस में मैजिक है। इसलिये उन्हें डांस करना बेहद पसंद है। छोटी बहू शो से लेकर बिग बॉस 14 की विनर तक रुबीना दिलैक ने एक लंबा सफर तय किया है। इस दौरान उन्हें कई मुसीबतों से भी गुजरना पड़ा। पर रुबीना दिलैक सारी दिक्कतों को पार कर आगे बढ़ती गईं। टीवी शोज के अलावा रुबीना दिलैक कई म्यूजिक वीडियो में भी नजर आ चुकी हैं। म्यूजिक वीडियो के बाद वो जल्द ही पलक मुच्छल की फिल्म 'अर्ध' से बॉलीवुड डेब्यू करने वाली हैं। अब बताओ कौन-कौन रुबीना के बॉलीवुड डेब्यू को लेकर एक्साइटेड है।
नए गाने 'फूंक ले' को लेकर चर्चा में बनीं एक्ट्रेस
कविता गर्ग       
मुबंई। निया शर्मा टीवी इंडस्ट्री की मोस्ट सिजलिंग और बोल्ड एक्ट्रेस में से एक हैं। निया का स्टाइल स्टेटमेंट, मेकअप और फैशन सेंस हमेशा ही चर्चा में रहता है। लेकिन इन दिनों एक्ट्रेस अपने नए गाने 'फूंक ले' को लेकर चर्चा में बनी हुई हैं। इसी के साथ निया के इंस्टाग्राम पर 7 मिलियन फॉलोअर्स भी हो गए हैं। इस खुशी के मौके पर निया शर्मा ने फैंस संग अपनी सुपर फोटोज शेयर की हैं। नए फोटोज में निया शर्मा व्हाइट क्रॉप शर्ट और ब्लैक पैंट में नजर आ रही हैं। मोनोक्रोम फोटोज में निया शर्मा किलर पोज देती हुई दिखाई दे रही हैं। 
फोटोज में निया के एक्सप्रेशंस, उनका लुक, एटीट्यूट, पोज हर चीज ऑन पॉइंट हैं। निया फोटोज में बेहद गॉर्जियस और स्टनिंग लुक में नजर आ रही हैं। 
सिजलिंग फोटोज शेयर करते हुए फूंक ले सॉन्ग को प्यार देने के लिए और इंस्टाग्राम पर 7 मिलियन फॉलोअर्स पूरे होने के लिए फैंस का शुक्रिया अदा किया है। निया ने फोटो के कैप्शन में लिखा- फूंक ले को इतना प्यार देने के लिए बहुत शुक्रिया। 7 मिलियन स्ट्रॉन्ग हो चुकी हूं और अभी भी काउंट कर रही हूं। निया की इन मोनोक्रोम फोटोज पर फैंस अपना बेशुमार प्यार लुटा रहे हैं। फैंस कमेंट सेक्शन में फायर और हार्ट इमोजी के साथ अपने रिएक्शन दे रहे हैं। कोई निया शर्मा के दिलकश अंदाज को खूबसूरत बता रहा है तो कोई हॉट। हमेशा की तरह निया के इस लुक पर भी फैंस फिदा हो रहे हैं और एक्ट्रेस की जमकर तारीफें कर रहे हैं। वहीं निया का गाना भी लोगों को खूब पसंद आ रहा है और निया इस खुशी को सेलिब्रेट कर रही हैं।

एआईएमआईएम पार्टी ने उम्मीदवारों की घोषणा की

एआईएमआईएम पार्टी ने उम्मीदवारों की घोषणा की    

संदीप मिश्र        लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के पहले चरण के लिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। एआईएमआईएम ने यूपी में 100 विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यूपी की 92 सीटों पर मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में है।एआईएमआईएम ने लोनी से डॉक्टर महताब, गढ़मुक्तेश्वर से फुरकान चौधरी, धौलाना से हाजी आरिफ, सिवल खास से रफत खान, सरधना से जीशान आलम, किठौर से तस्लीम अहमद, बेहट से अमजद अली, बरेली-124 से शाहीन रजा खान और सहारनपुर देहात से मरगूब हसन को टिकट दिया है। एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ज़ी न्यूज़ को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि पिछले 5 साल में यूपी में हमारे संगठन के लोगों ने काफी मेहनत की है और उसका नतीजा हमें जिला परिषद के चुनाव में दिखाई दिया। हमारा प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। मुझे भरोसा है कि आने वाले चुनाव में यूपी की जनता हमें वोट देगी और जिताएगी।

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी की तरफ से जितने भी बयान आ रहे हैं चाहे उनके मुख्यमंत्री हों, प्रधानमंत्री हों, सभी कोशिश कर रहे हैं कि हिंदुत्व के नाम पर वोट लिया जाए। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा इस तरह की बातें और बढ़ेंगी क्योंकि बीजेपी के पास यूपी में विकास के नाम पर दिखाने के लिए कुछ है ही नहीं। कुपोषित बच्चे सबसे ज्यादा यूपी में हैं। बीजेपी ने 70 लाख रोजगार देने का वादा किया था वो नहीं मिले। कोविड की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में हुईं। महंगाई भी मुद्दा है। एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सीएम योगी बताएं कि वो किन 20 प्रतिशत लोगों की बात करते हैं। वो लोग भारत के नागरिक हैं या नहीं। क्या वो सबके मुख्यमंत्री है या फिर वो सिर्फ उन्हीं के मुख्यमंत्री हैं जो सिर्फ उन्हीं की विचारधारा को मानते हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ बौखलाए हुए हैं। पहले सुनने में आया कि वो किसी और विधान सभा से चुनाव लड़ेंगे लेकिन अब फिर वहीं से लड़ रहे हैं जहां से वो लड़ते आए हैं। मुस्लिम मुख्यमंत्री के सवाल पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम सामाजिक न्याय की बात करते हैं। 19 फीसदी अल्पसंख्यक हैं। हम अपनी भागीदारी की बात करते हैं। समाजवादी पार्टी को इतनी बार मौका मिला, उन्होंने कब मुस्लिमों के साथ सामाजिक न्याय किया। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जहां-जहां मुस्लिम अल्पसंख्यकों के इलाके हैं। 

वहां कम बैंक हैं और कब एटीएम हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में बहुत कम मुस्लिमों को घर मिले जबकि बीजेपी सबका साथ, सबका विकास का नारा देती है। एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुस्लिमों को दबाकर रखा गया। मुसलमानों का वोट उन्हें डराकर हासिल किया गया। हिंदुत्व की विचारधारा में आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक फिट नहीं होते हैं। यूपी में हर थाने में ठाकुर बिरादरी का इंस्पेक्टर मिल जाएगा। 50 फीसदी डीएम यूपी में ब्राह्मण और ठाकुर हैं। लेकिन मैं मुस्लिमों की हिस्सेदारी की बात करता हूं तो गलत हूं।

बिजली दरों में 3 रुपये प्रति यूनिट की कटौतीकं: कांग्रेस
अमित शर्मा         चंडीगढ़। पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने बिजली दरों में 3 रुपये प्रति यूनिट की कटौती की है। पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सीएम चन्‍नी की कई घोषणाओं को शेयर किया है। इसमें सरकारी कर्मचारियों का बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (डीए) और किसानों के लिए उठाए गए कदम शामिल हैं। सीएम चन्‍नी ने कुछ द‍िन पहले सभी गौशालाओं के बिजली बिल माफ करने का फैसला किया था। उन्‍होंने ऐलान करते हुए कहा था कि सोलर सिस्टम लगाने के लिए सभी गौशालाओं को 5-5 लाख रुपये दिए जाएंगे। 
सीएम ने युवाओं को रोजगार का वादा करते हुए कहा था कि अगर पार्टी फिर से सत्ता में लौटती है तो वह युवाओं को एक साल के भीतर एक लाख नौकरियां देगी और उन्हें विदेश जाने में मदद करने के लिए एक कार्यक्रम भी चलाएगी। उन्होंने एक निजी विश्वविद्यालय में युवाओं के लिए रोजगार गारंटी योजना (पीआरएजीटीवाई) का शुभारंभ करने के बाद कहा था कि 12वीं कक्षा पास करने वाले युवा नौकरियों के पात्र होंगे। सरकार बनने के एक साल के भीतर नौकरियां दी जाएंगी। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने शन‍िवार को उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। इस लिस्ट में 86 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। पंजाब में 14 फरवरी को चुनाव प्रस्तावित हैं। जबकि वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी। सूबे के मुख्यमंत्री चन्नी एक बार फिर से चमकौर साहिब विधानसभा सीट से उम्मीदवार होंगे। जबकि राज्य के कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर पूर्व से चुनाव लड़ेंगे। वहीं उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा अपनी वर्तमान सीट डेरा बाबा नानक से चुनाव लड़ेंगे।     पंजाब कांग्रेस ने 86 में से सिर्फ 9 सीटों पर महिलाओं को टिकट दिया है। 
हालांकि, दावा किया गया था कि 40 प्रतिशत सीटों पर महिलाओं को आगे रखा जाएगा। बता दें कि पंजाब में 14 फरवरी को चुनाव प्रस्तावित हैं। जबकि वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी। इसके अलावा युवा कांग्रेस के चार उम्मीदवारों बरिंदर ढिल्लों, ब्रह्म मोहिंद्रा के पुत्र मोहित मोहिंद्रा, अमरप्रीत लल्ली और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ के भतीजे संदीप जाखड़ को भी टिकट दिया गया है। इसके अलावा दो सांसदों डॉ अमर सिंह और चौधरी संतोख सिंह के बेटों ने भी सूची में जगह बनाई है।

बालिका के साथ 'प्रताड़ना' मामलें में सीएम का बयान

नरेश राघानी           जयपुर। राजस्थान के अलवर में मूक बधिर बालिका के साथ प्रताड़ना के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में दुष्कर्म की बात से इनकार किया है। सीएम ने कहा है कि राजस्थान सरकार इस मामले की सीबीआई के लिए भी तैयार है। लेकिन इस प्रकरण में राजनीति नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लिखा है कि दुष्कर्म की बात से परिवारवालों पर क्या बीतती है इसकी चिंता किए बगैर अलवर के विमंदित बालिका प्रकरण में बीजेेपी द्वारा राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए ऐसा घिनौना प्रचार किया जा रहा है। जो बेहद निंदनीय है। राज्य की पुलिस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कर रही है। यदि फिर भी परिजन किसी विशिष्ट अधिकारी या सीआईडी, क्राइम ब्रांच, एसओजी और सीबीआई से इस मामले की जांच करवाना चाहेंगे तो प्रदेश सरकार इसके लिए भी तैयार है। 

मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार की नीयत स्पष्ट है कि इस मामले में स्वतंत्र अनुसंधान हो और इस घटना की वास्तविकता सामने आए। गौरतलब है कि इस मामले में भाजपा सहित तमाम विपक्षी दलों ने लगातार राजस्थान सरकार के अनुसंधान पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। इस प्रकरण में प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर अलवर पुलिस ने भी दुष्कर्म की बात से इनकार किया और उसके बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ये बयान बता रहा है कि मामले में दुष्कर्म के आरोप के तथ्य नहीं मिले है। राजस्थान सरकार ने पीड़िता के उपचार के लिए हरसंभव मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध करवा रखी है और इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए डीआईजी स्तर के अधिकारी को भी नियुक्त किया गया है।

भारत: सक्रिय कंपनियों की संख्या-14,44,572 हुईं

अकांशु उपाध्याय          नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था के तेजी से पटरी पर लौटने का प्रमाण है कि पिछले वर्ष दिसंबर में कंपनी अधिनियम के तहत 13,311 कंपनियां पंजीकृत हुई हैं। जिससे देश में कुल सक्रिय कंपनियों की संख्या बढ़कर 14,44,572 हो गई। कंपनी मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी मासिक बुलेटिन के अनुसार, 3,164.19 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी के साथ दिसंबर 2021 के दौरान कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत कुल 13311 कंपनियों को पंजीकृत किया गया। विभिन्न श्रेणियों में पंजीकृत कुल कंपनियों में से 811 एक-व्यक्ति कंपनियां (ओपीसी) हैं। दिसंबर के दौरान कंपनियों के नए पंजीकरण में महाराष्ट्र शीर्ष पर रहा और उसके बाद उत्तर प्रदेश और दिल्ली का स्थान है। बुलेटिन में कहा गया है कि नए पंजीकरणों के आर्थिक गतिविधिवार वर्गीकरण के अनुसार इस समूह में पंजीकृत 3508 कंपनियों के साथ ‘बिजनेस सर्विसेज’ शीर्ष पर है। कुल नए पंजीकरणों में से 13224 कंपनियों की संयुक्त अधिकृत पूंजी 3162.43 करोड़ रुपये रही।

टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज एलएलपी के विवेक जालान ने कहा कि, नए पंजीकरणों की अधिक संख्या देश की आर्थिक गतिविधियों में आई तेजी का प्रमाण है। कई कंपनियां जो पहले सीधे भारत को निर्यात करती थीं अब देश में अपने कार्यालय खोल रही हैं और नए खरीद नियम के कारण स्थानीय इकाइयां स्थापित कर रही हैं। नए नियम में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकारी विभागों को केवल उन्हीं कंपनियों से आपूर्ति लेने की आवश्यकता है, जिनके सामान और सेवाओं में 20 प्रतिशत से कम स्थानीय सामग्री नहीं है।

मंत्रालय के बुलेटिन के अनुसार, 31 दिसंबर 2021 तक देश में कंपनी अधिनियम के तहत कुल 22,76,448 कंपनियां पंजीकृत थीं। इनमें से 7,87,953 कंपनियां बंद थीं जबकि 7,014 कंपनियां लिक्विडेशन की प्रक्रिया में थीं। इसी तरह 34,554 कंपनियां रजिस्टर से अलग होने की प्रक्रिया में हैं और 2,355 कंपनियां कंपनी अधिनियम की धारा 455 के अनुसार ‘निष्क्रिय’ हो गई हैं। दो लाख 61 हजार 642 कंपनियों सहित 14,44,572 सक्रिय कंपनियां हैं, जिन्हें पिछले 18 महीनों के भीतर शामिल किया गया है।

कोविड-19 महामारी से अलग हैं ओमिक्रोन: विज्ञानी

अकांशु उपाध्याय         नई दिल्ली। विषाणु विज्ञानी डॉ. टी. जैकब जॉन ने कहा है कि ओमीक्रोन कोविड-19 महामारी से कुछ अलग है और इसलिए यह माना जाना चाहिए कि दो महामारियां साथ-साथ चल रही हैं। जॉन ने कहा कि ओमीक्रोन ‘वुहान-डी 614 जी, अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, कप्पा या म्यू द्वारा उत्पन्न नहीं है और यह सुनिश्चित है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के ‘सेंटर ऑफ एडवांस्ड रिसर्च इन वायरोलॉजी’ के पूर्व निदेशक जॉन ने कहा, ‘मेरी राय में, यह अज्ञात वंश का एक प्रकार है, लेकिन यह वुहान-डी614जी से जुड़ा हुआ है। हम इसे महामारी के आगे बढ़ने के रूप में देखेंगे।’ डी614जी इस प्रोटीन में एक अमीनो एसिड उत्परिवर्तन को संदर्भित करता है। जो दुनियाभर के सार्स-सीओवी-2 वायरस में तेजी से सामान्य हो गया है।

उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन कोविड-19 महामारी से कुछ अलग है और इसलिए यह माना जाना चाहिए कि दो महामारियां साथ-साथ चल रही हैं। उन्होंने कहा कि उनके कारण होने वाली बीमारियां भी अलग हैं। एक निमोनिया-हाइपोक्सिया-मल्टीऑर्गन क्षति रोग है, लेकिन दूसरा ऊपरी / मध्य श्वसन रोग है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या तीसरी लहर अपने चरम पर पहुंच गयी है क्योंकि कुछ जगहों पर मामले कम होने लगे हैं, जॉन ने कहा कि महानगरों में पहले विषाणु का संक्रमण शुरू हुआ था और पहले खत्म होगा। उन्होंने कहा कि सभी साथ में एक राष्ट्रीय महामारी हैं। कोरोना वायरस के अत्यधिक संक्रामक स्वरूप ओमीक्रोन से भारत में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर चल रही है।देश में कोविड-19 के 2,71,202 नये मामले आने के बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 3,71,22,164 हो गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक इनमें कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के 7,743 मामले भी शामिल हैं।

'क्रिप्टोकरेंसी' को कर दायरे में लाने पर विचार: बजट

अकांशु उपाध्याय              नई दिल्ली। सरकार आगामी आम बजट में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री को कर के दायरे में लाने पर विचार कर सकती है। कर क्षेत्र के एक विश्लेषक ने यह राय जताई है। नांगिया एंडरसन एलएलपी के कर प्रमुख अरविंद श्रीवत्सन ने कहा कि सरकार आगामी बजट में एक निश्चित सीमा से ऊपर क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री और खरीद पर टीडीएस / टीसीएस लगाने पर विचार कर सकती है और इस तरह के लेनदेन को विशेष लेनदेन के दायरे में लाया जाना चाहिए, ताकि आयकर अधिकारियों को इनकी जानकारी मिल सके।

साथ ही उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री से होने वाली आय पर लॉटरी, गेम शो, पहेली की तरह 30 प्रतिशत की उच्च कर दर से कर लिया जाना चाहिए। श्रीवत्सन ने कहा कि इस समय भारत में विश्व स्तर पर क्रिप्टो मालिकों की संख्या सबसे अधिक लगभग 10.07 करोड़ है, और एक रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक भारतीयों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश बढ़कर 24.1 करोड़ डॉलर तक हो सकता है।उन्होंने आगामी आम बजट पर कहा कि, क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद थी। हालांकि, इसे पेश नहीं किया गया, और अब उम्मीद है कि सरकार बजट सत्र में इस विधेयक को ला सकती है। अगर सरकार ने भारतीयों को क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार से प्रतिबंधित नहीं किया, तो हम उम्मीद करते हैं कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक प्रतिगामी कर व्यवस्था ला सकती है।

उन्होंने कहा कि बाजार के आकार, इसमें शामिल राशि और क्रिप्टोकरेंसी के साथ जोखिम को देखते हुए इसके कराधान में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं, जैसे कि उन्हें स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर एकत्र कर (टीसीएस) के दायरे में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री और खरीद दोनों को वित्तीय लेनदेन विवरण (एसएफटी) के दायरे में लाया जाना चाहिए। ऐसा करने से इनकी निगरानी की जा सकेगी। श्रीवत्सन ने कहा कि लॉटरी, गेम शो, पहेली आदि की तर्ज पर क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत की उच्च दर से कर लगाना चाहिए।

5 से ज्यादा बार नहीं करना चाहिए 'मास्क' का उपयोग

अकांशु उपाध्याय        नई दिल्ली। कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क पहनना बेहद जरूरी है और इसमें भी एक्सपर्ट खास तौर एन95 मास्क पहनने की सलाह देते हैं। सीडीसी के अनुसार, एन-95 रेस्पिरेटर मास्क का उपयोग 5 बार से ज्यादा नहीं करना चाहिए। कोरोना से बचाने में मास्क सबसे बड़ा हथियार है। वहीं आपको ये भी जानना चाहिए कि एन95 मास्क को आप कितनी बार इस्तेमाल कर सकते हैं और ​कब आपको इसे बदल देना चाहिए। वहीं, सीडीसी ने लोगों को ये भी सलाह दी है कि चेहरे पर अच्छी तरह से फिट होने वाला मास्क ही पहनें। कई बार लोग एक ही मास्क को कई दिनों तक पहने रहते हैं। वहीं कुछ लोग लूज या अनफिट मास्क पहनते हैं। ऐसा मास्क कोरोना वायरस इंफेक्शन से बचाव नहीं करेगा।

जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफेसर माइकल जी नाइट ने बताया है कि अगर आप 45 मिनट के लिए किसी काम से बाहर जाने के लिए मास्क पहन रहे हैं और फिर उतार देते हैं, तो इसे रीयूज करने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अगर आप पूरे दिन मास्क पहने रहते हैं, तो इस तरह का मास्क दोबारा इस्तेमाल करना नुकसानदायक होगा। अपने पास एक से ज्यादा मास्क रखें और बदल-बदल कर इसे पहनें। लंबे वक्त तक एक ही मास्क पहनकर न रहें।अगर आप दिन में कुछ घंटों के लिए ही मास्क पहनते हैं, तो 4-5 दिन में यह गंदा हो जाएगा। 

स्कूल बंद किए जाने को लेकर सवाल खड़ें किए: शिक्षा

अकांशु उपाध्याय         नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच स्कूल बंद किए जाने को लेकर विश्व बैंक के शिक्षा निदेशक जैमे सावेदरा ने कई सवाल खड़े किए हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि स्कूलों को फिर से खोलने के लिए बच्चों के टीकाकरण की प्रतीक्षा करने का कोई मतलब नहीं है और इसके पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। कोरोना के कारण बच्चों के लिए स्वास्थ्य जोखिम कम है, लेकिन स्कूल बंद करने की लागत बहुत अधिक है। साथ ही कहा कि महामारी के दौरान स्कूल बंद होने के कारण भारत में बच्चों के अंदर सीखने की कमी 55 से बढ़कर 70 प्रतिशत होने की उम्मीद है।

विश्व बैंक के वैश्विक शिक्षा निदेशक जैमे सावेदरा ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि स्कूलों को फिर से खोलने से कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है और स्कूल ‘सुरक्षित स्थान’ नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक नीति के नजरिए से बच्चों के टीकाकरण तक इंतजार करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि इसके पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। स्कूल खोलने और कोरोना के प्रसार के बीच कोई संबंध नहीं है। दोनों को जोड़ने का कोई सबूत नहीं है और अब स्कूलों को बंद रखने का कोई औचित्य नहीं है। भले ही कोरोना की नई लहरें हों, स्कूलों को बंद करना ही अंतिम उपाय नहीं होना चाहिए। सावेद्रा ने यह बातें वाशिंगटन से एक साक्षात्कार में समाचार एजेंसी पीटीआइ के माध्यम से कहीं।

उन्होंने यह भी कहा कि रेस्तरां, बार और शापिंग माल को खुला रखने और स्कूलों को बंद रखने का कोई मतलब नहीं है। यह कोई बहाना नहीं है।विश्व बैंक के विभिन्न सिमुलेशन के अनुसार अगर स्कूल खोले जाते हैं तो बच्चों के लिए स्वास्थ्य जोखिम कम होता है और बंद होने की लागत बहुत अधिक होती है। उन्होंने कहा कि 2020 से हम अज्ञानता के समुद्र में जा रहे हैं। हमें अभी यह नहीं पता कि महामारी से निपटने का सबसे अच्छा तरीका क्या है और दुनिया के अधिकांश देशों की तत्काल प्रतिक्रिया स्कूलों को बंद करने पर है। तब से समय काफी बीत चुका है और 2020 और 2021 के अंत से आने वाले सबूतों के साथ हमारे पास कई कोरोना की लहरें हैं और ऐसे कई देश भी हैं। जिन्होंने स्कूल खोले हैं। हम यह देखने में सक्षम हैं कि क्या स्कूलों के खुलने से वायरस के संचरण पर प्रभाव पड़ा है और नए डेटा से पता चलता है कि ऐसा नहीं होता है। कई देशों में कोरोना की लहरें तब आई हैं जब स्कूल बंद थे, इससे जाहिर है कि कुछ कोरोना के मामलों में बढोतरी में स्कूलों की कोई भूमिका नहीं रही है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...