सीजी में नाइट कर्फ्यू, व्यापारी संगठनों की बैठक
दुष्यंत टीकम
रायपुर। राजधानी रायपुर में एक बार फिर कोरोना बेकाबू हो गया है। हर दिन रिकॉड मरीज मिल रहे हैं। जिसके बाद 4 प्रतिशत से अधिक जिलों में नाइट कर्फ्यू का आदेश जारी किया है। आज रायपुर जिला कलेक्टर ने चैंबर, कैट समेत सभी व्यापारी संगठनों की बैठक बुलाई।
जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण बैठक में आज बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। संभावना जताई जा रही है कि पहले की तरह ही दुकानों के खुलने और बंद होने के समय में बदलाव किया जा सकता हैं। कलेक्टर सौरभ कुमार ने दोपहर 12 बजे चैंबर, कैट समेत सभी व्यापारी संगठनों के साथ बैठक कर चर्चा करेंगे। बैठक के बाद प्रशासन कोरोना गाइडलाइन जारी करेगा।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने का फैसला लिया है। बता दें कि राजधानी में संक्रमण दर 4 फीसदी से ज्यादा है। बता दें कि मंगलवार देर रात जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार रायपुर में 343 नए मरीज मिले। रायपुर में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 847 हो गई है।
तीसरी लहर के लिए प्रोटोकॉल जारी, अनुरोध
दुष्यंत टीकम रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना की तीसरी लहर के लिए भारत सरकार से प्रोटोकॉल जारी करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए परीक्षा कराने और सेंटरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों पर किसी तरह की रोक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर से डरने की नहीं, सतर्क रहने की जरूरत है।राजनांदगांव में 24 घंटे के दौरान 14 डॉक्टरों सहित 42 नए संक्रमित मिले हैं। दो दिन में ही एक्टिव केस की संख्या 73 तक पहुंच गई है। एक दिन पहले ही पेंड्री मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से इंटर्नशिप कर रहे दो डॉक्टरों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसलिए इनके संपर्क में आए डॉक्टरों के सैंपल ली गई। मंगलवार को एंटीजन सैंपलिंग में जेआर और इंटर्नशिप वाले कुल 14 डॉक्टर संक्रमित पाए गए। कोरोना की तीसरी लहर ने छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बल के शिविरों में तगड़ी सेंध लगाई है। मंगलवार को नवा रायपुर में सीमा सुरक्षा बल 17वीं बटालियन के 6 जवानों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं बीजापुर के बोदली कैंप में रह रहे छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के 14 जवान भी कोरोना संक्रमण की वजह से बीमार हो गए हैं। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब दूसरे राज्यों से आने वालों के लिए निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी गई है।
सोमवार को कांकेर जिले के कन्हारगांव कैंप में रह रहे सशस्त्र सीमा बल के पांच जवानों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। वहीं सुकमा जिले के तिमेलवाड़ा कैंप में कोबरा 202 यूनिट के 38 जवान पॉजिटिव पाए गए थे। बताया जा रहा है, पॉजिटिव पाए गए अधिकतर जवान छुट्टी से वापस लौटे थे। संक्रमण की पुष्टि होने के बाद जवानों को उनके कैंप में ही आइसोलेट किया गया है। उनके संपर्क में आए जवानों की भी जांच की जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि रायपुर से लेकर बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में यह कोरोना विस्फोट सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। कोरोना के इलाज के प्रिस्क्रिप्शन में इस बार अमेरिकी दवा मोलुनुपीरावीर टैबलेट शामिल की जा रही है। इस टैबलेट को ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने आपात स्थिति को देखते हुए मंजूरी दे दी है। दिसंबर में लांच हुई इस दवा के 10 हजार से ज्यादा डोज प्रदेश के दवा कारोबारियों को सप्लाई हुए हैं। एक मरीज के लिए 40 टैबलेट की डोज तय है। कंपनियों के हिसाब से इस पूरे डोज का रेट दो से ढाई हजार रुपए होगा। भारत में एक साथ 15 कंपनियां प्रोडक्शन कर रही हैं, इसलिए स्टॉक कम नहीं होगा। अभी भी सामान्य लक्षण वाले मरीजों को पैरासिटामॉल और कफ सिरप से ही इलाज किया जाएगा। मंगलवार को छत्तीसगढ़ में 35 हजार 705 नमूनों की जांच हुई। इस बीच 1059 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सबसे ज्यादा 343 केस रायपुर जिले में ही सामने आए हैं। बिलासपुर में 159, रायगढ़ में 141, दुर्ग में 89 मरीज मिले हैं। कोरिया जिले में 60 लोग पॉजिटिव आए हैं। इनमें से दो स्कूलों के 55 बच्चे और 3 शिक्षक भी हैं।
मंगलवार को छत्तीसगढ़ में कोरोना के 3 मरीजों की मौत हो गई। इनमें से 2 मौतें तो बिलासपुर में ही हुई है। एक मौत रायगढ़ में हुई है। इसमें दो मौतों की एकमात्र वजह कोरोना संक्रमण ही था। मरने वालों में से केवल एक मरीज को कोरोना के अलावा दूसरी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी थीं। इन तीन मौतों को मिलाकर प्रदेश भर में अब तक 13 हजार 604 लोगों की जान इस महामारी की वजह से जा चुकी है।महामारी की इस लहर की चपेट में बड़ी संख्या में डॉक्टर भी हो रहे हैं। रायपुर मेडिकल कॉलेज के पीजी हॉस्टल से कई डॉक्टर इसकी चपेट में आए हैं। गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज के एक डॉक्टर भी मंगलवार को कोरोना पॉजिटिव पाए गए। राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज के 14 डॉक्टरों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। रायपुर एम्स में दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए आए कई मरीज पॉजिटिव भी मिले हैं।
कोरोना ने रायपुर के देवेंद्र नगर स्थित ऑफिसर्स कॉलोनी में भी दस्तक दी है। राज्य प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी पॉजिटिव आए हैं। अफसरों की कॉलोनी सूर्या अपार्टमेंट में भी कई लोग पॉजिटिव मिले हैं। राजकुमार कॉलेज परिसर में भी एक रहवासी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मंगलवार को मिले 1059 कोरोना मरीजों की वजह से प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 2977 हो गई है। एक दिन पहले ही प्रदेश में केवल 1942 सक्रिय मरीज थे। यह संख्या लगभग दुगुनी है। इस समय से अधिक 847 एक्टिव केस रायपुर में ही हैं। बिलासपुर में 519 और रायगढ़ में 494 मरीजों का इलाज चल रहा है। इस समय केवल कोण्डागांव और नारायणपुर जिले ही संक्रमण के प्रभाव से अछूते बच गए हैं। बेमतरा में भी मंगलवार को कोई नया मरीज नहीं मिला।
छत्तीसगढ़ में बदलेगा मौसम का मिजाज, ठंड बढ़ीं
दुष्यंत टीकम रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदलेगा। 9 से 13 जनवरी तक प्रदेश में बारिश के आसार बन रहे हैं। मौसम विभाग की माने तो आज मौसम साफ रहेगा। लेकिन गुरुवार से बादल छा सकते हैं। बारिश के बाद एक बार फिर ठंड बढ़ सकती है।
छत्तीसगढ़ में कोरोना ब्लास्ट - छग स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक प्रदेश में कल 1059 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों की पहचान की गई थी. और वहीं 21 मरीज़ स्वस्थ होने के उपरांत डिस्चार्ज/रिकवर्ड हुए। जिसमें सबसे ज्यादा मरीज रायपुर, रायगढ़, दुर्ग , कोरबा, जांजगीर-चाम्पा और बिलासपुर से है।
फिरोजपुर में होने वाली रैली रद्द, विरोध किया
अमित शर्मा फिरोजपुर। पीएम मोदी की बुधवार को पंजाब के फिरोजपुर में होने वाली रैली रद्द हो गई है। किसानों ने हाईवे का जाम कर विरोध किया। जिसके कारण प्रधानममंत्री की रैली रद हो गई। पीएम अब दिल्ली वापस लौट रहे हैं। वहीं, केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने इस पूरे मामले पर पंजाब सरकार से रिपोर्ट मांगी है। किसानों ने गुरदासपुर नेशनल हाईवे को जाम कर विरोध किया।
वहीं, मौजूद किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा। तब तक भाजपा की रैलियों का विरोध होता रहेगा। बता दें कि कृषि कानून रद्द होने के बाद पीएम मोदी का यह पंजाब का पहला दौरा था, जहां पीएम मोदी को राज्य को कुछ सौगात भी देनी थीं। लेकिन किसानों का गुस्सा शांत होता नजर नहीं आ रहा है।
पंजाब दौरे के दौरान पीएम की सुरक्षा में चूक: मंत्रालय
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में बड़ी चूक हुई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि आज सुबह पीएम मोदी बठिंडा पहुंचे, जहां से उन्हें हेलिकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था। लेकिन बारिश और खराब विजिबिलिटी के चलते पीएम ने करीब 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया। इसने बताया कि जब मौसम में सुधार नहीं हुआ, तो यह तय किया गया कि वह सड़क मार्ग से राष्ट्रीय शहीद स्मारक का दौरा करेंगे, जिसमें 2 घंटे से अधिक समय लगना था। एयरपोर्ट पर लौटने के बाद पीएम मोदी ने वहां (पंजाब) के अधिकारियों से कहा, "अपने सीएम को धन्यवाद कहना कि मैं भटिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा लौट पाया। यह जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने दी है।
गृह मंत्रालय ने कहा, डीजीपी पंजाब पुलिस द्वारा आवश्यक सुरक्षा प्रबंधों की आवश्यक पुष्टि की गई। इसके बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिए आगे बढ़े। हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से लगभग 30 किलोमीटर दूर, जब पीएम का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा, तो पाया गया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को ब्लॉक किया हुआ था। इसने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी को 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहना पड़ा। यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक थी। 2022 बयान के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और यात्रा की योजना के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही बता दिया गया था। प्रक्रिया के अनुसार उन्हें रसद, सुरक्षा के साथ-साथ आकस्मिक योजना तैयार रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी थी। इसने कहा कि साथ ही आकस्मिक योजना के मद्देनजर पंजाब सरकार को सड़क मार्ग से किसी भी मूवमेंट को सुरक्षित करने और बंद करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था करनी थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि किसी भी तरह की तैनाती नहीं की गई थी। पर वापस जाने का निर्णय लिया गया। गृह मंत्रालय ने सुरक्षा में इस गंभीर चूक का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार को भी इस चूक की जिम्मेदारी तय करने और सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है। गौरतलब है कि तेज बारिश की वजह से पीएम मोदी की फिरोजपुर रैली रद्द हो गई है।
पीएम मोदी के तय कार्यक्रम के मुताबिक वो यहां रैली स्थल से 42,750 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करने वाले थे। वहीं, फिरोजपुर रैली के दौरान केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंच से घोषणा की कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कुछ कारणों से रैली को संबोधित करने के लिए पंजाब के फिरोजपुर की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है।
चुनाव: हाइब्रिड प्रचार की तैयारी कर रहीं 'भाजपा'
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के बढ़ते संक्रमण के बीच पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा हाइब्रिड प्रचार की तैयारी कर रही है। इसके तहत वर्चुअल और परंपरागत दोनों तरह से प्रचार किए जाएंगे। चुनाव तिथियों की घोषणा के बाद पार्टी विधिवत रूप से अपना प्रचार कार्यक्रम तैयार करेगी। वर्चुअल रैलियों को पार्टी ‘मन की बात’ की तरह जगह-जगह लोगों को इकट्ठा कर अपने प्रमुख नेताओं के भाषणों के ऑडियो-वीडियो को चलाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री समेत भाजपा के बड़े नेताओं ने चुनाव तिथियों की घोषणा के पहले ही विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रमों के जरिये चुनाव वाले सभी पांचों राज्यों में व्यापक कार्यक्रम किए हैं। इनमें सभाएं एवं अन्य सम्मेलन शामिल रहे हैं। इससे पार्टी के प्रचार अभियान का एक दौर पूरा हो गया है। अब मुख्य चुनाव प्रचार अभियान की तैयारी शुरू हो गई है। पार्टी का यह अभियान भी मेगास्टार पर होगा, जिसमें उसके सभी बड़े नेताओं के साथ राज्यों के प्रमुख नेता भी उतरेंगे। भाजपा इसके पहले के चुनाव में भी पार्टी वर्चुअल माध्यम से रैलियां कर चुकी है।
हर विधानसभा क्षेत्र के हर गांव में ‘मन की बात’ की तरह कार्यक्रम किए जाएंगे। इसके अलावा मोबाइल पर भी लिंक के जरिये यह भाषण उपलब्ध रहेंगे। व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक और ट्विटर के जरिये भी इन भाषणों को लोगों तक पहुंचाया जाएगा। हालांकि, पार्टी की पारंपरिक रैलियों की भी पूरी तैयारी हो चुकी है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कोरोना संक्रमण की स्थिति क्या रहती है।
इस लिहाज से अगले दस दिन काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। इन दिनों में कोरोना वायरस की बढ़ती रफ्तार का अध्ययन किया जा रहा है। उसके खतरे को भी देखा जा रहा है। पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा है कि इस मामले में वह चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे। जैसे भी दिशा-निर्देश आएंगे उसी के अनुसार भावी कार्यक्रम तय किए जाएंगे।
श्रीलंका ने भारत के साथ तेल टैंक का समझौता किया
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। चीन के कर्जजाल से कंगाल श्रीलंका ने ड्रैगन को बड़ा झटका देते हुए भारत के साथ त्रिंकोमाली तेल टैंक का समझौता किया है। भारत और श्रीलंका संयुक्त रूप से त्रिकोमाली तेल टैंक परिसर का निर्माण करेंगे। रणनीतिक लिहाज से बेहद अहम इस समझौते के तहत त्रिंको पेट्रोलियम टर्मिनल लिमिटेड सीलोन पेट्रोलियम कार्पोरेशन और इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के साथ मिलकर 61 तेल टैंक विकसित करेंगे। भारत के तमिलनाडु राज्य से बेहद करीब बन रहे इन तेल टैंक का सबसे पहले सपना पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देखा था।
श्रीलंका की गोटाबाया राजपक्षे सरकार की कैबिनेट ने त्रिंकोमाली तेल टैंक प्रॉजेक्ट को भारत के साथ मिलकर बनाने को मंजूरी दे दी है। इस डील के बारे में सबसे पहले 29 अक्टूबर 1987 को हुए भारत-श्रीलंका समझौते में जिक्र किया गया था। इसमें कहा गया था कि इस टैंक को संयुक्त रूप से दोनों देश विकसित करेंगे लेकिन 35 साल बीत जाने के बाद भी यह समझौता लटका हुआ था। उस समय राजीव गांधी और श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति जे आर जयवर्द्धने के बीच पत्रों का आदान प्रदान भी हुआ था। श्रीलंका में चल रहे गृहयुद्ध की वजह से यह समझौता करीब 15 साल तक ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। इसके बाद 2002 में नार्वे की मध्यस्थता में गृहयुद्ध समाप्त हुआ। फिर ऐसी खबरें आईं कि अमेरिका श्रीलंका के त्रिंकोमाली बंदरगाह को नौसैनिक अड्डा बनाना चाहता है ताकि अफगानिस्तान में रसद को आसानी से पहुंचाई जा सके। इसके बाद भारतीय उच्चायुक्त ने त्रिंकोमाली का दौरा किया था। यह तेल टैंक द्वितीय विश्वयुद्ध के समय के पहले का है जहां 10 लाख टन तेल रखा जा सकता है।
इस तेल टैंक स्टोरेज के पास ही त्रिंकोमाली बंदरगाह है। त्रिंकोमाली चेन्नई का सबसे करीबी बंदरगाह है। चीन श्रीलंका के इस इलाके पर लंबे समय से नजरे गड़ाए हुए था। श्रीलंका ने यह समझौता ऐसे समय पर किया है जब श्रीलंका में वित्तीय और मानवीय संकट गहरा गया है। चीन के कर्जजाल की वजह से महंगाई रेकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई है, खाद्य पदार्थों की कीमत में बेतहाशा तेजी आई है और सरकारी खजाना तेजी से खाली हो रहा है। इससे आशंका जताई जा रही है कि श्रीलंका इस साल दिवालिया हो सकता है। श्रीलंका की यह हालत कैसे हुई? इसके कई कारण हैं। कोरोना संकट के कारण देश का टूरिज्म सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ। साथ ही सरकारी खर्च में बढ़ोतरी और टैक्स में कटौती ने हालात को और बदतर बना दिया। ऊपर से चीन के कर्ज को चुकाते-चुकाते श्रीलंका की कमर टूट गई। देश में विदेशी मुद्रा भंडार एक दशक के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। सरकार को घरेलू लोन और विदेशी बॉन्ड्स का भुगतान करने के लिए पैसा छापना पड़ रहा है।
उम्मीदवारों की मांग, परीक्षा स्थगित की जाए
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। जनवरी, 2022 से शुरू होने वाली है। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूपीएससी परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों ने सरकार से मांग की है कि परीक्षा को स्थगित कर दिया जाए। क्योंकि ऐसी स्थति में परीक्षा केंद्र जाना और परीक्षा देना दोनों ही संभव नहीं है। सोशल मीडिया पर लगातार मांग के बाद उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले में याचिका दायर की गई है और परीक्षा को स्थगित करने की मांग की गई है। इस मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट की सुनवाई 6 जनवरी यानी कल होगी।
कोरोना के कारण परीक्षा को लेकर उम्मीदवारों की मांग है कि सुरक्षा के नजरिए इस परीक्षा को स्थगित कर देना चाहिए। सोशल मीडिया पर स्टूडेंट्स लगातार मांग कर रहे हैं। उम्मीदवार अपनी-अपनी परेशानी बता रहे हैं। परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों का कहना है कि एग्जाम के लिए दूसरे शहरों में परीक्षा केंद्रों की यात्रा करनी पड़ती है। ऐसे में किसी परिवहन सुविधा न मिलने के कारण परीक्षा में कई तरह की दिक्कत आ सकती है। UPSC सिविल सेवा मेन्स 2021 स्थगित है या नहीं, यह कल सुनवाई के बाद ही पता चलेगा।
7 जनवरी से परीक्षा शुरू।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यूपीएससी मेन्स 2022 परीक्षा के अधिकांश केंद्र मेट्रो शहरों में स्थित हैं जो घनी आबादी वाले हैं। इससे उनके संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है और कई उम्मीदवारों के लिए यह परीक्षा आखिरी प्रयास भी होता है। इसलिए, वे ओमिक्रोन के कारण इसे खोना नहीं चाहते हैं और इसे स्थगित करने की मांग कर रहे हैं। यूपीएससी सीएसई मेन 7, 8, 9, 15 और 16 जनवरी को आयोजित किया जाएगा। यूपीएससी मेन्स में कुल नौ पेपर होंगे, जिनमें से दो क्वालिफाइंग (ए और बी) के लिए हैं और सात अन्य योग्यता के लिए हैं।
संघ लोक सेवा आयोग, ने सिविल सेवा मेन्स परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिया था। हालांकि आयोग की तरफ से किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन उम्मीदवार लगातार ये मांग कर रहे हैं।