भाजपा को केवल कांग्रेस ही हरा सकेगी: चिदंबरम
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने रविवार को कहा कि गोवा में तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गैर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) वोटों में सेंध लगा रही हैं और भाजपा को केवल कांग्रेस ही हरा सकती है। गोवा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ चुनाव पर्यवेक्षक चिदंबरम ने यह भी कहा कि पार्टी और मतदाताओं के प्रति निष्ठा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन की पहली कसौटी है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि निर्वाचित होने के पश्चात ऐसे उम्मीदवार पार्टी और मतदाताओं दोनों के प्रति निष्ठावान रहेंगे।
चिदंबरम का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब गोवा प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष एलेक्सो रेजिनाल्डो लौरेंको ने राज्य विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। चालीस सदस्यीय विधानसभा में पार्टी की संख्या दो पर सिमट गई है। लौरेंको तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।इस माह की शुरुआत में पूर्व मुख्यमंत्रियों लुइजिन्हो फलेरियो और रवि नाइक ने भी कांग्रेस की सदस्यता छोड़ दी। चिदंबरम ने कहा कि केवल कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है जिसकी गोवा में सभी 40 विधानसभा क्षेत्रों में गहरी जड़ें हैं और जनता जानती है कि केवल कांग्रेस ही वह पार्टी है जिसमें भाजपा के ”धनबल और राज्य सत्ता के दुरुपयोग”के बावजूद पार्टी को हराने का दम है।
एमपी: राज्यपाल के समक्ष प्रस्ताव, टाले चुनाव
मनोज सिंह ठाकुर भोपाल। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव अब फिलहाल नहीं होंगे। राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव कराने के संबंध में पिछले दिनों पेश किया गया अध्यादेश आज वापस लेने का निर्णय लेकर इस संबंध में प्रस्ताव राज्यपाल के समक्ष भेज दिया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने आज यहां मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा में यह जानकारी दी। इस अवसर पर पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया भी मौजूद थे। डॉ. मिश्रा ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने वह अध्यादेश आज वापस लेने का निर्णय लिया है, जिसके आधार पर राज्य में पंचायत चुनाव कराने की प्रक्रिया प्रारंभ हुयी थी। यह प्रस्ताव अब विधिवत तरीके से राज्यपाल के पास भेजा जा रहा है।
इसके बाद की कार्रवाई राजभवन और उसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग को करना है। इस बीच आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अब पंचायत चुनाव टलना तय है। मंत्रिपरिषद से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर राज्यपाल अपनी मुहर लगा देंगे और इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग के पास भी अध्यादेश वापस होने के बाद पंचायत चुनाव टालने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। दरअसल पिछले दिनों राज्य सरकार पंचायत चुनाव कराने के संबंध में एक अध्यादेश लायी थी।
इसमें परिसीमन और आरक्षण संबंधी प्रस्ताव के बारे में भी प्रावधान थे। इसी के आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य की हजारों पंचायतों में चुनाव कराने का निर्णय लिया था। दिसंबर माह में इसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी थी, लेकिन कांग्रेस से जुड़े व्यक्ति इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय पहुंच गए और उच्चतम न्यायालय ने पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण भी समाप्त कर दिया। इसके बाद से सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं के बीच लगातार आरोप प्रत्यारोप और बयानबाजी चल रही थी। इस बीच राज्य सरकार ने साफ कर दिया था कि वह चाहती है कि ओबीसी को आरक्षण के बगैर पंचायत चुनाव नहीं होना चाहिए। इसके बाद आज सरकार ने मंत्रिपरिषद में पंचायत चुनाव कराने संबंधी अध्यादेश वापस ले लिया।
पीएम ने 'मन की बात' कार्यक्रम को संबोधित किया
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी रविवार को मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कोरोना महामारी से लेकर छात्रों की चुनौतियों तक के बारे में बात की। इस दौरान उन्होंने तमिलनाडु हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए वायु सेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को भी याद किया। पीएम मोदी ने कहा कि वरुण जब अस्पताल में थे, उस समय मैंने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा देखा, जो मेरे हृदय को छू गया। इस साल अगस्त में ही उन्हें शौर्य चक्र दिया गया था। इस सम्मान के बाद उन्होंने अपने स्कूल के प्रिंसिपल को एक चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने कहा कि इस चिट्ठी को पढ़कर मेरे मन में पहला विचार यही आया कि सफलता के शीर्ष पर पहुंच कर भी वे जड़ों को सींचना नहीं भूले। दूसरा कि जब उनके पास जश्न मनाने का समय था, तो उन्होंने आने वाली पीढ़ियों की चिंता की। औसत दर्जे का होना भी ठीक होता है, लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं है कि जीवन में आने वाली चीजें भी ऐसी ही होंगी।
यह प्रेरणादायक सीख भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने दी थी, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे।हेलिकॉप्टर हादसे में घायल भारतीय वायुसेना के इस जाबांज ऑफिसर की सांसें भी 15 दिसंबर को आखिरकार थम गईं। वह करीब एक सप्ताह से जिंदगी की जंग लड़ रहे थे। लेकिन, जाते-जाते भी वह ऐसी सीख दे गए, जो किसी भी औसत दर्जे (साधारण) के छात्र को असाधारण बना सकती है। दरअसल, वरुण सिंह ने शौर्य चक्र से सम्मानित होने के कुछ सप्ताह बाद 18 सितंबर को अपने स्कूल चंडीमंदिर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए प्रेरणा देने वाली कई बातें लिखी थीं। इस पत्र में छात्रों के नाम संदेश में वरुण सिंह ने कहा था कि औसत दर्जे का होने में कोई भी बुराई नहीं है। सभी छात्र 90 प्रतिशत अंक नहीं ला सकते। हां, यह जरूर है कि जो ऐसा कर पाते हैं, उनकी सराहना होनी चाहिए।
किसान 'आंदोलन' शुरू किए जाने का संकेत दिया
संदीप मिश्र दोसा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से वापस लिए जा चुके नए कृषि कानूनों को लेकर महाराष्ट्र के नागपुर में दिए गए चौकाने वाले बयान के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन फिर से शुरू किए जाने का संकेत दे दिया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से केवल तीन कृषि कानून ही रद्द किए गए हैं। जबकि किसानों की अन्य बाकी बची मांगे अभी पूरी होनी है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से शनिवार को महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित किए गए कार्यक्रम में चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा गया था कि नये कृषि कानून 70 साल की आजादी के बाद लाया गया सबसे बड़ा रिफॉर्म था। लेकिन कुछ लोगों के विरोध के बाद उसे वापस लेना पड़ा है। उन्होंने आगे कहा कि हम एक कदम पीछे जरूर हटे हैं, लेकिन दोबारा आगे बढ़ेंगे। सरकार आगे के बारे में सोच रही है। हम निराश नहीं हैं। किसान भारत की रीढ़ है। उधर केंद्रीय कृषि मंत्री के इस बयान के बाद शनिवार की शाम को ही भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने चेतावनी दे डाली कि किसान आंदोलन फिर से शुरू हो सकता है। आगरा से जयपुर जाते समय दोसा में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से अभी केवल तीन कृषि कानून ही रद्द किए गए हैं।
किसान संगठनों की अन्य मांगे अभी सरकार की ओर से नहीं मानी गई है। एमएसपी पर कानून के लिए कमेटी बनाने पर सरकार की चाल बहुत धीमी है। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर भी तंज कसते हुए राकेश टिकैत ने कहा है कि ओवेसी भाजपा से भी ज्यादा खतरनाक है। लोगों को उनसे सावधान रहना चाहिए। राकेश टिकैत ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर दावा किया है कि उत्तर प्रदेश का किसान उसी पार्टी को वोट देगा जो उसे फायदा पहुंचाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि किसान यूनियन की ओर से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। आचार संहिता लगने के बाद ही समर्थन को लेकर फैसला किया जाएगा।
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में लाखों लड़कियां 'लड़की हूं लड़ सकती हूं ' नारे से जुड़ रही हैं और अब वे अन्याय सहन नहीं करेंगी तथा अपने हक के लिए लड़ेंगी। उन्होंने रविवार को कहा कि झांसी में इस अभियान के तहत आयोजित मैराथन में 10,000 से अधिक लड़कियां शामिल हुई हैं। जिससे साबित होता है कि प्रदेश की लड़कियां इस नारे से जुड़ रही हैं और खुद को समर्थ महसूस कर रही हैं। श्रीमती वाड्रा ने ट्वीट किया 'बिना सरकारी बसें लगाए, बिना सरकारी तंत्र लगाए, आज झांसी में 10,000 से अधिक लड़कियां 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' मैराथन में दौड़ने उतरीं। आज प्रदेश की हर एक लड़की इस नारे के साथ जुड़ाव महसूस कर रही है।'पंपं
उन्होंने लखनऊ में इस तरह का आयोजन नहीं होने देने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की और कहा 'योगी आदित्यनाथ जी लड़कियों की उड़ान और आवाज के इतने ज्यादा विरोधी हैं कि उन्होंने लखनऊ में मैराथन की परमिशन कैंसल कर दी। लेकिन लड़कियां सहेंगी नहीं। लड़कियां लड़ेंगी।'
कृषि कानूनों को वापस लाने की कोई योजना नहीं
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को कहा कि सरकार की हाल में निरस्त किए गए कृषि कानूनों को वापस लाने की कोई योजना नहीं है और उन्होंने किसानों से इस मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा पैदा किए जा रहे ‘भ्रम’ से सावधान रहने का आग्रह किया। तोमर ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने का फैसला किया था।
उन्होंने कहा कि सरकार की (निरस्त) कृषि कानूनों को फिर से लाने की कोई योजना नहीं है..कांग्रेस अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए भ्रम फैलाने के नकारात्मक काम में लगी हुई है।” उन्होंने किसानों से इससे सावधान रहने को कहा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 19 नवंबर को राष्ट्र को दिए संबोधन में राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर किसानों के एक साल लंबे चले आंदोलन को खत्म करने की कवायद में तीन विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी।
विधानसभा चुनाव, भाजपा ने समीक्षा बैठक की