कविता गर्ग मुंबई। परिवहन मंत्री अनिल परब और महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अजय गुजर के संयुक्त बयान के बाद 54 दिन से जारी हड़ताल को कर्मचारियों ने कल रात वापस ले लिया, लेकिन हड़ताली कर्मचारी और उनके वकील गुणरत्ना सदावर्ते विलय के मुद्दे पर अड़े हुए हैं। हड़ताली कर्मचारियों ने तय किया है कि जब तक सरकार एमएसआरटीसी का विलय करने की मांग नहीं मानती तब हड़ताल जारी रहेगी। गुजर ने इस आधार पर हड़ताल वापस लेने की बात कही कि विलय का मामला अदालत में है। उन्होंने हड़ताली कर्मचारियों से हड़ताल समाप्त कर काम पर वापस लौटने की अपील की।
यह घोषणा परिवहन मंत्री परब और महाराष्ट्र राज्य जूनियर वेतनमान एमएसआरटीसी वर्कर्स यूनियन के प्रतिनिधियों के बीच कल रात लंबी बातचीत के बाद हुई। चर्चा के दौरान संघ के प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से विलय के मुद्दे को छोड़कर, कर्मचारियों के अन्य मुद्दों पर तत्काल बैठक बुलाने का आग्रह किया। परब ने आश्वासन दिया कि संघ द्वारा की गई अन्य मांगों पर सकारात्मक चर्चा के माध्यम से अदालत में लंबित विलय के मुद्दे को हल किया जाएगा और निलंबन, बर्खास्तगी, सेवा समाप्ति और श्रमिकों के स्थानांतरण जैसे सभी आदेशों को वापस ले लिया जाएगा।
मतदाताओं को मतदान के लिए जागरुक किया: आयोग
संदीप मिश्र लखनऊ। अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है। जिसकी तैयारियां जोरों पर हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि 5 जनवरी के बाद चुनाव की तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है। इस बीच चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव में किसी भी तरफ की अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए एक खास प्लान तैयार किया है। जी हां..चुनाव आयोग के मुताबिक, चुनावी अफवाहों की डीआईपीआर और पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट के माध्यम से तत्काल तथ्यों की जांच कर अफवाहों का खंडन किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. ब्रह्म देव राम तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये निर्णय लिया गया है। विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 के मद्देनजर मतदाता जागरूकता बैठक में मतदाताओं को मतदान के लिए जागरुक करने पर भी विचार-विमर्श हुआ। साथ ही, यह तय हुआ कि मतदाता को जागरूकता के व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के विभिन्न विभागों के अधिकारियों का सहयोग लिया जाएगा। बैठक में विधानसभा चुनाव में मतदाता जागरूकता और केंद्रीय चुनाव आयोग के तत्संबंधी विभिन्न ऐप जैसे वोटर हेल्पलाइन, सी-विजिल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तथा अन्य कार्यक्रमों की रूपरेखा व व्यापक प्रचार प्रसार की चर्चा की गई।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कार्यक्रम को संबोधित किया
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक मंच पर भारत का कद काफी बढ़ गया है और विश्व को इस देश से अधिक उम्मीदें हैं। जयशंकर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में काफी परिवर्तन हुआ है। उन्होंने कहा कि हम खुद को एक अलग रणनीतिक माहौल में पाते हैं। वैश्विक मंच पर हमारा कद काफी बढ़ गया है। दुनिया हमसे वैश्वीकरण के युग में अधिक योगदान की अपेक्षा करती है। सुशासन सप्ताह’ के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री ने कहा कि अपने राष्ट्रीय विकास के लिए हम भी दुनिया से बहुत कुछ पा सकते हैं। इन सबका सीधा संबंध सुशासन से है।” उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी ने देश के सामने एक अभूतपूर्व चुनौती पेश की, जिसने उसे कई मुद्दों से अधिक तत्परता से निपटने के लिए मजबूर किया।
उन्होंने कहा कि उनमें से एक चुनौती ऐसे समय में आपूर्ति श्रृंखलाओं को जारी रखने की थी, जब कई सीमाएं बंद थीं। जयशंकर ने दवाओं तथा चिकित्सा उपकरणों की खरीद में कई देशों में भारतीय मिशनों द्वारा निभाई गई ‘सक्रिय भूमिका’ का जिक्र किया, साथ ही सरकार के विदेशों में भारतीय नागरिकों और प्रवासी समुदाय को वैश्चिक महामारी के मद्देनजर सहायता प्रदान करने के कदम को भी रेखांकित किया। विदेश मंत्रालय ने फंसे हुए भारतीय नागरिकों को सुरक्षित घर वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जयशंकर ने ‘वंदे भारत’, ‘देवी शक्ति’ जैसे अभियानों तथा कठिनाइयों का सामना कर रहे भारतीय नागरिकों को प्रदान की गई सहायता का जिक्र करते हुए कहा, ” हम जीवन को आसान बनाने के लिए काम करने वाली एक मानवतावादी सरकार हैं।
‘वंदे भारत’ मिशन के तहत, भारत ने वैश्विक महामारी के कारण दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फंसे लाखों भारतीय नागरिकों को देश वापस लाने की व्यवस्था की। वहीं, 15 अगस्त को अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से वहां से भारतीय नागरिकों और अन्य लोगों को निकालने के लिए ‘देवी शक्ति’ अभियान शुरू किया गया था।जयशंकर ने कहा कि जहां तक विदेशों में हमारे नागरिकों और प्रवासियों से संबंध की बात है, हमने हमारी सरकार के इस नजरिए को स्पष्ट कर दिया है कि हमारी जब भी जरूरत होगी, हम उनके साथ हैं। जयशंकर ने पासपोर्ट जारी करने से संबंधित सेवाओं में महत्वपूर्ण सुधार के बारे में भी बात की। जयशंकर ने कहा कि पासपोर्ट सेवाओं के लिए डाकघरों का उपयोग ‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन’ का एक वास्तविक उदाहरण है।
‘राष्ट्र विरोधी’ शब्द को परिभाषित नहीं किया:सरकार
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि कानूनों के अंतर्गत ‘राष्ट्र विरोधी’ शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है। लेकिन आपातकाल के दौरान सबसे पहले 1976 में संविधान में इसे शामिल किया गया और फिर एक साल बाद हटा भी दिया गया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एआईएमआईएम के नेता और हैदराबाद से लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
ओवैसी ने सवाल किया था कि क्या उच्चतम न्यायालय ने ‘राष्ट्र विरोधी’ गतिविधियों से संबंधित अपराधों से निपटने के लिए कोई दिशानिर्देश तय किए हैं? राय ने कहा कि कानूनों के अंतर्गत ‘राष्ट्र विरोधी’ शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि संविधान (42वां संशोधन) अधनियम, 1976 के तहत इसका उल्लेख किया गया था और आपातकाल के दौरान अनुच्छेद 31 डी के तहत ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधि’ को परिभाषित किया गया। इसके बाद संविधान (43वां संशोधन) अधिनियम, 1977 के तहत अनुच्छेद 31डी को हटा दिया गया।
प्रवर्तन निदेशालय को ‘भाजपा के प्रकोष्ठ’ करार दिया
संदीप मिश्र मैनपुरी। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में पार्टी की सरकार बनने पर तीन महीने के अंदर जाति आधारित जनगणना कराकर आबादी के हिसाब से सभी को हक और सम्मान दिया जाएगा। अखिलेश ने सीबीआई, आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय को ‘भाजपा के प्रकोष्ठ’ करार दिया और यह भी दावा किया कि सपा को मिल रहे जनसमर्थन से घबराई भाजपा ने उसके मुकाबले अपने छह रथ मैदान में उतार दिए हैं। लेकिन वे सपा के रथ को टक्कर नहीं दे पा रहे हैं। सपा अध्यक्ष ने यहां ‘समाजवादी विजय रथ यात्रा’ के दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “हम और आप पर आरोप लगता है कि हम किसी का हक छीन रहे हैं। लेकिन जातीय जनगणना से सब कुछ साफ हो जाएगा। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर तीन महीने के अंदर जातीय जनगणना की जाएगी और आबादी के हिसाब से सभी को हक और सम्मान दिया जाएगा। जनता जानती है कि हमने जो भी वादे किए उन्हें पूरा किया है।”
अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से गठबंधन का जिक्र करते हुए कहा, “जैसे ही हमने उनकी पार्टी को साथ लिया, तो दिल्ली से भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ, सीबीआई प्रकोष्ठ और ईडी प्रकोष्ठ सक्रिय हो गए। अब जैसे-जैसे चुनाव करीब आएगा और भाजपा को हार का डर सताएगा तब यह दिल्ली वाले उत्तर प्रदेश में और भी ज्यादा आएंगे। अखिलेश का इशारा पिछले दिनों अपने कुछ करीबी सहयोगियों के यहां आयकर विभाग के छापों की तरफ था।उन्होंने भाजपा द्वारा उत्तर प्रदेश के छह स्थानों से जन विश्वास यात्रा शुरू किए जाने पर तंज करते हुए कहा, “जनता ने जब से सपा की रथ यात्रा को जोरदार समर्थन देना शुरू किया है तब से भाजपा को घबराहट होने लगी है। उसी का नतीजा है कि सपा के एक रथ के मुकाबले भाजपा के छह रथ निकल रहे हैं। मगर हमारा एक रथ उन सभी पर भारी है।”
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर सरकारी धन खर्च करके रैलियां आयोजित कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की रैली जनता की नहीं होती बल्कि सरकारी रैली होती है और उस पर सरकारी धन खर्च किया जाता है। यहां सपा की जो रैली हो रही है। उसमें विशाल संख्या में आए लोग अपने संसाधनों से पहुंचे हैं। अखिलेश ने नौजवानों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनका भविष्य सिर्फ सपा की सरकार में ही सुरक्षित है। उन्होंने कहा, “हम भरोसा दिलाते हैं। चाहे वह हमारे शिक्षामित्र हों, बीएड वाले या बीपीएड वाले हों, सपा की सरकार बनने पर हम सभी की मदद करेंगे। जब समाजवादी पार्टी सत्ता में थी तो हमने शिक्षामित्रों को सम्मान दिया था। अगर कोई आपकी समस्या का समाधान कर सकता है तो वह समाजवादी पार्टी की सरकार ही है।”
सपा अध्यक्ष ने भाजपा सरकार पर पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर अपनी कुछ खास कंपनियों को मुनाफा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल गरीबों की जेब काटकर अमीरों की तिजोरी भरने में मशगूल है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा “योगी सिर्फ नाम बदलने, रंग बदलने, शिलान्यास का शिलान्यास और उद्घाटन का उद्घाटन करने में ही उपयोगी हैं। मुख्यमंत्री लाल रंग से घबरा रहे हैं। लाल रंग क्रांति का और भावनाओं का रंग है, एक रंगी लोग इन भावनाओं को नहीं जानते। वह यह भी नहीं जानते कि हमारे आपके खून का रंग भी एक ही है।”
अखिलेश ने कहा कि संगीन मुकदमों में आरोपी योगी आदित्यनाथ देश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री होंगे जिन्होंने अपने ऊपर दर्ज मुकदमे खुद ही वापस ले लिए। समाजवादी पार्टी के गढ़ मैनपुरी में आयोजित इस रैली के मुख्य बैनर में अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव की तस्वीर भी नजर आई। रैली के दौरान समाजवादी पार्टी के साथ-साथ शिवपाल की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।