पत्रकार की याचिका पर विचार से इनकार: एससी
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने एक वकील के खिलाफ अपने साप्ताहिक कन्नड़ समाचार-पत्र में मानहानिकारक समाचार लेख लिखने के लिए दोषी ठहराए जाने और एक महीने जेल की सजा को चुनौती देने संबंधी एक पत्रकार की याचिका पर शुक्रवार को विचार करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह ‘‘पूरी तरह से पीत पत्रकारिता’’ है। प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने डी. एस. विश्वनाथ शेट्टी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा का उल्लेख किया और कहा कि वह और अधिक सजा के हकदार हैं।
सजा के खिलाफ अपील खारिज करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘देखिए आपने किस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है और आप खुद को पत्रकार होने का दावा करते हैं! यह पूरी तरह से पीत पत्रकारिता है। हमें अधिवक्ताओं की भी रक्षा करनी है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘उन्होंने (उच्च न्यायालय और निचली अदालत) केवल एक महीने की सजा देकर काफी उदारता दिखाई थी। वह इससे ज्यादा के हकदार हैं।’’ टी. एन. रत्नराज ने शेट्टी के खिलाफ एक निजी मानहानि शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि पत्रकार, जो कन्नड़ साप्ताहिक समाचार पत्र ‘तुंगा वर्थे’ के संपादक हैं, ने उनके खिलाफ कई निराधार समाचार लेख प्रकाशित किए थे। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 2015 में, मानहानि के अपराध के लिए निचली अदालत द्वारा दी गई शेट्टी की सजा बरकरार रखी थी। अदालत ने शेट्टी को 50,000 रुपये के जुर्माने के अलावा एक महीने जेल की सजा सुनाई थी।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा और चुनाव आयुक्तों- राजीव कुमार तथा अनूप चंद्र पांडे ने प्रमुख चुनाव सुधारों को लेकर निर्वाचन आयोग एवं कानून मंत्रालय के बीच परस्पर समझ बनाने के लिए हाल में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के साथ एक ‘‘अनौपचारिक संवाद’’ किया था। आयोग के सूत्रों ने शुक्रवार को जोर देते हुए कहा कि ऐसा करने में औचित्य का कोई सवाल नहीं उठता है।
उन्होंने बताया कि आयोग चुनाव कानूनों में सुधारों और संबद्ध मुद्दों पर जोर देता रहा है तथा नवंबर में डिजिटल माध्यम से हुई बातचीत कानून मंत्रालय एवं निर्वाचन आयोग के बीच विभिन्न बिंदुओं पर परस्पर समझ बनाने के लिए की गई।
भुवनेश्वर। भारत ने शनिवार को ओडिशा के बालासोर तट पर ‘अग्नि प्राइम’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह अग्नि सीरीज की मिसाइलों का एडवांस्ड वर्जन है, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। सतह से सतह पर मार करने वाली इस बैलिस्टिक मिसाइल की मारक क्षमता 1000 से 2000 किलोमीटर की है।
इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि टेस्ट के दौरान अग्नि प्राइम मिसाइल में कई नए फीचर्स जोड़े गए। यह उच्च स्तर की सटीकता के साथ मिशन के सभी लक्ष्यों को पूरा किया। अग्नि प्राइम अल्ट्रा मॉर्डन टेक्निक से लैस होने की वजह से बहुत कम वजन वाली मिसाइल है।
हाल ही में डीआरडीओ ने ओडिशा में बालासोर के तट पर सोमवार को लॉन्ग रेंज सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टॉरपीडो को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। इससे नौसेना को पारंपरिक टॉरपीडो की तुलना में, एंटी-सब मरीन वारफेयर क्षमता बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। यह एक ऐसा सिस्टम है, जिसमें टॉरपीडो के साथ सुपरसोनिक मिसाइल की क्षमता भी जोड़ दी गई है। इस वजह से ना सिर्फ इसकी रेंज बल्कि स्पीड और मारक-क्षमता भी बढ़ गई है। सफल परीक्षण के बाद जल्द ही इसे नौसेना के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
विभिन्न विकास कार्यों हेतु वित्तीय स्वीकृति प्रदान की
पंकज कपूर देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री घोषणा के अधीन विधानसभा क्षेत्र खटीमा के अंतर्गत विभिन्न 04 निर्माण कार्यों हेतु 24 करोड़ 62 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र कालाढूंगी के अंतर्गत विभिन्न 4 निर्माण कार्यों हेतु 7 करोड़ 53 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र द्वाराहाट में मोटर मार्ग का निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 85 लाख रूपये, रसूलपुर, मंगोलपुरा, आर्यनगर तथा लालढांग के मध्य रवासन नदी पर 225 मी. स्पान झूला पुल के निर्माण हेतु 31.50 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र प्रतापनगर के अंतर्गत विभिन्न 2 निर्माण कार्य हेतु 91.65 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र प्रतापनगर में मदन नेगी मोटाना मोटर मार्ग का सुरक्षात्मक कार्य हेतु 83.51 लाख रूपये की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न विकास कार्यों हेतु वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र बागेश्वर के अंतर्गत चनबौड़ी मोटर मार्ग में सुधारीकरण एवं डामरीकरण हेतु 1 करोड़ 8 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र बागेश्वर के विकासखण्ड गरूड़ के अंतर्गत डंगोली-पाखु-सतसिलिंग के डामरीकरण कार्य हेतु 2 करोड़ 13 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र-हरिद्वार ग्रामीण के अंतर्गत विभिन्न 13 निर्माण कार्यों हेतु 5 करोड़ 87 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र पौड़ी के अंतर्गत तिमली से खरकोटा होते हुए कालिंका मंदिर सुनार ढांढरी तक मोटर मार्ग का नवनिर्माण कार्य हेतु 47.77 लाख रूपये की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।
संयुक्त संघर्ष पार्टी की लांचिंग का ऐलान, कानून
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी दिल्ली के बॉर्डेरो पर चलाए गए किसान आंदोलन के भीतर से एक नई राजनीतिक पार्टी निकलकर सामने आई है। किसान आंदोलन में अपनी भूमिका निभाने वाले गुरनाम सिंह चढूनी ने चंडीगढ़ में संयुक्त संघर्ष पार्टी की लांचिंग का ऐलान किया है। शनिवार को राजधानी दिल्ली के सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर नये कृषि कानूनों के विरोध में चलाए जा गये आंदोलन में मिली जीत के बाद अब किसानों की नई पार्टी इस आंदोलन से निकलकर सामने आई है। चंडीगढ़ में आयोजित की गई प्रेसवार्ता में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने पंजाब में संयुक्त संघर्ष पार्टी के गठन का ऐलान किया है। तकरीबन 1 साल तक राजधानी दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन चलाकर जीत हासिल करने वाले किसान इस बार पंजाब विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाते हुए नजर आ सकते हैं। किसान आंदोलन के दौरान मंच से सरकार को चुनौती देने वाले किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी आज अपनी राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर रहे हैं ।विधानसभा के लिए अगले साल पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत पांच राज्यों के भीतर चुनाव होने हैं। जिसके चलते सभी राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव में उतरने के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी गई है। पंजाब में कांग्रेस से इस्तीफा देकर बाहर आये पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी राजनैतिक पार्टी के गठन के साथ भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लडने का ऐलान कर चुके है। उधर नए कृषि कानूनों के विरोध में तकरीबन 1 साल तक राजधानी दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन चलाते हुए जीत हासिल करने वाले किसान नेताओं में शामिल गुरनाम सिंह चढूनी ने भी अब पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरने का इरादा बनाया है। जिसके चलते शनिवार को गुरनाम सिंह चढूनी द्वारा अपने नए राजनीतिक दल के गठन का ऐलान किया जाएगा। बताया जा रहा है कि पंजाब चुनाव में किसान आंदोलन से जुड़े कुछ चेहरे भी नजर आ सकते हैं। गुरनाम सिंह चढूनी ने चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही है। किसान आंदोलन के समय गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों की मांगों को उठाते हुए आंदोलन को और अधिक मजबूत किया था। पिछले कई महीनों से गुरनाम सिंह चढूनी मिशन पंजाब के तहत पंजाब के खेती किसानी के अलावा दूसरे मुद्दों को भी लेकर मुखर हो रहे हैं। गुरनाम सिंह चढूनी का मानना है कि राजनीति में बदलाव करने के लिए सिर्फ आंदोलन करने से काम नहीं चलेगा। गुरनाम सिंह चढूनी अपने इसी एजेंडे के तहत पंजाब विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाते हुए नजर आएंगे।
सीएम योगी ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया
संदीप मिश्र लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को शाहजहांपुर में 36 हजार 230 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले प्रदेश के सबसे लंबे ‘गंगा एक्सप्रेस वे’ की आधारशिला रख रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है।
'तुष्टीकरण के राजनीतिक छल' को ध्वस्त किया
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि महिलाओं की स्वतंत्रता, सम्मान, सशक्तिकरण एवं संवैधानिक समानता पर ‘तालिबानी सोच और सनक’ हिंदुस्तान में नहीं चलेगी। उन्होंने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा आयोजित “अल्पसंख्यक दिवस” कार्यक्रम में यह टिप्पणी उस वक्त की है। जब हाल ही में लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 21 साल करने के सरकार के फैसले का समाजवादी के सांसदों शफुर्करहमान बर्क एवं एसटी हसन तथा कुछ अन्य लोगों ने विरोध किया है।
नकवी ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि कभी तीन तलाक की कुप्रथा को रोकने के लिए कानून बनाने का विरोध, कभी मुस्लिम महिलाओं को ‘मेहरम’ (नजदीकी पुरुष रिश्तेदार) के साथ ही हज यात्रा की बाध्यता खत्म करने पर सवाल और अब लड़कियों की शादी की उम्र के मामले में संवैधानिक समानता पर बवाल करने वाले लोग संविधान की मूल भावना के ‘पेशेवर विरोधी’ हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा, ”महिलाओं की स्वतंत्रता, सम्मान, सशक्तिकरण एवं संवैधानिक समानता पर तालिबानी सोच और सनक हिंदुस्तान में नहीं चलेगी।” उनके मुताबिक, “अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के राजनीतिक छल” को “समावेशी सशक्तिकरण के राष्ट्रवादी बल” से मोदी सरकार ने ध्वस्त किया है। भारतीय अल्पसंख्यकों की “सुरक्षा, समावेशी समृद्धि एवं सम्मान”, “संवैधानिक संकल्प” और भारतीय समाज की “सकारात्मक सोच” का नतीजा है। भारत के बहुसंख्यक समाज की सोच, अपने देश के अल्पसंख्यकों की “सुरक्षा और सम्मान के संस्कार एवं संकल्प” से भरपूर है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”मोदी सरकार ने 2014 के बाद 6 अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों- पारसी, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई और मुस्लिम- के 5 करोड़ से अधिक छात्रों को छात्रवृत्तियां प्रदान की।
लाभार्थियों में 50 प्रतिशत से अधिक लड़कियां शामिल हैं। इसके परिणामस्वरूप, मुस्लिम लड़कियों का स्कूल ड्रॉप आउट रेट जो पहले 70 प्रतिशत था अब घट कर लगभग 30 प्रतिशत से कम रह गया है आने वाले दिनों में जीरो प्रतिशत करना हमारा लक्ष्य है।” ‘अल्पसंख्यक दिवस’ कार्यक्रम में अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री जॉन बारला, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, उपाध्यक्ष आतिफ रशीद और कई अन्य लोग मौजूद।
संदीप मिश्र शाहजहांपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गंगा एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी। यह एक्सप्रेस वे 594 किलोमीटर लंबा और छह लेन का होगा जिसे 36,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित किया जाएगा। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मेरठ के बिजौली गांव के पास से शुरू होकर एक्सप्रेस-वे प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव तक जाएगा। मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा। पूरी तरह से निर्मित होने के बाद, यह राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ने वाला उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बन जाएगा।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) ने मैदान को चार दिन पहले ही अपनी निगरानी में ले लिया था। रैली स्थल पर पीएसी, अर्धसैनिक बल और खुफिया एजेंसी सक्रिय हैं। इसके अलावा सैकड़ों सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात किया गया है। वहीं इस रैली में करीब एक लाख लोगों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। प्रधानमंत्री की रैली को देखते हुए आज सुबह से ही कार्यकर्ताओं और लोगों का पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। स्थानीय कार्यकर्ताओं को लोगों को लाने की जिम्मेदारी दी गई है। जिसके लिए रोडवेज की बसों को भी लगाया गया है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर लोगों में काफी जोश देखने को मिल रहा है। युवाओं से लेकर बुजुर्ग भी वहां पहुंच रहे हैं।
जांच को पूरा होने में ‘कुछ और सप्ताह' लगेंगे: मार्शल
हैदराबाद। एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने शनिवार को कहा कि तीनों सेवाओं के अधिकारियों को लेकर बनाए गए जांच दल की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ एक निष्पक्ष प्रक्रिया होगी और इस दल को घटना के प्रत्येक पहलू की जांच करने को कहा गया है। चौधरी ने यहां के पास डुंडीगल में वायु सेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड के इतर संवाददाताओं से कहा कि जांच को पूरा होने में ‘कुछ और सप्ताह लगेंगे’।उन्होंने कहा कि निष्पक्ष प्रक्रिया मैं कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के परिणाम को लेकर पहले से कोई संभावना नहीं जताना चाहता, क्योंकि यह एक समग्र प्रक्रिया है। उन्हें (एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह को) अधिकार दिया गया है कि हरेक पहलू की जांच की जाए और हर पहलू पर गौर किया जाए कि क्या गलत हुआ होगा और उसी आधार पर उचित सिफारिशें की जाएं तथा निष्कर्ष निकाला जाए।
चौधरी से जांच से जुड़ी जानकारियों और हेलीकॉप्टर हादसे संबंधी परिस्थितियों को लेकर सवाल किया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने यह टिप्पणी की। तमिलनाडु के कुन्नूर में आठ दिसंबर को हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण भारत के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष, उनकी पत्नी और 12 अन्य सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी। मेरा मानना है कि मैं इस बारे में जल्दबाजी में कोई घोषणा नहीं करूं कि इसका (हादसे का) कारण क्या हो सकता है या हम इसके लिए क्या प्रतिकारात्मक कदम उठाने जा रहा है, इसलिए हमें कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी पूरी होने तक कुछ और सप्ताह के लिए इंतजार करना होगा। मैं आपको यह भरोसा दिलाना चाहता हूं कि यह अत्यंत निष्पक्ष प्रक्रिया है।