दिल्ली: भीषण सड़क हादसे में 4 लोगों की मौंत हुईं
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में शनिवार को एक भीषण सड़क हादसे में 4 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। आईटीओ के पास रिंगरोड पर सुबह 6.30 बजे एक ऑटो रिक्शे में चार लोग कहीं जा रहे थे। इसी दौरान एक कंटेनर ऑटो रिक्शे पर गिर गया। इस हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और फरार कंटेनर ड्राइवर की तलाश शुरू कर दी है। दिल्ली में शनिवार तड़के हुए इस हादसे के बाद घटना स्थल पर भीड़ जुट गई। हादसे में मृतक चारों लोगों की पहचान फिलहाल नहीं हो सकी है।
हैदराबाद में शनिवार को एक कार के पेड़ से टकरा जाने से दो महिला जूनियर कलाकारों सहित तीन लोगों की मौत हो गई। यह हादसा हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पास तड़के करीब 3.30 बजे हुआ। गाचीबोवली से लिंगमपल्ली की ओर जा रही तेज गति से कार सड़क किनारे पेड़ से जा टकराई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि वाहन के टुकड़े-टुकड़े हो गए। हादसे में कार चला रहे 25 साल के बैंक कर्मचारी अब्दुल रहीम की भी मौत हो गई। हादसे में मरने वाले जूनियर कलाकारों की पहचान एन मनसा (23) और एम मनसा (21) के रूप में हुई है।
एक अन्य जूनियर कलाकार साई सिद्धू घायल हो गए और उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए उस्मानिया जनरल अस्पताल भेज दिया है और जांच शुरू कर दी है। दोनों जूनियर कलाकार शहर के अमीरपेट इलाके के एक छात्रावास में रह रहे थे। उन्होंने सिद्धू और अब्दुल रहीम के साथ किराए पर कार ली थी।
महाराष्ट्र समेत कुछ प्रांतों में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। जिले में शून्य से लेकर 18 वर्ष से कम आयु के करीब 19 लाख से अधिक बच्चे व किशोर हैं। सबसे ज्यादा खतरा दो साल से लेकर 18 साल से कम आयुक के उन किशोर व बच्चों को है जो घर से बाहर खेलते है। जिले में वयस्कों का टीकाकरण 16 जनवरी 2021 से चल रहा है। इस टीकाकरण का तीसरा चरण 31 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। स्वास्थ्य विभाग को 35 लाख लोगों को टीके की पहली डोज लगाने का लक्ष्य मिला है अब तक 25 लाख 52 हजार लोगों को टीके की पहली डोज लग चुकी है, जबकि 15 लाख लोगों को दोनों डोज लगी है।
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। शासन ने मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग व फिजियोथैरेपी कॉलेजों में प्रमोशन के पदों पर सीधी भर्ती करने का निर्णय लिया है। इसका गजट नोटिफिकेशन भी हो गया है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसरों की सीधी भर्ती होगी। ऐसा केवल एक साल के लिए किया जा रहा है। खाली पदों पर भऱ्ती के लिए पीएससी को पत्र लिखा जाएगा। इसके बाद वहां से विज्ञापन जारी होगा। प्रमोशन के पदों पर सीधी भर्ती से बवाल मचने की संभावना है। दरअसल नियमित डॉक्टर व फैकल्टी इसका विरोध कर सकते हैं।
प्रदेश में 7 मेडिकल, 1 डेंटल, 8 नर्सिंग व 1 सरकारी फिजियोथैरीप कॉलेजों का संचालन किया जा रहा है। राजधानी स्थित नेहरू मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर के 2 व एसोसिएट प्रोफेसरों के 15 से ज्यादा पद खाली है। सिम्स बिलासपुर, अंबिकापुर, रायगढ़, राजनांदगांव, जगदलपुर व कांकेर में प्रोफेसर के 63 व एसोसिएट प्रोफेसरों के 85 पद खाली है। हालांकि ज्यादातर पदों पर संविदा डॉक्टर काम कर रहे हैं। नियमानुसार इसे खाली इसलिए माना जाता है, अगर कोई नियमित डॉक्टर का इन पदों पर प्रमोशन हो तो संविदा डॉक्टरों की सेवाएं स्वत: खत्म हो जाती है। प्रदेश में प्रोफेसरों के 190, एसोसिएट प्रोफेसरों के 270 पद हैं, वहीं असिस्टेंट प्रोफेसर के 397 पद स्वीकृत है, जिसमें 150 खाली है।
दो महीने पहले मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग व फिजियोथैरेपी कॉलेज के 250 संविदा डॉकटर व फैकल्टी को नियमित करने का प्रस्ताव भेजा गया था। इस मामले में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने डीएमई से इसका प्रस्ताव मंगाया था। संविदा डॉक्टरों को नियमित करने का प्रस्ताव 8 साल पहले से बन रहा है। दरअसल कई नियमित डॉक्टरों ने हाईकोर्ट में इस मामले में चुनौती दी थी। माना जा रहा है कि संविदा डॉक्टरों को नियमित करने के बजाय सीधी भर्ती से दूसरा रास्ता निकाला गया है।
डीएमई डॉ विष्णु दत्त ने कहा कि मेडिकल समेत दूसरे कॉलेजों में डॉक्टरों के नियमित पद खाली है। इसमें मान्यता में भी दिक्कत होने लगती है। पद भरने से कॉलेजों के मान्यता में आसानी होगी।