समूह वैज्ञानिक साक्ष्यों पर विचार-विमर्श जारी: मंत्री
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि कोरोना वायरस रोधी टीके की बूस्टर खुराक की जरूरत एवं औचित्य के संबंध में कोविड-19 रोधी टीका लगाने पर राष्ट्रीय तकनीकी परामार्शदाता समूह एवं टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह वैज्ञानिक साक्ष्यों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।लोकसभा में एन के प्रेमचंद्रन एवं सुरेश नारायण धनोरकर के प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने यह जानकारी दी। सदस्यों ने पूछा था कि कोविड रोधी टीके की बूस्टर खुराक तेजी से लगाने की व्यवस्था करने की दिशा में क्या कदम उठाये गए हैं और इसे पूरा करने की समय-सीमा क्या है।
इस पर मांडविया ने कहा कि कोरोना वायरस की बूस्टर खुराक की जरूरत एवं औचित्य के संबंध में कोविड-19 रोधी टीका लगाने पर राष्ट्रीय तकनीकी परामार्शदाता समूह (एनटीएजीआई) और कोविड संबंधी टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (नेगवैक) वैज्ञानिक साक्ष्यों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 6 दिसंबर, 2021 की स्थिति के अनुसार, 18 वर्ष और इससे अधिक आयु वर्ग के लगभग 80.02 करोड़ पात्र लाभार्थियों (करीब 86 प्रतिशत) ने कोविड-19 रोधी टीके की कम-से-कम एक खुराक लगवा ली है जिसमें 47.91 करोड़ (51 प्रतिशत) लाभार्थियों ने टीके की दोनों खुराकें लगवा ली हैं।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने कोविड-19 के संबंध में टीकाकरण पर गठित राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (नेगवैक) की सिफारिशों के अनुसार, पात्र लाभार्थियों के लिए पर्याप्त मात्रा में कोविड-19 रोधी टीकों को सुरक्षित रखने की सभी व्यवस्थाएं कर ली हैं। मंत्री ने कहा कि कोविड-19 रोधी टीके की दूसरी खुराक लगवाने में और सुधार लाने के लिए, भारत सरकार ने 3 दिसंबर, 2021 से ‘हर घर दस्तक अभियान’ शुरू किया है, जिसमें घर-घर जाकर लाभार्थियों की पहचान करके उन्हें टीके लगाए जाते हैं, जो प्रथम खुराक लगवाने से रह गए हैं तथा जिन्हें दूसरी खुराक लगनी है। इस अभियान के तहत लाभार्थियों को उनके घर पर टीके की खुराक भी लगाई जाती है।
गौशाला के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होंगे सीएम
दुष्यंत टीकम रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 10 दिसम्बर को शहीद वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर सोनाखान में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल होने के बाद बालोद जिले के राजाराव पठार कर्रेझर में आयोजित वीर मेला कार्यक्रम एवं दुर्ग जिले जंजगिरी में रोहिणी गौशाला के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री सचिवालय से जारी दौरा कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हेलीकाप्टर से 10 दिसम्बर को रायपुर से प्रस्थान कर दोपहर 12 बजे बलौदाबाजार के ग्राम सोनाखान पहुंचेंगे और वहां शहीद वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री इस मौके पर स्मारक स्थल सोनाखान में 29 लाख 51 हजार रूपए की लागत से स्थापित शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने के साथ ही 16 करोड़ एक लाख रूपए की लागत से निर्मित एकलव्य छात्रावास एवं जोंक नदी में 9 करोड़ 60 लाख 62 हजार रूपए की लागत से बंगलापाली से महाराजी मार्ग पर बने पुल का लोकार्पण करेंगे।
मुख्यमंत्री इस अवसर पर कुर्रूपाठ में सीढ़ी निर्माण कार्य के प्रथम चरण का भूमिपूजन, पांच गांवों को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र का वितरण करने के साथ ही शहीदों के परिजनों का सम्मान एवं मासिक पेंशन स्वीकृति का आदेश पत्र प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री सोनाखान से दोपहर 1 बजे हेलीकॉप्टर से प्रस्थान कर 1.30 बजे राजाराव पठार कर्रेझर पहुंचेंगे और वहां वीर मेला कार्यक्रम में शामिल होंगे।मुख्यमंत्री इसके पश्चात 3 बजे दुर्ग जिले के जंजगिरी में राधे निकुंज आश्रम के भूमिपूजन एवं रोहिणी गौशाला के शुभारंभ कार्यक्रम में भाग लेने के पश्चात वहां से 3.30 बजे हेलीकॉप्टर से रायपुर वापस आएंगे।
सरकार के खिलाफ रुख अख्तियार किया: वरूण
संदीप मिश्र लखनऊ। यूपी से भारतीय जनता पार्टी सांसद वरुण गांधी इस समय अपने ही पार्टी की सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार किया हैं। किसानों के आंदोलन से संबंधित मुद्दे पर वे केंद्र की एनडीए सरकार और कानून व्यवस्था के हालात पर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हाल में निशाना साध चुके हैं। ऐसे समय जब अगले ही वर्ष यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं, पीलीभीत से सांसद वरुण ने एक ट्वीट करके फिर राज्य की योगी सरकार और राज्य की पुलिस की कथित निरंकुशता पर वार' किया है। अपने ट्ववीट के साथ उन्होंने एक वीडियो भी पोस्ट किया है जिसमें बच्चे को गोद में लिए शख़्स पर एक पुलिसकर्मी लाठी बरसाता नजर आ रहा है. वरुण गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'सशक्त कानून व्यवस्था वह है जहां कमजोर से कमजोर व्यक्ति को न्याय मिल सके। यह नहीं कि न्याय मांगने वालों को न्याय के स्थान पर इस बर्बरता का सामना करना पड़े,यह बहुत कष्टदायक है। भयभीत समाज कानून के राज का उदाहरण नहीं है। सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कानून का भय हो,पुलिस का नहीं।
दरअसल, वरुण ने जो वीडियो पोस्ट किया है, वह कानपुर के देहात इलाके का बतायाजा रहा है। बच्चे को गोद में लिए एक शख़्स पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं। पुलिस ने न सिर्फ इस शख्स पर लाठियों से हमला किया, बल्कि उसके बच्चे को भी छीनने की कोशिश हुई। पुलिस का दावा है कि इस शख्स ने एक इंस्पेक्टर के हाथ पर काट लिया था। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। कानपुर देहात के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया ने घटना को लेकर बताया कि कुछ लोग इलाके में अराजकता फैला रहे थे, अस्पताल की ओपीडी को बंद कर रहे थे और मरीजों को डरा रहे थे। हमने उन्हें रोकने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। वहीं एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने माना कि युवक पर अत्यधिक बल प्रयोग किया गया था। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह आदमी अस्पताल में निर्माण कार्य को रोकने की कोशिश कर रहा था। जब पुलिस ने हस्तक्षेप करने और उसे रोकने की कोशिश की, तो उसने एक पुलिस निरीक्षक का हाथ काट दिया।
महंगाई: लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। देश में बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने शुक्रवार को लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज कुमार झा ने शुक्रवार को राज्यसभा में नियम 267 के तहत "भारत भर में मानवाधिकारों के उल्लंघन" पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है। वहीं, संसद ने राष्ट्रीय औषध शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (संशोधन) विधेयक 2021 को गुरुवार को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें देश में इस तरह के छह संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने और फार्मा क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने के प्रावधान किए गए हैं। बता दें, 29 नवंबर को शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर को समाप्त होगा। राज्यसभा में एएपी सांसद संजय सिंह ने मुजफ्फरनगर में 17 लड़कियों के साथ हुए यौन शोषण का मामला उठाया।
मुजफ्फरनगर में 17 लड़कियों को प्रैक्टिकल की परीक्षा के नाम पर 18 नवंबर को उनके गांव से ले जाया गया। एक निजी विद्यालय में उन्हें खिचड़ी के साथ नशीला पदार्थ दिया गया और उनके साथ यौन शोषण हुआ। उसके बाद उन्हें धमकी भी दी गई। मेरी सरकार से प्रार्थना है कि इस घटना की फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर 6 महीने में दोषियों को सख्त सजा दी जाए। राजद के सांसद मनोज कुमार झा ने शुक्रवार को राज्यसभा में "भारत भर में मानवाधिकारों के उल्लंघन" पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आगाज हुआ
श्रीराम मौर्य शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आगाज शुक्रवार को हुआ है। इस दौरान धर्मशाला के तपोवन में सवर्ण आयोग के गठन को लेकर लोगों ने जमकर हंगामा किया है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। लोगों की भी काफी भीड़ है। डीआईजी संजय कुंडू, कांगड़ा के एसपी खुशाल ठाकुर भी मौके पर मौजूद हैं। हरिद्वार से गंगाजल की गाड़ी को लेकर पुलिस और सवर्ण आयोग के नेता और समर्थक आमने सामने हैं। जय भवानी के नारे लगाते हुए ये लोग विधानसभा का घेराव और गंगाजल से शुद्धीकरण करना चाहते है। विधानसभा के पास जोरावर स्टेडियम के पास इन लोगों को पुलिस ने रोका है। बता दें कि शीतकालीन सत्र का यह पहला दिन है।
दरअसल, इन संगठनों की ओर से सवर्ण आयोग के गठन के लिये अपना आंदोलन शुरू कर रखा है। इनकी ओर से 15 नवंबर से पहले शव यात्रा शुरू कर हरिद्वार तक पैदल यात्रा की उसके बाद अब तक 1 हजार किलोमीटर की यात्रा तय करके विधानसभा परिसर पहुंचे हैं और शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन आयोग के गठन के लिये लामबद्ध हो चुके हैं। दरअसल इन संगठनों के पदाधिकारियों ने एलान किया कि चाहे कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही दलों के नेताओं की शुद्धिकरण करवाने की ज़रूरत है, इसलिए क्योंकि इन दोनों ही दलों में कुछ नेता हैं जो सवर्ण आयोग के गठन को लेकर एतराज़ जता रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब वो गंगाजल लेकर आ गये हैं और अब वो हजारों की संख्या में पहुंच कर स्वर्ण आयोग के गठन को बनाने के लिये सरकार से हामी भरवाएंगे अन्यथा आंदोलन और भी तेज होगा।
मजदूरी व संविदा कर्मी नियमित, स्थिति साफ की
संदीप मिश्र लखनऊ। कार्मिक विभाग ने दैनिक मजदूरी और संविदा कर्मियों को नियमित करने को लेकर स्थिति साफ कर दी है। अपर मुख्य सचिव कार्मिक डा. देवेश चतुर्वेदी ने गुरुवार को शासनादेश जारी करते हुए कहा है कि 31 दिसंबर 2001 या उससे पूर्व समूह ग और समूह घ के पदों पर दैनिक मजदूरी या कार्यप्रभार या संविदा पर सीधे लगे हुए कर्मी ही पात्रता की दायरे में आते हैं। कुछ दिनों से यह चर्चाएं चल रही थीं कि संविदा और दैनिक मजदूरी पर काम करने वाले कर्मियों को नियमित किया जाएगा। इसको लेकर विभागीय स्तर पर सूची तैयार कराई जा रही है। इसको लेकर भ्रम की स्थित बनी हुई थी। कुछ विभागों ने कार्मिक विभाग से इसको लेकर स्थिति भी स्पष्ट करने का अनुरोध किया था।
कार्मिक विभाग ने इसके आधार पर यह साफ कर दिया है कि कौन-कौन कर्मचारी स्थाई होने के लिए पात्र हैं। कार्मिक विभाग ने इस संबंध में गुरुवार को शासनादेश जारी करते हुए सभी अपर मुख्य सचिव, सभी विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी है। इससे साफ हो गया है कि किस अवधि के कर्मियों को नियमित किया जाएगा और किसे नहीं किया जाएगा।
जनरल रावत को 17 तोपों की सलामी, विदाई
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के पार्थिव शरीर को उनके आवास से बरार स्क्वायर श्मशान घाट ले जाया जा रहा है। जनरल रावत को 17 तोपों की सलामी दी जाएगी।अंतिम संस्कार के वक्त तीनों सेनाओं के बिगुल बजेंगे।सैन्य बैंड शोक गीत गाएगा।
एमपी: 24 घंटे में कोरोना के 15 नए मामलें मिलें
मनोज सिंह ठाकुर भोपाल। मध्यप्रदेश में 24 घंटे में कोरोना के 15 नए केस मिले हैं। सबसे ज्यादा 8 केस भोपाल से हैं। इंदौर में 3, जबलपुर, अलीराजपुर, अनूपपुर और शहडोल में 1-1 पॉजिटिव आया है। प्रदेश में इस समय 154 एक्टिव केस हैं। इनमें से आधे यानी 75 केस भोपाल के ही हैं। ऐसे में चिंता बढ़ी हुई है, क्योंकि ब्रिटेन और कनाडा से लौटे 2 संक्रमित ओमिक्रॉन संदिग्ध हैं, जो हॉस्पिटल में भर्ती हैं। इनकी जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
एमपी में 1 से 9 दिसंबर के बीच कुल 136 केस आ चुके हैं। इनमें भोपाल और इंदौर ऐसे दो जिले हैं, जहां पर सबसे ज्यादा पॉजिटिव केस मिले हैं। 9 दिन में भोपाल में 62 और इंदौर में 44 मामले सामने आ चुके हैं। इन 44 केसों में 3 बच्चे भी शामिल हैं। इसके अलावा जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, होशंगाबाद, सिंगरौली आदि जिलों में भी नए संक्रमित मिल चुके हैं।
भोपाल में पिछले 24 घंटे के भीतर 5219 कोरोना टेस्ट हुए। इनमें से 8 पॉजिटिव मिले। जिनकी कॉन्टैक्ट और ट्रैवल हिस्ट्री के बारे में स्वास्थ्य विभाग पता लगा रहा है। वहीं, भोपाल में 75 एक्टिव केस हैं। इनमें 40 होम आइसोलेट हैं और 35 संक्रमित हॉस्पिटल में भर्ती हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते जिला प्रशासन वैक्सीन के सेकेंड डोज पर फोकस कर रहा है। जिन लोगों को तय अवधि में भी सेकेंड डोज नहीं लग पाई है, उन्हें जल्द डोज लगवाने की समझाइश दी जा रही है। भोपाल में लगातार मिलते केस को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी चिंता जता चुके हैं।
11 दिसंबर को उत्तराखंड आएंगे सीएम, घोषणा
हरिओम उपाध्याय काशीपुर। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 11 दिसंबर को उत्तराखंड के काशीपुर में आएंगे। वहां वह एक जनसभा को संबोधित करेंगे। जनसभा में वहां बड़ी घोषणा कर सकते हैं। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली के मुताबिक केजरीवाल का उत्तराखंड में यह पांचवा दौरा होगा। इस दौरे में वह काशीपुर पहुंचेंगे जहां वो प्रदेश की जनता के लिए चौथी बड़ी घोषणा कर सकते हैं।
इस दौरान उनकी एक विशाल जनसभा भी होगी। केजरीवाल के इस दौरे के लिए आप तैयारी में जुट गई है।उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के उत्तराखंड दौरे को लेकर पूरे प्रदेश के कार्यकर्ता बेहद उत्साहित हैं। आज प्रदेश की जनता का आप पार्टी को अपार समर्थन मिल रहा है। आप के कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को आप की नीतियों से अवगत करा रहे हैं।
जनरल रावत व मधुलिका को श्रद्धांजलि दीं
पंकज कपूर देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को 3 कामराज रोड नई दिल्ली में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी श्रीमती मधुलिका रावत को श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करने एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल बिपिन रावत का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उनकी सादगी, सहजता हमेशा हमारे दिलों में रहेंगी। देश की सेना एवं सीमाओं की रक्षा के लिए जनरल बिपिन रावत के योगदान को देश हमेशा याद रखेगा।
परियोजना: बलरामपुर का दौरा करेंगे 'पीएम'
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर का दौरा करेंगे और बहराइच, श्रावस्ती एवं बलरामपुर से हो कर गोरखपुर तक जाने वाली 318 किलोमीटर लम्बी एवं करीब 9,800 करोड़ रूपए की लागत वाली सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि इस परियोजना से तकरीबन 14 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और करीब 29 लाख किसानों को फायदा पहुंचेगा।
पीएमओ के मुताबिक, इस परियोजना पर काम की शुरुआत 1978 में हुई थी लेकिन बजट आवंटन, संबंधित विभागों के बीच समन्वय और उपयुक्त निगरानी के अभाव में इसमें देर हुई और करीब चार दशकों तक यह जमीन पर नहीं उतर सकी। पीएमओ ने कहा कि किसानों के कल्याण और उनके सशक्तीकरण के साथ ही राष्ट्रीय महत्व की लंबित परियोजनाओं को प्राथमिकता के साथ पूरा करने की प्रतिबद्धता की वजह से प्रधानमंत्री ने इस परियोजना पर अपना ध्यान केंद्रित किया।
इस परियोजना को पूरा करने के मकसद से मोदी, वर्ष 2016 में इसे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत ले आए और इसे समय सीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया। पीएमओ ने बताया कि इसे साकार करने के लिए भूमि अधिग्रहण और कानूनी अड़चनों सहित अन्य समस्याओं का समाधान निकाला गया और इसी का परिणाम है कि इस महत्वपूर्ण परियोजना का काम चार वर्षों के भीतर ही पूरा कर लिया गया।
पीएमओ ने कहा कि इस परियोजना को 9800 करोड़ रुपये में पूरा किया गया। इसमें से 4600 करोड़ रुपये का प्रावधान पिछले चार वर्षों में किया गया। इस परियोजना में पांच नदियों को भी जोड़ा गया है। घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा एवं रोहिन नदियों को जोड़ते हुए 318 किलोमीटर लम्बी मुख्य नहर और इससे जुड़ी 6,600 किलोमीटर लिंक नहरों वाली उक्त नहर से पूर्वांचल के नौ जिलों बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर और गोरखपुर के 25 से 30 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।
पीएमओ ने कहा कि इस परियोजना में देरी की वजह से क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान हुआ लेकिन अब इससे उन्हें लाभ मिलेगा। अब क्षेत्र के किसान बड़े स्तर पर पैदावार कर सकेंगे और क्षेत्र की कृषि उत्पादक क्षमता का लाभ उठाएंगे।
'अहंकारी सरकार’ को झुकने पर मजबूर किया: सीएम
भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसान आंदोलन वापस होने के बाद किसानों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने एक ‘अहंकारी सरकार’ को झुकने पर मजबूर कर दिया। कमलनाथ ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि किसानों के 378 दिन के संघर्ष की जीत का दिन परिणाम के रूप में आख़िर सामने आ ही गया।
इस पर उन्होंने सभी किसानों को बधाई दी। कमलनाथ ने कहा कि इन 378 दिनों में अन्नदाता किसानों ने कई पीड़ाएं सही, भारी बारिश, कंपकंपाती ठंड में भी उनके हौसले नहीं डिगे, पानी की तेज बौछारों में भी वे नहीं भीगे, कंटीले तारों, नुकीली कीलों, गड्ढों से भी वो पस्त नही हुए। उनके हौसलों ने एक अहंकारी सरकार आख़िर झुका ही दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अफ़सोस हमेशा इस बात का रहेगा कि किसानों के हित में सरकार यह फ़ैसला शुरू में ही ले लेती, तो सैकड़ों किसानों की शहादत को रोका जा सकता था। कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि किसानों के हर संघर्ष में कांग्रेस उनके साथ खड़ी है।
1 साल से जारी किसानों का 'आंदोलन' खत्म हुआ
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। किसानों की मांगें पूरी होने के बाद एक साल से जारी किसानों का आंदोलन अब खत्म हो गया है। किसानों ने टिकरी और सिंघु बार्डर से अब अपने घर वापसी के लिए पैकिंग शुरू कर दी है। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि वे 11 दिसंबर को जश्न मानने के बाद घर वापस जाएंगे। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन में बैठे किसानों में से अधिकांश ने शुक्रवार सुबह जल्दी घर वापस जाने के लिए अपना सामान पैक करना शुरू कर दिया था। किसानों के पहले जत्थे में घर लौटने वालों में पठानकोट, अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, होशियारपुर और फिरोजपुर जैसी तमाम जगहों के किसान शामिल थे। इतना ही नहीं, बताया जा रहा है कि जब मंच से आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया गया तो किसान खुशी से उछल पड़े। उन्होंने जश्न मनाया, डांस भी किया। नाचते-कूदते किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं था।
घर वापसी कर रहे किसानों से जब बात की गई तो किसान नेता हन्नान मोल्लाह ने कहा कि यह आंदोलन आजादी के बाद का सबसे बड़ा आंदोलन है। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि आखिरकार सरकार को सच के आगे झुकना ही पड़ा। उधर, दूसरी ओर किसान मोर्चा ने एमएसपी (MSP) गारंटी कानून बनने तक हर महीने बैठक करने का एलान किया है।
कहा है कि 15 जनवरी को एक बार फिर बैठक बुलाई गई है। अगर सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए तो आंदोलन फिर से होगा। फिलहाल सभी ने अपने तंबू उखाड़ना भी शुरू कर दिए है।