सोनी टीवी के ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट से ‘केबीसी 13’ का लेटेस्ट प्रोमो वीडियो शेयर किया गया है। इस प्रोमो वीडियो में आप देख सकते हैं कि शो के होस्ट अमिताभ बच्चन इस बार ‘टीएमकेओसी’ के जेठालाल, पोपटलाल और निर्माता असित कुमार मोदी के साथ गेम खेलते हुए दिखाई देंगे। शो पर इस बार तारक मेहता की पूरी कास्ट दिखाई देगी। जिसमें कुछ गेम खेल रहे हैं तो कुछ ऑडियंस में बैठे हुए नजर आ रहे हैं।
रविवार, 5 दिसंबर 2021
अपनी कुछ तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर की: मुंबई
डिप्टी सीएम केशव ने अखिलेश पर कसा तंज: यूपी
कांग्रेस सरकार पर 'महंगाई' बढ़ाने का आरोप लगाया
नरेश राघानी जयपुर। भारतीय जनता पार्टी (भापजा) के राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह ने कांग्रेस की महंगाई को लेकर प्रस्तावित रैली पर पलटवार करते हुए राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर महंगाई बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि महंगाई से त्रस्त उसके कार्यकर्ता रैली में भाग लेकर सरकार की खिलाफी का काम करेंगे। अरुण सिंह ने प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी की बैठक के अवसर पर आज यहां अमित शाह की अगवानी के लिए हवाई अड्डे के लिए रवाना होने से पहले मीडिया से यह बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस महंगाई को लेकर रैली करने जा रही है लेकिन महंगाई तो वह खुद बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में डीजल एवं पेट्रोल के दाम महंगे, बस किराया महंगा, बिजली महंगी, महंगाई तो कांग्रेस खुद कर रही है।
महंगाई से त्रस्त उसके कार्यकर्ता रैली में भाग लेकर सरकार की खिलाफी का ही काम करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने राज्य सरकार के खिलाफ जिलों में आक्रोश रैलियां की है और अब जयपुर में जनप्रतिनिधियों के महासम्मलेन के बाद प्रदेश में बड़ी आक्रोश रैली का आयोजन होगा। इस सम्मेलन के बाद कांग्रेस की विदाई शुरु हो जायेगी। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस खुद में कई गुट हैं और मंत्रिमंडल के गठन में कई महीने लगा दिये गये और गठन के बाद भी गतिरोध पैदा हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसी पार्टी हैं जिसके शासन में चुनाव पर चुनाव कराये जा रहे हैं जिससे प्रदेश विकास से दूर रह रहा है।
राहुल ने यूपी सरकार पर साधा निशाना: राजनीति
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लखनऊ में प्रदर्शनकारियों के एक समूह पर पुलिस के लाठीचार्ज की खबरों को लेकर रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और कहा कि रोजगार मांगने वालों को यह सरकार लाठियों से पीटती है। गांधी ने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) वोट मांगने आए तो जनता इसे याद रखे।
राहुल ने इन खबरों को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा कि लखनऊ पुलिस ने शनिवार शाम को ‘कैंडललाइट मार्च’ निकाल रहे प्रदर्शनकारियों के एक समूह पर लाठियां चलाईं। खबरों के अनुसार प्रदर्शनकारी 2019 में हुई उत्तर प्रदेश शिक्षक प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर मार्च निकाल रहे थे। कांग्रेस नेता ने घटना का कथित वीडियो साझा करते हुए हिंदी में ट्वीट किया, ”रोज़गार मांगने वालों को उत्तर प्रदेश सरकार ने लाठियां दीं। जब भाजपा वोट मांगने आए तो याद रखना।
उत्तराखंड में भारी बारिश होने की संभावना जारी
पंकज कपूर देहरादून। उत्तराखंड में रविवार व सोमवार को मौसम फिर करवट बदल सकता है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश हो सकती है। कुछ मैदानी इलाकों में भी बारिश होने की संभावना है। प्रदेश के 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। मौसम विभाग ने इसको लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, रविवार को राज्य के अनेक हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश, बर्फबारी हो सकती है।
84.8 प्रतिशत से अधिक आबादी को पहली खुराक
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने देश में कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीके की 127.61 करोड़ से अधिक खुराक दिए जाने के बीच रविवार को कहा कि देश में 50 प्रतिशत से अधिक पात्र वयस्क आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि देश में 84.8 प्रतिशत से अधिक वयस्क आबादी को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है।
मांडविया ने ट्वीट किया ” बधाई हो भारत। यह बेहद गर्व का क्षण है क्योंकि 50 प्रतिशत से अधिक पात्र आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो गया है। हम साथ मिलकर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जीतेंगे।” सुबह सात बजे तक की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटे की अवधि में टीके की 1,04,18,707 खुराक दिए जाने के साथ ही देश में अब तक दी जा चुकी खुराकों की संख्या 127.61 करोड़ के पार हो गई है। मंत्रालय के अनुसार यह उपलब्धि 1,32,44,514 सत्रों में हासिल की गई। गौरतलब है कि देशव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी से की गई थी और पहले चरण में स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों का टीकाकरण किया गया था।
इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के फायदें: गडकरी
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ने इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के फायदों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि पेट्रोल से इलेक्ट्रिक वाहन चलाना कितना सस्ता है और यह आपको कितना बचाता है।केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को 9वें एजेंडा आजतक में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के फायदों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि पेट्रोल से इलेक्ट्रिक वाहन चलाना कितना सस्ता है और यह आपको कितना बचाता है।
देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने पर नितिन गडकरी ने कहा कि फिलहाल हम देश में 8 लाख करोड़ रुपये के पेट्रोलियम का आयात करते हैं। आने वाले वर्षों में इसे बढ़ाकर 25 लाख करोड़ रुपये करना चाहिए, यह कोई बड़ी बात नहीं है। इसलिए हमें विकल्प पर ध्यान देना होगा ताकि देश के लोगों को एक स्थायी जीवन दिया जा सके।उन्होंने कहा कि आने पर सरकार पेट्रोल-डीजल वाहनों को नहीं रोकेगी। बल्कि यह भी एक विकल्प होगा। इसके अलावा वैकल्पिक ईंधन, जैव ईंधन और फ्लेक्स ईंधन इंजन जैसे विचारों पर भी अध्ययन जारी है।
गडकरी ने कहा कि अब अगर आप पेट्रोल कार चलाते हैं तो 1 किमी जाने का खर्च 10 रुपये आता है। डीजल पर इतना ही खर्च 7 रुपये है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन की कीमत मात्र 1 रुपये प्रति किलोमीटर है। अगर पेट्रोल कार पर आपका मासिक खर्च 20,000 रुपये है। तो इलेक्ट्रिक वाहन पर यह खर्च 1500 से 2000 रुपए होगा। इससे आपको हर महीने 18000 रुपये की बचत होगी।
सीएम ममता के अब 'कोई संप्रग नहीं': भूपेश
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ‘अब कोई संप्रग नहीं है’ वाले बयान के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह सत्ता में बैठे लोगों से मुकाबला करके अपनी पार्टी को मुख्य विपक्षी दल बनाना चाहती हैं या फिर विपक्ष के अन्य दलों से लड़कर।
भूपेश बघेल ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के बिना कोई भी विपक्षी गठबंधन बनाना संभव ही नहीं है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने के लिए गठबंधन का प्रमुख स्तंभ कांग्रेस को ही बनना होगा। बघेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि 2024 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सामना करने के लिए विपक्षी खेमे का चेहरा कौन होगा, इसका निर्णय सोनिया गांधी की अध्यक्षता में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) मिलकर करेगा।
खेल: टेनिस प्रतियोगिता के फाइनल में जगह बनाईं
खेल: टेनिस प्रतियोगिता के फाइनल में जगह बनाईं
मैड्रिड। आंद्रे रूबलेव और दानिल मेदवेदेव की एकल मैचों में जीत से रूस ने जर्मनी को 2-1 से हराकर डेविस कप टेनिस प्रतियोगिता के फाइनल में जगह बनाई। रूबलेव ने पहले एकल मैच में डोमिनिक कोफर को 6-4, 6-0 से हराया।जिसके बाद मेदवेदेव ने जान लेनार्ड स्ट्रफ को 6-4, 6-4 से हराकर रूस की जीत सुनिश्चित की।
जर्मनी के केविन क्राविट्ज और टिम पुएट्ज ने असलान करात्सेव और कारेन खाचनोव को युगल मुकाबले में 4-6, 6-3, 6-4 से हराया लेकिन इससे वह हार का अंतर ही कम कर पाये। रूस फाइनल में क्रोएशिया का सामना करेगा जिसने नोवाक जोकोविच की अगुवाई वाले सर्बिया को हराया। रूस और क्रोएशिया अपने तीसरे डेविस कप खिताब के लिये एक दूसरे का सामना करेंगे।
मो. रियाज सर्दियों में ड्राईनेस की समस्या सभी के लिए आम है। वहीं प्रदूषण के प्रभाव से स्किन में न सिर्फ ड्राईनेस बढ़ती है, बल्कि स्किन डल भी लगने लगती है। ऐसे में चेहरे की सारी रौनक गायब हो जाती है। हालांकि बाजार में कई तरह की क्रीम मिल रही है, जो स्किन की ड्राईनेस को कुछ ही समय में दूर कर देती हैं लेकिन इन क्रीमस का ज्यादा देर तक असर नहीं रहता है। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे प्राकृतिक नुस्खों के बारे में जो आपकी त्वचा को अंदर से मॉइश्चराइज करते हैं और चमकदार बनाते हैं।
खीरा: खीरा आपके चेहरे को चमकदार बनाता है। ये चेहरे पर ताजगी लाता है और गंदगी को दूर करता है। खीरे के रस को दही में मिक्स करके लगाने से स्किन शाइनी होती है और अंदर तक इसे नमी मिलती है।
कच्चा दूध: कच्चा दूध स्किन के लिए वरदान होता है। इसमें तमाम पोषक तत्व होते हैं जो आपकी स्किन को पोषण देने का काम करते हैं। दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड, कई तरह के विटामिन और प्रोटीन स्किन को एक्सफोलिएट करते हैं और हाइड्रेट रखते है। कच्चा दूध आपकी स्किन से गंदगी को हटा देता है और एक बेहतरीन टोनर का काम करता है। इसे स्किन पर लगाकर कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें, इसके बाद चेहरे को पानी से धो लें।
शहद: शहद आपकी त्वचा में नमी को सील करने का काम करता है। ये एक्जिमा और सोरियासिस जैसी स्किन प्रॉब्लम्स को भी दूर करने का काम करता है। रोजाना आधा चम्मच शहद थोड़े से पानी में मिक्स करके चेहरे पर लगाने से चेहरे को नमी मिलती है। ड्राईनेस दूर होती है। अगर चेहरा ज्यादा ड्राई है तो आप इसमें दूध मिक्स करके लगा सकती हैं।
‘एक चीन’ नीति को लेकर प्रतिबद्ध हैं अमेरिका
वीडियो कॉल के माध्यम से बातचीत करेंगे 'राष्ट्रपति'
सुनील श्रीवास्तव मॉस्को। यूक्रेन की सीमा पर रूसी बलों की मौजूदगी बढ़ने के कारण अमेरिका और रूस के बीच बढ़े तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मंगलवार को वीडियो कॉल के माध्यम से बातचीत करेंगे। व्हाइट हाउस और क्रेमलिन ने इस बात की पुष्टि की है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने शनिवार को कहा कि बाइडन सीमा पर रूसी सैन्य गतिविधियों को लेकर अमेरिका की चिंता व्यक्त करेंगे और ‘‘यूक्रेन की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के लिए अमेरिकी सहयोग की पुन: पुष्टि’’ करेंगे। वहीं, पुतिन इस बातचीत के दौरान अपनी चिंताएं व्यक्त करेंगे और उनका नाटो सैन्य गठबंधन में यूक्रेन को शामिल करने के हर प्रकार के कदम को लेकर विरोध प्रकट करने का इरादा है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि दोनों देशों के राष्ट्रपति ‘‘स्वयं फैसला करेंगे’’ कि वार्ता कितनी लंबी चलेगी।
इससे पहले, दोनों नेताओं के बीच वार्ता जुलाई में हुई थी। उस समय बाइडन ने अमेरिका के खिलाफ रैनसमवेयर हमले करने वाले रूसी आपराधिक हैकिंग गिरोहों पर लगाम लगाने के लिए पुतिन पर दबाव डाला था। रूस इस बात का दबाव बना रहा है कि अमेरिका यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं किए जाने की गारंटी दे, लेकिन नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने पिछले सप्ताह कहा था कि यदि अन्य देश या गठबंधन विस्तार करना चाहते हैं, तो रूस का इससे कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए।
बाडइन प्रशासन के एक अधिकारी के अनुसार, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने पता लगाया है कि रूस ने यूक्रेन के साथ लगती सीमा पर करीब 70 हजार सैनिकों की तैनाती की है और अगले वर्ष की शुरुआत में उसने संभावित आक्रमण की योजना बनाई है। अमेरिका के अधिकारियों और पूर्व अमेरिकी राजनयिकों का कहना है कि रूस के राष्ट्रपति जहां संभावित आक्रमण की तैयारियां कर रहे हैं, वहीं यूक्रेन की सेना पहले की तुलना में ज्यादा हथियारबंद एवं तैयार है और पश्चिमी देशों द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने से रूस की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचेगा।यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि रूस अगले महीने आक्रमण कर सकता है। यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने कहा कि यूक्रेन और क्रीमिया के पास रूस के सैनिकों की अनुमानित संख्या 94,300 है और उन्होंने चेतावनी दी कि जनवरी में युद्ध भड़क सकता है। क्रेमलिन ने शुक्रवार को कहा कि बाइडन के साथ फोन पर बातचीत में पुतिन इस बात की गारंटी चाहेंगे कि यूक्रेन को नाटो के विस्तार में शामिल नहीं किया जाए।
यदि रूस यूक्रेन पर हमला करता है, तो बाइडन प्रशासन के पास रूस को वित्तीय नुकसान पहुंचाने के अपने संकल्प को पूरा करने के कई विकल्प हैं, जिनमें पुतिन के सहयोगियों को लक्ष्य बनाने वाले प्रतिबंध लागू करने से लेकर दुनियाभर में धन प्रवाहित करने वाली वित्तीय प्रणाली से रूस को काटना शामिल है। अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों ने यूक्रेन पर रूसी हमले की स्थिति में कोई सैन्य कदम उठाने की घोषणा नहीं की है, लेकिन वे उसे वित्तीय नुकसान पहुंचा सकते हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस सप्ताह कहा था, ‘‘हम अत्यधिक प्रभावित करने वाले वे वित्तीय कदम उठाएंगे, जिन्हें हम अतीत में उठाने से बचते रहे हैं।’’
बाइडन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई को “बेहद कठिन” बनाने का शुक्रवार को संकल्प लिया था और कहा था कि उनका प्रशासन रूस के आक्रमण को रोकने के लिए व्यापक कदम उठा रहा है। बाइडन ने कहा था कि वह व्यापक और सार्थक कदम उठा रहे हैं जिससे पुतिन के लिए आगे बढ़ना और लोगों को चिंतित करने वाले कदम उठाना बहुत मुश्किल हो जाएगा।
अफ्रीका व यूरोप के कई देशों में खलबली: ओमिक्रोन
अखिलेश पांंडेय प्रिटोरिया। कोराना वायरस के 'अत्यंत संक्रामक' बताए जा रहे नए वेरिएंट 'ओमीक्रोन' को लेकर जहां अफ्रीका और यूरोप के कई देशों में खलबली मची है। वहीं इसने भारत में भी दस्तक देकर सरकार और प्रशासन के साथ ही आमजन की चिंता बढ़ा दी है। इसकी संक्रामक प्रवृत्ति और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को लेकर देश में तमाम तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं। इन्हीं सब मुद्दों पर पब्लिक हेल्थ ौौ ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के हृदय रोग विज्ञान (कार्डियोलॉजी) विभाग के पूर्व प्रोफेसर के. श्रीनाथ रेड्डी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत की।
सवाल ओमीक्रोन ने भारत में दस्तक दे दी है और इसे लेकर दहशत का माहौल है क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे बेहद संक्रामक बताते हुए चिंता जताई है। इस बारे में आपका क्या कहना है। जवाब जहां तक इसकी संक्रामक क्षमता का सवाल है तो यह सही है कि यह ज्यादा संक्रामक है। दक्षिण अफ्रीका और यूरोप के देशों में जिस गति से यह फैला है, वह इसका सबूत भी है। वायरस का यह वेरिएंट गंभीर रूप से बीमार करता है, अभी तक इसका कोई संकेत नहीं है। बल्कि अभी तक जो भी चीजें सामने आई हैं, उससे पता चलता है कि कि संक्रमित लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराने की बहुत ज्यादा आवश्यकता नहीं पड़ी और इससे लोगों की जान नहीं जा रही है, जैसा कि हमें वायरस के डेल्टा वेरिएंट में देखने को मिला था। रही बात टीकों के प्रभाव की तो यह संभावना ज्यादा है कि टीकों का असर कम हो जाए। क्योंकि टीकों से बनने वाले एंटीबॉडी का स्तर कुछ समय बाद कम हो जाता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि टीके वायरस से पूरी तरह हार जाएंगे।
सवाल इससे पहले कि ओमीक्रोन खतरनाक रूप धारण करे, सरकार को तत्काल क्या कदम उठाने चाहिए। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी प्रतिबंध की बात उठ रही है। इसलिए मास्क पहनकर चलें ताकि वायरस हमारे शरीर में प्रवेश नहीं कर सके। भीड़-भाड़ वाले जो कार्यक्रम हैं, उन पर प्रतिबंध लगना चाहिए। टीकाकरण की गति बढ़नी चाहिए। स्वास्थ्य पर इसके असर की लगातार निगरानी करते रहनी होगी। संक्रमण भले ही फैले लेकिन अगर यह लोगों को गंभीर रूप से बीमार नहीं कर रहा है तो घर में ही इलाज का प्रबंध किया जाना चाहिए। बीमारी तीव्र हो तो जरूर अस्पतालों का भी प्रबंध किया जाना चाहिए। रही बात अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने कि तो मेरा मानना है। इससे कुछ फायदा नहीं होने वाला है। चीन में जब यह महामारी आई तो कई देशों ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगाया था, ब्रिटेन में अल्फा वेरिएंट आया तब भी हमने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगाया और डेल्टा वेरिएंट के मामले में भी यही किया लेकिन इसके बावजूद हम इसे फैलने से नहीं रोक सके। लेकिन इसकी गति को हम थोड़ा कम कर सकते हैं, उड़ानों पर प्रतिबंध लगाकर। प्रतिबंध लगाने की बजाय जो यात्री विदेशों से आ रहे हैं, उनकी जांच की जाए और उनमें रोगों के लक्षण का पता लगाया जाए। उनके संपर्कों का पता किया जाना चाहिए।
सवाल। जब भी वायरस का कोई नया वेरिएंट सामने आता है, देश में यह बहस छिड़ जाती है कि टीके इसके खिलाफ कारगर हैं या नहीं। अगर हैं तो कौन सा टीका अत्यधिक प्रभावी है। बूस्टर खुराक की भी चर्चा होने लगती है। आप क्या कहेंगे। जवाब मैं पिछले अप्रैल महीने से ही कह रहा हूं कि ये जो टीके बने हैं या फिर जिनका हम दुनिया भर में इस्तेमाल कर रहे हैं, वे गंभीर बीमारी को रोक सकते हैं लेकिन वायरस का संक्रमण फैलने से नहीं रोक सकते। संक्रमण को फैलने से रोकने का काम मास्क ही कर सकता है और टीका हमें सुरक्षा प्रदान करता है। इसलिए हमें टीके भी लगवाने हैं और मास्क भी पहनना है। रही बात बूस्टर खुराक की तो यह टीकों के प्रभाव पर निर्भर करता है।कुछ टीके हैं जो तेजी से एंटीबॉडीज बढ़ा देते हैं। कुछ हैं कि जिनमें एंटीबॉडी का स्तर कुछ महीनों के बाद खत्म भी हो जाता है। टीके-टीके में फर्क है और व्यक्ति-व्यक्ति में भी फर्क है। बूस्टर खुराक देने से पहले यह देखना जरूरी होगा कि ओमीक्रोन कितने गंभीर रूप से बीमार कर रहा है।
सवाल: देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक टीकों की 126.53 करोड़ से अधिक खुराक लगाई गई हैं। इनमें से दोनों खुराक सिर्फ 46,88,15,845 लोगों को ही दी गई हैं जबकि 79,56,76, 342 लोगों ने पहली खुराक ली है। इस बारे में आपकी राय। जवाब हमें जल्दी से जल्दी टीकों की दोनों खुराक देनी होंगी। टीकाकरण कार्यक्रम को जल्द से जल्द पूरा किया जाना आवश्यक है। अगर यह साबित होता है कि ओमीक्रोन से स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा हो रहा है, तो बूस्टर खुराक शुरू कर सकते हैं। इसमें भी 60 साल से अधिक उम्र या गंभीर बीमारी वालों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
सवाल लोगों के मन में बार-बार यह सवाल उठ रहा है कि क्या हर साल कोरोना वायरस का कोई न कोई वेरिएंट आता रहेगा और हम इसी प्रकार भय के साये में जीने को मजबूर रहेंगे। इसके खतरे को हम जरूर कम कर सकते हैं और उसे संकेत दे सकते हैं कि तुम्हें हमारे बीच में रहना है तो बीमारी ज्यादा मत फैलाओ, फिलहाल, घबराने वाली बात नहीं है क्योंकि ओमीक्रोन से अभी तक स्वास्थ्य पर बहुत गंभीर असर नहीं देखा गया है। यह हमारे लिए अच्छा संकेत है। इसलिए मास्क पहनें, भीड़-भाड़ से दूर रहें और टीका लगवाएं।
विभिन्न पदों पर भर्ती, उम्मीदवारों से आवेदन मांगे
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, लगातार 161 दिन से देश में कोरोना वायरस संक्रमण के दैनिक मामलों की संख्या 50,000 से कम बनी हुई है। इस समय देश में महामारी के 99,155 मरीज उपचाराधीन हैं। यह संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.29 प्रतिशत है और पिछले साल मार्च के बाद सबसे कम है। संक्रमण से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.35 प्रतिशत है। मंत्रालय ने कहा कि 24 घंटे की अवधि में कोविड-19 के उपचाराधीन रोगियों की संख्या में 819 की कमी आई है। दैनिक संक्रमण दर 0.73 प्रतिशत रही जो पिछले 62 दिन से दो प्रतिशत से कम बनी हुई है। साप्ताहिक संक्रमण दर 0.80 फीसद रही। मंत्रालय के अनुसार, यह पिछले 21 दिन से एक प्रतिशत से कम बनी हुई है। कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक 3,40,60,774 रोगी उबर चुके हैं, वहीं संक्रमण से मृत्यु दर बढ़कर 1.37 प्रतिशत हो गई है। देश में अब तक कोविड-19 रोधी टीकों की 127.61 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं।
नए साल के पहले दिन से बैंकों के नियमों में बदलाव
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। नए साल के पहले दिन से ही बैंकों के नियमों में बदलाव आएगा और अब पैसे निकालने के लिए बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करना महंगा पड़ सकता है। पहली जनवरी से बैंक एटीएम से ट्रांजेक्शन के नियमों में बदलाव करने वाले हैं। जिसमें ट्रांजेक्शन की बढ़ी हुई फीस भी शामिल है।
दरअसल रिजर्व बैंक ने पहली जनवरी से फ्री लिमिट के बाद एटीएम ट्रांजेक्शन पर फीस बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। जिसके बाद बैंक एटीएम से फ्री लिमिट के बाद किये जाने वाले ट्रांजेक्शन को पहली जनवरी से महंगा कर देंगे और आपको फीस चुकानी होगी। आरबीआई ने बैंकों को 1 जनवरी, 2022 से फ्री मंथली लिमिट के बाद कैश और नॉन-कैश एटीएम लेनदेन पर लागू शुल्क में बढोतरी करने की मंजूरी दे दी है। आरबीआई के निर्देशों के अनुसार ही, एक्सिस बैंक ने अपने ग्राहकों को एसएमएस भेजकर यह बताना शुरू कर दिया है कि एक्सिस बैंक या अन्य बैंक के एटीएम से तय फ्री लिमिट के बाद किए जाने वाले लेनदेन पर एक जनवरी, 2022 से 21 रूपए का शुल्क और जीएसटी देना होगा। पहले यह शुल्क 20 रूपए था।
शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव जारी रहने के आसार
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर अनिश्चितता के बीच इस सप्ताह शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव जारी रहने के आसार हैं। इसके अलावा सप्ताह के दौरान रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक भी है, जो मुख्य रूप से शेयर बाजारों को दिशा देगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
विश्लेषकों ने कहा कि यह सप्ताह काफी घटनाक्रमों वाला रहेगा। मौद्रिक समीक्षा के अलावा सप्ताह के दौरान कई वृहद आर्थिक आंकड़े भी आने हैं। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘ओमीक्रोन को लेकर अनिश्चितता, रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा तथा वृहद आर्थिक आंकड़ों के बीच बाजार में उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है। ओमीक्रोन को लेकर काफी खबरें आ रही हैं, जो बाजार में अनिश्चितता पैदा कर रही हैं। वहीं घरेलू मोर्चे पर मौद्रिक समीक्षा बैठक महत्वपूर्ण होगी। केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजे आठ दिसंबर को आएंगे।’’
मीणा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) और मुद्रास्फीति के आंकड़े भी आने हैं। हालांकि, ये आंकड़े शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जारी किए जाएंगे।’’ भारत में ओमीक्रोन का पहला मामला सामने आने के बाद शुक्रवार को शेयर बाजारों में गिरावट आई थी।रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि इस सप्ताह बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रहेगा। सप्ताह के दौरान कई महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े आने हैं। बाजार भागीदारों की निगाह रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा पर रहेगी। वृहद आर्थिक मोर्चे पर 10 दिसंबर को आईआईपी तथा मुद्रास्फीति के आंकड़े आने हैं।’’ सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी शोध प्रमुख येशा शाह ने कहा कि कई आर्थिक आंकड़ों तथा घटनाक्रमों की वजह से बाजार भागीदारों को इस सप्ताह में उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए। बाजार के खिलाड़ी रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा के नतीजों से चीजों को समझने की कोशिश करेंगे।
पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 589.31 अंक या 1.03 प्रतिशत के लाभ में रहा। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक इस सप्ताह होने वाली है। आने वाले दिनों में यह बाजार के लिए एक प्रमुख उत्प्रेरक रहेगी। वायरस के नए स्वरूप के बीच निवेशकों को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों का इंतजार रहेगा।’’ उन्होंने बताया कि सप्ताह के दौरान नवंबर के मुद्रास्फीति आंकड़े तथा अक्टूबर के लिए औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े आएंगे।
दिल्ली: नए वेरिएंट ओमिक्रोन की एंट्री हुईं, संक्रमण
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में भी कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन की एंट्री हो गई है। जानकारी के मुताबिक मरीज को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने रविवार इस बात की जानकारी दी है। ओमिक्रॉन का पता लगाने वाली दक्षिण अफ्रीका की डॉक्टर ने बताया कि फिलहाल मरीजों में हल्के लक्षण ही देखे जा रहे हैं। इस वैरिएंट से संक्रमित लोग गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़े हैं।
डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रॉन को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' (चिंताजनक) की कैटिगरी में डाला है। ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर अभी कुछ भी सही तरीके से स्पष्ट नहीं है। हालांकि, प्रारंभिक साक्ष्य इस बात की संभावना को बढ़ाते हैं कि इस वैरिएंट में ऐसे म्यूटेशन हैं जो इम्यून सिस्टम रिस्पॉन्स से बच सकते हैं और एक से दूसरे व्यक्ति में इसे फैलाने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया
सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया बृजेश केसरवानी प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...
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महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...
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उपचुनाव: 9 विधानसभा सीटों पर मतगणना जारी संदीप मिश्र लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतगणना जारी है। यूपी कीे क...
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80 वर्षीय बुजुर्ग ने 34 साल की महिला से मैरिज की मनोज सिंह ठाकुर आगर मालवा। अजब मध्य प्रदेश में एक बार फिर से गजब हो गया है। आगर मालवा जिले...
‘एक चीन’ नीति को लेकर प्रतिबद्ध हैं अमेरिका
अखिलेश पांंडेय वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने शनिवार को कहा कि पेंटागन उच्च प्रौद्योगिकी प्रणालियों को विकसित करने के लिए निजी उद्योग के साथ मिलकर बेहतर तरीके से काम करने का इरादा रखता है और चीन पर प्रतिस्पर्धी बढ़त बनाए रखने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोगियों के साथ संबंध मजबूत करना चाहता है। रक्षा मंत्री ने कैलिफोर्निया में ‘रीगन नेशनल डिफेंस फोरम’ में कहा कि क्षेत्र में और खासकर स्वशासी ताइवान के निकट चीन की सैन्य गतिविधियां और उसके आक्रामक कदम परेशान करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका लंबे समय से चली आ रही ‘एक चीन’ नीति को लेकर अब भी प्रतिबद्ध है तथा इसके साथ ही वह ताइवान को अपनी रक्षा करने में और सक्षम बनाना चाहता है।