वैज्ञानिक दावा: 'बच्चा' पैदा कर सकता है रोबोट
सुनील श्रीवास्तव लंदन। वैज्ञानिकों ने विज्ञान के क्षेत्र में अद्भुत चमत्कार किया है। उन्होंने दावा किया कि जीवित रोबोट्स इंसान वाले सभी कार्य कर सकते है। इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए दावा किया जा रहा है कि वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला रोबोट बना लिया है जो ' बच्चे ' भी पैदा कर सकता है, इन मिलीमीटर आकर के जीवित रोबोट्स को जेनोबॉट्स 3.0 कहा जा रहा है। जेनोबॉट्स न तो पारम्परिक रोबोट है और न ही जानवरो की प्रजाति, बल्कि जीवित प्रोग्राम करने योग्य जीव है।
मेढ़क की कोशिकाओं और कम्प्यूटर से डिजाइन किए गए जीवो को एक अमरीकी टीम ने बनाया है। ये पैक-मैंन जैसे अपने मुंह के अंदर एकल कोशिकाओं को इकट्ठा करते है ओर शिशुओं को बाहर निकालते है जो अपने माता पिता की तरह दिखते है और गति करते है। स्व- प्रतिकृति जीवित जैव- रोबोट दर्दनाक चोट, जन्म दोष, कैंसर, उम्र बढ़ने जैसी चीजों के लिए दवा और इलाज में मददगार साबित हो सकते है। जेनोबॉट्स दरअसल टफ्ट्स यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ वर्मोंट के जीव विज्ञानी और कम्प्यूटर वैज्ञानिकों का कमाल है। जेनोबॉट्स 3.0 अपने मूल संस्करण जेनोबॉट्स का अनुसरण करता है। जिसे 2020 में ' पहले जीवित रोबोट ' के रूप में रिपोर्ट किया गया था। वही जेनोबॉट्स 2.0 सिलिया नामक अपने पैरों का इस्तेमाल करके खुद को आगे बढ़ा सकता है औऱ उसमें याद रखने की क्षमता भी थी।
अमेरिका के 10 राज्यों में 'ओमिक्रोन' का संक्रमण
अखिलेश पांंडेय वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के 10 राज्यों में कोविड-19 के नये वेरिएंट ओमिक्रोन के मामले सामने आये हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को मैरीलैंड, नेब्रास्का, पेंसिल्वेनिया, न्यू जर्सी और यूटा राज्यों में ओमिक्रोन के मामले सामने आए हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में कैलिफोर्निया, कोलोराडो, हवाई, मिनेसोटा और न्यूयॉर्क में ओमिक्रोन के मामले दर्ज किये गये थे।
ओमिक्रोन का पहला मामला दक्षिणी अफ्रीका में सामने आया था और इसके बाद यह अमेरिका, मुख्य रूप से पश्चिमी देशों में नए यात्रा प्रतिबंधों और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का कारण बनते हुये एक बड़ी परेशानी बन गया है।
'ओमिक्रोन' से संक्रमित 2 लोगों ने विदेशों की यात्रा की
सुनील श्रीवास्तव सिंगापुर। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन सेे संबंधित लक्षणों के अन्य स्वरूप से ज्यादा खतरनाक होने या मौजूदा टीके या इलाज के इस पर अप्रभावी होने के संबंध में फिलहाल कोई सबूत नहीं हैं। सिंगापुर स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से एक खबर में यह बात कही गई है। ‘चैनल न्यूज एशिया’ की खबर के अनुसार मंत्रालय ने कहा कि ओमिक्रोन से संक्रमित दो लोगों ने सिंगापुर से मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की। सिंगापुर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ओमीक्रोन के संबंध में और अधिक जानकारियां और अध्ययन की जरूरत है और आने वाले सप्ताह में वैश्विक स्तर पर इसके और मामले आने की आशंका है। मंत्रालय ने कहा कि एहतियात के अतिरिक्त कदम उठाने से उन्हें इस स्वरूप से लड़ने के तरीके जानने के लिए समय मिलेगा।
सिंगापुर के चांगी हवाई अड्डे पर ओमीक्रोन संक्रमण के प्रसार पर मंत्रालय ने कहा कि संक्रमण का पहला मामला जोहानिसबर्ग से सिंगापुर एयरलाइन की एक उड़ान से 27 नवंबर को यात्रा करने वाले व्यक्ति का है। वह व्यक्ति उसी दिन की ट्रांजिट उड़ान के लिए यहां पहुंचा। इसके बाद व्यक्ति ने सिंगापुर एयरलाइन की एक अन्य उड़ान से 28 नवंबर को सिडनी की यात्रा की। ऑस्ट्रेलिया ने व्यक्ति के संक्रमित होने की पुष्टि की। व्यक्ति दक्षिण अफ्रीका से रवाना होने से पहले 24 नवंबर को नेगेटिव पाया गया था। सिंगापुर में शुक्रवार तक संक्रमण के 2,67,916 मामले सामने आए हैं और 744 लोगों की मौत हुई है।
कोरोना टीकों को एड्स से जोड़ा, बयानों की जांच की
अखिलेश पांंडेय ब्रासीलिया। ब्राजील की शीर्ष अदालत के एक न्यायाधीश ने राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो के, कोविड-19 टीकों को एड्स से जोड़ने वाले बयानों की जांच का शुक्रवार को आदेश दिया। बोल्सोनारो ने 24 अक्टूबर को प्रसारित संबोधन में कहा था, “ब्रिटेन की सरकार की आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन लोगों को टीके की दोनों खुराक मिली है। उन्हें ‘एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम’ (एड्स) जल्दी हो रहा है।
फेसबुक और इंस्टाग्राम ने कुछ दिन बाद उक्त वीडियो को यह कहकर हटा लिया कि इससे उनके नियमों का उल्लंघन होता है। वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने भी बोल्सोनारो के दावे का खंडन किया है। ब्राजील के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अलेक्सांद्रे डी मोरेआस ने देश के शीर्ष अभियोजक ऑगस्टो अरास को निर्देश दिया है कि वह ब्राजील की सीनेट द्वारा महामारी की जांच में लगाए गए आरोप की पड़ताल करे।
ब्राजील के राष्ट्रपति ने अभी तक टीका नहीं लगवाया है और वह टीकाकरण की अनिवार्यता के विरोध में बोलते रहे हैं। बोल्सोनारो का कहना है कि वह केवल एक पत्रिका में छपे लेख का हवाला देते रहे हैं और उन्होंने कोई दावा नहीं किया है। मोरेआस ने अपने आदेश में कहा कि बोल्सोनारो के बयान की जांच होनी चाहिए। हालांकि, किसी प्रकार की जांच होने की संभावना नहीं है। अरास राष्ट्रपति के विरोध में नहीं जाते हैं और सीनेट की समिति द्वारा अनुरोध किये जाने के बावजूद उन्होंने महामारी से निपटने में बोल्सोनारो की भूमिका की भी जांच नहीं की।बोल्सोनारो ने महामारी की शुरुआत से ही स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य नियमों का उल्लंघन किया और कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू पाबंदियों से फायदे के मुकाबले नुकसान ज्यादा होता है। गौरतलब है कि ब्राजील में कोविड-19 से अब तक 6,10,000 से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है और इस मामले में वह अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है।
'कोरोना' मामलों में नाटकीय उछाल देखा: अफ्रीका
अखिलेश पांडेय प्रिटोरिया। डॉ. सिखुलीले मोयो पिछले हफ्ते बोत्सवाना में अपनी प्रयोगशाला में कोविड-19 के नमूनों का विश्लेषण कर रहे थे, जब उन्होंने देखा कि ये नमूनें दूसरों से आश्चर्यजनक रूप से अलग दिख रहे थे। कुछ ही दिनों में, दुनिया इस खबर से हिल उठी कि कोरोना वायरस का एक चिंताजनक नया स्वरूप सामने आया है, एक ऐसा स्वरूप जिससे दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के मामलों में नाटकीय उछाल देखा जा रहा है और जो इस बारे में एक झलक पेश कर रहा है कि वैश्विक महामारी अब किस दिशा में बढ़ रही है।
दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 के नये मामले नवंबर के मध्य में प्रतिदिन लगभग 200 से बढ़कर शुक्रवार को 16,000 से अधिक हो गए। स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला ने कहा कि देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत गौतेंग में एक हफ्ते पहले ओमीक्रोन का पता चला था और तब से यह सभी आठ अन्य प्रांतों में फैल गया है। तेजी से बढ़ने के बावजूद, संक्रमण के नए दैनिक मामले अभी भी 25,000 से नीचे है जो दक्षिण अफ्रीका में जून और जुलाई में पिछली लहर के दौरान देखने को मिले थे। ओमीक्रोन की पहचान करने वाले संभवत: पहले व्यक्ति, वैज्ञानिक मोयो ने कहा कि नए स्वरूप के बारे में बहुत कम जानकारी है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका में वृद्धि से पता चलता है कि यह अधिक संक्रामक हो सकता है।
ओमीक्रोन में 50 से अधिक परिवर्तन (म्यूटेशन) हैं, और वैज्ञानिकों ने इसे वायरस के विकास में एक बड़ा उछाल कहा है। फाहला ने कहा कि जिन लोगों को टीका लगाया गया है, उनमें से केवल कुछ ही लोग बीमार हुए हैं, जिनमें ज्यादातर हल्की बीमारी के मामले हैं, जबकि अस्पताल में भर्ती होने वालों में से अधिकतर को टीका नहीं लगा हुआ था।
लेकिन एक चिंताजनक घटनाक्रम में, दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों ने पाया है कि ओमीक्रोन पहले के स्वरूप की तुलना में उन लोगों में पुन: संक्रमण का कारण बन रहा है, जिनको पहले से कोविड हो चुका है। हालांकि, वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि टीका अब भी गंभीर संक्रमण के खिलाफ कारगर होगा।इस बीच, मोयो ने एक साक्षात्कार में दक्षिण अफ्रीका पर लगाए प्रतिबंधों पर निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि आप इस तरह से विज्ञान को सम्मानित करते हैं? देशों को ब्लैकलिस्ट करके?उन्होंने कहा कि वायरस पासपोर्ट नहीं जानता है, यह सीमाओं को नहीं जानता है। हमें वायरस को लेकर भू-राजनीति नहीं करनी चाहिए। हमें सहयोग करना चाहिए और समझना चाहिए।
बच्चों में 'कोरोना' संक्रमण, मामलों पर चिंता जताईं
अखिलेश पांंडेय प्रिटोरिया। दक्षिण अफ्रीका में विशेषज्ञों ने बच्चों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है। देश में शुक्रवार रात तक संक्रमण के 16,055 नए मामले सामने आ चुके थे और 25 संक्रमितों की मौत हो चुकी थी। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेबल डीसीज (एनआईसीडी) की डॉ वसीला जसत ने कहा, ”हमने देखा कि पहले बच्चे कोविड महामारी से इतने प्रभावित नहीं हुए, बच्चों को अस्पतालों में भर्ती करने की जरूरत भी ज्यादातर नहीं पड़ी। उन्होंने कहा, ”महामारी की तीसरी लहर में पांच साल से कम उम्र के अधिक बच्चे अस्पताल में भर्ती करवाए गए, 15 से 19 वर्ष की आयु के किशारों को भी अस्पतालों में भर्ती करवाना पड़ा।” जसत ने कहा, ”अब चौथी लहर की शुरुआत में सभी आयुवर्गों में मामले तेजी से बढ़े हैं लेकिन पांच साल से कम उम्र के बच्चों में विशेष तौर पर मामले बढ़े।
उन्होंने कहा, ”हालांकि, संक्रमण के मामले अब भी बच्चों में ही सबसे कम हैं। सर्वाधिक मामले 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में हैं और उसके बाद सबसे अधिक मामले पांच साल से कम उम्र के बच्चों में हैं। पांच से कम उम्र के बच्चों को अस्पतालों में भर्ती करने के मामले बढ़े हैं जबकि पहले ऐसा नहीं था।” एनआईसीडी के डॉ माइकल ग्रूम ने कहा, ”मामले बढ़ने को लेकर तैयारी के महत्व पर विशेष जोर की जरूरत है जिसमें बच्चों के लिए बिस्तर और कर्मचारियों को बढ़ाया जाए।” स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के नौ प्रांतों में से सात में संक्रमण के मामले और संक्रमण की दर बढ़ रही है।