बुधवार, 1 दिसंबर 2021
1 किलो आरडीएक्स के साथ अभियुक्त गिरफ्तार
कंगना के पोस्ट को सेंसर करने की मांग: याचिका
कंगना के पोस्ट को सेंसर करने की मांग: याचिका
कविता गर्ग नई दिल्ली/ मुबंई। देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए अभिनेत्री कंगना रनौत के सोशल मीडिया पोस्ट को सेंसर करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता, सरदार चरणजीत सिंह चंद्रपाल ने याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय, आईटी मंत्रालय, ट्राई और विभिन्न राज्यों के राज्य पुलिस अधिकारियों को कंगना रनौत के खिलाफ सोशलमीडिया पर निवारक कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की। याचिका में रनौत के बयान (इंस्टाग्राम पर डाला गया) का जिक्र करते हुए कृषि कानूनों के संबंध में एक खालिस्तानी आर्म ट्विस्टिंग टैक्टिक के रूप में इसके अप्रासंगिक संदर्भ के संबंध में इसके खिलाफ सभी जगह दर्ज प्राथमिकी को खार पुलिस स्टेशन (मुंबई) में स्थानांतरित करने की मांग की गई है।
इसके साथ ही 6 महीने में चार्जशीट दाखिल करने और 2 साल में ट्रायल पूरा करने की प्रार्थना की गई है। गौरतलब है कि याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि रनौत सोशल मीडिया के जरिए अपने बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का दुरुपयोग कर रही है। याचिका में कहा गया है कि सिख किसानों के मुद्दे को रनौत के कथित बयान में "खालिस्तानी आर्म ट्विस्टिंग टैक्टिक" बताया गया है। इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना बयान भारतीयों के बीच नफरत फैला सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप देश में फूट पड़ सकती है।
वेब सीरीज 'सिटाडेल' की शूटिंग पर प्रियंका
कविता गर्ग मुबंई। अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा पिछले काफी समय से अपनी आने वाली वेब सीरीज 'सिटाडेल' की शूटिंग कर रही हैं। इस सीरीज की शूटिंग के कारण प्रियंका चोपड़ा को अधिकतर समय पति निक जोनास से दूर लंदन में गुजारना पड़ रहा है। ऐसे में प्रियंका चोपड़ा ने लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशन और मैरिज पर अपनी बात रखी है। अभिनेत्री का कहना है कि इतने लंबे समय तक अपने पति अमेरिकी पॉप गायक निक जोनास से अलग रहना मुश्किल रहा है। प्रियंका ने साझा किया, "यह वर्ष वास्तव में कठिन रहा है। पूरे एक वर्ष के लिए घर से दूर रहना वास्तव में कठिन था, खासकर ऐसे समय में जब आप अपने परिवार को देखने के लिए यात्रा नहीं कर सकते। मैं अकेली थी।
फीमेलफर्स्ट डॉट को डॉट यूके की रिपोर्ट के अनुसार अभिनेत्री और निक को पिछले साल के दौरान विभिन्न बिंदुओं पर एक साथ समय बिताने से पहले क्वारंटाइन में रहने की जरूरत है। प्रियंका ने स्वीकार किया कि कोरोना ने प्यार करने वाली जोड़ी के लिए जीवन को मुश्किल बना दिया है। प्रियंका ने 'लेडीज फस्र्ट विद लॉरा ब्राउन' पॉडकास्ट को बताया कि यह मुश्किल था लेकिन हम कामयाब रहे। प्रियंका और निक दोनों अपनी व्यक्तिगत स्थितियों और अपने दीर्घकालिक करियर की महत्वाकांक्षाओं को समझते हैं।
'बेवॉच' स्टार ने कहा कि हम हर समय बात करते हैं। हम एक-दूसरे के दिलों को जानते हैं। हम जो कुछ भी करते हैं उसमें हम एक-दूसरे को प्राथमिकता देते हैं। हमारे व्यक्तिगत करियर हैं और हम दोनों एक-दूसरे के पेशेवर जीवन में कभी भी हस्तक्षेप नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन वे निर्णय मुख्य रूप से हम दोनों के लिए हैं, क्योंकि हमने अपने करियर को मेहनत से खुद बनाया है। प्रियंका इस बात की भी सराहना करती हैं कि निक पिछले एक साल में काफी फ्लेक्सिबल रहे हैं।
मंत्रालय: एक 'किसान' की मौंत का रिकॉर्ड नहीं
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने किसान आंदोलन का मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘‘700 से अधिक किसान काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन करते हुए शहीद हुए हैं। इनके परिवारों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। किसानों के साथ न्याय करना चाहिए और उनकी दूसरी मांगें स्वीकार की जानी चाहिए।’’ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल और एआईएमआईएम के इम्तियाज जलील ने भी कहा कि एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत किसानों की अन्य मांगें सरकार को माननी चाहिए।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान बंद हुए विश्वविद्यालयों को खोला जाना चाहिए। भाजपा के मनोज कोटक ने पिछले दिनों महाराष्ट्र के अमरावती में हुई हिंसा का मुद्दा सदन में उठाया और दावा किया कि इस घटना में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। उन्होंने मांग की कि रजा अकादमी और पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाए, वहीं पुलिस और प्रशासन की भूमिका की भी जांच हो।
बसपा की संगीता आजाद ने ‘यूपीटेट’ परीक्षा का पेपर लीक होने का मुद्दा उठाया और कहा कि इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और आगे इस तरह से पेपर लीक होने से रोका जाए। आदमी पार्टी के भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में सेना की भर्ती की लिखित परीक्षा कराई जाए। तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, भाजपा के रमेश बिधूड़ी, तीरथ सिंह रावत, रामकृपाल यादव, सुनीता दुग्गल एवं विजय कुमार दुबे और कुछ अन्य दलों के सदस्यों ने भी विभिन्न मुद्दे उठाए।
बांदा से पार्टी का 'प्रचार' अभियान शुरु: चुनाव
संदीप मिश्र बांदा। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में आगामी संभावित विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आज बुधवार काे बुंदेलखंड में बांदा से पार्टी का प्रचार अभियान शुरु।सपा के मीडिया प्रकोष्ठ से मिली जानकारी के अनुसार अखिलेश बुंदेलखंड में तीन दिवसीय दौरे की शुरुआत बांदा में समाजवादी विजय रथ यात्रा के माध्यम से करेंगे। उनके यात्रा कार्यक्रम के अनुसार वह आज हेलीकॉप्टर से सुबह 11 बजे बांदा स्थित पुलिस लाइन पहुंचेंगे। यहाँ विजय रथ यात्रा में शामिल होकर जनसंपर्क करते हुये वह बांदा में राजकीय इंटर कालेज मैदान में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
इसके बाद विजय रथ से ही वह महोबा के लिये रवाना होंगे। महोबा में वह दिन में दो बजे जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद महोबा में ही वह रात्रि विश्राम करेंगे। दो दिसंबर को 11 बजे वह हेलीकाॅप्टर से ललितपुर के लिये रवाना हो जायेंगे। ललितपुर में वह गिन्नोट बाग में जनसभा को संबोधित करेंगे। ललितपुर से वह महरौनी रोड स्थित ग्राम बीर में महाराजा खेत सिंह की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
ललितपुर से अखिलेश हेलीकॉप्टर से शाम चार बजे झांसी पहुंचेंगे। झांसी में रात्रि विश्राम के बाद तीन दिसंबर को वह सुबह दस बजे विजय रथ के साथ जनसंपर्क करते हुये झांसी से पारीक्षा और चिरगांव होते हुये मोंठ पहुंचेंगे। मोंठ में जनसभा को संबोधित कर दिन में तीन बजे अखिलेश हेलीकॉप्टर से लखनऊ वापस लौटेंगे। गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में बुंदेलखंड की सभी 19 सीटों पर सपा की हार के बाद सपा इन इलाके अपने जनाधार को वापस पाने की कोशिश में है। बुंदेलखंड में तीन दिन के प्रवास के दौरान अखिलेश पार्टी के स्थानीय नेताओं के साथ चुनावी रणनीति पर भी मंथन करेंगे।
बूस्टर डोट के संबंध में फैसला करने की अपील
नरेश राघानी जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन की आशंका के मद्देनजर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए केन्द्र सरकार से बूस्टर डोट के संबंध में जल्द फैसला करने की अपील की हैं। गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए कोविड के अधिक संक्रामक बताए गए वैरिएंट ‘ओमीक्रोन’ एवं इसके भारत पर पड़ने वाले संभावित असर को लेकर एक अखबार में प्रकाशित आर्टिकल का सार साझा करते हुए आज यह अपील की।
उन्होंने केन्द्र सरकार से अपील की कि वह बूस्टर डोज के संबंध में जल्द फैसला लें जिससे कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके। उन्होंने कहा कि कोविड की दूसरी लहर जैसी परिस्थितियां फिर से ना बनें इसके लिए हमें सचेत रहकर समय रहते हुए जरूरी कदम उठाने ही होंगे। उन्होंने कहा कि कोविड की वर्तमान परिस्थितियों एवं भविष्य की आशंकाओं पर इस आर्टिकल में अच्छी जानकारी है। इसमें ओमीक्रोन की चर्चा करते हुए कहा गया है कि यदि यह भारत में आता है तो कोरोना के विरुद्ध् हमारी लड़ाई के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन सकता है।
सिंघु बॉर्डर पर होने वाली बैठक स्थगित: राजनीति
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। किसानों की मांग को लेकर पिछले एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों की बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर होने वाली बैठक स्थगित कर दी गयी। किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि छोटी मोटी बैठकें चलती रहती है। लेकिन आज कोई बैठक नहीं है। टिकैत ने कहा कि किसान संगठनों की बैठक चार दिसंबर को होनी है। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की सभी मांगों का सामाधान नहीं होता, यह आंदोलन चलता रहेगा। किसान नेता ने कहा, “सरकार को आम सहमति से रास्ता निकालना चाहिये, किसानों से बातचीत करनी चाहिये। मंगलवार को यूनियन नेताओं की तरफ से एक संकेत दिया गया कि उनकी एक बैठक बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर होगी, जिसमें 40 से अधिक किसान संगठन भाग लेंगे।
टिकैत ने आज सुबह कहा, “ऐसी कोई बैठक नहीं है, छोटी-मोटी बैठकें होती रहती हैं।” मंगलवार को संगठनों की तरफ से यह बात सामने आयी कि सरकार ने पंजाब के एक किसान नेता से एमएसपी और अन्य मुद्दों पर सरकार की ओर से बनायी जाने वाली विशेषज्ञों की समिति में किसानों की ओर से पांच नाम भेजें। किसान यूनियनों का कहना है कि सरकार की ओर से प्रस्तावित समिति पर उनके सामने अभी कोई ठोस प्रस्ताव नहीं आया है। समिति का स्वरूप क्या होगा, इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। उनका यह भी कहना है कि सरकार की ओर से कोई ठोस प्रस्ताव आएगा तो उस पर विचार करेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता डॉ. दर्शन पाल ने कल कहा था कि आगामी चार दिसंबर को होने वाली किसान संगठनों की बैठक में समिति में किसानों के नाम भेजे जाने पर विचार किया जायेगा और आंदोलन की आगे की दिशा तय होगी। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा। गौरतलब है कि तीन नये कृषि कानूनों को रद्द किये जाने की मांग को लेकर किसानों ने पिछले साल 26 नवंबर को आंदोलन किया था और इस साल 26 जनवरी को उनके दिल्ली मार्च आंदोलने के दौरान बड़े पैमाने पर राजधानी में हिंसा हुयी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को गुरू पर्व के दिन राष्ट्र के नाम संबोधन में इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी और संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र के पहले दिन 29 नवंबर को लोकसभा और राज्यसभा में इन कानूनों को वापस लेने का विधेयक पारित करा लिया गया। प्रधानमंत्री ने एमएसपी और फसल विवधिकरण और ऐसे अन्य मुद्दों पर एक समिति बनाने की घोषणा की है। किसान नेता एमएसपी की कानूनी गारंटी, आंदोलने के दौरान मृत किसानोंं के परिजनों को मुआवजा, किसानों पर दर्ज मुकदमों की वापसी, बिजली बिल की माफी और अन्य मामलों को लेकर अभी भी अड़े हुये हैं।
विपक्षी सदस्यों ने 'भ्रष्टाचार' का आरोप लगाया
अविनाश श्रीवास्तव पटना। बिहार विधानसभा में तीसरे दिन प्रश्नकाल शुरू होने से पहले हंगामा हुआ। विपक्षी सदस्यों ने राजभवन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। राज्यपाल को बर्खास्त करने की मांग की। विपक्षी विधायक बैनर-पोस्टर लेकर सदन पहुंचे थे। विस अध्यक्ष ने कहा कि राज्यपाल महामहिम हैं और वे इस विधायिका के अंग हैं।उन पर इस तरह के आरोप लगाना उचित नहीं। वहीं, भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा ने श्रम संसाधन विभाग से पूछा कि जितने युवाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा उन्हें रोजगार क्यों दिया जा रहा। जिस कंपनी पर रोजगार देने का जिम्मा है। वो इसमें विफल हो रही।
विभाग सिर्फ 20 फीसदी राशि कटौती पर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो रही। आखिर इस तरह की व्यवस्था कब तक चलेगी।बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा ने सवाल उठाया कि श्रम विभाग बिहार के नौजवानों को रोजगार के लिए ट्रेनिंग दिलवाती है। इसके लिए कंपनी को हायर किया गया है। ट्रेनिंग के नाम पर सरकार के पैसे खर्च होते हैं। जबकि कंपनी को प्लेसमेंट भी करना था। कंपनी ट्रेनिंग तो देती है लेकिन उन्हें रोजगार मुहैया नहीं कराती। सरकार सिर्फ 20 परसेंट राशि काट कर अपनी जिम्मेदारी खत्म कर ले रही। मकसद यह होना चाहिए कि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिले। सरकार की तरफ से श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार ने जवाब दिया। उन्होंने सदन में बताया कि कोरोना की वजह से परेशानी हुई है।
फिर भी जितने लोगों को प्रशिक्षित किया गया था उसमें 15 फीसदी युवाओं को रोजगार दिया गया है। फिर भी जो कंपनी प्रशिक्षण के बाद रोजगार नहीं देती। उसके खिलाफ सिर्फ 20 फीसदी राशि की कटौती नहीं बल्कि ग्रेडिंग की व्यवस्था की जा रही है। वैसी कंपनी जो रोजगार दिलाने में अक्षम साबित होगी उन्हें हटा दिया जायेगा। वहीं मंगलवार को विस परिसर में दो विधायकों में गाली-गलौच पर अध्यक्ष ने सदन में कहा कि पूरे देश में इसकी चर्चा हो रही है। इससे हमारी प्रतिष्ठा गिरी है। इसलिए हम सब की जिम्मेदारी है कि लोकतंत्र की गरिमा को बरकरार रखें। बता दें, मंगलवार को राजद विधायक भाई वीरेन्द्र और भाजपा विधायक संजय सरावगी के बीच विवाद हुआ था। इसके बाद भाई वीरेन्द्र ने बीजेपी विधायक को अपशब्द बोले थे।
बिहार विधानसभा के अंदर एक तरफ तेजस्वी जहां नीतीश को शराबबंदी के मुद्दे पर गिर रहे तो वही राबड़ी सदन के अंदर सरकार की विफलता को गिना रही है तो लालू भी एम्स के अंदर से ही नीतीश सरकार के साथ-साथ मोदी सरकार पर भी हमला बोलकर उनको चुनौती दे रहा है। राजद राष्ट्रीयअध्यक्ष लालू यादव ने कहा कि- डबल इंजन सरकार के ट्रबलधारी रहनुमाओं, बिहार में कम से कम किसानों की तो दुर्दशा को जानिए, पहचानिए और समझिए। वैसे उनकी समस्याओं को दूर करने में ना आपमें सामर्थ्य है, ना समझ और ना इच्छाशक्ति। अगर आप किसान को बीज और खाद ही उपलब्ध नहीं करा पा रहे है तो किस बात का सरकार और डबल इंजन।
बता दें बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है। आज विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11:00 बजे शुरू होगी प्रश्नोत्तर काल के बाद सदन में ध्यानाकर्षण सूचनाएं दी जाएंगी। आज विधानसभा में बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा समेत अन्य सदस्यों की ध्यानाकर्षण सूचना पर ग्रामीण कार्य विभाग की तरफ से सदन में जवाब होगा। जबकि दूसरी ध्यानाकर्षण सूचना विधायक अमरजीत कुशवाहा और सुदामा प्रसाद समेत अन्य सदस्यों की तरफ से दी गई है। इस ध्यानाकर्षण सूचना पर पर्यटन एवं कला संस्कृति युवा विभाग की तरफ से सदन में जवाब आएगा।
15 न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई: एचसी
संदीप मिश्र लखनऊ। हाईकोर्ट ने प्रदेश के कई जिला न्यायालयों में कार्यरत 11 अपर जनपद न्यायाधीशों (एडीजे), दो जिला जज स्तर के और दो सीजेएम स्तर के सहित 15 न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। इनमें से 10 को समयपूर्व सेवानिवृत्ति दी गई है। जिसमे आठ एडीजे और दो सीजेएम शामिल हैं। उनके अधिकार भी जब्त कर लिए गए हैं। यह निर्णय बीते सप्ताह इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ बेंच के न्यायाधीशों की फुलकोर्ट बैठक में लिया गया। इनमें 11 अधिकारियों को नियम 56 सी के तहत निष्प्रयोज्य आंका गया। ये सभी अपने आचरण और व्यवहार से विभाग की छवि को भी प्रभावित कर रहे थे।
इन अधिकारियों में जिला जज स्तर के मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल के एक पीठासीन अधिकारी के अलावा लखीमपुर, आगरा, कौशाम्बी, वाराणसी, हमीरपुर, सीजेएम मुरादाबाद व उन्नाव में कार्यरत अपर जिला जज, कानपुर नगर के सीजेएम स्तर के एक अधिकारी, गोरखपुर की महिला अपर जिला जज को समय से पूर्व सेवानिवृत्त कर दिया गया है।
जानकारों के मुताबिक जिन न्याययिक अधिकारियो पर कार्रवाई का निर्णय लिया गया है उनकी संस्तुति राज्य सरकार को भेजी जाएगी। राज्य सरकार के अनुमोदन और राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद कार्रवाई पर अंतिम मुहर लगेगी। संविधान के 235 अनुच्छेद में हाईकोर्ट को जिला न्यायालयों में कार्यरत न्यायिक अधिकारियों पर नियंत्रण रखने का अधिकार दिया गया है। पूर्व में भी हाईकोर्ट द्वारा न्याययिक अधिकारियों के विरुद्ध इस प्रकार की कार्रवाई की जा चुकी है। इस संदर्भ में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
हाईकोर्ट में कार्यरत एक रजिस्ट्रार को काम पूरा न हो पाने कारण स्कैनिंग कमेटी ने इन्हें भी उस सूची में शामिल किया था, लेकिन उनके आचरण, व्यवहार और अच्छे न्यायिक अधिकारी होने की कारण उन्हें राहत प्रदान की गई है। एक जिला जज अवकाश ग्रहण करने कारण कार्यवाही से राहत पा गए। काफी समय से निलंबित चल रहे सुलतानपुर के एडीजे को भी राहत प्रदान की गई है।
कोरोना: दिसंबर में अफ्रीका दौरे पर 'भारतीय' टीम
कोरोना: दिसंबर में अफ्रीका दौरे पर 'भारतीय' टीम
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। भारतीय टीम को इसी महीने (दिसंबर) में साउथ अफ्रीका दौरे पर जाना है। लेकिन कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने टेंशन बढ़ा दी है। दौरे के लिए अब तक भारतीय टीम घोषित नहीं की गई है। लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि यह दौरा अभी टला नहीं है। हमारे पास फैसला करने के लिए काफी समय बाकी है। गांगुली ने मंगलवार को कहा कि फिलहाल साउथ अफ्रीका दौरा तय समयानुसार ही होगा। कोरोना के नए वैरिएंट के सामने आने से जो स्थिति पैदा हुई है, उस पर हम पैनी नजर बनाए हुए हैं। गांगुली ने कहा कि अभी जो स्थिति बनी हुई है, उसके मुताबिक दौरा होने की पूरी संभावना है। हमारे पास फैसला करने के लिए अब भी काफी समय है। पहला टेस्ट 17 दिसंबर से होना है। हम इस पर विचार करेंगे।
वहीं, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट की मानें तो भारतीय बोर्ड अभी सरकार की हरी झंडी का इंतजार कर रहा है।इसके बाद ही फैसला होगा कि भारतीय टीम साउथ अफ्रीका जाएगी या नहीं। साथ ही इस दौरे को रिशेड्यूल भी किया जा सकता है। तीनों सीरीज के कुछ मैच कम किए जा सकते है।
अमेरिका: हाई स्कूल में गोलीबारी, 3 छात्रों की मौंत
फिर से हिंसा का दौर शुरू होने की आशंका: राष्ट्र
अखिलेश पांंडेय जेरूसलम। संयुक्त राष्ट्र के पश्चिम एशिया मामलों के दूत टोर वेनेसलैंड ने आगाह किया है कि अगर इजराइल और फलस्तीन के बीच विवाद के मुद्दों पर जल्द एवं निर्णायक फैसला नहीं लिया गया तो वहां ‘‘फिर से हिंसा का दौर शुरू होने’’ की आशंका है। वेनेसलैंड ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा है कि यह जरूरी है कि पक्षकार ‘‘जमीन पर स्थिति को संयमित करें’’, पूरे फलस्तीन में हिंसा कम करें, एकतरफा तरीके से इजराइली बस्तियों को बसाने से बचा जाए और इजराइल-फलस्तीन के बीच 11 दिनों के संघर्ष के बाद कायम संघर्ष विराम को मजबूत किया जाए।
उन्होंने वेस्ट बैंक में फलस्तीनी संस्थानों की स्थिरता को खतरा उत्पन्न करने वाले गंभीर वित्तीय और आर्थिक संकट से निपटने पर जोर दिया। हालांकि, वेनेसलैंड ने आगाह किया कि मौजूदा स्थिति से निपटने में संभव है कि तत्काल और पूर्ण आर्थिक पैकेज भी सहायक नहीं होगा।
3 और देशों के नागरिकों पर प्रतिबंध, घोषणा की
सुनील श्रीवास्तव कनाडा। कनाडा ने कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ को लेकर चिंताओं के बीच तीन और देशों के नागरिकों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। कनाडा उन सभी विदेशी नागरिकों पर प्रतिबंध लगा रहा है, जिन्होंने नाइजीरिया, मलावी और मिस्र में हाल ही में यात्रा की थी। कनाडा ने इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के सात देशों से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।
कनाडा की मुख्य जन स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. थेरेसा टैम ने बताया कि कनाडा में ‘ओमीक्रोन’ के सभी मामले नाइजीरिया से आए हैं, जहां टीकाकरण की दर कम है। स्वास्थ्य मंत्री जीन यवेस डुक्लोस ने बताया कि अमेरिका के अलावा देश में विमान से आने वाले सभी यात्रियों को हवाई अड्डा पहुंचने पर कोविड-19 संबंधी जांच करानी होगी और जांच के नतीजे आने तक उन्हें पृथक-वास में रहना होगा।
ओंटारियो प्रांत में रविवार को ‘ओमीक्रोन’ का पहला मामला आया और क्यूबेक में सोमवार को इसका पहला मामला आया था। ब्रिटिश कोलंबिया और अल्बर्टा प्रांतों में भी इसके पहले मामलों की पुष्टि हुई है, इन संक्रमितों ने नाइजीरिया की यात्रा की थी। अल्बर्टा की मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डीना हिनशॉ ने बताया कि अल्बर्टा में संक्रमित पाया गया व्यक्ति नीदरलैंड से होकर गुजरा था और उसमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डुक्लोस ने बताया कि कनाडा के बाहर के यात्रियों को अब भी प्रस्थान से पूर्व कोविड-19 संबंधी जांच कराने की आवश्यकता है। जिसके लिए भुगतान यात्रियों को करना होगा। कनाडा सरकार, अमेरिका से कनाडा आने वाले हवाई यात्रियों के आगमन पर जांच के खर्च का भुगतान करेगी। टैम ने कहा कि नाइजीरिया और मिस्र से लोगों के आने के बाद कोविड-19 के मामले बढ़े हैं।
गैस-सिलेंडर की कीमत 100 रुपये बढ़ाईं, झटका
गैस-सिलेंडर की कीमत 100 रुपये बढ़ाईं, झटका
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। पूरे साल में कई बार गैस सिलेंडर के दाम बढ़ चुके हैं। और साल के आखिरी महीने दिसंबर के पहले दिन ही आम जनता को एक बड़ा झटका लगा। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में 19 किलोग्राम कमर्शियल गैस-सिलेंडर की कीमत 100 रुपये तक बढ़ा दी है।
हालांकि,14.2 किलोग्राम बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 897.50 रुपये है। जबकि कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 100.50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ाई गई है। और अब इसकी नई कीमत 2101 रुपए हो गई है। गौरतलब है कि तेल कंपनियां समीक्षा के बाद हर महीने एलपीजी गैस के दामों में फेरबदल करती है।
संयुक्त समिति का कार्यकाल छठीं बार बढ़ाया
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। ‘वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2019’ का अध्ययन कर रही संसद की संयुक्त समिति का कार्यकाल छठी बार बढ़ाया गया और अब समिति को रिपोर्ट पेश करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम सप्ताह तक का समय दिया गया है। भाजपा सांसद और इस समिति के प्रमुख पी.पी. चौधरी ने लोकसभा में इस संबंध में प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया।
प्रस्ताव में कहा गया था कि यह सदन ‘वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2019’ पर संसद की संयुक्त समिति को रिपोर्ट पेश करने के लिये समय को शीतकालीन सत्र के अंतिम सप्ताह तक बढ़ाता है। विधेयक का अध्ययन करने के लिए दिसंबर, 2019 में संसद की संयुक्त समिति का गठन किया गया था और इसका कार्यकाल छठी बार बढ़ाया गया है। उसे गत बजट सत्र में रिपोर्ट देनी थी, लेकिन तब समिति के लिए रिपोर्ट जमा करने की समय-सीमा संसद के मॉनसून सत्र के पहले सप्ताह तक बढ़ाई गयी थी। विधेयक में किसी व्यक्ति के निजी डाटा के सरकार और निजी कंपनियों द्वारा उपयोग के नियमन के प्रावधान हैं। इस समिति की रिपोर्ट को पिछले महीने अंगीकार किया गया था। इसमें सरकार को जांच एजेंसियों को इस प्रस्तावित कानून के प्रावधानों से छूट देने क अधिकार दिया गया है जिसका विपक्ष के कई सांसदों ने विरोध किया है।
'जीएसटी' राजस्व संग्रह में तेजी का रूख बना
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने के साथ ही जीएसटी राजस्व संग्रह में भी तेजी का रूख बना हुआ है। इस वर्ष नवंबर में जीएसटी राजस्व संग्रह 131526 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। जुलाई 2017 में इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के लागू होने के बाद नवंबर में संग्रहित जीएसटी राजस्व इस वर्ष अप्रैल के संग्रहित 1.40 लाख करोड़ रुपये के राजस्व के बाद दूसरा सबसे अधिक मासिक राजस्व है। अक्टूबर 2021 में 130127 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व जमा हुआ था और नंवबर ऐसा लगातार दूसरा महीना रहा जबकि जीएसटी राजस्व संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।
इस वर्ष सितंबर में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.17 लाख करोड़ रुपये रहा था। नवंबर 2021 में संग्रहित राशि पिछले वर्ष इसी महीने में संग्रहित राजस्व 104963 करोड़ रुपये से 25 फीसदी अधिक है।काेरोना की दूसरी लहर की वजह से लगाये गये कठोर लॉकडाउन के कारण इस वर्ष जून में जीएसटी राजस्व संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से कम रहा था। इससे पहले लगातार नौ महीनों तक यह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था। अब फिर जुलाई, अगस्त , सितंबर और अक्टूबर के साथ ही नवंबर में भी यह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।
इस वर्ष नवंबर में कुल जीएसटी राजस्व संग्रह 131526 करोड़ रुपये रहा है। इसमें सीजीएसटी 23978 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 31127 करोड़ रुपये , आईजीएसटी 66815 करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति उपकर 9606 करोड़ रुपये रहा है। आईजीएसटी में आयात पर जीएसटी 32165 करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति उपकर में आयात पर जीएसटी 653 करोड़ रुपये शामिल है।
सरकार ने सीजीएसटी में 27273 करोड़ रुपये और एसजीएसटी में 22665 करोड़ रुपये दिया है। इस नियमित वितरण के बाद अक्टूबर में सीजीएसटी 51251 करोड़ रुपये और एसजीएसटी 53782 करोड़ रुपये रहा है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस वर्ष अक्टूबर में जीएसटी राजस्व में हुयी बढोतरी आयात पर संग्रहित राजस्व में वृद्धि के कारण अधिक रही है।
पेट्रोल की कीमत में करीब 8 रुपये की कमी हुईं
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली-एनसीटी में दिल्ली सरकार द्वारा वैट की दर में बड़ी कटौती के साथ राजधानी में पेट्रोल की कीमत में करीब आठ रुपये की कमी हो गयी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में एनसीटी-दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में पेट्रोल पर वैट की दर 30 प्रतिशत से घटाकर 19.40 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया।
इस फैसले के बाद राजधानी में पेट्रोल की कीमत में करीब आठ रुपये की कटौती हुयी है। गौैरतलब है कि केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उछाल से घरेलू बाजार में डीजल और पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी से प्रभावित उपभोक्ताओं को राहत देने के लिये नवंबर के पहले सप्ताह में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में पांच रुपये प्रति लीटर और डीजल पर दस रुपये प्रति लीटर की कमी की थी। उसके बाद उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और कई अन्य राज्य भी पेट्रोल और डीजल शुल्क में उसी के बराबर राहत दे चुके हैं।
केजरीवाल सरकार ने करीब एक महीने बाद डीजल और पेट्रोल पर वैट कम करने का यह फैसला किया है। विपक्षी दल केजरीवाल सरकार से दिल्ली में डीजल पेट्रोल पर वैट घटाने की मांग करते आ रहे थे।
सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली
सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली इकबाल अंसारी रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...
-
महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...
-
उपचुनाव: 9 विधानसभा सीटों पर मतगणना जारी संदीप मिश्र लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतगणना जारी है। यूपी कीे क...
-
80 वर्षीय बुजुर्ग ने 34 साल की महिला से मैरिज की मनोज सिंह ठाकुर आगर मालवा। अजब मध्य प्रदेश में एक बार फिर से गजब हो गया है। आगर मालवा जिले...
मंत्रालय: एक 'किसान' की मौंत का रिकॉर्ड नहीं
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। लोकसभा में केंद्र सरकार ने बुधवार को दावा किया कि किसान आंदोलन की वजह से कृषि मंत्रालय के पास किसी किसान की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है। केंद्र सरकार के इस बयान पर किसान नेताओं ने नाराजगी जताई है। उधर, किसानों की मौत के मामले में कांग्रेस ने भी सरकार पर निशाना साधा है। दोआबा किसान कमेटी के स्टेट चीफ जंगवीर सिंह चौहान ने कहा, सरकार के पास आईबी से लेकर दिल्ली पुलिस तक हर तरह के डाटा हैं। अगर वे कह रहे हैं कि किसानों की मौत का डाटा नहीं है, तो ये गलत है। इसके बावजूद अगर सरकार कहती है तो हम उन्हें मुआवजे के लिए किसानों की मौत का आंकड़ा देंगे।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और कुछ अन्य सदस्यों ने आंदोलनकारी किसानों की मांगों से जुड़ा मुद्दा बुधवार को लोकसभा में उठाया और कहा कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने समेत अन्य मांगें स्वीकार करनी चाहिए। सदन में शून्यकाल के दौरान विभिन्न सदस्यों ने जनहित के अलग-अलग मुद्दे उठाए। कांग्रेस के मणिकम टैगोर ने मांग उठाई कि कि कोराना वायरस महामारी में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।