ओमीक्रोन वेरिएंट के दूसरे मामलें की पुष्टि हुईं
सुनील श्रीवास्तव जेरूशलम। इजरायल में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के दूसरे मामले की पुष्टि हुई है। कान टीवी न्यूज ने यह जानकारी दी है। कान टीवी ने रविवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि महिला का टीकाकरण हो चुका है और वह दक्षिण अफ्रीका से लौटी है। इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए गए परीक्षण में वह पॉजिटिव पाई गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल सेना की होम फ्रंट कमांड यूनिट ने मरीज के करीबी संपर्कों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है। जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय अन्य लौटने वाले यात्रियों के परीक्षण रिर्पोट की प्रतीक्षा कर रहा है।उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने शुक्रवार को इजरायल में ओमीक्रोन के पहले मामले की सूचना दी थी। जिसके बाद शनिवार की रात से इजरायल की सरकार ने ओमीक्रोन वेरिएंट के प्रसार पर रोक लगाने के लिए विदेशी नागरिकों के देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। कनाडा के ओंटारियो प्रांत की सरकार ने कोरोना वायरस स्ट्रेन ओमीक्रोन के दो मामलों की पुष्टि की है।
उप प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री क्रिस्टीन इलियट तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ किरन मूर ने रविवार को एक बयान में कहा, “आज,ओंटारियो प्रांत ने ओटावा में कोविड-19 के ओमीक्रोन वेरिएंट के दो मामलों की पुष्टि हुई है। दोनों में से एक हाल ही में नाइजीरिया की यात्रा करने वाले व्यक्तियों में था। ओटावा पब्लिक हेल्थ मामले और संपर्क प्रबंधन का इन मामलों को देख रहा है और मरीज आईसोलेशन में हैं।”बयान के अनुसार, कनाडा आने वाले सभी यात्रियों का कोविड-19 परीक्षण किया जाएगा चाहे वे कहीं से भी आ रहे हों। कनाडा ने शुक्रवार को दक्षिणी अफ्रीकी देशों के कुछ देशों से कनाडा की यात्रा करने वाले विदेशी नागरिकों पर प्रतिबंध लगा दिया था। ओंटारियो सरकार ने कहा कि ओमीक्रोन वेरिएंट के खिलाफ सबसे अच्छा बचाव इसे हमारी सीमा पर रोक रहा है।
वैज्ञानिकों ने कोरोना के नए स्वरूप की पहचान की
अखिलेश पांडेय एम्सटर्डम। दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के एक नये स्वरूप की पहचान की और उसे देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रांत, गोतेंग में हाल में संक्रमण के मामले बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। यह अस्पष्ट है कि नया स्वरूप पहली बार कहां सामने आया, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने हाल के दिनों में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को इसे लेकर सतर्क किया और अब इसके मामले ऑस्ट्रेलिया, इज़राइल, नीदरलैंड सहित कई देशों में भी सामने आ रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को, इसे ‘‘चिंताजनक स्वरूप’’ बताया और इसे ‘ओमीक्रोन’ नाम दिया। दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला ने कहा कि यह स्वरूप पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के मामलों में हुई ‘‘बेतहाशा वृद्धि’’ के लिए जिम्मेदार है।
देश में हाल के हफ्तों में हर दिन करीब 200 नये मामले सामने आने के बाद, दक्षिण अफ्रीका में शनिवार को 3,200 से अधिक नये मामले सामने आए। इनमें से अधिकांश गोतेंग में सामने आए। संक्रमण के मामलों में अचानक वृद्धि को समझा पाने में संघर्ष कर रहे वैज्ञानिकों ने वायरस के नमूनों का अध्ययन किया और नये स्वरूप की खोज की। अब, ‘क्वाजुलु-नताल रिसर्च इनोवेशन एवं सीक्वेंसिंग प्लेटफॉर्म’ की निदेशक तुलिया डी ओलिवेरा के मुताबिक गोतेंग में 90 प्रतिशत से अधिक मामले इसी स्वरूप के हैं।
डेटा का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों के एक समूह को बुलाने के बाद, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अन्य प्रकारों की तुलना में “प्रारंभिक साक्ष्य इस स्वरूप से पुन: संक्रमण के बढ़ते जोखिम का सुझाव देते हैं।” इसका मतलब है कि जो लोग संक्रमण से उबर चुके हैं, वे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। समझा जाता है कि इस नये स्वरूप में कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में सबसे ज्यादा, करीब 30 बार परिवर्तन हुए हैं जिससे इसके आसानी से लोगों में फैलने की आशंका है।