शुक्रवार, 26 नवंबर 2021

वेरिएंट: डब्ल्यूएचओ ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई

वेरिएंट: डब्ल्यूएचओ ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई 

अखिलेश पांडेय         वॉशिंगटन डीसी। दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना में मिले कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर खतरा बढ़ता जा रहा है। इसे देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। ब्रिटिश साइंटिस्ट्स ने भी बोत्सवाना में मिले नए वैरिएंट को लेकर चेतावनी दी थी। इसमें 32 म्यूटेशन हो रहे हैं, जिस वजह से वैक्सीन भी इसके खिलाफ कारगर नहीं है। यह वैरिएंट अपने स्पाइक प्रोटीन में बदलाव कर काफी तेजी से फैल रहा है। भारत के लिए खतरे की बात यह है कि नया स्ट्रेन हॉन्गकॉन्ग तक पहुंच गया है।

दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफेक्शियस डिजीज ने बताया- देश में इस वैरिएंट के अब तक 22 केस मिले हैं। वैज्ञानिकों ने इसे B.1.1.529 नाम दिया है। इसे वैरिएंट ऑफ सीरियस कंसर्न बताया है। डब्ल्यूएचओ में कोरोना मामले की तकनीकी प्रमुख डॉ. मारिया वान केरखोव ने कहा- हमें इस वैरिएंट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिली है। मल्टीपल म्यूटेशन की वजह से वायरस के बिहेवियर में बदलाव हो रहा है और यह चिंता की बात है।

ब्रिटेन ने नए वैरिएंट के खतरे को देखते हुए अफ्रीका के 6 देशों से आने वाली फ्लाइट्स पर फिलहाल रोक लगा दिया है। इनमें दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, बोत्सवाना, जिंबाब्वे, लिसोथो और एसवाटिनी शामिल हैं। ब्रिटेन के हेल्थ सेक्रेटरी साजिद जाविद ने बताया- देश की हेल्थ एजेंसी नए वैरिएंट की जांच कर रही है। हमें और डेटा की जरूरत है, लेकिन हम सावधानी बरत रहे हैं। इन 6 अफ्रीकी देशों को रेड लिस्ट में डाला जाएगा और ब्रिटेन आने वाले यात्रियों को क्वारैंटाइन में रहना होगा।ब्रिटेन में 18 साल से ऊपर के लोगों से वैक्सीन लगवाने के लिए लगातार अपील की जा रही है।

साउथ अफ्रीका से हॉन्गकॉन्ग पहुंचे लोगों में भी इस वैरिएंट का संक्रमण पाया गया है। नया वैरिएंट सबसे पहले रीगल एयरपोर्ट होटल में ठहरे 2 लोगों में पाया गया। हॉन्गकॉन्ग के सेंटर फॉर हेल्थ प्रोटेक्शन (CHP) के मुताबिक जांच से पता चला है कि दोनों मामले B.1.1.529 वैरिएंट के ही हैं। पहले शख्स ने एयर वॉल्व वाला मास्क पहना था और इस मास्क की वजह से ही दूसरे शख्स में वायरस का संक्रमण पहुंचा।


पेट्रोल-डीजल से वाहनों की टंकियां फुल: सीमा

सुनील श्रीवास्तव        नई दिल्ली/ काठमांडू। भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा खुलते ही अब चहल-पहल बढ़ने लगी है। भारतीय सैलानी नेपाल पहुंचकर सस्ते दाम में बिक रहे पेट्रोल और डीजल से वाहनों की टंकियां फुल करा रहे हैं। साथ ही, नेपाल से कॉस्मेटिक सामान की भी बढ़चढ़ कर खरीददारी कर रहे हैं। हालांकि अब तक अधिकतर लोगों को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सामान्य आवाजाही शुरू होने की जानकारी नही है। आने वाले दिनों में नेपाल में भारतीय सैलानियों की तादात में बढ़ोत्तरी की संभावनाएं लग रही हैं। सीमा खुलने से बॉर्डर से सटे भारतीय बाजारों के व्यापारियों ने भी राहत की सांस ली है। 

सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा वीडियो कोरोना के कारण भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा करीब दो साल तब बंद रही। इसके चलते सीमा से सटे नेपाल के कंचनपुर और चम्पावत के टनकपुर बनबसा का व्यापारी काफी प्रभावित हो रहा था। हालांकि नेपाल सरकार ने करीब डेढ़ माह पूर्व ही भारतीयों के लिए सीमा खोल दी थी। लेकिन नेपाल में प्रवेश के लिए 72 घंटे पूर्व कराई गई कोरोना जांच रिपोर्ट अनिवार्य की गई थी। इससे भारतीय लोग नेपाल नहीं पहुंच पा रहे थे। दोनों ओर सीमा पर सामान्य आवाजाही की मांग लंबे समय से उठ रही थी। इसी को देखते हुए नेपाल प्रशासन ने तीन दिन पूर्व ही अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सामान्य आवाजाही की अनुमति दे दी थी। 

कंचनपुर बाजार में रौनक लौटी हुई थी। हालांकि भीड़ अधिक नहीं थी लेकिन भारतीय सैलानी धड़ल्ले से नेपाल में प्रवेश कर रहे थे। इससे नेपाल के पेट्रोल पंप संचालक, होटल और कॉस्मेटिक व्यापारियों के चेहरे खिले हुए थे। साथ ही परिवहन कारोबारी भी बेहद खुश नजर आ रहे थे। कंचनपुर के पंपों में भारतीय मुद्रा के अनुसार गुरुवार को करीब 85 रुपये प्रति लीटर की दर से पेट्रोल, जबकि 73.75 रुपये लीटर की दर से डीजल बिक रहा था। इधर, चम्पावत में पेट्रोल 94.98 डीजल 88.25 की दर से बिक रहा है। बनबसा से महेंद्रनगर करीब आठ किमी दूरी पर स्थित है। उस पार पेट्रोल डीजल के दाम करीब 10 रुपये कम है। तमाम भारतीय सैलानी वाहनों में पेट्रोल भराने में जुटे हुए थे। पंप संचालकों ने मीडिया से वाहनों में ईंधन भराते समय फोटो खींचने से मनाही कर दी थी। उस वक्त कई भारतीय दोपहियां और चौपहियां वाहन ईंधन भराने पंप में पहुंचे हुए थे। पंप संचालकों ने बताया कि करीब एक सप्ताह पूर्व तक यहां पर पेट्रोल 82 जबकि डीजल करीब 72 रुपये की दर से बिक रहा था। 

भारत की तुलना में नेपाल में कॉस्मेटिक और ऊनी सामान काफी सस्ता है। नेपाल में ब्रांडेड कंपनियों का कॉस्मेटिक सामान सस्ता होने से वहां से भारत में तस्करी भी होती है। इसके अलावा भारतीय सैलानी नेपाल में जैकेट, स्वेटर, जूते और अन्य सामान की खरीददारी को पहुंचते हैं। भारत में शुल्क अधिक होने के कारण ये वस्तुएं महंगी हैं। व्यापार मंडल बनबसा के महामंत्री अभिषेक गोयल कहते हैं कि भारत-नेपाल सीमा पर सामान्य आवाजाही शुरू होने से व्यापारियों और आम लोगों ने राहत की सांस ली है। बनबसा के व्यापारियों का नेपाल में अच्छा खासा व्यापार होता है। सीमा बंद होने से तमाम परेशानियां उठानी पड़ रही थी। अब आने वाले दिनों में व्यापार में बढ़ोत्तरी की संभावना है।



विदेशी बोर्ड्स के स्टूडेंट्स को अनुमति की जरूरत नहीं

विदेशी बोर्ड्स के स्टूडेंट्स को अनुमति की जरूरत नहीं

अकांंशु उपाध्याय           नई दिल्ली। सीबीएसई बोर्ड ने गुरुवार को यह घोषणा की है कि सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में दाखिला लेना चाह रहे विदेशी बोर्ड्स के स्टूडेंट्स को अब पूर्व अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि छात्रों के अनुमति संबंधी आवेदन की संख्या बढ़ने के बाद यह कदम उठाया गया है। कोविड-19 महामारी के बाद कई परिवार विभिन्न कारणों से विदेशों से लौट रहे हैं। सीबीएसई के एग्जाम कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने कहा, ‘कोरोना महामारी के बाद कई परिवार विभिन्न वजहों से भारत आ रहे हैं। 

इसलिए विदेशी बोर्ड्स में पढ़ रहे कई छात्र सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं। चूंकि दो अलग-अलग बोर्ड्स की कक्षाओं की समानता के आधार पर दूसरे बोर्ड्स के छात्रों को दाखिला दिया जाता है तो विदेशी बोर्ड्स से आ रहे छात्र स्कूलों के जरिए सीबीएसई को आवेदन दे रहे हैं कि उन्हें समानता के आधार पर 9वीं और 11वीं कक्षाओं में दाखिला देने की अनुमति दी जाए।भारद्वाज ने बताया कि इन छात्रों और उनके परिवारों की समस्याओं और मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने फैसला लिया है कि अब से विदेशी बोर्ड्स से आ रहे छात्रों को सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में दाखिला लेने के लिए ऐसी कोई पूर्व अनुमति नहीं लेनी होगी। उन्होंने कहा, ‘विदेशी बोर्ड्स की 10वीं और 12वीं कक्षाओं की सीबीएसई की कक्षाओं से समानता की सूची हमारी वेबसाइट पर दी गयी है। अब स्कूल सीबीएसई से कोई अनुमति लिए बिना छात्रों को दाखिला दे सकते हैं।

अदालत की निगरानी वाली समिति से अनुरोध

अकांंशु उपाध्याय         नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस ने त्रिपुरा में नगरपालिका चुनाव के दौरान कथित तौर पर बड़े पैमाने पर हुई हिंसा की अदालत की निगरानी वाली समिति से जांच कराने का अनुरोध करते हुए शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ को वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया में मीडिया को निर्बाध पहुंच प्रदान करने के अदालत के बृहस्पतिवार के आदेश के बावजूद इस संबंध में कुछ भी नहीं किया गया।सिब्बल ने तृणमूल द्वारा दायर दो आवेदनों को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, ”वहां बिल्कुल अशांत माहौल था। उम्मीदवारों को भी मतदान नहीं करने दिया गया। हिंसक घटनाएं हुईं। यहां तक ​​कि मीडिया में आई खबरों में कहा गया कि उच्चतम न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन हुआ है।

पीठ ने कहा कि अदालत ने इस मुद्दे से निपटने के लिए बृहस्पतिवार को एक विशिष्ट और विस्तृत आदेश पारित किया था। सिब्बल ने कहा कि मुझे पता है, लेकिन केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की दो बटालियन को मुहैया नहीं कराया गया। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को दो कांस्टेबल भी उपलब्ध नहीं कराए गए। हमारे पास इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सबूत हैं। कृपया इन अर्जियों को अविलम्ब सूचीबद्ध करें। पीठ ने कहा कि शुक्रवार को अलग-अलग न्यायाधीशों की पीठ है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ”देखते हैं कि क्या किया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि न्यायाधीश संविधान दिवस के अवसर पर आधिकारिक कार्यों में व्यस्त हैं। इस पर सिब्बल ने कहा कि कल शनिवार होने के बावजूद अदालत मामले की सुनवाई कर सकती है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि शनिवार को एक आधिकारिक कार्यक्रम है।

लेकिन वह दोपहर के भोजनावकाश के समय न्यायमूर्ति बोपन्ना से बात करेंगे और चर्चा करेंगे कि क्या किया जा सकता है। एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड रजत सहगल ने कहा कि तृणमूल ने दो आवेदन दायर कर मतगणना स्थगित करने और हिंसक घटनाओं की अदालत की निगरानी वाली समिति से जांच कराने का अनुरोध किया है।

उन्होंने कहा कि एक अन्य आवेदन में पार्टी ने इस मामले में राज्य चुनाव आयुक्त को जिम्मेदार ठहराने का अनुरोध किया है। शीर्ष अदालत ने तृणमूल और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के आरोपों के बाद बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय को त्रिपुरा नगरपालिका चुनावों के दौरान मतदान केंद्रों की सुरक्षा के लिए सीएपीएफ की दो अतिरिक्त कंपनियां मुहैया कराने का निर्देश दिया था। दोनों पार्टियों ने आरोप लगाया है कि उनके समर्थकों को मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई और कानून व्यवस्था का गंभीर उल्लंघन हुआ है।

10 साल से पुराने डीजल वीकल्ज पर बैन लगाया

अकांंशु उपाध्याय        नई दिल्ली। दिल्ली में एयर पोल्यूशन पर काबू पाने के लिए 10 साल से पुराने डीजल वीकल्ज पर बैन लगा दिया गया है। ऐसे में उन लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जिनके पास 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल कार मौजूद हैं। देश में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण दिल्ली में है पर एक तरीका ऐसा भी है। जिससे आप अपनी पुरानी डीजल कार को दिल्ली की सड़को पर दौड़ा सकेंगे। 

दिल्ली में अपनी डीजल कार को इलेक्ट्रिक कार में कनवर्ट करके आप न सिर्फ अपनी कार का पोजेशन कायम रख सकेंगे बल्कि उसे सरपट सड़कों पर दौड़ा भी सकेंगे। इसके लिए आपको फ्यूल किट की जगह ई-मोटर और बैटरी फिट करानी होगी। इस बात की जानकारी परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दी है। उन्होंने कहा कि, राष्ट्रीय राजधानी अब इंटरनल कंब्शन इंजन की इलेक्ट्रिक रेट्रोफिटिंग के लिए तैयार है। हांलांकि अभी तक यह जानकारी नहीं मिली है कि सरकार डीजल कार को इलेक्ट्रिक में कनवर्ट करने के लिए कितनी सब्सिडी देगी।

किसी भी नॉर्मल कार को इलेक्ट्रिक कार में बदलने के लिए मोटर, कंट्रोलर, रोलर और बैटरी की जरूरत होती है। कार में आने वाला खर्च इस बात पर डिपेंड है कि आप कितने किलोवॉट की बैटरी और कितने किलोवॉट का मोटर कार में फिट करना चाहते हैं, क्योंकि ये दोनों पार्ट कार के पावर और रेंज के लिए जिम्मेदार होते हैं। जैसे, करीब 20 किलोवॉट की इलेक्ट्रिक मोटर और 12 किलोवॉट की लिथियम आयन बैटरी का खर्च 4 लाख रुपए के आस पास आता है। इसी तरह अगर बैटरी 22 किलोवॉट की होगी तो यह खर्च बढ़कर करीब 5 लाख रुपए तक हो जाता है। आप अपनी पेट्रोल या डीजल कार को इलेक्ट्रिक कार में कन्वर्ट करने के लिए 5 लाख रुपए खर्च करते हैं और इसके बाद आप 75 किमी की रेंज पा सकते हैं। तब 4 साल और 8 महीने में आपके पैसे वसूल हो जाएंगे और फिर काफी बचत भी हो जाएगी। 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-39 (वर्ष-05)
2. शनिवार, नवंबर 27, 2021
3. शक-1984, मार्गशीर्ष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-अष्टमी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 06:48, सूर्यास्त 05:24।
5. न्‍यूनतम तापमान -11 डी.सै., अधिकतम-27+ डी.सै.। 
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक शिवाशुं व राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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गुरुवार, 25 नवंबर 2021

सब्जी मंडी में बनाये गये क्रय केन्द्र का निरीक्षण

सब्जी मंडी में बनाये गये क्रय केन्द्र का निरीक्षण
बृजेश केसरवानी            
प्रयागराज। मण्डलायुक्त श्री संजय गोयल गुरूवार को जसरा स्थित नवीन सब्जी मण्डी में बनाये गये धान क्रय केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। मण्डलायुक्त ने केन्द्र प्रभारी सहित अन्य सभी सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि धान को विक्रय करने मेें किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। 
उन्होंने कहा कि केन्द्र पर सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित रहें। कहा कि किसानों के धान विक्रय का मूल्य उनके खाते में निर्धारित समय में अनिर्वाय रूप से हस्तांतरित हो जाये। उन्होंने कहा कि धान खरीद में किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं आनी चाहिए, धान की सही तौल हो। इस अवसर पर अपर आयुक्त प्रशासन श्री पुष्पराज सिंह, आरएमओ श्री दुर्गेश प्रसाद सहित अन्य सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

मूल्यांकन व समीक्षा समिति की बैठक संपन्न हुईं
गणेश साहू             
कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी की अध्यक्षता में सम्राट उदयन सभागार में गो आश्रय स्थलों के सम्बंध में जनपद स्तरीय अनुश्रवण मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि गौशालाओं में क्षमता के अनुसार गोवंशों को रखा जायें एवं निराश्रित घूम रहे गोवंशों को आश्रय स्थलों में संरक्षित किया जायें।
उन्होंने अस्थायी आश्रय हेतु न्याय पंचायत वार चिन्हित भूमि पर निर्माण कार्य प्रारम्भ कराने तथा निर्माणाधीन गोशालाओं के प्रगति की समीक्षा के दौरान निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिये। उन्होंने गौशालाओं में गोवंशों को ठण्ड से बचाव हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने विकास खण्डवार एवं तहसीलवार गठित कमेटी की बैठक कराने के भी निर्देश दिये है।
 
गाजियाबाद: 4 कोरोना वायरस संक्रमित मिलें
अश्वनी उपाध्याय            गाज़ियाबाद। जिले में अब केवल एक सक्रिय कोरोना संक्रमित मरीज है। इतना ही नहीं, नवंबर महीने की शुरुआत से अब तक 62,413 लोगों की जांच में केवल चार कोरोना संक्रमित मिले हैं। बृहस्पतिवार को जिले के 3,660 लोगों की कोरोना जांच में कोई संक्रमित नहीं मिला है। खास बात यह है कि दस जून 2021 के बाद जिले में किसी भी संक्रमित की मौत नहीं हुई है।

जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2020 से लेकर अब तक गाज़ियाबाद जिले में 20,12,551 लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है। जांच में कुल 55,677 संक्रमित मिले। इनमें से 55,215 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और 461 संक्रमितों की मौत हुई है।

जिला सर्विलांस अधिकारी डा.आर के गुप्ता ने बताया कि बृहस्पतिवार को दो संक्रमितों की गलत तरीके से रिपोर्ट पोर्टल पर दर्ज हो गई है। इनमें एक ने संक्रमित होने के पांच दिन बाद जांच कराई है और एक दादरी के व्यक्ति की रिपोर्ट शामिल है। दोनों का नाम हटाने की संस्तुति कर दी गई है।

प्रधानों को 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि

प्रधानों को 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि
पंकज कपूर          
देहरादून। ग्राम प्रधानों को मिलेगी 10-10 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि। कोरोना काल में किए गए बेहतरीन कार्य के लिए सम्मान स्वरूप देगी राज्य सरकार। लगभग 8 हजार से अधिक ग्राम प्रधानों को मिलेगा लाभ।
पिछले दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंचायत प्रतिनिधियों को मानदेय बढ़ाने का तोहफा दिया था। जिला पंचायत से लेकर प्रधानों तक का मानदेय सरकार ने बढ़ाया था। ऐसे में आज उधम सिंह नगर में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश के ग्राम प्रधानों को ₹10000 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तमाम ग्राम प्रधानों ने कोरोना काल में बहुत ही बेहतर काम किया और तमाम परेशानियों को झेलते हुए काम किया ऐसे में सरकार उनके काम को देखते हुए उन्हें प्रोत्साहित करना चाहती है।
वही मुख्यमंत्री ने जिला पंचायत अध्यक्षों को लेकर भी बड़ी घोषणा करते हुए उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा देने की घोषणा की है।आपको बता दें पहले भी जिला पंचायत अध्यक्षों को राज्यमंत्री का दर्जा रहा है। लेकिन हाल में जब से लाल बत्तियां हटी। उसके बाद से लगातार जिला पंचायत अध्यक्षों की मांग रही है। जिस पर सीएम धामी ने बड़ा फैसला लिया।

यूके: 11 ट्रेनी 'आईएफएस' पॉजिटिव मिलें
पंकज कपूर         
देहरादून। उत्तराखंड में कोरोनावायरस कोविड-19 के मामले लगातार कम हो रहे थे। लेकिन अचानक आज एफआरआई में 11 ट्रेनी आईएफएस पॉजिटिव पाए गए। लिहाजा एफआरआई को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। 
राज्य में आज कोरोना के 08 नए मामले सामने आए है। इसी के साथ राज्य में कोरोना का आंकड़ा 344156 पहुंच गया है। जबकि राज्य में आज 22 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए इस तरह अब तक 330432 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। 
गुरुवार की सांय 6:00 बजे स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार राज्य में 08 नए लोगों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई।
जिनमें देहरादून जिले से 05 ,हरिद्वार से 01 , नैनीताल जिले से 0 , उधमसिंह नगर से 01, पौडी से 0 , टिहरी से 0, चंपावत से 0, पिथौरागढ़ से 0 , अल्मोड़ा 01, बागेश्वर से 0, चमोली से 0, रुद्रप्रयाग से 0, उत्तरकाशी से 0 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं। 
राज्य में कोरोना से संक्रमित अब तक कुल 344156 मरीजों में से 330432 मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं। 6160 संक्रमित राज्य से बाहर जा चुके हैं। 7407 संक्रमित की मौत हो चुकी है। राज्य में वर्तमान में कोविड-19 के एक्टिव केस 157 है। इधर रिकवरी रेट 96.01 प्रतिशत पहुंच गया है।
मात्र 1.20 लाख आवास बनाने का निर्णय लिया 
दुष्यंत टीकम           रायपुर। केंद्र सरकार की पीएम आवास योजना के वर्ष 2020-21 के लिए केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के 8 लाख गरीबों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा था। लेकिन, राज्य सरकार ने मात्र  1.20 लाख आवास बनाने का निर्णय लिया है। इस पर पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने प्रदेश सरकार का पक्ष रखा है। सिंहदेव ने मीडिया के सवालों के जबाब में बताया कि केंद्र सरकार ने इस वर्ष का आबंटन रद्द कर दिया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार अपना 40 प्रतिशत हिस्सा नहीं जुटा पाई है।

सिंहदेव ने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार पर जीएसटी का 14 प्रतिशत अशोध इनकम जो हर साल बढ़ेगा। उसको घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया। मंत्री ने कहा, राज्य सरकार ने कमिटमेंट किया होगा कि लोन लेकर काम करना है, क्योंकि आवास में बजट से पैसे नहीं, सीधे लोन लेकर पैसे लगना था। इसमें 10 हजार करोड़ रुपए लगेंगे। जिसमें 8 लाख निवास बनने थे अर्थात 4 हजार करोड़ रुपए राज्य सरकार से लगेंगे। 

23 वर्षीय विवाहिता ने बेटी को फंदे पर लटकाया

23 वर्षीय विवाहिता ने बेटी को फंदे पर लटकाया     
मनोज सिंह ठाकुर            
अलीराजपुर। जोबट थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां 23 वर्षीय एक विवाहिता ने पहले अपनी एक साल की बेटी को फंदे पर लटकाया। इसके बाद खुद फांसी लगाकर जान दे दी। पति जब घर लौटा तो दोनों को फंदे पर लटका देख बदहवास हो गया। उसने तत्काल आसपास के लोगों और पुलिस को सूचना दी। 
खुदकुशी का कारण फिलहाल सामने नहीं आया है।पुलिस का कहना है कि मामले की जांच कर रहे हैं।जोबट थाना प्रभारी दिनेश सोलंकी ने बताया कि घटना 5 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम भील खेड़ी की है। बुधवार को यहां 23 वर्षीय महिला रंगिता पति राकेश अपनी 1 साल की बेटी वर्षा के साथ घर पर थी। इस दौरान पति राकेश जोबट में मजदूरी करने गया था। सास सब्जियां बेचने के लिए बाजार गई थी। शाम करीब 6 बजे राकेश घर लौटा तो उसे पत्नी और बेटी के शव घर के भीतर फंदे पर लटके मिले।
सूचना मिलते ही पुलिस टीम यहां पहुंची और दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। थाना प्रभारी सोलंकी के अनुसार फिलहाल खुदकुशी का कारण सामने नहीं आ सका है। स्वजन अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है। आसपास के लोगों से जानकारी जुटाई जा रही है। पीएम के बाद स्वजन को शव सौंप दिए गए हैं।
घटना से गांव में मातम पसरा है महिला द्वारा आत्मघाती कदम क्यों उठाया गया, यह कोई भी ग्रामीण नहीं समझ पा रहा है। उसका पति भी बार-बार यही कह रहा है कि उसने ऐसा क्यों किया। कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। घर में सब कुछ ठीक चल रहा था।

यूपी: परिवार के 4 लोगों की हत्या, सनसनी फैलीं
बृजेश केसरवानी          
इलाहाबाद। संगम नगरी प्रयागराज में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या से सनसनी फ़ैल गई। फाफामऊ थाना क्षेत्र के गोहरी मोहनगंज बाजार निवासी फूलचंद, उनकी पत्नी मीनू, 17 बेटी सपना और 12 साल के बेटे शिव की धारधार हथियार से काटकर कर हत्या कर दी गई। जानकारी के मुताबिक सभी की कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतारा गया। 
सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस जांच में जुटी है। मामले के खुलासे के लिए डॉग स्क्वाड और फॉरेंसिक टीम भी मौके पर साक्ष्य जुटाने में लगी हुई है। सीओ सोरांव, एसओ फाफामऊ के साथ होलागढ़, सोरांव, नवाबगंज और थरवई थाना पुलिस मौके पर पहुंची है।
उधर मृतक के परिजनों ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भूमि विवाद में रंजिश यह हत्या की गई। उन्होंने कहा कि सुशील कुमार और उनके समधी द्वारा लगातार धमकी दी जा रही थी। कई बार घर में घुसकर मारपीट भी की गई और गोली भी चली। इसकी शिकायत पुलिस से भी की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसका नतीजा है कि एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर दी गई। परिजनों का आरोप है कि हत्या के पीछे मोहल्ले के ठाकुर परिवार का हाथ है। परिजनों ने आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग भी की।
एसएसपी प्रयागराज सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि फाफामऊ के घर से चार लोगों की लाशें मिली हैं। तीन शव आगे के कमरे में थे और एक लड़की का शव अंदर कमरे में था। सभी के सिर पर चोट के गंभीर निशान मिले हैं। 
सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। आगे की कार्रवाई और जांच की जा रही है। अभी जो सूचना मिली है कि मृतक परिवार के द्वारा 2019 और 2021 में जमीन विवाद को लेकर कुछ लोगों पर एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा करवाया गया था। इस मामले में कार्रवाई न होने का परिजनों ने आरोप लगाया है। एसएसपी ने कहा कि इस मामले में दोषी पुलिस वालों पर भी जांच के बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के बाद इस मामले का जल्द खुलासा किया जाएगा।



सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी

सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी  संदीप मिश्र  लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भी 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी के टैक्स फ्री ...