लंबे समय तक नहीं टिकेगी अघाड़ी सरकार: दावा
कविता गर्ग मुंबई। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने दावा किया है कि महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार लंबे समय तक नहीं टिकेगी। यह जल्द गिर जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अभी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बीमार है। इसलिए मैं उनके बारे में बात करना नहीं चाहता।
आपको बता दें कि शिवसेना ने बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाया था। इस गठबंधन को महा विकास अघाड़ी नाम दिया था।केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने दावा किया है कि महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार लंबे समय तक नहीं टिकेगी। यह जल्द गिर जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अभी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बीमार है, इसलिए मैं उनके बारे में बात करना नहीं चाहता। आपको बता दें कि शिवसेना ने बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाया था।
इस गठबंधन को महा विकास अघाड़ी नाम दिया था। सीएमओ ने एक बयान में कहा, ”मुख्यमंत्री की रीढ़ की सफल सर्जरी हुई है और एच एन रिलायंस अस्पताल में उनकी फिजियोथेरेपी चल रही है।
भाजपा के प्रभाव वाली सीटों पर तालमेल का प्रस्ताव
संदीप मिश्र लखनऊ। प्रदेेश में भाजपा के खिलाफ मजबूत मोर्चेबंदी की कवायद में जुटी समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ आम आदमी पार्टी (आप) की बातचीत पहला दौर पार कर चुकी है। गठबंधन को फायदेमंद मानते हुए भी दोनों तालमेल वाली सीटों पर आसानी से कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं। फिलहाल महानगरों की भाजपा के प्रभाव वाली सीटों पर तालमेल का प्रस्ताव चर्चा में है।
फ्र बिजली गारंटी अभियान चलाने और तिरंगा यात्राओं के जरिए अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराने के बाद आप ने दो चरणों में 170 विधानसभा सीटों पर अपने संभावित प्रत्याशियों की घोषणा भी कर रखी है। इस बीच बुधवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और आप के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह की मुलाकात के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन की अटकलों को पंख लग गए।
इस मुलाकात के बाद पार्टी के जिम्मेदार नेताओं ने माना कि गठबंधन पर चर्चा चल रही है। खुद संजय सिंह ने ट्वीट करके संकेत भी दिया। उन्होंने यूपी को भाजपा के कुशासन से मुक्त कराने के लिए अखिलेश यादव से सार्थक मुलाकात होने और समान मुद्दों पर रणनीतिक चर्चा होने की बात कही। वैसे अखिलेश यादव से उनकी यह दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले की मुलाकात को वह शिष्टाचार भेंट बता चुके हैं।
सत्रों के अनुसार फिलहाल दोनों पार्टियां प्रदेश के महानगरों में भाजपा के गढ़ के तौर पर चिह्नित सीटों को लेकर चिंतित हैं। ऐसी सीटों की संख्या भी 60 से 65 के बीच है। इन सीटों पर निर्णायक स्थिति में माने जाने वाले मतदाता भाजपा से नाराज होने के बाद भी सपा को वोट देने का विकल्प आसानी से नहीं चुन पाते।
ऐसे में इन सीटों पर आप के प्रत्याशियों को उतारकर एक नया प्रयोग किया जा सकता है। यह भी संभव है कि इन सीटों पर उतारा जाने वाला प्रत्याशी दोनों दलों की साआप के वरिष्ठ नेता गठबंधन की स्थिति में कम से कम 50 सीटें चाहते हैं, जबकि सपा इतनी सीटें देने में असमर्थता जता रही है।
राजनीति: दिल्ली सीएम ने 'डीडीएमए' की बैठक बुलाई
अकांंशु उपाध्याय नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार ने अफ्रीकी देशों से कोविड-19 के नए स्वरूप के खतरे के मद्देनजर उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा के लिए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक बुलायी है।
केंद्र ने बृहस्पतिवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना से आने वाले या इन देशों के रास्ते आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कड़ी जांच की जाए। इन देशों में कोविड-19 के नए स्वरूप के सामने आने की सूचना है जिसके जनस्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकते हैं।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ”अफ्रीकी देशों से कोविड-19 के नए स्वरूप के खतरे के मद्देनजर, हमने विशेषज्ञों से सोमवार को डीडीएमए से चर्चा करने और यह सुझाव देने को कहा है हमें कौन से कदम उठाने चाहिए। हम आपकी और आपके परिवार की रक्षा के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएंगे।
राजनीतिक दलों को लोकतंत्र के लिए 'खतरा' करार
अकांंशु उपाध्याय नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवार आधारित राजनीतिक दलों को लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त घोषित लोगों का महिमामंडन युवाओं को गलत रास्ते पर चलने के लिए उकसाता है। मोदी ने यहां संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में सविधान दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत के हर हिस्से में परिवार आधारित राजनीतिक दलों का वर्चस्व बढ़ रहा है।
न्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है। इसके लिए देशवासियों को जागरूक करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह एक ही परिवार के कई सदस्यों के राजनीति में आने के खिलाफ नहीं है लेकिन यह योग्यता के आधार पर होना चाहिए।उन्होंने कहा कि यह परिवार आधारित राजनीतिक दल अपना लोकतांत्रिक चरित्र खो चुके हैं, तो इनसे लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की रक्षा करने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। परिवार आधारित राजनीतिक दल पीढ़ी दर पीढ़ी चलते हैं और यह लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर सकते। ऐसे राजनीतिक दल लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है । उन्होंने कहा कि ऐसे राजनीतिक दल बहुत बड़ी चिंता का विषय है।