शनिवार, 20 नवंबर 2021

एटीपी फाइनल्स के सेमीफाइनल में प्रवेश किया

एटीपी फाइनल्स के सेमीफाइनल में प्रवेश किया
अखिलेश पांडेय          
तूरिन। एक साल पहले ही विश्व रैंकिंग में शीर्ष 30 में पहुंचे नॉर्वे के 22 वर्ष के कैस्पर रूड ने सत्र के आखिरी एलीट एटीपी फाइनल्स के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है। इससे पहले शीर्ष वरीयता प्राप्त नोवाक जोकोविच, दूसरी रैंकिंग वाले दानिल मेदवेदेव और तीसरी रैंकिंग वाले अलेक्जेंडर ज्वेरेव पहले ही सेमीफाइनल में पहुंच चुके हैं।
रूड ने आंद्रे रूबलेव को 2, 6, 7, 5, 7, 6 से हराकर अंतिम चार में जगह बनाई। अब उनका सामना अमेरिकी ओपन चैम्पियन मेदवेदेव से होगा। इससे पहले औपचारिकता के एक मैच में जोकोविच ने ब्रिटेन के कैमरन नॉरी को 6, 2, 6, 1 से हराया। नॉरी चौथी रैंकिंग वाले स्टेफानोस सिटसिपास की जगह खेल रहे हैं।

योगासन तरीके से समस्याओं का निवारण
मो. रियाज         योग शारीरिक और मानसिक हर तरह की समस्याओं का निवारण नेचुरल तरीके से करता है। मोटापे की समस्या से परेशान हों या फिर तनाव ग्रस्त हों। नियमित योगासन करने से दोनों ही परेशानियों का हल निकलता है और असर देखने को मिलता है। इतना ही नहीं शरीर संबंधी कोई भी रोग हो। जैसे कम लंबाई होने पर भी योगासन से काफी हद तक अपनी लंबाई बढ़ा सकते हैं। बच्चे हो या बड़े नियमित योगाभ्यास से लंबे हो सकते हैं। दरअसल मानव शरीर अपने जींस के मुताबिक ही ग्रोथ पाता है। ऐसे में कई बच्चों या बड़ों की लंबाई कम हो सकती है। हर इंसान अच्छी लंबाई चाहता है। इसलिए वह शारीरिक कसरत से लेकर दवाएं और बूस्टर आदि का सेवन तक करने लगते हैं। हालांकि इन उपायों से लंबाई बढ़ने के चांस कम होते हैं। लेकिन योगासन से नेचुरल तरीके से लंबाई बढ़ाई जा सकती है। चलिए जानते हैं लंबाई बढ़ाने वाले योगासन के बारे में। 
ताड़ासन: इस आसन को करने के लिए अपने दोनों एड़ी और पंजे के बीच कुछ दूरी बनाकर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को कमर की सीध से ऊपर ले जाते हुए हथेलियों और उंगलियों को मिलाएं। नजर सामने और गर्दन सीधी रखें। पैरों की एड़ियों को ऊपर की ओर उठाते हुए पूरे शरीर को भार पंजो पर दें। पेट को अंदर रखें। संतुलन बनाते हुए इसी अवस्था में कुछ देर रहें।
शीर्षासन: लंबाई बढ़ाने के लिए ये योगासन करते समय घुटनों के बल बैठ जाएं। अब सांस लेते हुए सिर को घुटनों से होते हुए फर्श तक ले जाएं। दोनों हाथों की उंगलियों को सिर के पीछे से पकड़ते हुए पीछे के भाग को सहारा दें। अब पैरों को धीरे धीरे ऊपर उठाएं और एकदम सीधा रखें। आप इसके लिए दीवार का सहारा ले सकते हैं। अपना शरीर सीधा रखें। संतुलन बनाते हुए इस पोजीशन में 20 सेकेंड तक रहें। इस दौरान गहरी सांस लें। फिर सांस छोड़ते हुए पुरानी वाली मुद्रा में आ जाएं। 
वृक्षासन:  लंबाई बढ़ाने के लिए इस योगासन को करने के लिए फर्श पर एक पैर के बल पर खड़े हो जाएं। अब हाथों को बगल में रखें और बाएं पैर पर खड़े होते हुए दाहिने पैर को घुटनों पर मोड़ लें। इस अवस्था में संतुलन बना कर रखें और फिर दोनों हाथों को सिर के ऊपर से उठाते हुए कोहनी को मोड़ें। अब अपनी हथेलियों को आपस में मिला लें। धीरे धीरे सांस लेते हुए कुछ देर इस पोजीशन में रहें और फिर दूसरे पैर से भी यही प्रक्रिया दोहराएं। 
चक्रासन: लंबाई बढ़ाने के लिए आप चक्रासन कर सकते हैं। इसे करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेटकर अपने दोनों हाथों और पैरो को एक सीध में रखें। अब पैरों के घुटनों को मोड़ते हुए दोनों हाथों को पीछे की ओर ले जाएं। दोनों पैरों पर वजन डालते हुए कूल्हों को ऊपर की ओर उठाएं। फिर दोनों हाथों पर भी अपना वजन डालें और कंधों को ऊपर उठा लें। जमीन से शरीर को उठाते समय अपने हाथ और पैर को पूरी सीध में रखें।

किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेना चाहिए

किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेना चाहिए
हरिओम उपाध्याय     
लखनऊ। आंदोलन के बाद तीन विवादित कृषि कानूनों की वापसी की केन्द्र सरकार की घोषणा का वह स्वागत करती हैं। फिलहाल इसे चुनावी स्वार्थ व मजबूरी का फैसला बताकर बीजेपी सरकार की नीयत पर भी शक किया जा रहा है और इसलिए केन्द्र सरकार को इसको लेकर कुछ ठोस फैसले करने की जरूरत है।   
उन्होंने लिखा है कि केन्द्र सरकार को किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नया कानून बनाना चाहिए और किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेना चाहिए।  
मायावती ने लिखा है कि देश की आन, बान व शान से जुड़े अति गम्भीर मामलों को छोड़कर आंदोलन कर रहे किसानों पर दर्ज सभी मुकदमों की जल्द से जल्द वापस लेना चाहिए और इसके लिए केन्द्र सरकार को पहल करनी चाहिए।

3 कैबिनेट मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दिया
नरेश राघानी         
राजस्थान। आज शाम करीब पांच बजे अशोक गहलोत कैबिनेट की बैठक होने वाली है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में सभी मंत्री इस्तीफा दे सकते हैं। पहले ही तीन कैबिनेट मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इसकी जानकारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन की ओर से दी गई है। 
इन तीन मंत्रियों में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी शामिल हैं।

कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की घोषणा 
अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा की। पृष्ठभूमि में शनिवार को आरोप लगाया कि सिर्फ भाजपा की सरकार में कैबिनेट की मंजूरी के बिना कानून बनाए और निरस्त किए जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि संसद के आगामी सत्र में इसके लिए समुचित विधायी उपाय किए जाएंगे।
चिदंबरम ने ट्वीट किया, ”गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री की घोषणा को एक राजनेता की तरह उठाया गया कदम बताकर सराहना की। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री को किसानों की बहुत फिक्र है। रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों के कल्याण को ध्यान में रखकर फैसला किया है।
उन्होंने सवाल किया, ” पिछले 15 महीनों में ये योग्य नेता और उनकी अच्छी सलाह कहां थी? क्या आप लोगों ने इसका संज्ञान लिया कि प्रधानमंत्री ने कैबिनेट की बैठक के बिना ही यह घोषणा की?” पूर्व गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि यह सिर्फ भाजपा के शासन में होता है कि कानून कैबिनेट की मंजूरी के बगैर बनाए और निरस्त किए जाते हैं।

किसानों की मांग को मान लेना चाहिए: वरुण
अकांशु उपाध्याय        
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद वरुण गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाने से संबंधित किसानों की दूसरी मांग को मान लेना चाहिए। शनिवार को गांधी ने प्रधानमंत्री की ओर से किये गए कृषि कानून वापस लेने की घोषणा का स्वागत करते हुए अपने पत्र में लिखा है कि किसानों की दूसरी मांग को स्वीकार करने से किसानों को एक बहुत बड़ा आर्थिक सुरक्षा चक्र मिल जायेगा।
उन्होंने लखीमपुर खीरी घटना की निष्पक्ष जांच कराने और इसमें घटना के आरोपित एक केन्द्रीय मंत्री पर सख्त कार्यवाही करने की मांग की । गांधी ने पत्र में लिखा है कि देश के किसानों ने भीषण बारिश, तूफान और विपरीत मौसम का सामना करते हुए आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से जारी रखा। इसके लिए किसानों को बधाई दी जानी चाहिए।
उन्होंने लिखा कि अगर कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला उचित समय पर कर लिया जाता तो उन 700 किसानों की जान बचाई जा सकती थी जिन्होंने इस आंदोलन की राह में अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
भाजपा सांसद ने किसान आंदोलन में मारे गए सभी 700 किसानों के लिए एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिए जाने की भी मांग की है जिससे पीड़ित परिवार आसानी से अपना जीवन गुजार सकें। उल्लेखनीय है कि किसान आंदोलन और किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए इस मुद्दे पर  गांधी पूर्व में कई बार अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर होकर बोलते रहे हैं।

कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया

कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया 
सुनील श्रीवास्तव     
वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी सांसद एंडी लेविन ने भारत में तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के फैसले का स्वागत किया है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है। जिसे लेकर पिछले साल से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने प्रदर्शन कर रहे किसानों से घर लौटने की अपील की। कांग्रेस सदस्य एंडी लेविन ने शुक्रवार को कहा, ”यह देखकर खुशी हुई कि प्रदर्शन के एक साल से भी अधिक समय बाद भारत में तीन कृषि कानूनों को निरस्त किया जाएगा। 
यह प्रमाण है कि जब भारत और दुनियाभर में कामगार एक साथ आ जाते हैं तो वे कॉरपोरेट हितों को हरा सकते हैं और प्रगति कर सकते हैं।
गुरु नानक जयंती के पावन अवसर पर शुक्रवार को राष्ट्र को दिए संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये कानून किसानों के फायदे के लिए थे लेकिन वह जनता से क्षमा चाहते हैं कि सरकार किसानों के एक वर्ग को राजी नहीं कर सकी।
नैंसी पेलोसी को जान से मारने की धमकी दीं
सुनील श्रीवास्तव        
वाशिंगटन डीसी। अमेरिका एरिजोना में अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने कहा कि बुलहेड के एक शख्स को प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी को जान से मारने या नुकसान पहुंचाने की धमकी देने का दोषी ठहराया गया है। कार्यालय ने शुकव्रार को एक वक्तव्य में बताया कि न्यायाधीश ने 77 वर्षीय स्टीवन आर्थर मार्टिस को पेलोसी को जान से मारने या नुकसान पहुंचाने की धमकी देने का दोषी पाया।
उसे 25 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी। ये धमकियां गत जनवरी में दो बार फोन करके दी गयी। जिसके बाद संघीय जांच ब्यूरो ने उसका पता लगाया। उन्होंने बताया कि उसे पूर्व में ऐसी धमकियां देने को लेकर आगाह किया गया था। इस बीच, एक संघीय मजिस्ट्रेट ने अलास्का के सीनेटरों के खिलाफ धमकी भरे संदेश देने के आरोपी एक शख्स की हिरासत बरकरार रखने का शुक्रवार को आदेश दिया।
अलास्का अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय की प्रवक्ता लीजा ह्यूगटन ने ईमेल में बताया कि अदालत ने जे एलेन जॉनसन को हिरासत में रखे जाने का आदेश दिया है। इस हफ्ते की शुरुआत में अदालत ने जॉनसन को एक अमेरिकी अधिकारी की हत्या करने, आग्नेयास्त्रों को रखने और आग लगाकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धमकी देने का दोषी ठहराया था। डेल्टा जंक्शन के जॉनसन पर अमेरिकी सीनेटर लीजा मर्कोव्स्की और डैन सुलिवन को धमकियां देने का आरोप है।

वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई

वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई
अकांशु उपाध्याय         
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। हालांकि तेज हवाओं के कारण रविवार से इसमें उल्लेखनीय सुधार आने की उम्मीद है। शनिवार को सुबह नौ बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 377 दर्ज किया गया। शुक्रवार को यह आंकड़ा 370 था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान 14.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत तापमान से दो डिग्री अधिक है। पड़ोसी जिले गाजियाबाद (342), गुड़गांव (340) और नोएडा (363) में भी वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गयी।
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ”अच्छा”, 51 और 100 के बीच एक्यूआई को ”संतोषजनक”, 101 और 200 के बीच ”मध्यम”, 201 और 300 के बीच ”खराब”, 301 और 400 के बीच ”बेहद खराब” तथा 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ”गंभीर” श्रेणी में माना जाता है। संबंधित प्राधिकारियों के अनुसार, तेज हवाएं चलने के कारण रविवार से वायु गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना है।

प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने शहर में गैर आवश्यक सामान ला रहे ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और स्कूल तथा कॉलेज अगले आदेश तक बंद रखने समेत 10 दिशानिर्देश बुधवार को जारी किए। दिल्ली में शनिवार को अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्ष आर्द्रता 85 फीसदी दर्ज की गई। मौसम विभाग ने दिन में आसमान में बादल छाए रहने और हल्की बारिश होने का अनुमान जताया है।

क्रिप्टोकरेंसी को 'परिसंपत्ति' के रूप में मान्यता
अकांशु उपाध्याय          नई दिल्ली। आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है कि सरकार को क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को ”परिसंपत्ति वर्ग” के रूप में मान्यता देने और इसे विनियमित करने के लिए एक कानून लाना चाहिए। स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने सुझाव दिया कि सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि डेटा और हार्डवेयर घरेलू सर्वर पर ही रहे, जो क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन में उपयोग किया जाता है।
उन्होंने कहा कि इससे सरकार को अवैध लेनदेन का पता लगाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ”वर्तमान में, दुनिया में कहीं से भी कोई भी निजी संस्थाओं द्वारा संचालित निजी एक्सचेंजों के माध्यम से इसमें निवेश कर सकता है। और इससे भी बुरी बात यह है कि क्रिप्टोकरेंसी को किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है।
उन्होंने कहा कि निजी एक्सचेंजों के माध्यम से एन्क्रिप्टेड लेनदेन कैसे किए जा रहे हैं, इसमें निवेश करने वाले
कौन हैं और निवेशक उनके साथ क्या कर रहे हैं, यह देखने के लिए कोई तंत्र नहीं है।
महाजन ने कहा, ”क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने और इसके साथ किए गए लेनदेन को परिसंपत्ति वर्ग के रूप में मान्यता देने के लिए कानून की आवश्यकता है। इससे कराधान और राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्देश्यों के लिए
लेनदेन की बेहतर समझ विकसित करने में मदद मिलेगी।

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-33 (वर्ष-05)
2. रविवार, नवंबर 21, 2021
3. शक-1984, मार्गशीर्ष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 06:42, सूर्यास्त 05:27।
5. न्‍यूनतम तापमान -12 डी.सै., अधिकतम-26+ डी.सै.। 
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक शिवाशुं व राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
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email:universalexpress.editor@gmail.com
संपर्क सूत्र :- +919350302745  
                     (सर्वाधिकार सुरक्षित)

शुक्रवार, 19 नवंबर 2021

कृषि कानूनों की वापसी, घोषणा का स्वागत किया

कृषि कानूनों की वापसी, घोषणा का स्वागत किया

अकांशु उपाध्याय         नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान संघर्ष समन्वय समिति से संबद्ध 25 से ज्यादा किसान संगठनों के संयुक्त मंच छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन ने केंद्र सरकार द्वारा काले कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा का स्वागत किया है। लेकिन वापसी के लिए संसदीय प्रक्रिया के पूर्ण होने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने का कानून बनने और बिजली कानून में प्रस्तावित संशोधन वापस लेने तक आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है। 

आज यहां जारी एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के संयोजक सुदेश टीकम तथा छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते ने कहा है कि काले किसान विरोधी कानूनों की वापसी के लिए संसद का विशेष अधिवेशन बुलाया जाना चाहिए।

लेकिन इसके साथ ही सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने का कानून बनाने और बिजली संशोधन बिल को वापस लेने के बारे में भी अपना रुख साफ करना चाहिए, क्योंकि देशव्यापी किसान आंदोलन की यह प्रमुख मांग है। किसान नेताओं ने कहा है कि काले कानूनों की वापसी की घोषणा इस देश के किसानों के अहिंसक सत्याग्रह और लोकतंत्र की जीत है। जिसे संघी गिरोह अपने फासीवादी षड़यंत्रों से कुचलना चाहता है। ये कानून संसदीय प्रक्रिया का उल्लंघन करके और लोकतांत्रिक मान-मर्यादा को कुचलकर बनाये गए थे और इसलिए इन कानूनों के पीछे देश की बहुमत जनता का बल नहीं था।

ई-पेंशन प्रणाली को पूरी तरह लागू करेंगी सरकार

संदीप मिश्र         लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सरकारी सेवा से रिटायर होने वाले पेंशनर्स के लिए ई-पेंशन प्रणाली को पूरी तरह लागू करने जा रही है। इस व्यवस्था के तहत सेवा के अंतिम 6 माह के अंदर ही कार्मिक से उससे संबंधित विवरण ऑनलाइन मांग ली जाएगी। इसके बाद संबंधित जिम्मेदार अधिकारी की यह जिम्मेदारी होगी कि रिटायर होने वाले कार्मिक को पेंशन आदेश जारी होने तक की प्रक्रिया को निर्धारित समय सीमा में पूरा करें। यह व्यवस्था 1 अप्रैल 2022 से राज्य में लागू होगी। नई व्यवस्था से राज्य के करीब 14.82 लाख पेंशनर्स जोड़े जाएंगे। 1 अप्रैल से पहले चरण में नए रिटायर होने वाले कर्मचारियों को इस सुविधा के तहत सेवाएं दी जाएंगी। बाद में पुराने पेंशनर्स का भी डेटा ऑनलाइन प्रणाली से जोड़ा जाएगा। यह जानकारी सचिव वित्त संजय कुमार ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान दी।

उन्होंने उन्होंने बताया कि पेंशनर्स को अब उनके पेंशन निर्धारण तथा अन्य समस्याओं से संबंधित सूचनाएं मोबाइल मैसेज के माध्यम से जाएगा। मैसेज के साथ एक लिंक भी होगा जिसे खोलकर वह संबंधित सूचना दे देगा। पेंशन से संबंधित सभी अलर्ट हर 15 दिन पर मोबाइल मैसेज के माध्यम से अलर्ट के रूप में भेजी जाएगी। सेवानिवृत्ति के दो माह के अंदर ही पेंशनर्स का पेंशन प्रमाण पत्र (पीपीओ) जेनरेट हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि पेंशन के लिए ऑनलाइन आवेदन के साथ ही पीपीओ जारी करने तक की समय सारिणी निर्धारित होगी। ई-पेंशन के तहत आनलाइन विवरण देने के बाद कर्मचारी की भागदौड़ पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। इसके पश्चात संबंधित आहरण वितरण अधिकारी द्वारा पेंशन प्रपत्रों का सत्यापन किया जाएगा।संजय कुमार ने बताया कि पेंशन प्रपत्र आनलाइन ही सिस्टम पर अपलोड कर दिया जाएगा। जिसके बाद पीपीओ जारी करने वाले अधिकारी पेंशन के भुगतान से संबंधित आदेश आनलाइन ही जारी करेंगे। इसके लिए साफ्टवेयर में जरूरी बदलाव करने का काम अंतिम चरण में है। पेंशन प्रकरणों के निस्तारण की समीक्षा शासन स्तर पर ऑनलाइन होगा।


बदलते रुख पर विश्वास करना मुश्किल: प्रियंका

अकांशु उपाध्याय          नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने से जुड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद शुक्रवार को कहा कि चुनाव में आसन्न हार को देखते हुए प्रधानमंत्री को सच्चाई समझ आने लगी है। लेकिन उनकी नीयत एवं बदलते रुख पर विश्वास करना मुश्किल है।

उन्होंने ट्वीट किया, ”600 से अधिक किसानों की शहादत 350 से अधिक दिन का संघर्ष, नरेंद्र मोदी जी आपके मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल कर मार डाला, आपको कोई परवाह नहीं थी। आपकी पार्टी के नेताओं ने किसानों का अपमान करते हुए उन्हें आतंकवादी, देशद्रोही, गुंडे, उपद्रवी कहा, आपने खुद आंदोलनजीवी बोला।”

केंद्र सरकार के अहंकार की हार बताया: सीएम

नरेश राघानी        जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कृषि संबंधी तीन कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा को लोकतंत्र की जीत एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के अहंकार को हार बताया। गहलोत ने कहा कि यह आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के बलिदान की जीत है।

गहलोत ने ट्वीट किया, ”तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा लोकतंत्र की जीत एवं मोदी सरकार के अहंकार की हार है। यह पिछले एक साल से आंदोलनरत किसानों के धैर्य की जीत है।” गहलोत ने कहा, ”देश कभी नहीं भूल सकता कि मोदी सरकार की अदूरदर्शिता एवं अभिमान के कारण सैकड़ों किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। मैं किसान आंदोलन में शहादत देने वाले सभी किसानों को नमन करता हूं। यह उनके बलिदान की जीत है।”


तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला  
मिनाक्षी लोढी          कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किसानों को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अथक संघर्ष करने के लिए बधाई दी और कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने जिस ”क्रूरता” से व्यवहार किया वे उससे विचलित नहीं हुए। बनर्जी की ये टिप्पणियां तब आयी है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ऐलान किया कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है। 

इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान पिछले साल से प्रदर्शन कर रहे हैं। बनर्जी ने ट्वीट किया, ”हर उस किसान को मेरी ओर से हार्दिक बधाई जिसने अथक संघर्ष किया और भाजपा ने जिस क्रूरता से आपके साथ व्यवहार किया, उससे आप विचलित नहीं हुए। यह आपकी जीत है! उन सभी लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं है जिन्होंने इस लड़ाई में अपने प्रियजनों को खो दिया।”

कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की

अकांशु उपाध्याय           नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की सरकार की घोषणा का शुक्रवार को स्वागत करते हुए कहा कि इनके विरूद्ध प्रदर्शन करते हुए जान गंवाने वाले किसानों की ”शहादत” अमर रहेगी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक जयंती के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में घोषणा की कि केंद्र ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है।

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ”आज प्रकाश दिवस पर कितनी बड़ी खुशखबरी मिली। तीनों कानून रद्द। 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए। उनकी शहादत अमर रहेगी। आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी कि किस तरह इस देश के किसानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था। मेरे देश के किसानों को मेरा नमन।”

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...